गुरुवार, 29 नवंबर 2012

ACB के डर से छत से कूदा DTO, टूट गया पांव

नागौर/डीडवाना.हनुमानगढ़-किशनगढ़ मेगा हाइवे पर कुचामन के समीप खड़े होकर ट्रक चालकों से चौथ वसूली करते डीडवाना के डीटीओ बीएल मीणा को बुधवार को एसीबी अजमेर व नागौर की टीम ने संयुक्त कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पकड़े जाने के बाद डीटीओ को लेकर एसीबी उनके निवास पर पहुंची।
 
तलाशी के दौरान तो आरोपी डीटीओ मकान की छत पर चढ़कर नीचे कूद गया। गिरने से उसका एक पैर फ्रैक्चर हो गया।

डीडवाना अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद एसीबी की हिरासत में ही डीटीओ को अजमेर ले जाकर वहां के अस्पताल में भर्ती किया गया। एसीबी के नागौर एएसपी राजेन्द्र मीणा व अजमेर एएसपी भंवरसिंह नाथावत ने बताया कि मीणा के खिलाफ अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही थी। एसीबी ने मंगलवार को जाल बिछाया। टीम सीधे कुचामन पहुंची।

पता चला कि यहां डीटीओ मीणा आने वाले हैं। टीम ने मेगा हाइवे पर बुधवार सुबह 11 बजे डीटीओ मीणा व उनकी जीप के चालक छीतर को चार ट्रक चालकों से दो हजार रुपए लेते धर दबोचा। डीटीओ ट्रक चालकों से 500-500 रुपए वसूल रहे थे। टीम ने उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया।

सड़क हादसे में दो की मौत

सड़क हादसे में दो की मौत

पोकरण। पोकरण से करीब तीन किमी दूर जोधपुर मार्ग पर बुधवार शाम को ट्रक व मोटरसाइकिल की भिड़ंत में दो जनों की मौत हो गई। हादसे मे एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रैफर किया गया। पुलिस के अनुसार बुधवार शाम करीब छह बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक पोकरण की तरफ आ रहे थे, तभी उनकी मोटरसाइकिल जोधपुर मार्ग पर सामने से आ रही ट्रक की चपेट मे आ गई। ये तीनो युवक धूड़सर गांव स्थित सोलर ऊर्जा कंपनी मे नौकरी करते थे और पोकरण लौट रहे थे।

हादसे मे राजमथाई निवासी मनोहरसिंह (28 ) पुत्र जुगतसिंह की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर 108 एम्बुलेंस के ईएमटी नारायण व पायलट भवानीसिंह उज्जवल तत्काल मौके पर पहुंचे तथा दो घायलों को स्थानीय राजकीय अस्पताल लेकर आए। उपचार के दौरान एक अन्य घायल ओसियां निवासी नेपालसिंह (25) पुत्र प्रेमसिंह ने दम तोड़ दिया। एक अन्य घायल बागोड़ा भीनमाल निवासी दानाराम (23) पुत्र पीराराम को जोधपुर रैफर किया गया है।

पूर्णिमा पर खेड़ तीर्थ में भरा मेला

पूर्णिमा पर खेड़ तीर्थ में भरा मेला


भगवान रणछोडऱाय को लगाया अन्नकूट का भोग



बालोतरा  खेड़ स्थित रणछोडऱाय भगवान तीर्थ पर बुधवार को अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में भगवान रणछोडऱाय को 56 भोग व 32 व्यंजनों का भोग लगाया गया। साथ ही पूर्णिमा को लेकर आयोजित मेले में दूर-दराज के आए भक्तों ने भगवान रणछोडऱाय के दर्शन कर पूजा-अर्चना की तथा सुख-समृद्धि की कामना की।
 
प्रचार मंत्री भंवरलाल वैष्णव ने बताया कि महोत्सव को लेकर पूरे तीर्थ को विविध प्रकार की रंग-बिरंगी रोशनी व फूलों से सुसज्जित किया गया और भगवान रणछोडऱाय एवं हनुमान की प्रतिमा को अनेक प्रकार की आंगी व फूलों से सुसज्जित कर श्रृंगारित किया गया। इसके बाद सवेरे 11 बजे कथा के आयोजन के बाद 11.30 बजे संगीतमय वातावरण में भगवान रणछोडऱाय को 56 भोग 32 व्यंजनों का भोग लगाया गया। अन्नकूट के बाद महाआरती कर अन्नकूट की प्रसादी का श्रद्धालुओं में वितरण की गई। इस दौरान ट्रस्ट के उपाध्यक्ष भंवरलाल टावरी, मंत्री पुरुषोत्तम, राधेश्याम, महेंद्र, राजेंद्र, रामचंद्र घांची, भगवानदास, महेश व रमेशचंद्र उपस्थित थे।

मेले में उमड़े श्रद्धालु

भगवान रणछोडऱाय तीर्थ व पूर्णिमा को लेकर खेड़ तीर्थ पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बुधवार सवेरे सूर्य की प्रथम किरण के साथ श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी। मेले में पूरे दिन श्रद्धालुओं की रेलमपेल लगी रही। श्रद्धालुओं ने भगवान रणछोडऱाय के दर्शन कर पूजा-अर्चना की तथा परिवार व क्षेत्र में सुख-समृद्धि की कामना की। मेले में श्रद्धालुओं के अन्नकूट भोग के बाद महाआरती में भाग लिया तथा अन्नकूट की प्रसादी ग्रहण की। साथ ही मेले में सजी स्टालों पर लजीज व्यंजनों तथा विभिन्न प्रकार के झूलों का आनंद उठाया। मेले में बालोतरा, पचपदरा, सिवाना, समदड़ी सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।

चक्की पाट बांध वृद्धों को नग्न घुमाया

चक्की पाट बांध वृद्धों को नग्न घुमाया

बैतूल।जिले के ग्राम आरूल में दो वृद्धों को जादू-टोने के शक में पहले मारा-पीटा गया और उसके बाद उनके गले में अनाज पीसने की चक्की के पाट बांधकर गांव में निर्वस्त्र घुमाया गया।बुधवार सुबह की इस घटना में इन वृद्धों के साथ यह अमानवीय कृत्य लगभग एक घंटे तक चलता रहा। पूरे आरूल के लोग सिर्फ तमाशबीन बने रहे।

इधर, पुलिस ने भी इस मामले में शिकायत मिलने पर मारपीट का प्रकरण दर्ज किया है। अशोक, राजू और गुड्डू के चाचा फूलसिंह पिता मादर उईके 60 वर्ष लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गत मंगलवार को ग्राम बोरीकास में उसकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए फूलसिंह को ग्राम आरूल लाया गया।

अंतिम संस्कार के पहले उसके शव को नहलाया जा रहा था, उस वक्त अशोक, राजू और गुड्डू ने चुन्नी और कोकीलाल को शव को नहलाए गए पानी को बॉटल में भरते हुए देख लिया और उनकी पिटाई शुरू कर दी। इसके बाद पूरा घटनाक्रम हुआ।

चूहे मारने के लिए भरा पानी


इधर, चुन्नी और कोकीलाल ने शव का पानी बॉटल में भरने की बात स्वीकार की, उनका कहना था कि यह पानी उन्होंने जादू-टोने के लिए नहीं बल्कि इसलिए भरा कि इस पानी का खेतों में छिड़काव करने से चूहे समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में जादू-टोने की बात से इनकार किया। शिकायत मिलने पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ 294, 323, 506 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

बुधवार, 28 नवंबर 2012

वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!

PIX: वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!PIX: वेश्यावृत्ति से जुड़ी एक ऐसी सच्चाई, जिससे बहुत लोग अंजान होंगे!


वेश्यावृत्ति जिसका नाम सुनते ही एक ऐसी छवि उभरती है, जिसे समाज में हेय नजर से देखा जाता रहा है। यहां तक की भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित भी कर रखा है। लेकिन क्या आपको पता है कि आज से लगभग 2,500 साल पहले वेश्यावृत्ति जायज हुआ करता था। साथ ही इसके बदले वेश्याओं को राज्य में टैक्स भी देना पड़ता था। यकीनन आप इससे इत्तेफाक न रखते हों, लेकिन यह सच है।आज से लगभग 2,500 साल पहले मौर्य शासन काल में ऐसी प्रथा थी। तब नगर के लोग इन वेश्याओं के पास जाते थे और उनपर पैसे भी लुटाते थे। इन वेश्याओं की कमाई भी खूब होती थी ऐसे में इनसे इनकी कमाई के हिस्से से टैक्स लिया जाता था, जिसका राजकाज में उपयोग किया जाता था।यहीं नहीं मौर्य शासन काल में राजकाज को सही ढंग से चलाने के लिए कई दूसरी तरह के कर भी लगाए गए थे। इसमें शराब बनाने, नमक बनाने, घी-तेल पर, जानवरों को मारने, कलाकारों पर, जुआरियों और जुए घरों पर, मंदिरों में होने वाली आय पर, वेतन पाने वालों के साथ वेश्याओं को होने वाली आय पर भी टैक्स लगता था।बता दें कि मौर्य राजवंश (322-185 ईसापूर्व) प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसकी स्थापना का श्रेय चन्द्रगुप्त मौर्य और उसके मन्त्री चाणक्य (कौटिल्य) को दिया जाता है, जिन्होंने नन्द वंश के सम्राट घनानन्द को पराजित किया। इस राजवंश ने भारत में लगभग 137 सालों तक राज्य किया था।साम्राज्य का शासन शुरूआती दौर में बिहार में था, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आज के पटना शहर के पास) थी। चन्द्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में इस साम्राज्य की स्थापना की और तेजी से पश्चिम की तरफ़ अपना साम्राज्य का विस्तार किया था। इस दौरान चंद्रगुप्त ने अपने शासन को सही ढंग से चलाने के लिए कई तरह के नियम भी बनाए थे।