शुक्रवार, 1 जून 2012

बदमाशों ने किया पुलिस पर फायर, दो गिरफ्तार

जोधपुर.शहर के विभिन्न इलाकों में पुलिस की आकस्मिक नाकाबंदी देख दो शातिर बदमाश डांगियावास तिराहे पर पुलिस पर फायर कर भाग निकले। करीब 10 किमी पीछा कर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक आरोपी सुजानगढ़ में गत वर्ष हुए राजेश हत्याकांड में नामजद है, जबकि दूसरे के खिलाफ नागौर व अन्य जिलों में तकरीबन 35 आपराधिक मुकदमे दर्ज हो रखे हैं। डांगियावास पुलिस ने इन दोनों से एक कार, विदेश रिवाल्वर और 60 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं।


आरोपियों की सूचना के आधार पर जयपुर की वैशालीनगर पुलिस ने भी एक अन्य वांटेड आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी (पूरब) राहुल प्रकाश ने बताया कि कमिश्नरेट क्षेत्राधिकार में मादक पदार्थो की तस्करी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से बुधवार रात नाकाबंदी की जा रही थी। डांगियावास तिराहे पर थानाधिकारी मदन बेनीवाल की टीम यहां से गुजरने वाले हर वाहन की जांच कर रही थी। उसी दौरान एक अल्टो कार को भी पुलिस ने रुकने का इशारा किया।

इस पर गाड़ी में सवार एक युवक ने अचानक पुलिस पर फायर कर दिया और कार को दौड़ा ले गए। पुलिस टीम ने उस कार का पीछा किया तो आरोपी खातियासनी कोकुंडा रोड की ओर बढ़ गए। करीब 10 किमी पीछा करते हुए पुलिस जीप के चालक गंगासिंह ने उन्हें ओवरटेक कर रोका, तो आरोपियों ने कार पीछे लेकर फिर भागने का प्रयास किया, लेकिन उनकी कार गड्ढे में धंस गई।

पुलिस ने कार में सवार नागौर के खुनखुना थानांतर्गत बींचावा निवासी महिपाल सिंह उर्फ मोंटी पुत्र किरण सिंह और उसके साथी थेबड़ी निवासी केसर सिंह पुत्र महिपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उनसे 455 बोर की एक विदेशी रिवाल्वर, लोडेड 5 जिंदा कारतूस सहित कुल 60 कारतूस और कार जब्त की गई है।

पुलिस की इस कार्रवाई में शामिल प्रशिक्षु उपनिरीक्षक राण सिंह, मुकेश सोनी, कांस्टेबल सुभाष, ईश्वरसिंह और चालक गंगासिंह की टीम को सम्मानित किया जाएगा। दोनों बदमाशों की नागौर पुलिस को लंबे समय से तलाश थी। आरोपी महिपाल सिंह उर्फ मोंटी सुजानगढ़ में पिछले साल हुए राजेश हत्याकांड में नामजद आरोपी है। उसका साथी केसरसिंह डीडवाना में हत्या के प्रयास के एक मामले में तीन साल से फरार चल रहा है।

इसके अलावा भी उसके खिलाफ डकैती, लूट, हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई संगीन धाराओं में करीब 35 मामले दर्ज हो रखे हैं। इन दोनों से की गई पूछताछ में इनके तीसरे साथी रूपिंदर सिंह उर्फ विक्की के जयपुर में वैशालीनगर में छुपे होने की जानकारी मिली। इस सूचना के आधार पर वैशालीनगर थाना पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।

लक्ष्‍मीनाथ मंदिर - जैसलमेर


लक्ष्‍मीनाथ मंदिर - जैसलमेर

पूरे विश्‍व से लोग इस मंदिर में प्रार्थना करने के लिए आते हैंलक्ष्‍मीनाथ मंदिर राजस्‍थान स्थित जैसलमेर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्‍णु की पत्‍नी लक्ष्‍मी जी को समर्पित है। लक्ष्‍मी जी को धन की देवी माना जाता है। लक्ष्‍मीनारायण मंदिर एक किले के भीतर स्थित है। लक्ष्‍मीनाथ मंदिर यहां के प्रमुख हिन्‍दू मंदिरों में से है, जिसका आ‍धार मूल रूप से पंचयतन के रूप में था। पूरे विश्‍व से लोग इस मंदिर में प्रार्थना करने के लिए आते हैं।

निर्माण
लक्ष्‍मीनारायण मंदिर लगभग छह सौ वर्ष पुराना है। जिस समय किले का निर्माण करवाया गया था तब इस मंदिर का भी निर्माण करवाया गया था। वर्तमान समय में यह मंदिर भारतीय पुरातत्‍व संरक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्‍दी में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि अलाउद्दीन के आक्रमण के काल में इस मंदिर का एक बड़ा भाग ध्‍वस्‍त कर दिया गया था। 15वीं शताब्‍दी में महारावल लक्ष्‍मण द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।

पौराणिक कथा
माना जाता है कि जैसलमेर किले स्थित लक्ष्‍मीनारायण मंदिर का निर्माण सन् 1494 ई. में किया गया था। एक ब्राह्मण जिसका नाम सेन पाल शक‍दविपी था उसमें यहां पर भगवान विष्‍णु और देवी लक्ष्‍मी की प्रतिमा स्‍थापित की थी। इस मंदिर का निर्माण राव लंकारन के शासन के समय में किया गया था। इसके पश्‍चात् मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। मंदिर का पुनर्निर्माण गंगा सिंह जी ने करवाया था।

सभामंडप
मंदिर का सभामंडप किले के अन्‍य इमारतों का समकालीन है। मंदिर के सभा मंडप पर कई स्‍तम्‍भ है। इन स्‍तम्‍भों पर घटपल्‍लव आकृतियां बनी है। मंदिर में स्थित गर्भ गृढ़, गूढ़ मंडप तथा अन्‍य भागों का कई बार जीर्णोंधार करवाया गया। गणेश मंदिर की छत में सुंदर विष्‍णु की सर्पों पर विराजमान मूर्ति है।

पर्व
लक्ष्‍मीनारायण मंदिर में मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व दीपावली है। इस दिन काफी संख्‍या में भक्‍त मंदिर में देवी के दर्शनों के लिए आते हैं। इसके अतिरिक्‍त, इस दिन मंदिर को पूरी तरह से रोशनी से जगमगाया जाता है।