शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

पति की आत्मा के फेर में गंवाए 20 लाख




नई दिल्ली। वह अपने पति की आत्मा से छुटकारा पाना चाहती थी, आत्मा से छुटकारा तो मिला नहीं लेकिन 20 लाख रूपए जरूर गंवा बैठी। ये दास्तां है उस महिला की जो अंधविश्वास के नाम पर ठगी गई। हालांकि दिल्ली पुलिस ने आत्मा से छुटकारा दिलाने के नाम पर इस महिला से 20 लाख रूपए की ठगी करने वाले तीन लोगों को अरेस्ट कर लिया।
पुलिस ने इस मामले की जो कहानी बताई उसके अनुसार एक महिला मुमताज बेगम ने 19 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि करीब 24 वर्षीय एक लड़की कुछ दिन पूर्व उससे मिली थी और उसने कहा था कि तुम्हारे पति की आत्मा घर में ही चक्कर काट रही है और यह आत्मा तुम्हारी की लड़कियों और इकलौते भाई की जान भी ले सकती है।

लड़की ने कहा था कि इस आत्मा से छुटकारा उसके अब्बा असलम परवेज उर्फ सूफी उर्फ बिलाल दिला सकते हैं। पुलिस ने बताया कि इसके बाद परवेज ने मुमताज के घर जाकर उसे इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए पांच लाख रूपए की मांग की और मामले को किसी को नहीं बताने की हिदायत भी दी। महिला ने किसी तरह इंतजाम कर परवेज को पांच लाख रूपए दे दिए। इसके बाद परवेज ने फिर पांच लाख रूपए महिला से मांगे जिसे महिला ने दोबारा परवेज को दे दिए।

कुछ दिनों बाद परवेज ने मुमताज से कहा कि आत्मा को पकड़ लिया गया है लेकिन अभी आत्मा को और भेंट देनी पडेगी जिसके लिए करीब 10 लाख रूपए की जरूरत है। पुलिस ने बताया कि महिला इस बात से इतना भयभीत हो गई कि उसने मकान के कागजात तथा बहनों के आभूषण भी परवेज को सौंप दिए लेकिन कुछ दिनों बाद उसने पूरी घटना अपने भाई-बहनों को बता दी जिसके बाद मामला सामने आया।

पुलिस ने इस मामले में परवेज उसकी बेटी और एक प्रापर्टी डीलर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से आभूषण नकदी और मकान के कागज बरामद कर लिए है। उन्होंने बताया कि ये लोग दिल्ली के अलावा राजस्थान में भी लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे।

नक्षत्रों की गति के कारण खुशियां लाएगा धनतेरस

पहली नवम्बर को पर्व नक्षत्रों की गतियों के कारण धनतेरस पर्व लोगों के लिए फलदायी होगा। धनतेरस पर हस्त नक्षत्र के कारण कन्या, वृष, मकर राशि के लोगों को खासतौर से लाभ मिलेगा। शुक्रवार को लाभ की चौघड़िया सबके लिए सम्पन्नता लाएगी।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन धनतेरस मनाया जाता है। समुद्र मंथन में धनवंतरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। अमृत कलश संग प्रकट होने के कारण ही इस दिन बर्तन खरीदने की परम्परा है। इस दिन बर्तन और आभूषण आदि खरीदने से सम्पन्नता तो आती ही है, साथ ही व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है। देवताओं के वैद्य धनवंतरी प्रभु की जयंती पर लक्ष्मी के समक्ष दीये में चांदी का सिक्का रखा जाता है। साथ ही नया बर्तन रखकर पूजन किया जाता है।

पं. राधेश्याम शास्त्री के अनुसार दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होगी। एक नवम्बर को शाम 6:04 से 8 बजे तक पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त है। स्थिर लग्न वृष है। वृष लग्न का स्वामी शुक्र धनु राशि में स्थित होकर धनदाता गुरु को देख रहा है। गुरु भी शुक्र को देख रहा है। ऐसी स्थिति धनधान्य और सम्पन्नता आएगी। इस दिन प्रदोष व्रत संग धन्वन्तरि जयंती भी मनायी जाएगी।