रविवार, 29 जनवरी 2012

भंवरी प्रकरण: जेल में खुली "डील" की पोल!

जोधपुर।भंवरी के अपहरण की डील कितने लाख रुपए में हुई और यह रुपया किसने, कब दिया, फिर रुपयों को कहां ठिकाने लगाया। इन सवालों का जवाब लेने के लिए सीबीआई रविवार सुबह पुखराज व दिनेश को जेल ले गई। जेल में बंद मुख्य आरोपी सोहनलाल को उसके बेटे पुखराज व भतीजे दिनेश से रूबरू करवा कर पैसों की पोल खुलाने का प्रयास किया। सोहनलाल ने पहले पैसों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी, लेकिन पुखराज पैसे लेकर मद्रास भागा था।
भंवरी के अपहरण व हत्या के मामले में रिमांड पर चल रहा पुखराज विश्नोई मुख्य आरोपी सोहनलाल का बेटा है। वहीं पुखराज के साथ समर्पण करने वाला दिनेश उसका चचेरा भाई है। ये दोनों तीन माह से गायब थे। सीबीआई को जानकारी मिली थी ये दोनों भंवरी के अपहरण की डील में आए लाखों रुपए लेकर भागे हैं।
सीबीआई ने तीन दिन से उनका इंटेरोगेशन किया तो उन्होंने डील के राज खोले। फिर इन्हीं राज को सोहनलाल से कबूल कराने के लिए रविवार सुबह 11 बजे दोनों को जेल ले जाया गया तथा सोहनलाल व उसके बेटे पुखराज को आमने- सामने कराया गया। वहीं भतीजे दिनेश का भी दोपहर 1 बजे तक जेल में ही क्रास इंटेरोगेशन किया गया।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई केसेज) कोर्ट में एक अर्जी लगा कर इन दोनों आरोपियों को जेल में सोहनलाल से रूबरू कराने की इजाजत मांगी। कोर्ट ने शनिवार और रविवार सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक उन्हें जेल में क्रास इंटेरोगेशन करने की अनुमति दे दी। शनिवार को इन दोनों को सहीराम से रूबरू कराया गया था।

एक साथ पैदा हुए 14 बच्चे, बना अनोखा रिकार्ड

बुलंदशहर। एक फर्टिलिटी सेन्टर ने टेस्ट ट्यूब बेबी के जन्म का रिकॉर्ड बनाया है। यहां 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन एक साथ 7 जुड़वां टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुए हैं। यह सभी स्वस्थ है। घटना यूपी के बुलंदशहर की है।

दुनिया में सात जोड़े स्वस्थ टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पहले अमेरिका के वॉशिंगटन में सात जुड़वां पैदा तो हुए लेकिन उनकी सांसें लंबी नहीं चल सकी। ऐसा करने वाले डॉक्टर आकाश की यह उपलब्धि अहम है।


बताते चलें कि टेस्ट ट्यूब बेबी यानी बांझपन में संतान-सुख पाने का बेहतर तरीका। दुनिया में टेस्ट ट्यूब बेबी के नतीजे महज बीस फीसदी रहते हैं।




टेस्ट ट्यूब बेबी का बढता चलन




तकनीक के विकास के साथ ही दुनिया भर में माताओं की सूनी गोद को हरा-भरा करने के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिलाने का चलन बढ़ा है। अमेरिका में टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म एक उद्योग का रूप ले चुका है और अब यह तेजी से बढ़ रहा है।



अमेरिका में टेस्ट ट्यूब बेबी के 'उद्योग' का सालाना टर्नओवर तीन बिलियन डॉलर है। दुनिया में पहला टेस्ट ट्यूब बेबी अस्तित्व में लाने वाले महान वैज्ञानिक प्रो. बॉब एडवर्ड को इसके लिए नोबल पुरस्कार दिया जा चुका है।6

खुद की लगाई आग में फंसकर रह गए मरीज,32 मरे

लीमा.लातिन अमेरिकी देश पेरू की राजधानी लीमा के एक स्वास्थ्य पुनर्वास केंद्र में लगी आग में जलकर कल 32 रोगियों की मौत हो गई।

 


स्थानीय रेडियो आरपीपी ने बताया कि यह आग इमारत के भीतर एक प्रेशर कुकर में विस्फोट होने के बाद लगी लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नशे की लत से जूझ रहे लोगों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले इस केंद्र में रहने वाले मरीजों ने अपने गद्दों को आग लगा दी जो धीरे-धीरे पूरे भवन में फैल गई।



रेडियो ने बताया कि इस पुनर्वास केंद्र में नशे की लत से उबरने की कोशिश कर रहे 80 मरीज रहते थे।

उन्होंने बताया कि रोगियों के क्लीनिक से भाग जाने के डर से इन्हें बंद करके रखा गया था लेकिन आग लगने के बाद यही चीज उनके लिए घातक साबित हुई। अधिकतर मरीजों की दम घुटने की वजह से मौत हो गई। कुछ मरीज दूसरी मंजिल की खिड़की से कूदकर बच निकलने में कामयाब रहे।


अग्निकांड में बचे एक मरीज ने बताया कि क्लीनिक में बंद कुछ रोगी वहां से निकल भागना चाहते थे और इसी वजह से उन्होंने कपड़ों के ढेर में आग लगा दी। लेकिन यह आग उनके नियंत्नण के बाहर हो गई और पूरे क्लीनिक में फैल गई।

लीमा की महापौर सुसान विल्लेरान ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। शुरूआती जांच के मुताबिक इस क्लीनिक को स्थानीय प्रशासन से पुनर्वास केंद्र चलाने की इजाजत नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कुछ गंभीर कदम उठाने होंगे ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो सके।


आग में झुलसे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दमकलकर्मी और पुलिस के जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

बेकाबू तिपहिया वाहन पलटा आठ घायल

बेकाबू तिपहिया वाहन पलटा आठ घायल

बालोतरा। मेगा स्टेट हाइवे पर नेवाई सरहद में शनिवार शाम एक तिपहिया वाहन पलटने से आठ जने घायल हो गए। तीन महिलाओं की हालत नाजुक बताई जा रही है। सिमरखिया से रवाना हुआ एक तिपहिया वाहन शनिवार शाम मेगा स्टेट हाइवे से होते हुए पचपदरा की तरफ लौट रहा था। सरहद नेवाई में सड़क पर एक बच्चे को बचाने के प्रयास में चालक ने वाहन से संतुलन खो दिया। बेकाबू हुआ तिपहिया वाहन सड़क से उतरकर खaे में पलट गया।

हादसे में श्रीमती पेपो देवी पत्नी धनाराम निवासी पचपदरा, श्रीमती अणची देवी पत्नी पप्पूराम निवासी दूदवा, श्रीमती सजनी पत्नी चेतनराम निवासी दूदवा गंभीर घायल हुए, जबकि श्रीमती गीता देवी पत्नी मिश्रीमल निवासी उमरलाई, पदमाराम पुत्र मिसरीमल निवासी उमरलाई, ओमप्रकाश पुत्र धनाराम निवासी पचपदरा, कमला पत्नी मनोज निवासी दूदवा, मनोज पुत्र गेनाराम निवासी दूदवा मामूली घायल हुए।

घटना की सूचना मिलने पर पचपदरा थाने के एएसआई रेवंतसिंह राजपुरोहित व लजपतसिंह राजपुरोहित मय जाप्ता तथा बालोतरा से 108 एंबुलेंस के पायलट ओमप्रकाश माली व ईएमटी दिनेश पटेल ने मौके पर पहुंचकर घायलों को उपचार के लिए बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर हैं।

जर्मनी में महकेगा जालोर का जीरा


जर्मनी में महकेगा जालोर का जीरा

 जैविक व्यापार मेला
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस मेले की शुरुआत की गई है। यह हर साल फरवरी में होता है। इस साल यह जर्मनी में होगा, जिसमें ८० देशों के किसान और व्यापारी भाग लेंगे। ये किसान इस मेले में अपनी फसलों की प्रदर्शनी लगाते हैं। भारत का भारतीय निर्यात संवर्धन संगठन इस मेले में अपनी साझा भागीदारी भी निभाता है। इस संगठन के माध्यम से किसान वहां जाकर जैविक खेती से हुई अपनी फसलों का प्रदर्शन करते हैं।
जालोर



जालोर के जीरे की महक इस साल लगने वाले विश्व जैविक व्यापार मेले में भी होगी। इस मेले का आयोजन १५ फरवरी से जर्मनी के न्यूनबर्ग में होगा, जिसमें दुनिया के अनेक देश हिस्सा लेंगे। इस साल इसमें सांचौर के किसानों और व्यापारियों को जाने का मौका मिला है, जो वहां विशेष रूप से जीरे की प्रदर्शनी लगाएंगे। सांचौर से किसान और व्यापारी योगेश जोशी और उनकी टीम इस मेले में भाग लेगी। इस मेले में यहां के जीरे को एक पहचान तो मिलेगी ही, साथ ही यह किसानों के लिए भी काफी फायदेमंद होगा।

जालोर से हुआ चयन

जर्मनी में होने वाले इस मेले में भाग लेने के लिए जालोर जिले से रेपिड आर्गेनिक कंपनी का चयन हुआ है। कंपनी के निदेशक योगेश जोशी अपनी टीम के साथ इस मेले में भाग लेंगे। जोशी सांचौर क्षेत्र में जैविक खेती के माध्यम से जीरे का उत्पादन करते हैं। साथ ही करीब दो हजार किसानों से भी इस प्रकार की खेती करवा रहे हैं। जोशी ने बताया कि यह हमारे लिए काफी अच्छा मौका है, जब जीरे की प्रदर्शनी को इस मेले में जगह मिल पाई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने बताया कि जीरे के साथ ही हम सौंफ, तिल, राजगिरा, गेहूं और बाजरा की भी प्रदर्शनी लगाएंगे। यह सभी जैविक खेती से पैदा किए गए हैं।

सांचौर क्षेत्र में होती है जीरे की जैविक खेती, इस साल जर्मनी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय जैविक व्यापार मेले में लगेगी जालोर के जीरे की प्रदर्शनी, सांचौर के किसान होंगे शामिल

जिस्‍मफरोशी में पकड़ी गईं टीवी सीरियल की तीन अभिनेत्रियां



बेंगलुरू. कर्नाटक में बेंगलुरू पुलिस ने छोटे परदे के तीन कलाकारों को गिरफ्तार किया है। इन्हें एक मकान पर छापा मारकर गिरफ्तार किया गया। इन पर देह व्यापार में लिप्त होने का आरोप है।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि इन कलाकारों की पहचान सुषमा, दीक्षिता और अनीता के रूप में हुई है। ये कई टेलीविजन धारावाहिकों में काम कर चुकी हैं। सुषमा के पति कृष्णमूर्ति को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह दंपती देह व्यापार के लिए अभिनेत्रियों को झांसा देता था।

क्रिकेट में भी कम नहीं बाढ़ाणा,तराशे जा रहे हैं खिलाड़ी


क्रिकेट में भी कम नहीं बाढ़ाणा,तराशे जा रहे हैं खिलाड़ी


बाड़मेर जिले में विकास की बयार बहने के साथ-साथ अब खेल प्रतिभाओं को भी उचित मंच मिलने लगा है। सदियों से मूलभूत सुविधाओं को तरसते जिलेवासियों का हुनर परंपरागत खेलों के साथ अब राष्ट्रीय खेलों में भी देखने को मिल रहा है। बात करें क्रिकेट की तो लंबे अर्से बाद बाड़मेर के खिलाडिय़ों ने बेहतरीन प्रदर्शन के बूते राजस्थान में जिले की पहचान बनाई है। हालांकि जिले से अभी भी रणजी के लिए एकमात्र भवेंद्र जाखड़ ही खेल पाए हैं लेकिन अन्य कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बाड़मेर के खिलाड़ी अपना खेल कौशल दिखा रहे हैं। संसाधनों और ट्रेनिंग की कमी के बावजूद बाड़मेर की क्रिकेट टीम ने कॉल्विन शील्ड के एलिट ग्रुप में जगह बनाई है। साथ ही 26 जनवरी को खेले गए महत्वपूर्ण मैच में हनुमानगढ़ जैसी मजबूत टीम को परास्त कर सेमीफाइनल में जगह बनाई। इस प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों ने कोटा, अजमेर, भरतपुर और जोधपुर जैसी मजबूत टीमों को पछाड़ कर सीमावर्ती बाड़मेर जिले का नाम रोशन किया है। राज्य की अन्य टीमों में प्रत्येक टीम में तीन-तीन खिलाड़ी प्रोफेशनल क्रिकेटर है लेकिन बाड़मेर की टीम में ऐसा नहीं है। एकमात्र कप्तान भवेंद्र जाखड़ बड़ी प्रतियोगिताओं में खेल चुके है। बाकी पूरी टीम युवा है। टीम के इस प्रदर्शन में कप्तान जाखड़ का भी बड़ा योगदान है। बाड़मेर की जीत पर जाने बाड़मेर की ही प्रतिभाओं से बाड़मेर में क्रिकेट संभावनाओं को। पेश है एक रिपोर्ट...

॥1999 के बाद बाड़मेर 11 साल बाद सेमीफाइनल में पहुंचा है। इससे पहले केवल 1996 और 1997 में तत्कालीन कलेक्टर संजय दीक्षित के नेतृत्व में बाड़मेर कॉल्विन ट्रॉफी जीती थी। अब टीम में सारे नए खिलाड़ी है। हालांकि बड़े खिलाड़ी तो नहीं हैं लेकिन बड़ी पारी जरूर खेल सकते हैं। इसी का परिणाम है कि बाड़मेर सेमीफाइनल में पहुंचा। यही प्रदर्शन जारी रहा तो बाड़मेर एक बार फिर विजेता बनेगा। भवेंद्र जाखड़, कप्तान और पूर्व रणजी खिलाड़ी

॥बाड़मेर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण खिलाडिय़ों को उचित मंच नहीं मिल पाता। क्रिकेट जैसे महंगे खेल के लिए किट के साथ-साथ रेगुलर ट्रेनिंग भी जरूरी है। तभी आप अपनी स्ट्रेंथ के साथ नई तकनीक से खेल पाएंगे। अभी टीम अच्छी है और उचित मार्गदर्शन भी मिल रहा है। राजेंद्र जांगिड़, बाड़मेर कॉल्विन टीम के सदस्य

॥ क्रिकेट के बढ़ते क्रेज के साथ ही बाड़मेर में भी परिस्थितियां बदल रही है। अब क्रिकेट की प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए जिला क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से नियमित प्रतियोगिताओं के साथ कैंप आयोजित हो रहे है। पहले शहर के खिलाड़ी ही बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग ले पाते थे। अब सभी क्रिकेटर, कैंप में अपनी प्रतिभा दिखाते हैं और उसी के अनुरूप सलेक्शन भी हो रहा है।
जितेंद्रसिंह, अंडर 15 व 19 के राष्ट्रीय खिलाड़ी


॥अगर बात करें दस साल पहले की तो बाड़मेर की टीम पहले ही राउंड में हार जाती थी। यहां लोकल टूर्नामेंट की भी बहुत कम होते थे। अब समय बदल गया है। जिला मुख्यालय पर लगातार प्रतियोगिताएं हो रही है। इसके अलावा बालोतरा, सिवाना सहित सीमावर्ती गांवों में भी कॉर्क और लेदर बॉल से प्रतियोगिता आयोजित हो रही है, जो क्रिकेट के लिहाज से अच्छा संकेत है।
बाबूलाल जाखड़, आरसीए स्कोरर

20 घंटे बाद उठाया शव


20 घंटे बाद उठाया शव

एएनएम एपीओ, गांव में ही स्थित तीन अन्य क्लिनिक सीज, दिनभर पुलिस छावनी बना रहा बडऩावा जागीर, गिरफ्त में नहीं आया आरोपी

पाटोदी (बालोतरा)

उपखंड के बडऩावा जागीर में शुक्रवार को कथित नीम हकीम के इंजेक्शन से अधेड़ की मौत के बाद गर्माया माहौल शनिवार दोपहर तक ऐसा ही बना रहा। ग्रामीण आरोपी नीम हकीम को शीघ्र गिरफ्तार करने व अन्य मांगों को लेकर शव नहीं उठाने की बात पर अड़े रहे। आखिर बालोतरा एसडीएम ओपी विश्नोई व बाड़मेर डिप्टी नाजिम अली ने समझाइश की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया, इसके बाद ग्रामीणों ने शव उठाया। इस दरम्यिान शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे से शनिवार दोपहर 12.30 बजे तक शव नीम हकीम की क्लिनिक के बाहर ही रखा रहा। इधर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बाड़मेर सीएमएचओ ने बडऩावा जागीर की एएनएम को एपीओ किया है, वहीं शनिवार को गांव में कार्रवाई कर चिकित्सा विभाग ने तीन अन्य अवैध क्लिनिक सीज किए। इस दौरान बडऩावा जागीर का पूरा बाजार बंद रहा। शनिवार सुबह से ही बडऩावा जागीर गांव पुलिस छावनी सा नजर आ रहा था। मंडली एसएचओ रेवंतसिंह भाटी, पचपदरा एसएसओ उगमराज सोनी, एसएसओ गिड़ा मनोज मूढ़, एसएसओ बायतु, भू-निरीक्षक गुमानसिंह, पटवारी खंगारराम, पाटोदी चौकी प्रभारी जेठाराम सहित पुलिस बल दिनभर गांव में तैनात रहा। सुबह तो स्थिति यह हो गई कि ग्रामीणों की भीड़ को बढ़ते देख प्रशासन को आरएसी तैनात करनी पड़ी। इसके अलावा परिजनों को साथ लेकर पुलिस की तीन टीमें बनाकर आरोपी के छिपने के संभावित ठिकानों पर दबिश भी दिलवाई गई। समझाइश की मशक्कत करीब 2 घंटे चली।

पूरे क्षेत्र में नीम हकीमों का डेरा: बडऩावा जागीर के अलावा पाटोदी क्षेत्र के कई गांवों में नीम हकीमों का डेरा है। चिकित्सा विभाग के कारिंदे कभी कभार आने के कारण यहां के लोगों को झोला छाप नीम हकीमों के पास जाना पड़ता है। बडऩावा जागीर में सरकारी चिकित्सा नहीं है, एक मात्र एएनएम ही है, ग्रामीण बताते हैं वह सिर्फ खानापूर्ति में ही लगी रहती है। बडऩावा के मुस्लिम इस्लामिया कमेटी के सदर सागर खां ने बताया कि ग्रामीण अनपढ़ होने के कारण तथा इस क्षेत्र में सरकारी युनानी डॉक्टर का पद रिक्त होने और नीम हकीम द्वारा सस्ता इलाज के प्रलोभन में मरीज इनके पास इलाज करवाने के लिए मजबूर हो जाते है।

ग्रामीणों ने खरी-खोटी सुनाई : पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले में प्रशासन का ढीला रवैया कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भी स्कूल में बालक के होद में गिर कर हुई मौत के बाद कार्रवाई करने की बजाय उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

॥पूर्व में हुई घटना की पुनरावृति न हो, इसके लिए प्रशासन इन नीम हकीमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें तथा मामले की जांच कार्रवाई को जल्द ही अमलीजामा पहनाकर पीडि़त परिवार को न्याय दिलाए।ञ्जञ्ज युसुफ खां, सरपंच बडऩावा

रावल मल्लिनाथ री जोड़ायत राणी रूपांदे


राणी रूपांदे

रूपांदे रावल मल्लिनाथ री जोड़ायत हा। मालाणी रा संस्थापक मल्लिनाथ राव सलखा रा बडा बेटा हा। रूपांदे सूं इणां रौ ब्याव हुवण बाबत अैड़ौ कैयौ जावै कै अेकर मल्लिनाथ नै देवी साख्यात दरसण दिया। तद अै देवी सूं वचन मांग्यौ कै आपनै म्हारै घरां आवणौ पड़सी। देवी केयौ के म्हैं थारै ेदस मांय अवतार लेस्यूं, जे थूं म्हनै पिछाण लेसी तो म्हैं थारै घरै आय जासूं। तद मल्लिनाथ बोल्यौ कै म्हैं थांनै किण तरियां पिछाण सकसूं? तद देवी कैयौ के म्हैं करामात दिखावस्यूं, जे उणसूं पिछाण लेसी तौ म्हैं आ जासूं अर की दिनां बाद देवी वाल्हा राजपूत रै घरां अवतार लियौ। जद वै दस बरस री उमर रा हुया, तद मल्लिनाथ आपरै सैनिकां रै साथै वाल्हां राजपूत रै गाम कानी जाय निकल्या। घोड़ां रै दाणा-पाणी सारू सैनिक संजोग सूं वाल्हा राजपूत रै इज खलिहान मांय जाय पूगा। उण बगत उठै वा कन्या ई बैठी ही। सैनिक जाय'र उणसूं बोल्या के बाई, थोड़ौक दान दिरावौ तो घोड़ां नै देवां। तद वा कैयौ के थारा ठाकर आय'र पाहुरौ मांडै तौ सगलां रा पाहुरा भर दिया जासी। तद सैनिक जाय'र मल्लिनाथ नै कैयौ के अेक कन्या खलिहान में बैठी है, उणसूं म्हैं धान रै वास्तै कैयौ तौ वा बोली के थांरा ठाकर आय'र पाहूरौ मांडै तो सगलां रा पाहुरा भर दिया जासी, सो आप पधारौ। तद मल्लिनाथ पाहूरौ लेय'र गया। वा सगला पाहुरा भर दिया। तद मल्लिनाथ नै मालूम हुयौ के आ वा इज शक्ति है। मल्लिनाथ उणरै पिता कनै जाय'र कैयौ के आप म्हनै आ कन्या परणावौ। सेवट घमौ हठ कर'र उणसूं ब्याव कर्यौ अर आपरै घरां लेय आया।
बात करै परब्रह्म री, पैंड देय इक नाय।
रूपां कहै रे भाइयां, किण विध स्याम मिलाय।।
सुख में ब्रह्मज्ञानी रहै, दुख में रैवै रोय।
बाई रूपां यूं कहै, भलौ कदैई न होय।।
अै दूहा कैयोड़ा है रूपांदे रा। राणी हुवती थकी ई रूपांदे आपरी भगती रै प्राम जिकौ जस कमायौ, वौ आज पण आथूणै राजस्थान मांय फैल्योड़ौ है।
रूपांदे रै परणीज्यां सूं पैला अेकर उणरै गाम जैसलमेर रावल रा पुत्र ऊगमसी भाटी पैदल आय रैय हा। वै तिरसा हा अर उणां रै साथै कांबड़िया ई हा। जद उणां रूपांदे नै देख'र उण कनै आया अर पूछ्यौ के बाई, पाणी है कांई? रूपांदे कैयौ के है। तद ऊगमसी बोल्या के आवौ साधुवां, पाणी पीवौ। उण बगत रूपांदे कनै जित्तौ ई पाणी हौ वौ सब रौ सब वै पीयग्या। उण बगत रूपांदे रौ मूंडौ उतरग्यौ। बाप-भाई आवैला तौ कांई पीवैला? आ चिंता उणनै सतावण लागी। तद रूपांदे री अंतस तणौ भाव जाण'र ऊगमसी पाणी पी लेवण रै बाद घड़ा माथै हाथ मेल'र बोल्या के हे साहिब! इणनै पूरौ भरदौ। तद घड़ौ भरग्यौ। औ चमत्कार देख'र रूपांदे ऊगमसी रै पगां पड़गी। ऊगमसी कैयौ के बाई, थूं कंवारी है के परणी? तद वा बोली के कंवारी। तद ऊगमसी रूपांदे रै हाथ मांय तांबै रौ अेक कड़ौ डाल दियौ अर कैयौ के आई दूज नै सात घरां सूं मांग'र जिकी भिक्षा मिलै, वा आं कांबड़िया साधुवां में बांट दीजौ। इम तरै कैय'र अर उणरै मस्तक हाथ राख'र ऊगमसी तो धकै रवानै हुयग्या। रूपांदे ज्यूं कैयौ, त्यूं ई करती रैयी। जद वा राणी ई हुयगी तद ई वा दूज रै दिन सात घर सूं भिक्षा मांग'र, उणरौ खीच बणाय'र कांबड़िया में बांटती।

केई दिनां बाद ऊगमसी मेहवै आया। कांबड़िया पण अेकठ हुया। इत्तै में ऊगमसी कांबड़िया सूं पूछ्यौ के अठै वाल्है री बेटी रूपांदे है, वा कठै? तद वै जबाब दियौ के वा तौ मल्लिनाथ री राणी हुयगी है, पण फेर ई वा कांबड़ियां नै घणौ मानै। तद ऊगमसी कैयौ के जाय'र उणनै खबर करौ के ऊगमसी आयौ है। तद अेक कांबड़ियौ जाय'र खबर दीवी अर कैयौ के बाई, ऊगमसी आया है। रूपांदे कैयौ के सिंझ्या रा किणी तरियां आवूंला। रूपांदे री सौतां मल्लिनाथ रा कान भर दिया। कैयौ के आ ढेढां रै अठै जावै अर आभड़ोछोत फैलावै। तद मल्लिनाथ कैयौ के म्हैं खुद देखूंला तौ साच मानूंला। रात हुई जद रूपांदे कांबल अर लोवड़ी लेय'र ऊगमसी रै कनै जाय'र पगां लागी। तद सौतां मल्लिनाथ सूं कैयौ के उठै जाय'र देखौ, वा ढेढां रै अठै गई परी है। त मल्लिनाथ तरवार लेय'र लारै गया। उठै जाय'र देख्यौ के ऊगमसी बैठ्या है। सामी रूपांदे बैठी है अर कांबड़िया गाय रैया है। मल्लिनाथ औ देख'र आपरै अेक चाकर सूं रूपांदे री जूतियां चुरवाय लीवी। इत्तै में अेक कांबड़ियौ कैयौ कै बाई नै अबै रवानै कर देवणौ चाइजै। बाई रौ इण जगै ठैरणौ ज्यादा अच्छौ नीं है। तद थन रै आगै जिकौ चढ़ावौ हौ, वौ थाली मांय लेय'र रूपांदे नै दियौ अर कैयौ के जा बाई, थारौ भलौ हुवै। रूपांदे आगै जाय'र देखै तौ जूतियां नीं। तद सगला कांबड़िया उठ्या। अठी-उठी जोवण लागा, पण जूतियां मिली कोनी। त ऊगमसी कैयौ के साधुवां! साहिब सूं प्रार्थना करौ के हे साहिब, इणी तरै री जूतियां आय जावै। तद वैड़ी री वैड़ी जूतियां आकास सूं आयगी। रूपांदे पैर'र आपरै घर कानी रवानै हुई।

बीच मांय मल्लिनाथ उणरौ मारग रोक दियौ अर आडा फिरता बोल्या कै कुण है? वा जबाब दियौ कके जी, म्हैं तौ आपरी दासी हूं। मल्लिनाथ कैयौ के कठै गई ही? तद रूपांदे बोली के फूलां सारू गई ही। मल्लिनाथ कैयौ के म्हारी स्त्री हुय'र फूलां सारू जावै, आ कैड़़ी बात है? तद रूपांदे बोली के म्हारी सौतां रै चौ चाकर है जिका लेय आवै, पण म्हारै सारू लावण वाला कोई है नीं। औ जबाब सुण'र मल्लिनाथ कैयौ के देखूं तौ फूल। रूपांदे बोली के फूलां रौ कांई देखणौ! पण मल्लिनाथ कपड़ौ आगौ कर लियौ अर थाली लेयली। थाली मांय देखै तौ भांत-भांत रा फू. वै देख'र इचरज में पड़ग्या क्यूं के उण मांय फूल-फल देख'र मल्लिनाथ उणरै चमत्कार सूं प्रभावित हुया। वै रूपांदे रै पगां पड़ग लागा, पण उणां रा हाथ पकड़ लिया। मल्लिनाथ कैवण लागा के रूपांदे! थूं जिण पंथ में है, उण मांय म्हनै ई दीक्षित करा। रूपांदे बोली के राज, औ पंथ घणौ कठण है। मल्लिनाथ कैयौ के म्हैं अनुसरण करूंला। तद वै दोनूं ऊगमसी कनै गया। रूपांदे कैयौ के राज नै ई पंथ मांय दीक्षित करावौ। तद मल्लिनाथ रै हाथां मांय वैड़ौ ई तांबै रौ कड़ौ घाल'र अेक छड़ी दीवी। पछै कैयौ के दूज रै दिन सात घरां सूं अन्न री भिक्षा मांग'र कांबड़ियां नै बांटजौ। इण भांत रावल मल्लिनाथ ई कांबड़िया बणाईज्या। दूजै दिन सुबै मल्लिनाथ उणां नै आपरै घरां लेयग्या। भोजन-प्रसाद कर्यौ। ऊगमसी नै वै अेक महीनौ राखिया अर सगली ई विद्यावां प्राप्त कर'र उणां नै विदा कर्यौ। इण भांत रावल मल्लिनाथ आपरी जोड़ायत रूपांदे रै पाण नवौ पंथ अपणायौ। तिलवाड़ै रै मल्लिनाथ रै मिंदर री तरै मालाजाल में रूपांदे रौ मिंदर है।

शनिवार, 28 जनवरी 2012

कुम्भलगढ़ महोत्सव का रंगारंग आगाज

कुम्भलगढ़ महोत्सव का रंगारंग आगाज

कुंभलगढ़। राजस्थान के अभेद्य दुर्ग "कुम्भलगढ़" में तीन दिवसीय कुम्भलगढ़ महोत्सव का शनिवार को रंगारंग आगाज हुआ। जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस महोत्सव की शुरूआत रणभेरी की विशेष धुन और महाराणा कुंभा की शौर्य गाथा के बीच हुई।

उद्घाटन समारोह में राजस्थानी लोक कला की अनुठी प्रस्तुतियों में बाड़मेर की लाल आंगी गेर के अलावा बारां का चकरी नृत्य और जोधपुर की कलाकारों ने कालबेलिया नृत्य प्रस्तुतियां आकष्ाüण का केन्द्र रहीं। इस अवसर पर विशेष खेल प्रतियोगिताओं में देशी-विदेशी सैलानियों की सक्रिय भागीदारी रही।

बुखारी को साथ लाकर मुलायम ने खेला मास्‍टर स्‍ट्रोक!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव में मुस्लिम वोट पाने के लिए मुलायम सिंह ने मास्टर स्‍ट्रोक खेला है. उन्‍होंने अब जामा मस्जिद के इमाम बुखारी से सर्टिफिकेट हासिल कर लिया कि वही मुसलमानों के सबसे बड़े रहनुमां हैं. 



खास बात यह है कि अब तक नेता जामा मस्जिद जाया करते थे, लेकिन आज इमाम बुखारी लखनऊ में मुलायम सिंह के मंच पर नजर आए.

इस दौरान जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने कहा, 'तकरीबन 50 साल तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस के दामन में मुसलमानों के खून के धब्‍बे हैं.'

अहमद बुखारी ने पहले कांग्रेस को जी भरकर कोसा और उसके बाद बीएसपी की बारी आई.


यूपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बुखारी ने कहा, 'पांच साल तक सत्ता में रहने के बावजूद बीएसपी सरकार ने मुसलमानों के भले के लिए कोई काम नहीं किया.'

हालांकि इमाम बुखारी ने बीजेपी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन मुसलमानों को यह बताना नहीं भूले कि मुलायम सिंह को इस बात का बहुत अफसोस है कि उन्होंने गुजरे समय में कल्याण सिंह से हाथ मिलाया था.
बुखारी के मुताबिक, 'मुलायम सिंह ने कहा है कि उन्‍होंने कल्‍याण सिंह से हाथ मिलाकर गलती की थी. मैं समझता हूं कि उन्‍होंने माफी मांगी है तो मुसलमानों को इसका सकारात्‍मक जवाब देना चाहिए. मुलायम सिंह ने यकीन दिलाया है कि वो मुस्लिमों की तरक्‍की के लिए काम करेंगे.'

शाही इमाम को अपने मंच पर लाकर मुलायम सिंह मास्टर स्ट्रोक खेल चुके हैं. अब बारी शाही इमाम का शुक्रिया अदा करने की थी.

समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'मैं वादा करता हूं कि मैं निराश नहीं करूंगा. केंद्र सरकार के साढे चार फीसदी आरक्षण देने के फैसले से मुसलमानों को कोई फायदा नहीं होगा, इसलिए उन्हें 18 फीसदी आरक्षण दिया जाए.'

कांग्रेस को पूरे वाकये की खबर लगी तो उसने शाही इमाम से पूछ लिया कि आपकी यह कैसी दुकान है जो केवल चुनाव के समय ही खुलती है.

कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, 'हम पर ही सारे वार करने है क्‍या कोई दुकान चल रही है. शाही इममा दुकान नहीं तो क्‍या चला रहे हैं.'

कानून मंत्री ने शाही इमाम को कोसा तो बीजेपी कहां पीछे रहनेवाली थी. तुष्टिकरण की राजनीति का जिक्र करते-करते बीजेपी ने आतंकवादी संगठनों को भी याद कर लिया.

बीजेपी के उपाध्‍यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'रात इतनी मतवाली है तो सुबह का आलम क्‍या होगा. हम तो इसे शुरुआत मानते हैं. अभी देखिए कांग्रेस भी किसी बुखारी, अलकायदा, सिमी या किसी और के यहां जाकर मत्‍था टेकेगी.

बचपन में रेप का शिकार हो गई थी ओप्रा विन्फ्रे

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने इंडिया आईं सिलेब्रिटी होस्ट ओप्रा विन्फ्रे दुनिया की टॉप सिलेब्रिटीज में से एक है ।
 
लेकिन यह कोई नहीं जानता कि 9 साल की उम्र में वह रेप का शिकार हो गई थी। ओपरा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि मानसिक और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद वह अपने दम पर इस मुकाम पर पहुंचीं।

सिंगल मदर की बेटी हैं ओपरा
ओपरा एक सिंगल मदर की बेटी हैं। बेहद गरीबी के दिनों में बचपन बिताने के अलावा उन्हें शोषण का भी शिकार होना पड़ा। ओप्रा ने खुद अपने शो में बताया था कि सिर्फ 9 साल की उम्र में उनके कुछ फैमिली मेंबर्स ने उनका रेप किया।

कई साल तक सेक्शुअल हरासमेंट सहने के बाद वह 13 साल की उम्र में घर से भाग गईं। इसके बाद उन्हों ने स्कूल की पढ़ाई शुरू कर दी। उन्होंने न सिर्फ 17 साल की उम्र में एक ब्यूटी पीजेंट जीता, बल्कि एक लोकल इवनिंग न्यूज चैनल में ऐंकरिंग भी शुरू कर दी।

हर कोई ओप्रा के शो में आना चाहता है
इसके बाद ओप्रा ने मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने न सिर्फ अपनी प्रॉडक्शन कंपनी खोली, बल्कि पूरी दुनिया में अपना जलवा दिखाया। 1986 में उन्होंने पहली बार नैशनल टीवी पर 'द ओप्रा विन्फ्रे शो' होस्ट किया। दुनिया के तमाम टॉप सिलेब्रिटीज का इंटरव्यू कर चुकीं ओप्रा की पॉप्युलैरिटी का आलम यह है कि हरेक सिलेब्रिटी उनके शो में आना चाहता है।

भंवरी मामला: सोहनलाल, दिनेश और पुखराज हुए आमने-सामने

जोधपुर. भंवरी के अपहरण और हत्या के मामले में सीबीआई ने पुखराज विश्नोई और उसके चचेरे भाई दिनेश विश्नोई को जेल ले जाकर वहां बंद मुख्य आरोपी सोहनलाल से आमने सामने कराया। भंवरी के अपहरण की साजिश में किसकी क्या भूमिका रही है, इसका क्रास इंटेरोगेशन किया गया।



इस मामले में जेल में बंद सोहनलाल के बेटे पुखराज और भतीजे दिनेश ने तीन दिन पहले समर्पण किया था। ये तीनों अभी रिमांड पर चल रहे हैं। सीबीआई ने अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई केसेज) कोर्ट में एक अर्जी लगा कर इन दोनों आरोपियों को जेल में सोहनलाल से रूबरू कराने की इजाजत मांगी।



कोर्ट ने शनिवार सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक उन्हें जेल में क्रास इंटेरोगेशन करने की अनुमति दे दी। शनिवार सुबह सीबीआई ने पहले इन दोनों का मेडिकल कराया, फिर जेल ले गए। जेल अधीक्षक ने सोहनलाल को बैरक से निकाल कर एक कमरे में बैठाया, वहीं पर सीबीआई ने तीनों को आमने- सामने पूछताछ की।

डबल्स ग्रैंड स्लैम जीतकर पेस ने रचा इतिहास

डबल्स ग्रैंड स्लैम जीतकर पेस ने रचा इतिहास

मेलबर्न। भारतीय टेनिस खिलाड़ी लीएंडर पेस-स्टेपनेक की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियन ओपन के पुरूष डबल्स का खिताब जीत लिया है। इस जीत के साथ ही पेस डबल्स में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले भारतीय बन गए है। पेस-स्टेपनेक ने शनिवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन के खिताब मुकाबले में ब्रायन ब्रदर्श को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। इस खिताबी मुकाबले में पेस-स्टेपनेक की जोड़ी ने माइक और बोब ब्रायन की जोड़ी को 7-6(7/1) और 6-2 से हराया।

उल्लेखनीय है कि लिएंडर पेस मिश्रित युगल के ग्रैंडस्लैम खिताब को जीतने से भी केवल एक कदम दूर हैं, क्योंकि उनकी और एलेना वेसनिना की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिश्रित युगल के फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं। पेस और वेसनिना की पांचवीं वरीय जोड़ी ने सेमीफाइनल में इटली की रोबर्टा विंची और डेनियल ब्रासियाली जोड़ी के खिलाफ एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 5-7, 6-2, 10-7 से जीत दर्ज की।

हालाांकि , सानिया मिर्जा और महेश भूपति की भारतीय स्टार जोड़ी सेमीफाइनल में उलटफेर का शिकार हो गई। सानिया और भूपति की छठी वरीय जोड़ी का अभियान अमरीका की बेथानी माटेक सैंड्स और रोमानिया के होरिया टेकाऊ की आठवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी से महज 68 मिनट में मिली 3-6, 3-6 की शिकस्त से खत्म हो गया।

अब नीदरलैंड में बुर्का पहना तो लगेगा जुर्माना

अब नीदरलैंड में बुर्का पहना तो लगेगा जुर्माना



हेग। नीदरलैंड यूरोप में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाला दूसरा देश बन गया है। फ्रांस के बाद नीदरलैंड की सरकार की ओर से भी चेहरा ढकने के लिए बुर्का और नकाब लगाने पर जुर्माने का प्रावाधन किया है।

गृह मंत्री लिसबेथ स्पाइस ने कैबिनेट की बैठक के बाद शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, खुले समाज में लोग एकदूसरे से खुले तौर पर मिले यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। बुर्के पर प्रतिबंध के लिए सत्तारूढ गठबंधन सरकार में पहले ही सहमति बन गई थी। इस प्रस्ताव को सरकार की सलाहकार परिषद यानी काउंसिल आफ स्टेट के पास भेजा गया था लेकिन काउंसिल ने इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया था कि यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन होगा और भेदभाव समाप्त करने के मानकों के विपरीत होगा।

परिषद ने यह भी कहा कि बुर्का पर प्रतिबंध कठोर उपाय होगा। लेकिन कैबिनेट ने इस सलाह को नजरअंदाज कर दिया और बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया। अलबत्ता कैबिनेट ने कहा कि मानवाधिकार पर यूरोपीय संधि में सरकारों को धार्मिक अधिकारों को सीमित करने का अधिकार दिया खासकर तब यह जनता के हित से जुडा मामला हो। गृहमंत्री ने कहा, हमारा मानना है कि हमें धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में कुछ हट कर कदम उठाने चाहिए बशर्ते यह वैध हो।


499 डॉलर का जुर्माना

सूत्रों के अनुसार बुर्का और नकाब के अलावा नीदरलैंड में पूरा चेहरा ढकने वाले हेलमेट और कैप को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। सार्वजनिक स्थलों पर इनमे से किसी का इस्तेमाल करने पर 499 डालर के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रांस ने पिछले वर्ष अप्रैल मे बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया था और सार्वजनिक स्थलों पर इसपर प्रतिबंध लगाने वाला यूरोप का पहला देश बन गया था।

भीख दान चरण बालोतरा ब्लोक अध्यक्ष वैष्णव जिला सह संयोजक मनोनीत


अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर 


भीख दान चरण बालोतरा ब्लोक अध्यक्ष वैष्णव जिला सह संयोजक मनोनीत 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर  द्वारा जिले मे राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाये जा रहे अभियान को पुरे जिले मई संचालित करने के उद्देश्य से आज जिला पाटवी रिदमल सिंह दंता ने बालोतरा ब्लोक अध्यक्ष और जिला सह संयोजक पद पर मनोंय किया हें जिसके चलते अभियान को बल मिलेगा .


जिला संयोजक्ल चन्दन सिंह भाटी ने बताया की बालोतरा ब्लोक में राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के ब्लोक अध्यक्ष पद पर भीख्दान चरण और जिला सह संयोजक पद पर अनिल वैष्णव को जिला पाटवी द्वारा मनोनीत किया गया हें ,भा टी ने बताया की जिला पाटवी ने नियुक्ति पत्र जारी कर ब्लोक अध्यक्ष भीख्दान चरण को सात दिवस में कार्य कारिणी के गठन के निर्देश दिए हें साथ ही राजस्थानी मोटियार परिषद् ,राजस्थानी महिला परिषद् ,राजस्थानी चिंतन परिषद् तथा राजस्थानी खेल परिषद् के ब्लोक अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ कार्यकारिणी के गठन के निर्देश दिए हें 

,उन्होंने बताया की बालोतरा में जल्द राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता दिलाने के उद्देश्य से म्हारी जुबान रो खोलो तालो पोस्ट कार्ड अभियान चलाया जा कर महामहिम राष्ट्रपति ,प्रधान मंत्री ,गृह मंत्री तथा सांसद को पोस्ट कार्ड लिखे जायेंगे ,उन्होंने बताया की बालोतरा ,सिवाना तथा पचपदरा से प्रथम चरण में बीस हज़ार पोस्ट कार्ड लिखने का लक्ष्य निर्धारित किया हें ,ब्लोक अध्यक्ष को निर्देश दिए गए हें की राजस्थानी भाषा के क्षेत्र में ज्ञाताओ को मुहीम से जोड़ा जाए ,.

भारत से अरुणाचल लेने पर अड़ा चीन


 
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर मतभेद काफी बढ़ चुके हैं। इसी मुद्दे पर हाल ही में हुई 15 वें दौर की बातचीत के दौरान चीन ने भारत पर इतना दबाव बनाया कि बातचीत टूटने के कगार पर पहुंच गई थी। हालांकि, दो दिनों की वार्ता के बाद दोनों देशों ने इसे सकारात्मक बताते हुए कहा कहा था कि बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई थी। लेकिन इस वार्ता से जुड़े सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई खबरों के मुताबिक चीन ने सीमा विवाद पर बेहद आक्रामक रवैया अपनाया था।

चीन की ओर से इस बाचतीत में हिस्सा ले रहे डाई बिंगू ने भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से कहा, 'भारत अरुणाचल प्रदेश का कितना हिस्सा चीन को देने के लिए तैयार है?' बिंगू ने राजनयिक शिष्टाचार के साथ-साथ बहुत आक्रामक ढंग से अपनी बात रखी, जिससे भारतीय प्रतिनिधिमंडल भौचक्का रह गया। चीनी प्रतिनिधि अरुणाचल प्रदेश पर अपने रुख को लेकर अड़े रहे। वे भारतीय प्रतिनिधिमंडल से जानना चाहते थे कि अरुणाचल प्रदेश के बंटवारे पर भारत की क्या पेशकश है और इस प्रदेश का कितना हिस्सा भारत चीन को देने को तैयार है।

इसके जवाब में मेनन ने चीन-भारत सीमा विवाद से जुड़ी बातचीत की अनुच्छेद 3 का हवाला देते हुए बताया कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सभी सेक्टर (पूर्वी, पश्चिमी और मध्य) पर चर्चा करना जरूरी है ताकि एक व्यापक और समग्र समाधान निकाला जा सके। भारत ने चीन को 2005 में हुए उस समझौते की भी याद दिलाई, जिसमें तय किया गया था कि किसी भी हाल में सीमा के आसपास बसे लोगों को विस्थापित नहीं किया जाएगा। लेकिन इन बातों का चीन पर बहुत असर नहीं हुआ और वह अरुणाचल की ही रट लगाए रहा।



भारत और चीन के बीच सीमा विवाद काफी पुराना है। इस 'झगड़े' के केंद्र में है मैकमोहन रेखा, जिसे चीन मानने इनकार करता है। चीन सीमा क्षेत्र के 90 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके पर अपना दावा करता है जबकि भारत 3,68,846 वर्ग किलोमीटर इलाके पर अड़ा हुआ है। इस विवाद को सुलझाने के लिए 2003 से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत हो रही है। लेकिन आज तक इसका कोई हल नहीं निकल सका है। चीन के खतरनाक इरादों का पता इसी बात से चल जाता है कि बीते दो सालों में चीन की तरफ से 500 बार भारत की सीमा का अतिक्रमण किया गया है।

चिंकारा शिकार मामले में तीन गिरफ्तार


चिंकारा शिकार मामले में तीन   गिरफ्तार 


बाड़मेर बाड़मेर जिले के धोरी मन्ना थाना क्षेत्र  में एक चिंकारा के मारे जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में धोरीमन्ना पुलिस ने तीन जानो को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चिंकारा का शव तथा दो पुराणी खाले बरामद की हें ,पुलिस ने बरामद चिंकारा के शव का पोस्ट मार्टम करा मुक़दमा वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम के तहत दर्ज किया हे ,धोरीमन्ना थाना अधिकारी मूलाराम ने बताया की शनिवार सुबह धोरीमन्ना की सरहद में संदिग्ध लोगो द्वारा चिंकारा के शिकार की सूचना मिलाने पर ,संदिग्ध वाहन रुकवा कर तलाशी लेने पर उसमे रखा चिंकारा का शव बरामद किया ,साथ ही राखी चिंकारा की दो पुरानी खाले भी बरामद की ,उन्होंने बताया की इस मामले में रेशमाराम भील ,सुखाराम मिरासी तथा मोहम्मद खान मिरासी को गिरफ्तार कर लिया,इनके खिलाफ वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी हें  

राष्ट्रपति से सम्मानित डूंगरसिंह पहुंचा पोकरण




राष्ट्रपति से सम्मानित डूंगरसिंह पहुंचा पोकरण

वीरता पुरस्कार से सम्मानित डूंगरसिंह के पोकरण पहुंचने पर जनसमुदाय ने किया स्वागत

पोकरण  राष्ट्रपति की ओर से बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित होकर पोकरण पहुंचे डूंगरसिंह का लोगों द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक तथा कई युवा उपस्थित थे। डूंगरसिंह के पोकरण पहुंचने पर स्वागत कर उसे घोड़े पर बिठाकर जुलूस का आयोजन किया। ढोल नगाड़ों के साथ निकाले गए जुलूस में स्थानीय लोगों सहित आस-पास के ग्रामीणों ने भी भाग लिया। दिल्ली से राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार से सम्मानित होकर पोकरण पहुंचे डूंगरसिंह का रेलवे स्टेशन पर ढोल नगाड़ों तथा फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। आठ वर्षीय बालक द्वारा दिखाए गए साहस तथा वीरता से पूरे राजस्थान में मात्र एक बालक द्वारा यह पुरस्कार प्राप्त करने पर लोगों ने उसका स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने डूंगरसिंह को अपने कंघे पर उठा लिया तथा नाचते गाते हुए उसे रेलवे स्टेशन से बाहर लाए। जुलूस शहर के मुख्य मार्ग जयनारायण व्यास चौराहा होता हुए किला रोड होता हुआ गांधी चौक पहुंचा। डूंगरसिंह ने गांधी चौक पहुंच गांधी की प्रतिमा पर माला पहनाई। जुलूस के गांधी चौक पहुंचने पर सभा का आयोजन किया गया। जहां पर शहर के प्रमुख नागरिकों द्वारा डूंगरसिंह की वीरता का बखान किया।

नगरपालिका ने की भूखण्ड की घोषणा : गांधी चौक में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए नगरपालिका अध्यक्ष छोटेश्वरी देवी माली ने डूंगरसिंह द्वारा दिखाई गई वीरता के कारण उसे भूखण्ड़ देने की घोषणा की। इसी के साथ शहर के कई गणमान्य नागरिकों ने डूंगरसिंह को पुरस्कारों से नवाजा।

क्षत्रीय युवक संघ ने किया अभिनंदन : डूंगरसिंह के पोकरण पहुंचने पर स्थानीय क्षत्रीय युवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जनकल्याण समिति नाथूसर सहित अन्य कई संगठनों ने स्वागत किया। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता शैतानसिंह सांकड़ा, मेघवाल समाज के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य खेताराम लीलड़, पूर्व जिलाध्यक्ष जुगलकिशोर व्यास, देवकीनंदन, क्षेत्रीय प्रमुख सांवलसिंह सनावड़ा, राष्ट्रीय शिक्षक संघ के नेता राणीदानसिंह भुट्टो, एडवोकेट रतनलाल पुरोहित, भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष थिरपालसिंह रावलोत, उपाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा, पार्षद धूड़ाराम सोनी, मोतीलाल माली, सवाई डांगी, रतनसिंह मंडला, राणीदान छंगाणी, सांकड़ा मंडल अध्यक्ष नारायणसिंह, अल्पसंख्यक मंडल अध्यक्ष एडवोकेट फिरोज खां, भाजयुमो के नगर मंडल अध्यक्ष तरुण व्यास, भू अभिलेख निरीक्षक आईदान माली, सामाजिक कार्यकर्ता गौरीशंकर जोशी, चिरंजीलाल सोनी, झाबरा उपसरपंच ताऊराम, मोतीसिंह राठौड़, अनिल रंगा, एडवोकेट भंवरलाल पालीवाल, बलवंतसिंह जोधा, प्रदीपसिंह विरमदेवरा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जोधपुर विभाग सहप्रमुख विक्रमसिंह, वासुदेव पुरोहित, प्रभात पुरोहित, विरमसिंह सनावड़ा सहित कई लोग उपस्थित थे।

न्यूज़ इनबॉक्स बाड़मेर.... 28 जनवरी, २०१२

पूर्व सांसद ने किया बायतु क्षेत्र का दौरा

बायतु बाड़मेर-जैसलमेर के पूर्व सांसद मेजर मानवेंद्रसिंह ने शुक्रवार को बायतु क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। भाजपा के ब्लॉक महामंत्री महावीर जीनगर ने बताया कि पूर्व सांसद ने बायतु विधानसभा क्षेत्र के बायतु स्टेशन, अकदड़ा, जाजवा, गिड़ा व परेऊ का दौरा कर जन समस्याएं सुनी। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के मंत्री और विधायक आपसी खींचतान तक सीमित है और जन समस्याओं की तरफ इसका कोई ध्यान नहीं है।भाजपा के वरिष्ठ नेता बालाराम मूंढ़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के शासन में किसानों की हालत खराब हो रही है। किसानों को बिजली नहीं मिलने से रबी की फसल चौपट हो रही है। कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। पूनमाराम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में दलितों पर अत्याचार बढ़े है।

कार्यक्रम में देवीसिंह विदा, पूनमसिंह गिड़ा, खेतसिंह जाजवा, सत्यनारायण मेवाड़ा, पांचाराम भील, जीतू सेवक, प्रेमप्रकाश राव समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।


ससुराल गए युवक की हत्या का आरोप

बाड़मेर रावतसर निवासी पन्नाराम पुत्र नवलाराम गुरु ने एसपी को ज्ञापन सौंप ससुराल गए बेटे व पोती की हत्या का आरोप ससुरालीजनों पर लगाया है। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि १३ जनवरी को उनका बेटा प्रकाश सिणधरी स्थित अपने ससुराल पत्नी को लाने गया। जहां उसके ससुर अर्जुनराम, चंपालाल और सुंदरदेवी ने रात को प्रकाश की हत्या कर लाश टांके में डाल दी। इसकी सूचना मिलने पर उनका बड़ा भाई देदाराम व अन्य सिणधरी गए लेकिन तब तक पुलिस आ चुकी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि टांके की गहराई तीन-चार फीट थी लेकिन पुलिस ने उसके भाई देदाराम से हस्ताक्षर करवा लिए और उन लोगों ने प्रकाश को गांव लाकर दफना दिया। वे उस दिन गांव में नहीं थे। इसके बाद प्रकाश की सास ने उसकी पोती कृष्णा की मौत के बारे में जानकारी दी और दफनाने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रकाश और उसकी पोती की ससुराल वालों ने हत्या की है।

उन्होंने मामले की जांच करा आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याय दिलाने की मांग की।

रोगियों की सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म : जैन


बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा की नि:स्वार्थ चिकित्सा सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म सेवा है। रोगियों की सेवा ही सच्ची सेवा है। कृष्णा संस्था की ओर से प्रति माह आयोजित किये जा रहे नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य चेतना शिविर सराहनीय प्रयास है। विधायक सेवा सदन में शुक्रवार को शिविर के समापन तथा मनोरोग विशेषज्ञ डॉ लोकेश सिंह शेखावत के सम्मान में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। डॉ. खुशवंत खत्री ने कहा की बाड़मेर की जनता को मनोरोग चिकित्सक की सेवाओं की कमी खल रही थी, मगर डॉ सिंह ने कृष्ण संस्था के माध्यम से नि:शुल्क शिविर लगा हजारों रोगियों का सफल उपचार कर कमी पूरी की है। इस मौके पर डॉ सिंह ने कहा की बाड़मेर पिछले आठ माह से आ रहे हंै, उन्हें अब बाड़मेर अपना लगता है। इस अवसर पर चंदनसिंह भाटी, रिड़मल सिंह दांता ने भी विचार व्यक्त किए। कृष्णा संस्था तथा ग्रुप फॉर पीपुल्स की ओर से डॉ सिंह का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया इस मौके पर भादरेश के पूर्व सरपंच सुखाराम, मारुडी के पूर्व सरपंच हीर सिंह, सुलतान सिंह रेडाना, विजय कुमार, रूप सिंह माडपुरा, नरपत सिंह उंडखा, सादिक खान, दीन मोहम्मद सहित कई लोग मौजूद थे। इससे पहले शिविर में 85 रोगियों की जांच कर उपचार किया गया।

केरोसीन छिड़ककर आत्महत्या की

सिवाना कुसीप गांव में एक युवती ने खुद पर केरोसिन छिड़ककर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार उकाराम पुत्र वालाराम निवासी कुसीप ने रिपोर्ट पेश की कि उसकी पुत्र रेशमी (22) पत्नी बाबूराम निवासी मवड़ी पिछले करीब एक-डेढ़ साल से पीहर में ही अलग रह रही थी। शुक्रवार दिन के समय उसने अपने शरीर पर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज किया है। मामले की जांच तहसीलदार कर रहे हैं।

सूखा दिवस पर शराब बेचते गिरफ्तार

बालोतरा बालोतरा थाने में नया बस स्टैंड के पास सूखा दिवस पर शराब बेचते दो जनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार जोगराजसिंह पुत्र मानसिंह निवासी दूदोड़ा (गिराब) व नेमाराम पुत्र वगताराम निवासी खडीन (बाड़मेर) गणतंत्र दिवस के दिन सूखा दिवस होने के बावजूद माजीसा वाइन्स के पास शराब बेच रहे थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर सत्ताइस बोतल शराब व 38 बोतल बीयर की बरामद की। दोनों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जहां से 10-10 हजार रुपए के जमानती मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए।

गीली लकड़ी से भरा ट्रक पकड़ा

बालोतरा पुलिस ने गीली लकड़ी से भरा ट्रक जब्त कर एक जने को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार यासीन खां ट्रक में गीली लकड़ी परिवहन कर रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।

बीएसएफ अधिकारियों ने हिरण को कुत्तों के चंगुल से बचाया

बाड़मेर सुरक्षा बल की 124वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट सुबोध दीक्षित व 53वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट अरुण कुमार ने शुक्रवार सुबह पौने नौ बजे जालीपा फायरिंग रेंज जाते हुए एक चिंकारा को कुत्तों के चंगुल से छुड़ाकर उसका इलाज कराया। उन्होंने बताया कि वे जालीपा रेंज की तरफ पैदल जा रहे थे, इसी बीच एक चिंकारा को कुत्तों ने दबोच रखा था। देखते ही वे दौड़ पड़े और चिंकारा को कुत्तों के चंगुल आजाद किया। इसके बाद चिंकारा को कैंप ले जाया गया। इसकी सूचना बीएसएफ के पशु चिकित्सक डॉ. संदीप गडवी को दी गई। उन्होंने चिंकारा का प्राथमिक उपचार किया, जिससे मरणासन्न हिरण की जान बच गई।