बुधवार, 5 मई 2010

विकलांगता से नहीं, मुफलिसी से हारीं माण्ड गायिका रुकमा देवी

विकलांगता से नहीं, मुफलिसी से हारीं माण्ड गायिका रुकमा देवी


: बाड़मेर: दलित समाज की परम्पराओं को तोड़ कर माण्ड गायिकी को थार के मरुस्थल से सात समंदर पार विदेशों में ख्याति दिलाने वाली क्षेत्र की पहली माण्ड गायिका रुकमा देवी, जिन्‍हें ‘थार की लता’, कहा जाता है, आर्थिक अभाव में मुफलिसी के दौर से गुजर रही हैं। संदुक भरे सम्मान और पुरस्कार उन्‍हें दो वक्त की रोटी नहीं दे पा रहे हैं। रुकमा विकलांगता के आगे कभी नहीं हारी, मगर अब मुफलिसी के आगे हार बैठी हैं।


अपने सुरीले कण्ठों से सात समंदर पार थार मरुस्‍थल के लोक गीतों की सरिता बहाने वाली रुकमा को दाद तो खूब मिली, मगर दो वक्त चुल्हा जल सके, इतनी कमाई नहीं। दोनों पैरों से विकलांग 55 वर्षीया रुकमा की गायिकी में गजब की कशिश है।


रुकमा देवी इस वक्त बाड़मेर से पैंसठ किलोमीटर दूर रामसर गांव के छोर पर बिना दरवाजों के कच्चे झोपड़े में रह रही हैं। लोक गीत-संगीत की पूजा करने वाली रुकमा देवी ने अपने जीवन के पचास साल माण्ड गायिकी को परवान चढाने में खर्च कर दिए। विकलांग, विधवा, पिछड़ी और दलित र्वग की इस महिला कलाकार को देश-विदेश में मान-सम्मान खूब मिला। ‘राष्‍ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान’, ‘सत्य शांति सम्मान’, ‘भोरुका सम्मान’, ‘कर्णधार सम्मान’ सहित अनेक सम्मान प्रमाण पत्रों, ताम्र पत्रों, लौह पत्रों से रुकमा का संदूक भरा पड़ा है। कला के कद्रदानों ने उन्‍हें दाद तो खूब दी, मगर जीवन निर्वाह के लिए किसी ने मदद नहीं की।


अन्तराष्‍ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करने वाली रुकमा देवी के नाम से इन्टरनेट पर साईटें भरी पड़ी हैं। इतना नाम होने के बावजूद रुकमा अपने रहने के लिये एक आशियाना नहीं बना सकीं। कला के नाम पर उनका आर्थिक शोषण ही हुआ। अन्तराष्‍ट्रीय महिला कलाकार रुकमा ने विकलांगता की परवाह किए बिना माण्ड गायिकी को नई उंचाईयां दीं। उम्र के इस पड़ाव में रुकमा अपने यजमानों के यहां भी नहीं जा सकती।


मांगणियार जाति में आज भी महिलाओं के स्टेज पर गाने पर प्रतिबन्ध हैं। सामाजिक परम्पराओं के विरुद्ध रुकमा ने साहस दिखा कर अपनी कला को सार्वजनिक मंच पर प्रदर्शित किया। यह भी विडंबना ही है कि उनके अपने समाज ने माण्ड गायिकी में क्षेत्र का नाम उंचा करने की सजा उन्‍हें दी।






एक खाट और कुछ गुदड़ों की पूंजी के साथ रह रही रुकमा को इस बात की पीड़ा है कि उनकी कला को जिन्दा रखने के कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। लुप्त होती माण्ड गायिकी के सरंक्षण के लिए कोई संस्था या प्रशासन आगे नहीं आ रहा है। रुकमा को कला के सरंक्षण की चिन्ता के साथ साथ विरासत को सरंक्षित रखने की चिन्ता भी सता रही हैं। लेकिन, आर्थिक अभावों में अपना जीवन गुजार रही रुकमा को विश्‍वास है कि कोई तो उनकी सुध लेगा। कहने को रुकमा के दो जवान बेटे हैं, मगर दोनों बेटे अपने घर-परिवार के पालण-पोषण में इस कदर उलझे हैं कि उन्हें अपनी मां की देखभाल की परवाह नहीं। रुकमा की देखभाल उनकी विधवा पुत्री फरीदा करती हैं।


मुफलिसी में अपना जीवन गुजार रही रुकमा को बीपीएल में चयनित नहीं किया गया। विकलांग और विधवा होने के बावजूद उन्‍हें पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा। लोक कलाकारों के पुर्नवास और उत्थान के लिए सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं, मगर उसका लाभ रुकमा जैसी जरुरतमन्द कलाकार को नहीं मिलता। आखिर अपने र्दद को किसके आगे बयां करे रुकमा! ‘कृष्णा संस्था’ के सचिव चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि रुकमा के पेंशन की कार्यवाही कर ली गई है। उनकी आर्थिक मदद के प्रयास जारी है।

मंगलवार, 4 मई 2010

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बाड़मेर: पाकिस्‍तान की सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी गांव खच्चरखडी की मुस्लिम बस्ती में लड़की के जन्म पर खुशियां मनाने की अनूठी परम्परा है। शिव तहसील के इस गांव में करीब चालीस परिवारों की मुस्लिम बस्ती है, जहां बेटी की पैदाइश पर खुशियां मनाई जाती हैं तथा खास तरह के नृत्य का आयोजन होता है। किसी भी घर में बेटी के जन्म पर गांव भर में गुड़ बांटा जाता है और सामुहिक भोजन की अनूठी परम्परा का निर्वाह किया जाता है।

इस सीमावर्ती जिले के कई गांवों में भ्रूण हत्या की कुप्रथा की वजह से जहां सदियों से बारातें नहीं आईं, वहीं खच्चरखडी की लड़कियों के लिए अच्छे परिवारों से रिश्तों की कोई कमी नहीं रहती है। अच्छे नाक-नक्श वाली इस गांव की खूबसूरत लडकियां और महिलाएं कांच कशीदाकारी में सिद्धहस्त होती हैं। हस्तशिल्प की इस कला से उन्हें खूब काम मिलता है। इससे घर चलाने लायक पैसा आ जाता है। हस्तशिल्प कला में अग्रणी इस गांव की लडकियों के रिश्ते आसानी से होने और साथ ही, ससुराल पक्ष द्वारा शादी-विवाह का खर्चा देने की परम्परा के चलते भी यहां बेटियों का जन्म खुशियों का सबब बना हुआ है।

इसी गांव के खुदा बख्‍श बताते हैं, ‘सगाई से लेकर निकाह तक सारा खर्चा लड़के वालों की तरफ से होता है। निकाह के कपड़े, आभूषण, भोजन आदि का खर्चा लड़के वाले ही उठाते हैं। यहां तक की मेहर की राशि भी लड़के वाले अदा करते हैं। लड़की जितनी अधिक सुन्दर और गुणवान होगी, निकाह के वक्त उतनी ही अधिक राशि मिलती है।’ गांव की बुजुर्ग महिला सखी बाई ने बताया कि गांव की लडकियों के रिश्‍ते की मांग अच्छे परिवारों में लगातार बनी हुई है।

भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले सिन्ध से (वर्तमान में पाकिस्‍तान का एक प्रांत) इस गांव की लडकियों के रिश्ते बहुत आते थे। इस गांव की लड़कियां गजब की खुबसूरत, घरेलू कामकाज में निपुण और गुणी होती हैं। बहरहाल, भारत-पाक सरहद पर बसे खच्चरखडी गांव में उच्च प्राथमिक विद्यालय की जरूरत गांव के लोगों को महसूस हो रही हैं।ताकि बेटियों को पढ़ाई सही तरीके से चल सके।

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सोमवार, 3 मई 2010

विकलांगता से नहीं, मुफलिसी से हारीं माण्ड गायिका रुकमा देवी

विकलांगता से नहीं, मुफलिसी से हारीं माण्ड गायिका रुकमा देवी

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सरहद पर पानी के लिए मारा-मारी, बंदूकों के साये में पानी की सुरक्षा


बाड़मेर: पाकिस्तान की सरहद से सटे राजस्‍थान के रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में तापमान बढ़ने के साथ-साथ पानी की समस्या विकराल होती जा रही है। सरहदी गांवों में ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। पानी की विकट समस्या के कारण गांवों में पलायन की स्थिति बन गई है। गांवों में पारंपरिक पेयजल स्रोत सूख गए हैं। लगातार छठे साल पड़े अकाल के कारण पारंपरिक कुएं, तालाब, बावडि़यों, बेरियों तथा टांकों का पानी सूख चुका है। हालात ये हैं कि जिले के लगभग 860 गांव पेयजल की किसी योजना से जुड़े नहीं हैं। इन कमीशंड, नॉन कमीशंड गांवों में प्रशासन द्वारा पानी के टेंकरों की व्यवस्था की गई है, मगर, यह महज खानापूर्ति तक ही सीमित है। गांवों में टैंकर पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। ऐसे में गांवों में लोगों ने पानी पर पहरेदारी शुरू कर दी है।



जिले के सीमावर्ती क्षेत्र चौहटन के विषम भोगोलिक परिस्थितियों में बसे गफनों के 14 गांवों में पेयजल सबसे बडी त्रासदी है। इन 14 गांवों- रमजान की गफन, आरबी की गफन, तमाची की गफन, भोजारिया, भीलों का तला, मेघवालों का तला, रेगिस्तानी धोरों के बीच बसे हुए हैं। इन गांवों में पहुंचने के लिए कोई रास्ता तक नहीं है। ऐसे में ग्रामीण अपनी छोटी-छोटी पानी की बेरियों पर ताले लगा कर रखते हैं। तालों के साये में पानी रखना यहां की परम्परा और जरूरत है। इन गांवों के लोग पानी की एक-एक बूंद की कीमत और उपयोगिता जानते हैं।



पानी के कारण गांवों में होने वाले झगडों के कारण ग्रामीण मजबूरी में पानी को सुरक्षित रखने के लिए ताले लगा कर रखते हैं ताकि पानी चोरी ना हो जाए। मगर, इस बार पानी की जानलेवा किल्लत ने ग्रामीणों को पानी की सुरक्षा के लिए बंदूकों का सहारा लेने पर मजबूर कर दिया। गांव के सलाया खान निवासी तमाची की गफन ने संवाददाता को बताया कि टांकों पर ताले जड़ने के बाद भी पानी चोरी हो जाता है। पानी की समस्या इस कदर है कि ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल कर पानी चोरी कर ले जाते हैं। चोरों का पता लगाने का प्रयास भी किया मगर सफलता नहीं मिली, तो ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर निर्णय लिया कि जिन ग्रामीणों के पास लाइसेंसी बंदूकें हैं, वो अपनी बंदूकों के साथ पानी की सुरक्षा करेंगे।



उन्होंने बताया कि ग्रामीणों का इरादा किसी की जान लेने का नहीं है, मगर पानी की सुरक्षा के लिए बंदूको के पास में होने से चोरों में भय पैदा होगा। पानी की सुरक्षा की इससे बेहतर व्यवस्था नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि चालीस किलोमीटर के दायरे में पेयजल का कोई स्रोत नहीं है। पानी का एक टैंकर टांके में डलवाते हैं, तो प्रति टैंकर छह सौ रूपए का खर्चा आता है। ऐसे में पानी चोरी होने से आर्थिक नुकसान के साथ पानी की समस्या भी खड़ी हो जाती है। हालांकि, इस समस्या और ग्रामीणों द्वारा की जा रही सुरक्षा व्यवस्था पर कोई प्रशासनिक अधिकारी बोलने को तैयार नहीं। मगर, यह सच है कि रेगिस्तानी इलाकों में प्रशासनिक लापरवाही और उपेक्षा के चलते ग्रामीणों को पानी की सुरक्षा के लिए बंदूकें उठानी पड रही हैं। यह है भारत के लोकतंत्र का नजारा। बाड़मेर जिले के गांवों में पानी की समस्या कोई नई बात नहीं है। मगर, प्रशासनिक लापरवाही के चलते हालात इतने विकट होंगे, यह किसी ने नहीं सोचा था।

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रविवार, 2 मई 2010

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 मुख्यमंत्री को जातीय पंचायत की रिपोर्ट को हल करने की मांग की
      


: बाड़मेर: तंग एक मामले में इच्छामृत्यु की अनुमति के लिए गुरुवार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कलेक्टर गौरव गोयल के बाड़मेर जिले की मांग जोड़ी से Himda ग्राम पंचायत डिक्री तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. इस मामले में Baytu Gida स्टेशन और दो अलग - अलग मामले दर्ज किया गया है.

जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि पंचायती गुरुवार के लिए तथ्यात्मक रिपोर्ट में डिक्री कार्यालय के मुख्य निर्देशित कर रहे हैं मिला. पंचों में एक कथित नस्लीय के मामले समयनिष्ठ कुछ में गया है - Actararam कमला और सुरक्षा गार्ड से प्रभावित किया है प्रदान की गई है.

जातीय जोड़ी के अत्याचारों से पीड़ित पंचों में एक मौत का प्रयास

कलेक्टर ने कहा: "Baytu एसडीएम और सपा के मामले में जांच करने के लिए निर्देश दिया गया है की जांच में दोषी अभियुक्त". जाति पंचायत वहाँ है कि मामला पंचायत नहीं किया गया है पर कार्रवाई की जाएगी.. Himda Jeharam जाति कहना पंच हम इस मामले में एक पंचायत में नहीं किया था, '. ये दोनों स्वेच्छा से शादी कर ली. हमारी ओर से कोई संघर्ष है. हम झूठा फंसाया जा रहा है. "

मनोज ने कहा कि कमला और उसके कथित दूसरे पति से Actararam Thanadhikahari Baytu Muand महिला कलेक्टर पत्र की एक प्रतिलिपि को दी शिकायत कलेक्ट्रेट एसडीएम Baytu द्वारा प्राप्त किया गया है. इस जवान औरत को मजबूर शादी के आधार पर है और उसे मामले लेने के लिए पंजीकृत किया गया है मजबूर.
बाड़मेर जिले में एक नवविवाहित जोड़े के लिए एक जिला पंचायत khap के बाद उनके जीवन को समाप्त करने की अनुमति की मांग मजिस्ट्रेट से संपर्क किया है उनकी जुदाई रुपए और 5 लाख के भुगतान का आदेश दिया. पंचायत उन्हें मारने के लिए अगर अपनी असफल निर्देश का पालन करने के लिए धमकी दी थी.

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, Bhimda गांव की पंचायत khap 5 मार्च को खारिज कर दिया था कि एक गंभीर खामा उसे कानूनी चतरा पति राम के साथ उसके संबंध होता है और एक ही गांव के एक रेखा राम के साथ रहते हैं. Khap पंचायत मामा और खामा के भाई के अनुरोध पर बुलाया गया था, क्योंकि वे कथित तौर पर राम रेखा से 5 लाख रुपए एक वादा है कि खामा उससे शादी हो जाएगा के साथ लिया था.

Khap जोड़ी पूछा रुपये रेखा राम, करने के लिए 5 लाख का भुगतान किसके साथ खामा जाना बताया गया था. Khap तो फैसला सुनाया कि जोड़ी को मार डाला होगा, अगर वे निर्देश का अनुपालन करने के लिए असफल.

खामा और फिर राम चतरा जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क किया और कथित तौर पर एक विचित्र अनुरोध डाल: कि वे स्वयं पिछले करने के लिए khap निर्देश भागने की कोशिश को मारने की अनुमति दी जाए.

गौरव गोयल, डीएम ने कहा: "कुछ मेरे पास आए और धमकियों और जबरन वसूली के बारे में शिकायत हम एक मामला दर्ज किया है.." उन्होंने कहा खामा भी बलात्कार की शिकायत की थी और एक शिकायत दर्ज की गई है. ", गोयल ने कहा कि पुलिस की शिकायत की जांच और कार्रवाई कर रहे हैं अपराधियों के खिलाफ लिया जाएगा." उन्होंने कहा कि प्रशासन सुरक्षा के लिए जोड़े को एक गार्ड प्रदान की गई है और khap सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

रिपोर्टों के अनुसार, खामा 2001 में उसके दादा और उसकी माँ की सहमति से चतरा राम के लिए प्रयासरत थे. हालांकि, फरवरी 2010 के बाद से, उसके मामा और भाई उसके Mokhab गांव के राम रेखा से शादी करने के बाद वे कथित तौर पर उसके पास से धन ले लिया गया मजबूर था. खामा दावा है कि वह जबरन रेखा राम, जो कथित तौर पर रखा के साथ भेजा गया था उसे रस्सियों से बंधे हैं.

सूत्रों के अनुसार, वह भागने में कामयाब और सीधे चतरा राम के पास गया. जोड़े मार्च 2010 में जोधपुर के पास आकर शादी आर्य समाज की परंपराओं के अनुसार.

बहरहाल, खामा भाइयों पुलिस के साथ जोड़ी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई. पुलिस जालौर जिले से चतरा राम को गिरफ्तार किया.

अदालत में, खामा व्यक्त उसे चतरा राम के साथ रहना है जिसके बाद अदालत ने उन्हें एक साथ रहने के लिए के रूप में वे वयस्क थे और कोई भी बल या बाध्यता के बिना शादी की अनुमति चाहते हैं.

खामा है भाई तो khap की मदद मांगी लिए दंडित जोड़ी मिलता है.

गूगल साइट एक href = "http://sites.google.com/?hl=en&tab=w3&pli=1">

बुधवार, 28 अप्रैल 2010

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Without AC Give the coolness, the Sindh Thar style Anute Zoanpa


Barmer, Rajasthan,

: vast desert land - located in difficult circumstances at the Barmer district of Rajasthan dreams are no less beautiful paintings. Tharwasioan's tough but colorful lifestyle affects everyone. Dhoroan made between desert - like attract like Zoanpa everyone.

Made by villagers along the Pakistani border region where the desert of Sindh style Anute Zoanpa colorful lifestyle show, the Thar Desert is the tree to heat the retort Zoanpa These indigenous, in the 48-50 degree heat without the cooler air Kanadishne and provide a feeling of coldness. Rajasthani desert area and go in any direction, Zoanpo different - different kinds Zonkiyon hundreds of eyes are relaxed. For many, the riot of the village Zoanpo meet the diversified, some village Zoanpere, Perve, Ghdaal, filters, etc. forms niches in texture, Mandai, Rupokanne and comfort - features beautiful nature will be saved.

Murr Zoanpo village in the wall, vertical, ash or cement is used. Zoanpoan walls of the upper part of the work area available in dendritic Mandai - plants, grass and bushes are appropriate. Chan or Zoanpa beautiful as the inner portion of the roof is used to Sarkandoan. The Mandan are taken care of in the traditional craft and ritual. Zoanpo conventional flooring is featured Lipa dung. Zoanpo Basaoo the farm is at high altitude location or Dhore. Before fixing the air space, water and guarding fields is taken into account. Zoanpa approach of building full of air time are considered. Face to face Moake windows are placed on the walls, which sustained wind comes.

Sindh border area became Zoanpa style are high. Thar region of Sindh Zoanpo Zoanpo like to make them appealing to the inner portion of Gehru Hanto Pndo and the color is. On his dry, and empty niches and places around Mokhoan folk culture tend Maandne Maande. Maandne Bhuarrangee, and bright colors of these occur. Pndo and wrist watch is made of the effect of their riot. These dendritic Maandono folk style - plants, vegetation, sun, Chanu, Bell - Bute; animal - birds, folk instruments, folk deities are adorable illustration. Somewhere - somewhere Pndo colors instead of the white surface of the Gehru Chitaram are sculpted.

The courtyard is decorated Zoanpa little. Mite and smooth plaster of cow dung in the courtyard of the skirting and between Gehru and Pndo - Maand Maandne between tax court is made attractive. Zoanpa Hotleo elegance of a five-star general homes have become. Domestic - foreign tourists, especially Zoanpoan demand. Charrayo Zopoan is also fond of public officials. Each officer's bungalow usually two - three Zoanpa must seem.


रविवार, 25 अप्रैल 2010

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राजस्‍थान: गो-तस्‍करों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रोड जाम



बाड़मेर: पाकिस्‍तान की सीमा से लगे राजस्‍थान के बाड़मेर जिले के शिव कस्बे में हजारों गो-भक्तों ने शनिवार देर रात गो-तस्करों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रास्ता जाम कर दिया। तनावपूर्ण स्थिति के बीच रविवार को पूरे दिन शिव कस्बा पूरी तरह से बंद रहा। गो-भक्‍त दिन भर रास्तों का घेराव करते रहे। इस दौरान करीब चार-पांच घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया गया। आंदोलनकारियों का नेतृत्व शिव के पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत और राजस्थान गो-सेवा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष स्वामी प्रतापपुरी ने किया। घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार देर रात ही दोनों नेता घटनास्थल पर पहुंच गए। घटना की खबर आग की तरह पूरे कस्बे में फैली और रविवार सवेरे से शिव मुख्यालय पर गो-भक्तों को जमावड़ा शुरू हो गया। समाचार लिखे जाने तक करीब पांच हजार लोग मौके पर जमा हो गए थे।

आक्रोशित गो-भक्तों ने रास्ता जाम करने के साथ ही कुछ वाहनों के शीशे तोड़ने और दुकानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी की। तनाव को देखते हुए शिव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। रविवार को दिन भर पूरा शिव कस्‍बा पुलिस छावनी में तब्दील रहा। पुलिस ने स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में होने का दावा किया है। गो-भक्तों के मुताबिक, शनिवार रात को गो-वंश की खुली तस्करी की जानकारी के बावजूद पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना रहा और गो-तस्करों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया। बताया गया कि कस्बे में पुलिस थाने के सामने से गायों और बछड़ों से भरे तीन ट्रक गो-तस्कर ले गए।

इस बात की जानकारी आस-पास ग्रामीणों को मिलने पर रात को ही सैकड़ों लोग शिव थाने के बाहर जमा हो गए तथा गो-तस्करों के ट्रक की बरामदगी और तस्करों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। रात को को ही आक्रोशित ग्रामीणों ने शिव कस्‍बे की ओर आने और वहां से जाने के सारे रास्ते जाम कर दिए। पुलिस मुख्यालय पर घटना की सूचना मिलने के बाद अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। इसके बावजूद ग्रामीणों ने थाने पर अपना प्रर्दशन जारी रखा। भारी तनाव और नारेबाजी के बीच रात भर ग्रामीणों ने शिव से आवागमन के सारे रास्ते जाम कर दिए। गो-सेवा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष स्वामी प्रतापपुरी, पूर्व विधायक डॉ. जालमसिंह के नेतृत्व में रविवार प्रातः हजारों गो भक्त शिव मुख्यालय पर एकत्रित हो गए। आक्रोशित भीड़ ने कई स्थानों पर टायरों में आग लगा कर रास्तें जाम कर दिए। उन्‍होंने मुख्यालय पर स्थित दुकानों और केबिनों में तोड़फोड़ भी की, जिसके कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई। समाचार लिखे जाने तक ग्रमीणों का प्रर्दशन जारी था।

जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष चालके ने बताया कि पुलिस ने तीनों ट्रको को बरामद कर दिया हैं। आन्दोलनकारियों से र्वाता चल रही है और स्थिति शान्तिपूर्ण है।

वहीं दूसरी ओर आन्दोलनकारियो ने गो-तस्करों को गिरफ्तारी, दोषी पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने तथा गौवंश की बरामदगी की मांग रखी। अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक श्रीराम मीणा और उप अधीक्षक जस्साराम बोस के साथ प्रशासन की ओर से उपखण्ड अधिकारी आंदोलनकारियों से वार्ता का प्रयास कर स्थिति नियंत्राण के प्रयास में लगे रहे। सूत्रों ने बताया कि आंदोलनकारियों की तमाम मांगे मान ली गई, साथ ही मामले के चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस को अब तक घटना के मुख्य अभियुक्त सहित एक जने की तलाश है।
बाडमेर: केयर्न्‍स इंडिया ने मंगला से सलाया तक तेल परिवहन शुरू किया


बाड़मेर: राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले में केयर्न्‍स इंडिया के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल (एमपीटी) के उत्पादन श्रृंखला द्वितीय के एक सिरे से रविवार प्रात: खनिज तेल प्रवाहित करने का काम आरंभ हो गया।

केयर्न्‍स इंडिया के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा अर्चना के साथ तेल प्रवाहित किए जाने की प्रक्रिया आरंभ की गई। तेल उत्पादन सुविधा श्रृंखला द्वितीय की अधिकतम क्षमता 50 हजार बैरल प्रतिदिन है। तेल प्रवाहित करने संबंधी प्रक्रिया के लिए कार्मिकों को विशेष सुरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है।

इस प्रक्रिया में तेल कुओं के समूह से उत्पादित खनिज तेल एमपीटी के सेपरेटर, हीटिंग, स्टोरेज इत्यादि इकाइयों से होकर लगभग एक सप्ताह की अवधि में मंगला तेल क्षेत्र से गुजरात के सलाया तक बिछाई गई विशिष्ट प्रकार की तेल परिवहन पाइप लाइन के एक सिरे तक पहुंचेगा। मुख्य पाइप लाइन के दूसरे सिरे तक तेल पहुंचने में करीब एक माह का समय लगेगा।

सूत्रों के अनुसार, तेल उत्पादन सुविधा श्रृंखला एक से वर्तमान में प्रतिदिन लगभग तीस हजार बैरल उत्पादित तेल का परिवहन टेंकरों से किया जा रहा है। उत्पादन श्रृंखला तृतीय वर्ष 2010 के अंत तक विकसित की जानी है। अगले वर्ष भाग्यम और ऐश्वर्या तेल क्षेत्र से भी उत्पादित तेल का परिवहन पाइप लाइन से किया जाएगा।

बाड़मेर से गुजरात के समुद्री तट तक बिछाई गई पाइप लाइन की तेल परिवहन क्षमता करीब ढाई लाख बैरल प्रतिदिन है। अगले वर्ष के अंत तक इससे रोजाना पौने दो लाख बैरल तेल परिवहन का लक्ष्य है। आवश्यकतानुसार इसमें वृद्धि की जा सकेगी। राज्य में रिफाइनरी लगने पर इसी पाइप लाइन से तेल की आवक भी संभव होगी।

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24 दिन में 70 हिरणों की मौत

भीषण गर्मी में पानी और भोजन की तलाश में भटकते वन्यजीव आवारा कुत्तों व सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। अप्रैल महीने में 24 दिन में जोधपुर के जिले में 70 हिरणों की मौत हो चुकीं है। यह भी केवल रैस्क्यू सेंटर तक घायल अवस्था में पहुंचने वाले हिरणों के आंकड़े हैं, आधे हिरण तो मौके पर ही दम तोड़ देते हैं।

पानी व भोजन की कमी से वन्यजीवों के सामने संकट पैदा हो गया है। पानी की सूखी खेलियों और हरे चारे की कमी के चलते वन्यजीव आवासीय क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। वन्यजीव सड़क पर आते हैं, जहां वाहनों की टक्कर और आवारा कुत्ते उन पर हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं।




विश्नोई कमांडो फोर्स के अध्यक्ष पुखराज विश्नोई ने बताया कि वन्यजीवों के प्रति वन विभाग गंभीर नहीं है। हिरणों के मरने की संख्या में बढ़ोतरी सरकार के लिए घातक है। विश्नोई ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में लगातार हो रहे शिकार के बावजूद विभाग नींद में सोया है।




गर्मी के साथ बढ़े मामले




जोधपुर के निकट गुढ़ा विश्नोइयां, जाजीवाल, रूड़कली, हेमनगर-जोलियाली, धोरीमन्ना, बनाड़, ओसियां व सालोड़ी जैसे हिरण बहुल क्षेत्रों में विचरण करने वाले वन्यजीवों के सामने गर्मी बढ़ने से भोजन और पानी का संकट गहरा गया है। इससे पहले जोधपुर जंतुआलय के रैस्क्यू सेंटर में एक महीने में यह आंकड़ा 15 को भी नहीं छू रहा था।




जनवरी से मार्च तक स्थिति




वन विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार जनवरी में 11, फरवरी में 13 व मार्च में 12 घायल हुए हिरणों की मौत हुई।




मामले की जांच होगी




वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सरकार हर तरह के प्रयास कर रही है। 2४ दिन में 70 हिरण मरना मुझे मालूम नहीं था। मामले की जांच करवाता हूं।




- रामलाल जाट, वन एवं पर्यावरण मंत्रh

. बाड़मेर
सुबह शहर के नेहरुनगर क्षेत्र स्थित तीन किराणे की दुकानों पर छापा मारकर आबकारी दल ने करीब पांच लाख रुपए की अवैध शराब बरामद की। इससे पूर्व नेहरु फाटक के निकट अवैध शराब बेचने की फिराक में घूम रहे दो लोगों को पकड़कर उनसे अवैध शराब के 21पव्वे बरामद किए। इस कार्रवाई में आबकारी दल ने एक किराणा व्यापारी को अवैध शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जबकि दो अन्य व्यापारियों की तलाश जारी है। जिला आबकारी अधिकारी कोजाराम ताडा ने बताया कि शनिवार सुबह नेहरु नगर स्थित तीन किराणे की दुकानों में बारी-बारी से छापा मार यहां अवैध रूप से बिक्री के लिए रखी शराब बरामद की इस कार्रवाई में तीनों दुकानों से अवैध अंग्रेजी शराब की 780 बोतल, 5 हजार 808 पव्वे तथा बीयर की 168 बोतलें बरामद कर मेघसिंह पुत्र ओमसिंह नामक एक व्यापारी को गिरफ्तार किया गया। जबकि अवैध शराब बेचने के दो अन्य आरोपी प्रेमसिंह पुत्र मेहताब सिंह व प्रेमसिंह पुत्र भैरूसिंह भायल मौके से नदारद थे इनकी तलाश शुरू कर दी गई है। उधर आबकारी दल ने एक अन्य कार्रवाई में शहर के नेहरू फाटक के पास अवैध शराब बेचने की फिराक में घूम रहे त्रिलोकाराम के कब्जे से 12 पव्वे तथा अचलाराम के कब्जे से 9 पव्वे अवैध शराब बरामद कर दोनों गिरफ्तार कर लिया। उपनिदेशक प्रवर्तन आबकारी दईदानसिंह भाटी के नेतृत्व में आबकारी दल के स्टॉफ ने कार्रवाई को अंजाम दिया।

अवैध शराब के व्यापारियों में मचा हड़कंप

शनिवार को शहर के नेहरु नगर क्षेत्र में आबकारी दल की कार्रवाई से अवैध शराब बेचने वाले व्यापारियों में हड़कंप मच गया। इससे नेहरु नगर से जोधपुर रोड तक चोरी छिपे अवैध शराब बेचने वाले कई व्यापारी दुकान बंद करके भाग छूटे।

बालोतरा. पांच साल से फरार स्थायी वारंटी गिरफ्तार: पुलिस ने पांच वर्ष से फरार एक स्थायी वारंटी को गिरफ्तार कर एसीजेएम कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार हैड कांस्टेबल चुतराराम मय जाब्ता मारपीट के मामले में पांच साल से फरार चल रहे स्थायी वारंटी लूणाराम पुत्र दलाराम भील निवासी मेवानगर को शनिवार को गिरफ्तार किया। पुलिस दल ने मुखबिर की इत्तला पर उसके गांव में दबिश देकर उसे पकड़ा।
महिला व्याख्याता ने छात्रा का गला दब
बाड़मेर. स्थानीय गल्र्स कॉलेज में शनिवार सुबह परीक्षा दे रही एक छात्रा व महिला व्याख्याता के बीच नकल प्रकरण को लेकर हुई तकरार से परीक्षा दे रही छात्रा बेहोश हो गई। आनन-फानन में कॉलेज के प्राचार्य व अन्य शिक्षक उसे स्टाफ रूम में लेकर आए और मुंह पर पानी के छींटे देकर जैसे-तैसे होश में लाए।




तब कहीं छात्रा होश में आई और वापिस परीक्षा दे पाई। पुलिस ने बताया कि छात्रा गंगा पत्नी प्रहलादराम ने मामला दर्ज करवाया कि शनिवार को वह गल्र्स कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की लोक प्रशासन विषय की परीक्षा देने सुबह 7 बजे कॉलेज गई थी। 7.15 बजे जब वह परीक्षा दे रही थी, तभी उड़न दस्ते में शामिल व्याख्याता मृनाली चौहान ने नकल करने के शक पर उससे पूछताछ की और उसे धमकाते हुए मारपीट शुरू कर दी।




उसने मारपीट का विरोध किया तो व्याख्याता ने उसका गला दबाकर उसे धक्का दे दिया। इससे वह बेहोश होकर नीचे गिर गई। थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो वह स्टाफ रूम में थी जहां अन्य व्याख्याताओं ने उसके मुंह पर पानी के छींटे डाले तो उसे होश आया, तब तक परीक्षा का आधा समय बीत चुका था। प्रिंसीपल आरपी. माथुर ने बताया कि छात्रा के पास किसी तरह की नकल सामग्री नहीं मिली।




छात्रा का आरोप मेरे साथ हुई मारपीट




नकल के शक पर व्याख्याता मृनाली ने मेरे साथ मारपीट की और गला दबा दिया। इससे मैं बेहोश हो गई और परीक्षा के आधे समय मैं परीक्षा नहीं दे सकी।




- गंगा, परीक्षार्थी, बीए प्रथम वर्ष




व्याख्याता की सफाई कागज निगल गई छात्रा




सुबह 7.15 बजे जब मैंने छात्रा गंगा को नकल करते हुए देखा, तो उसके पास गई। इस पर उसने नकल के कागज को निगल लिया और घबराकर बेहोश सी हो गई। मैंने छात्रा के साथ कोई मारपीट नहीं की।

hrराजस्‍थान: थारवासियों के रिकॉर्ड तैयार कर रही है पुलिस



बाड़मेर: राजस्‍थान के थार रेगिस्‍तान क्षेत्र में स्थित बाड़मेर जिले में औद्योगिकरण के साथ बढ़ती आपराधिक घटनाओं की रोकथाम को लेकर पुलिस प्रशासन ने संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने और अवांछित गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शहर में ‘डोर-टु-डोर सर्वे’ शुरू किया है। इसके तहत शहर में निवास कर रहे बाहरी लोगों के साथ यहां के मूल निवासियों का रिकार्ड भी संधारित किया जाएगा ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना व अपराध की स्थिति में पीडि़त और आरोपी व्यक्तियों का आसानी से पता लगाया जा सके।

शहर में आमजनों की सुरक्षा के बेहतर इंतजाम और कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस प्रशासन ने पहली बार ‘डोर-टु-डोर सर्वे’ का काम शुरू किया है। इसके लिए बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष चालके ने बीट कांस्टेबलों को घर-घर जाकर बाड़मेर शहर के मूल निवासियों सहित यहां किराए पर रह रहे लोगों के विषय में समुचित जानकारी लेकर इसका रिकॉर्ड संधारित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस सर्वे के तहत मकान मालिक व उसके पिता का नाम, व्यवसाय, पूरा पता, मोबाइल नंबर, वाहनों की संख्या (नंबर सहित) और नौकरों की जानकारी ली जा रही है। साथ ही, किराए पर रह रहे लोगों के विषय में भी इसी तरह की जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं।

इसलिए पड़ी सर्वे की जरूरत

बाड़मेर जिले मे तेल व लिग्नाइट आधारित विद्युत उत्पादन इकाइयों की स्थापना से बड़ी संख्या में बाहरी लोग आकर बस गए हैं। नागाणा स्थित तेल उत्पादन इकाई व भादरेस स्थित विद्युत उत्पादन इकाई में कार्यरत करीब 15 हजार श्रमिकों का अभी तक चरित्र सत्यापन नहीं हुआ है। पुलिस ने कई मर्तबा इन कंपनियों को श्रमिकों का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने की हिदायत दी है, लेकिन इन कंपनियों ने अभी तक जानकारी नहीं दी है। गत वर्ष सितंबर माह में बाड़मेर शहर से 25 किलोमीटर दूर भादरेस स्थित पॉवर प्लांट में आतंकवादी घूमकर चला गया।

साथ ही, जिले से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा (पाकिस्‍तान) से हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी के मामले प्रकाश में आए। जिले में चोरी, हत्या व लूट की भी कई वारदातें हुई हैं। इनको ध्यान में रखते हुए बाड़मेर में निवास कर रहे स्थानीय व बाहरी लोगों का समुचित रिकॉर्ड संधारित किया जा रहा है ताकि अपराध की स्थिति में पीडि़त व अपराधी की पहचान की जा सके।

‘डोर-टु-डोर सर्वे’ से निश्चित ही संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान हो सकेगी। यह रिकॉर्ड आपराधिक गुत्थियों को सुलझाने में सहायक साबित होगा।

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शनिवार, 24 अप्रैल 2010

Rajasthan: to be governor of the border, villagers and soldiers joy - sadness

: राजस्थान बार्डर की राज्यपाल होने के लिए, ग्रामीणों और सैनिकों को खुशी - दुख
      



 पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले के नवनियुक्त जिला पाकिस्तान की सीमा पर कलेक्टर गौरव गोयल बैठनेवाला Grmeeonoan के बारे में पता करने के लिए सीमावर्ती गांवों में पहुंचे. आदेश दिया है लोग - दर्द पीड़ित और अधीनस्थ अधिकारियों की समस्याओं के त्वरित निवारण सुना. जिला कलेक्टर अधिकारियों को चेतावनी दी हार्ड जन समस्याओं को अच्छी तरह से नहीं तो समस्या निवारण के लिए बाध्य किया गया. लंबे समय के बाद सीमा पर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने के लिए एक शासक था. ग्रामीणों की समस्याओं के संबंध में जिला कलेक्टर गौरव गोयल, सीमा के दर्जनों गांवों सुलभ पानी, चारा, रोजगार और विकास के काम सुना है.

जिला कलेक्टर ने कहा, सीमा के गांवों और ग्रामीणों को सुविधाएं उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने की पुष्टि के सीमावर्ती गांवों में थे. उन्होंने समस्याओं के त्वरित समाधान किया जाएगा. किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की लापरवाही बख्शा नहीं जाएगा. आमतौर पर किसी भी अधिकारी सीमा पर नहीं पहुँचती. गौरव गोयल से अधिक दो दिनों संभाल पहुंचे ग्रामीणों के बीच पैदा अपेक्षाओं के बाहरी इलाके में.

नरेगा Sojana गांव में Neadi Ssnau चल रहे उत्खनन कार्य में कलेक्टर का निरीक्षण किया. अनियमितता पाऐ Metoan पर दो कार्यों के मौके पर हटा दिया. लेकिन मापन कार्य नहीं करते हैं, स्थान स्वास्थ्य सुविधाओं और जिला कलेक्टर संबंधित अधिकारियों पर नाराजगी जताई Ahrkaaya श्रमिकों की अनुपस्थिति नहीं. जल आपूर्ति और गरीबों के घर में अधिकारियों ने सीमा को देखा है प्रणाली Honia Haedento Nalkaoopoan प्वाइंट तुरंत ठीक से पकड़ का आदेश दिया.

Goarv गोयल सैनिकों को भारतीय सीमा चौकी अंतिम Kaellnoar चौंका पहुँचे. युवा पुरुषों में उनके Shudh ले गया है किसी भी प्रशासनिक अधिकारी कभी नहीं था. अपनी पहली पुरुषों अच्छा व्यक्त किया जा करने के लिए युवा कलेक्टर बीच में. कलेक्टर सैनिकों, उनकी खुशी - दुख साझा मिलने के लिए. Kushalkshaema पूछा. बीएसएफ के सैनिकों कलेक्टर उनकी समस्याओं से अवगत कराया. वे लोगों की समस्याओं को सुनने और उनके निराकरण के लिए आदेश दिया था.

पाकिस्तान की सीमा चौकियों के मोर्चे पर कलेक्टर वह भी पूछा Durben देखा है और पाक गतिविधियों जाएगा. वह सीमा चौकियों का निरीक्षण किया. युवा और पहली बार ग्रामीण जिला अधिकारी अपने बीच पाकर उत्साहित लग रहा था. Kaellnoar Jetmalsinah बुजुर्ग निवासी ने कहा कि प्रशासन अंतिम नहीं है कोशिश भी नहीं गाँव तक पहुँचने कभी नहीं. युवा जिला कलेक्टर ग्रामीणों के बीच तक पहुँचने के लिए समस्याओं का सुना है, यह हमारे लिए एक राहत है. युवा कलेक्टर उम्मीदों उठा रहे हैं. पानी के बीएसएफ के जवानों है कि सीमा क्षेत्र और प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं. पहली बार युवा पुरुषों के सुख - दुख आने के लिए जिला कलेक्टर, ऐसा पूछने के लिए.


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मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

BARMER NEWS TRACK_pak aarmy exersize


Sunday's exercises were meant to replicate a counter offensive against an invading ground force. They included 21 bombing runs by various Pakistani jets, displays of anti-aircraft weaponry, tanks moving in formation and round after round of heavy artillery.

''It is meant to signal internally that we are back to where we belong,'' said Moeed Yusuf, from the Washington DC-based thinktank, United States Institute of Peace. ''For the world, it signals that India remains the principal threat.''
There was no immediate comment from New Delhi. India generally refrains from commenting on such scheduled exercises.

Those watching - including the prime minister, the country's military leaders and politicians - clapped as targets were hit some 2,000 meters away across the shimmering, dusty Cholistan Desert. The loudest round of applause was for when an unmanned drone was shot out of the sky by a barrage of anti-aircraft fire.

After watching a display, Prime Minister Yousuf Raza Gilani several times mentioned the successes in the northwest.

''The world sees Pakistan as a bulwark against extremism and militancy. It is in this struggle the nation has pledged to support the armed forces. Pakistan is fully committed to the struggle in the west,'' he said.


Military launches biggest-ever war games



KARACHI: Pakistan’s military forces launched the country’s biggest military war games on Saturday.
The exercises, code named ‘Azm-e-Nau,’ will deploy 50,000 soldiers from the artillery, infantry and armoured corps units for one month.
Azm-e-Nau is said to be Pakistan’s biggest war-games in more than 20 years, and will be carried out near Pakistan’s eastern border with India
Earlier his month, Pakistan Air Force held a demonstration for invited guests, including foreign defence officials, in Punjab to show its capacity to contribute to the fight against militants.
The military says all available surveillance and reconnaissance assets will be utilised in the exercise to validate their efficiency.
Pakistan’s Chief of Army Staff General Ashfaq Parvez Kayani declared the years 2009-2010 as the ‘year of training’ based on the current security situation.

s Army training aircraft crashes near Peshawar



PESHAWAR: An army training aircraft crashed on the outskirts of Peshawar, killing the pilot on Thursday.
According to the police, Pakistan Army's Mushaq aircraft was on a routine training mission when it crashed in Nelavi area in the open fields.
The wreckage of the aircraft has been found and the body of pilot has been shifted to Combined Military Hospital Peshawar.
Police said the aircraft may have crashed because of technical fault, however, the ISP is still investigating the reason of the crash.




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BARMER NEWS TRACK



बाडमेर। जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जिले में पेयजल की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिए है कि पेयजल के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा इसमें लापरवाही बरतने पर कडी कार्यवाही की जाएगी। वे सोमवार प्रात: साप्ताहिक समीक्षा बैठक को सम्बोधत कर रहे थे। इस अवसर पर जिला कलक्टर गोयल ने बताया कि जिले में पेयजल की समस्या प्रमुख है तथा इस निवारण में तत्परता की आवश्यकता है।
उन्होंने पेयजल से संबंघित स्वीकृत कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध नल कनेक्शन हटाने के निर्देश देते हुए बताया कि दुबारा अवैध कनेक्शन करने पर संबंघित व्यक्ति के विरूद्ध पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया जाकर न्यायालय में चालान पेश करवाए जाए। उन्होने कन्टीजेन्सी के फेस द्वितीय के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की तथा बकाया हैण्डपम्पों व नलकूपो की खुदाई को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
गोयल ने बाडमेर शहर में दोपहर में बिजली की कटौती नहीं करने को कहा। उन्होंने गेंहंू रोड पर अधूरे ट्यूबवेल की खुदाई पूर्ण करने की भी हिदायत दी। उन्होंने नलकूपों की खुदाई के मामले में भू जल विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने पर ठेकेदार से कार्य करवाने को कहा। पाबूसरी में कन्टीजेन्सी के कार्य पर बिजली विभाग को अण्डर टेकिंग लेकर विद्युतीकरण का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। असफल हैण्ड पम्पों का दुबारा भौतिक सत्यापन करवाकर संशोघित स्वीकृति आदेश जारी करने की भी हिदायत दी।

जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के अघिकारियों से कहा कि उनका सर्वोपरि कार्य लोगों को पेयजल पहुंचाना होना चाहिए तथा इसके लिए वे व्यक्तिगत स्तर पर सक्रिय रहकर कार्य करें तथा स्वीकृत कार्य शीघ्र चालू करवाने के साथ ही ठेकेदारों की समस्याओं का भी समाधान करें। बैठक में अतिरिक्ति जिला कलक्टर एच.एस.मीणा, उपखण्ड अघिकारी मीठूसिंह, सहायक प्रभारी अघिकारी चूनाराम पूनड व अधीक्षण अभियन्ता डी.सी.विश्नोई तथा जलदाय विभाग के अघिशाषी अभियन्ता उपस्थित थे।



आंधी का कहर जारी


बाडमेर।थार में दूसरे दिन भी रेतीली आंघियों ने जनजीवन को अस्त व्यस्त रखा। सुबह से ही धूल के गुब्बार उडने शुरू हो गए जो देर शाम तक जारी रहे। सीमावर्ती क्षेत्रों पर सडकों पर रेत जमा हो जाने से वाहनों के आवागमन को लेकर परेशानी शुरू हो गई है। सोमवार को सुबह से ही तेज गति से हवाओं के चलने का दौर शुरू हो गया। दोपहर को तापमान बढने के साथ लू व आंधी शुरू हो गई। राष्ट्रीय राजमार्ग पंद्रह और मेगा स्टेट हाईवे पर चलने वाले वाहनों के लिए धूल में उडते गुब्बार मुश्किल बन गए और आगे आते हुए वाहन नहीं सूझ रहे थे। दिन में वाहनों की आवाजाही इसी कारण कमजोर हो गई। चौहटन, सिवाना, शिव, गुडामालानी, धोरीमन्ना सहित जिले भर में आंघियों का दौर चला।


सरपंच पर पांच-पांच हजार रूपए जुर्माना (कोस्ट) लगा दिया।

जोधपुर। राज्य में नरेगा योजना के तहत जनहित कार्यो के लिए जिला कलेक्टरों द्वारा निविदाएं मांगे जाने को विभिन्न ग्र्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर से चुनौती दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान उ"ा न्यायालय न केवल याचिकाओं को खारिज कर दिया बल्कि सरपंचों के इस कृत्य के लिए उनके विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणियां की और प्रत्येक सरपंच पर पांच-पांच हजार रूपए जुर्माना (कोस्ट) लगा दिया।
न्यायाधीश डॉ. विनित कोठारी ने राजस्थान प्रदेश सरपंच एसोसिएशन तथा विभिन्न ग्र्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एम.आर. सिंघवी व अन्य द्वारा दायर इन याचिकाओं पर कडे शब्दों में कहा कि सरपंचों को ग्राम पंचायतों में जनहित की योजनाएं लागू करने की जिम्मेदारी के साथ ही कई कानूनी अधिकार दिए गए हैं, जिनका उन्हें जनहित में उपयोग करना चाहिए न कि स्वयं हित के लिए। न्यायाधीश ने कहा कि नरेगा योजना ग्रामीणजन के लिए चलाई जा रही है।
जिला कलक्टर के पास विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की देखरेख और समन्वय का जिम्मा है, ऎसे में जिला कलेक्टर द्वारा निविदाएं आमंत्रित कर ली गई तो इसमें गलत क्या हैक् निविदाएं आमंत्रित करने को सरपंच जो कि जन प्रतिनिधि हैं, के द्वारा चुनौती दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि संदेहास्पद कदम है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि नरेगा अधिनियम में योजना के तहत किए जाने वाले कार्यो में मशीनरी उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है और सिर्फ मानव संसाधन ही लगाए जा सकते हैं, लेकिन जिला कलक्ेटरों द्वारा जारी निविदाओं में मशीनें उपयोग लेने की छूट दे दी गई है, जो अधिनियम के प्रावधानों व योजना के उद्देश्य के विरूद्ध है। अन्य याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता पी.एस. भाटी ने कहा कि योजना के तहत निविदा सरपंच ही आमंत्रित कर सकते हैं।
राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता आनन्द पुरोहित का कहना था कि सरपंचों की याचिकाएं अनुचित है अधिनियम में मशीनरी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। जिला कलक्टरों से निविदाएं योजनाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर अंकुश के उद्देश्य से जारी करवाई गई है। राज्य सरकार ने सरपंचों को कई अधिकार दिए हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि सरकार जनहित में स्वयं कार्य ही नहीं कर सकती। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि ये याचिकाएं अनुचित है। उ"ा न्यायालय ने कई सरपंचों द्वारा मिलकर याचिकाएं दायर किए जाने पर आश्चर्य जताते हुए सरपंचों पर व्यक्तिगत रूप से पांच-पांच हजार रूपए कोस्ट लगाते हुए याचिकाएं खारिज कर दी।





'मिलावट करनेवालों के खिलाफ होगी कार्रवाई'



बाडमेर । राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि सरकार आम जन को मिलावट रहित तथा शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है तथा मिलावट करने वालों के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जाएगी। वह सोमवार को शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत जिला स्तर पर चल प्रयोगशाला के उदघाटन कार्यक्रम को सम्बोघित कर रहे थे।इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने बताया कि मनुष्य के लिए स्वास्थ्य सर्वोपरि है तथा शुद्धता उसका मूल अघिकार है।
आम आदमी को शुद्ध चीजें उपलब्ध हों इसके लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप आज सभी जिला मुख्यालयों पर चल प्रयोगशालाओं को आरम्भ किया जा रहा है। इसमें कोई भी उपभोक्ता अथवा दुकानदार किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री की जांच करवा सकता है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता के बुलावे पर चल प्रयोगशाला उपलब्ध होगी। इस मौके पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने कहा कि इस चल प्रयोगशाला का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि आम जन व आम उपभोक्ता इससे लाभान्वित हो सके।
उन्होंने इसे उपभोक्ता के अघिकारों के संरक्षण के लिए मील का पत्थर बताया। इस अवसर पर जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि इससे आम उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
इससे पूर्व जिला रसद अघिकारी ललित जैन ने चल प्रयोगशाला पर प्रकाश डाला। उद्घाटन के अवसर पर पुलिस अधीक्षक संतोष चालके, अपर कलक्टर एच.एस.मीणा, मुख्य कार्यकारी अघिकारी रामावतार मीणा, विधायक पदमाराम मेघवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उषा जैन, एडवोकेट सुनीता चौधरी समेत जनप्रतिनिघि तथा अघिकारी उपस्थित थे।









'काम नहीं करना है तो इस्तीफा दो'

जैसलमेर। 'पीएमओ साहब, काम नहीं करना है तो सरकार को इस्तीफा दे दो। गर्मी कितनी तेज है, मरीज पंखे व कूलर नहीं होने से बेहाल हैं। भगवान से डरो। ऎसी व्यवस्थाएं क्या आप अपने घर मे रखतेक् क्या घर मे कूलर या पंखा खराब होने पर आप उसे ठीक कराने के लिए इतना इंतजार करते'क् सोमवार को राजकीय जवाहर चिकित्सालय के दौरे के दौरान जिला प्रमुख अब्दुला फकीर ने जब अव्यवस्थाओ का आलम देखा तो प्रमुख चिकित्सा अघिकारी पर अपना गुस्सा जाहिर करने से खुद को नहीं रोक पाए।
उन्होने चिकित्सालय मे जब अव्यवस्थाओ का आलम देखा तो नाराजगी जताई और पीएमओ को लताड भी लगाई। जिला प्रमुख फकीर के साथ प्रधान मूलाराम चौधरी के साथ ही उपखण्ड अघिकारी रमेशचन्द्र अग्रवाल भी थे। उन्होंने वार्डो में निरीक्षण के दौरान भीषण गर्मी को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में मरीजों की सुविधा के लिए पंखे व कूलर नहीं होने पर इसे गंभीरता से लेते हुए प्रमुख चिकित्सा अघिकारी डॉ. बीएल गुप्ता को सभी वार्डो में पर्याप्त संख्या में कूलर लगाने की व्यवस्था करने को कहा।
उन्होंने प्रसूति कक्ष में खराब पडे एसी के बारे में भी प्रमुख चिकित्सा अघिकारी से जानकारी ली।
प्रमुख चिकित्सा अघिकारी ने बताया कि यह एसी काफी लम्बे समय से बंद पडा है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए निर्देश देकर मौके पर ही मिस्त्री को बुलाकर खराब एसी चालू करवाया। जिला प्रमुख फकीर ने ओपीडी कक्ष, प्रसूति कक्ष, मेल एवं फीमेल वार्ड, सर्जिकल वार्ड और शिशु वार्ड का भी दौरा किया और मरीजो को दी जा रही चिकित्सा सेवाओ की भी जानकारी ली। उन्होंने वार्डो में शौचालयों में सफाई व्यवस्था पर भी असंतोष जताया। उन्होंने इसके साथ ही जैनरिक दवाइयों के काउंटर का भी निरीक्षण किया।
खुद ही कर दी घोषणा
जिला प्रमुख ने जवाहर चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान वार्डो में गर्मी को देखते हुए मरीजों की सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में कूलर की व्यवस्था नहीं पाए जाने पर अपनी ओर से नए पांच कूलर देने की घोषणा की। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. बीपी सिंह को कहा कि वे आज ही नए कूलर खरीद कर प्रसूति वार्ड के साथ ही अन्य अघिक आवश्यकता वाले वार्डो में लगाने की व्यवस्था करें। जैसलमेर प्रधान मूलाराम चौधरी ने भी पांच छत पंखे भेंट करने की घोषणा की।
तीन हत्याओं से दहशत




लूणकरनसर। रविवार रात्रि को हुई दो अलग-अलग वारदात में तीन हत्याओं के कारण इलाके के लोगों में भय व दहशत फैल गई है। इलाके में अपराधों का ग्राफ बढने के पीछे पुलिस की निष्क्रियता को मूल वजह माना जा रहा है। गौरतलब है कि कालू में हुई हत्या के मामले में पहले भी मृतक व आरोपियों के बीच झगडे हुए थे। लेकिन पुलिस ने मामले को सख्ती से नहीं लेने से हत्या की वारदात हुई। कालू में हुई हत्या के मामले में आरोपी नामजद होने के बावजूद पुलिस की पकड से दूर है।
पुलिस देरी से पहुंची घटना स्थल
राजमार्ग-15 पर स्थित पेट्रोल पम्प पर रविवार रात्रि को हुई लूट व हत्या के मामले की जानकारी मिलने पर करीब सुबह साढे 10 बजे पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तथा रात को हुई वारदात सुबह तक पुलिस की जानकारी में नहीं होना नाकामी साबित कर रहा है। वहीं सुबह धूप निकलने तक इधर-उधर कोई भी व्यक्ति घटना स्थल पर नहीं आया। हालांकि लोकेशन को देखते हुए पम्प ऊंचे टिले पर होना भी किसी के नहीं पहुंचने की वजह हो सकती है।


सरकार की जेब में आए सौ करोड



जोधपुर। बाडमेर में खनिज तेल का वाणिज्यिक दोहन शुरू होने के बाद से जहां इस फील्ड की ऑपरेटर कम्पनी केयर्न इण्डिया की बल्ले-बल्ले हो गई है, वहीं सरकारी खजाने में भी सौ करोड से ज्यादा की राशि पहुंची है। गत फरवरी माह तक राज्य सरकार को तेल दोहन से 101.44 करोड रूपए की राजस्व आय प्राप्त हुई है।
इसमें से रॉयल्टी के रूप में 84.75 करोड रूपए एवं केन्द्रीय बिक्री कर के 16.69 करोड रूपए शामिल हैं। तेल दोहन की रफ्तार बढने के साथ इसमें और इजाफा होगा। उल्लेखनीय है कि बाडमेर में 29 अगस्त 2009 को खनिज तेल का व्यावसायिक दोहन शुरू हुआ था। इसके बाद से ही तेल दोहन में क्रमिक बढोतरी का सिलसिला जारी है।
जून में बढेगा दोहन
बाडमेर स्थित तेल क्षेत्र से केयर्न इण्डिया जून माह में उत्पादन बढाने की तैयारी में है। जानकारों के मुताबिक फिलहाल यहां 30-35 हजार बैरल तेल रोजाना निकाला जा रहा है। जून माह में तकरीबन सवा लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू हो जाएगा। ऎसे में तेल से मिलने वाले नॉन-टैक्स एवं टैक्स राजस्व दोनों में भी इजाफा होगा।
जारी है विवाद
इधर, केयर्न इण्डिया और राज्य सरकार के बीच वैट और केन्द्रीय बिक्री कर (सीएसटी) को लेकर भी विवाद अभी थमा नहीं है। केयर्न फिलहाल इस तेल पर सीएसटी ही चुका रही है, जबकि सरकार 'राजस्थानी' तेल पर चार प्रतिशत की दर से वैट मांग रही है। तेल का डिलीवरी पॉइन्ट गुजरात में होने के कारण इसमें कुछ तकनीकी पेंच भी है।
इस मामले को जोधपुर निवासी एक व्यक्ति ने जनहित याचिका के माध्यम से राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। याचिका में बताया गया है कि वैट नहीं मिलने से आगामी पांच साल में राज्य सरकार को तकरीबन 2400 करोड रूपए की राजस्व हानि होगी।

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सोमवार, 19 अप्रैल 2010

barmer news track



बाडमेर।जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जिले में पेयजल की आपूर्ति में लापरवाही बरतने पर कडी कार्यवाही करने तथा अपने कर्तव्य के प्रति कौताही बरतने वाले कार्मिकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की सख्त हिदायत दी है। वे शनिवार शाम जिले में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि टैंकरो से स्वीकृत पेयजल परिवहन वाले स्थानों पर शत प्रतिशत जलापूर्ति आरम्भ हो जानी चाहिए। उन्होंने पेयजल परिवहन में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध कडी कार्यवाही के निर्देश दिए तथा पेयजल परिवहन आरम्भ नहीं करने वाले ठेकेदारों के विरूद्ध जुर्माना लगाने तथा उन्हें प्रतिबंघित करने की हिदायत दी ताकि पानी की आपूर्ति प्रभावित नहीं हो।
गोयल ने जिले में जलदाय विभाग को क्षेत्रीय योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की तथा उन्होंने जल स्त्रोतो, पानी की गुणवता तथा इसकी जांच की व्यवस्था की भी जानकारी ली। समय समय पर पानी की गुणवता की जांच के लिए इसके नमूने लेकर प्रयोगशाला में भेजने व अवैध जल कनेक्शन हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कन्टीजेन्सी प्लान के प्रथम चरण के कार्यो की समीक्षा की तथा द्वितीय चरण में ट्यूब वेल खुदाई के कार्य की प्रगति की समीक्षा की। जलदाय विभाग के अघिकारियों से जलापूर्ति योजनाओं के अन्तिम छोर तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित करने को भी कहा।
जिला कलक्टर ने धरातल स्तर पर लापरवाह फीटर, हेल्पर, बेलदार व अन्य कार्मिकों द्वारा अपने कर्तव्य के प्रति कौताही बरतने पर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए। जलापूर्ति से संबंघित जलदाय विभाग अघिकारियों तथा तहसीलदार तथा नायब तहसीलदारों को बिना सक्षम अनुमति के अपना मुख्यालय नहीं छोडने के लिए पाबन्द किया।





कांगे्रस सरकार अल्पसंख्यक विरोधी: धोलिया



बाडमेर। राज्य की कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है। कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है। कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस को समर्थन देने का ही नतीजा है कि मुसलमान गरीब, अशिक्षित, बीमार और बेरोजगार है। यह आरोप मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हिदायत खां धोलिया ने शनिवार को बाडमेर में संवाददाताओं से बातचीत में लगाए।
धोलिया ने कहा कि पिछले शैक्षिक सत्र में पचासी हजार मदरसा विद्यार्थी शिक्षकों के अभाव में परीक्षा नहीं दे पाए। आज भी यह स्थिति है कि राज्य के एक हजार मदरसों में एकल शिक्षक तक नहीं है। राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आते ही उन्होंने नैतिकता के आधार इस्तीफा दे दिया, लेकिन कांग्रेस अभी तक मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष पद किसी को नियुक्त नहीं किया है। यही स्थिति अल्पसंख्यक आयोग, हज बोर्ड, मेवात विकास बोर्ड की भी है। इन पदों पर किसी को दायित्व नहीं सौंपे जाने से अल्पसंख्यकों के हितों पर कुठाराघात हो रहा है।
धोलिया ने बताया कि सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन होगा, लेकिन अभी तक यह घोषणा भी अधूरी ही है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस के दस अल्पसंख्यक विधायकों में कोई इस योग्य नहीं है कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का कार्यभार संभाल सके। पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हकीकत यह है कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों को पिछडा ही रखना चाहती है ताकि वे वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किए जाते रहे।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय को यह बात समझनी चाहिए कि वास्तव में उनका हितैषी कौन है। धोलिया ने दावा किया कि राज्य में वसुंधरा राजे के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के हित में कार्य हुआ। इस अवसर पर मुस्लिम इंतेजामिया कमेटी के सदर अशरफ अली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं ने समाज की ओर कभी ध्यान नहीं दिया।
भाजपा के मुस्लिम नेताओं ने पिछले पांच वर्ष में जो कार्य करवाए, वह कांग्रेस के मुस्लिम नेता साठ वर्ष में भी नहीं करवा सके। उन्होंने बताया कि भाजपानीत पालिका बोर्ड के समय में समाज के लिए करीब सवा करोड रूपए के कार्य हुए।



खेजडी से झूलकर आत्महत्या की



चौहटन। चौहटन थानान्तर्गत धनाऊ गांव में एक व्यक्ति ने खेजडी के पेड से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। थानाघिकारी कैलाशदान ने बताया कि मोडाराम पुत्र ताजाराम निवासी धनाऊ ने रिपोर्ट पेश की कि उसका चचेरा भाई हरखाराम पुत्र अन्नाराम मानसिक रूप से अस्वस्थ था।
इसने शुक्रवार आधी रात को खेजडी के पेड से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। थानाघिकारी ने बाया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पेड से नीचे उतरवाया तथा पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया है।

आपदा प्रबंधन कार्य नौ दिन चले अढ़ाई कोस
बाड़मेर

जिले में आपदा प्रबंधन के इंतजाम ऊंट के मुंह में जीरे के समान साबित हो रहे हैं। अकाल प्रभावित गांवों में से अभी तक एक केवल चौथाई में ही पशु शिविर स्वीकृत हो पाए हैं। इनमें से भी करीब 40 फीसदी शिविर तो स्वीकृति के चालू ही नहीं हुए। वहीं कमीशंड व नॉन कमीशंड गांवों व ढाणियों में टैंकरों से जलापूर्ति विफल साबित हो रही है। आधे से अधिक स्थानों पर स्वीकृति के बावजूद टैंकरों से जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में गांवों व ढाणियों में चारा-पानी के हालात और अधिक विकट हो गए हैं। अकाल की विकट घड़ी में आपदा प्रबंधन के इंतजाम विफल साबित हो रहे हैं।

जिले में भीषण अकाल की मार झेल रहे अकाल पीडि़तों केलिए सरकारी सहायता दूर की कौड़ी साबित हो रही है। प्रशासन ने अकाल प्रभावित गांवों में कुल 347 पशु शिविर स्वीकृत कर रखे हैं। इनमें से 119 पशु शिविर तो स्वीकृति के बाद भी शुरू नहीं हो पाए। दुखद पहलू यह है कि अभी तक सभी पंचायत मुख्यालयों पर शिविर मंजूर ही नहीं हो पाए हैं। गांवों व ढाणियों में चारे का संकट खड़ा हो गया है, हालात यह है कि महंगे दामों पर भी पशुपालकों को चारा नहीं मिल रहा। दूसरी तरफ गर्मी के मौसम में कमीशंड व नॉन कमीशंड गांवों व ढाणियों में टैंकरों से जलापूर्ति के टेंडर तो मार्च 2010 में ही जारी हो गए थे, लेकिन संबंधित ठेकेदार गांवों व ढाणियों में नियमित जलापूर्ति करने में विफल साबित हो रहे हैं। अभी तक 296 कमीशंड व 236 नॉन कमीशंड गांवों-ढाणियों में एक भी टैंकर नहीं पहुंचा। पचपदरा तहसील क्षेत्र में नॉन कमीशंड 106 स्थान स्वीकृत हैं। इनमें से एक भी स्थान पर टैंकरों से जलापूर्ति शुरू नहीं हो पाई है। करीब पचास फीसदी स्थानों पर जलापूर्ति शुरू नहीं होने से गर्मी के मौसम में पेयजल की भीषण समस्या खड़ी हो गई है।

चारा-पानी खरीदें या परिवार पालें

अकालग्रस्त गांवों में चारा-पानी की समस्या ग्रामीणों के लिए चुनौती बनी हुई है। गांवों में कुतर व ग्वारटी 400 रुपए प्रति मण के भाव बिक रहा है। वहीं पानी के लिए एक टैंकर के चार सौ से पांच सौ रुपए देने पड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में अकाल की घड़ी में परिवार का पालन पोषण करें या पशुओं के लिए चारा-पानी का इंतजाम।


जिले के 2175 गांव अकाल की चपेट में हैं, लेकिन अभी तक महज ३४७ गांवों में ही पशु शिविर स्वीकृत हुए हैं। शेष 1८२८ गांवों में शिविरों की स्वीकृति मिलने का इंतजार है। गौवंश संरक्षण का दावा महज दिखावा साबित हो रहा है। हकीकत यह है कि अभी तक तो कई पंचायत मुख्यालयों पर ही पशु शिविर स्वीकृत नहीं हो पाए हंै।

'सरपंच शुरू नहीं कर रहे पशु शिविर

ञ्च ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर पशु शिविर स्वीकृत कर दिए गए हैं, लेकिन सरपंच शिविर शुरू नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ग्राम सेवकों से पशु शिविर शुरू करवाएं। कमीशंड व नॉन कमीशंड गांवों व ढाणियों में टैंकरों से जलापूर्ति में लेटलतीफी करने वाले ठेकेदारों को नोटिस जारी कर दिए हैं। शीघ्र ही दूसरे ठेकेदारों को जलापूर्ति की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।

हनुमानसहाय मीणा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, बाड़मेर

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राजस्थान जल माफिया बेचते है करोड़ों का अवैध पानी

रेगिस्तान में पानी का करोड़ो का कारोबार अवियवसनीय जरुर लगता है, किन्तु सत्य है. पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर मे जिले में पेयजल संकट से जूझते आम जन के लिए पीने का पानी जहां एक बड़ा संकट है, वहीं इन जल माफियों के लिए आमदनी का जरिया बना हुआ है. एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि सभी गांवों में पानी पहुंचाया जा रहा है, दूसरी तरफ हकीकत में ग्रामीणों को पेयजल की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. गांवों में पेयजल योजनाएं ठप्प पड़ी है. ट्रैक्टर के पहियों पर पानी के करोड़ों रुपयों के अवैध कारोबार का धन्धा सरकारी कर्मचारियों की मेहरबानी से निर्बाध चल रहा है.
लगातार छः सालों से पड़ रहे अकाल ने कोढ में खाज का काम किया है. मानसून मेहरबान होता है, तो साल के चार महीनों में पानी के लिए मारामारी खत्म हो है जाती. लेकिन, आठ माह में पेयजल संकट से ग्रस्त गांवों में रहने वाले लोगों को पानी खरीद कर ही पीना पड़ता है शेष. इस बार बरसात के अभाव में निरन्तर पेयजल संकट रहा है. सर्दी के मौसम में भी ट्रैक्टर से पानी विपणन का कार्य चरम पर रहा. अमूमन गर्मियों में एक टैंकर पानी की कीमत चार सौ रुपए होती है, इस बार सर्दियों में भी एक ट्रैक्टर पानी की कीमत 550-600 रुपये है. जल माफिया इतने दुस्साहसी है कि अपने व्यवसाय में तेजी लाने के लिए सरकारी कारिन्दों से मिलीभगत कर सरकारी योजनाओं को ठप्प करवा देते है.
ऐसे में ग्रामीणों को मजबूरीवश मुंहमांगी कीमतों पर पेयजल टैंकर मंगवाने पड़ते है. माफिया स्थानीय कर्मचारियों के साथ मिलकर तकनीकी गड़बडि़यां कराते है, लेकिन जल विभाग के आला अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाते. ऐसा ही एक माजरा नया मलवा में सामने आया. इस गांव की पाइप लाइन पिछले छह माह से बाधित है. ग्रामीण लम्बे समय से जिला कलेक्टर, विधायक तथा अधिशासी अभियंता तक को कई मर्तबा शिकायतें करने के बावजूद पाइप लाइन दुरुस्त नहीं पाई हो. ग्रामीण आज भी 600 रुपये देकर पानी के टैंकर मंगवा रहे है. पाक सीमा से सटे सैकड़ों गांवों में इस तरह पाइप लाइनें बाधित पड़ी है. गांवों में पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों की हालात खराब है. ग्रामीणों को पानी के उपभोग में कंजूसी करने के बावजूद भी सामान्यतः - पांच छः सदस्यों एवं एक - दो पशु रखने वाले वाले परिवार को प्रति माह एक टैंकर खरीदना ही पड़ता है.
पीरे का पार गांव निवासी श्रीमती शहदाद ने बताया कि बरसात के समय टांकों में - तीन चार माह का पानी आ है जाता, जिसके चलते पेयजल संकट से कुछ राहत मिलती है. मगर, बार बरसात के अभाव में टांके सूखे पड़े हैं इस. भेड़ पालन का काम होने के कारण एक माह में लगभग तीन टैंकर पानी डलवाना ही पड़ता है. एक टैंकर पानी की कीमत 550-600 रुपये अदा करनी पड़ती है. साल भर मे लगभग तीस हजार रुपये का पानी खरीदना पड़ता है. जिले में सतही पारम्परिक जल स्रोतों, जैसे - तालाब, बेरी, कुएं, टांकों से उपलब्ध होता है. इन स्रोतों में बरसात का पानी संग्रह कर रखा जाता है. - भू जल के रुप में कुछ स्थानों पर कुओं, ट्यूबवेलों से गुणवतायुक्त पीने का पानी उपलब्ध होता है. पीने योग्य भूजल वाले क्षेत्रों में अधिकतर किसानों के निजी ट्यूबवेल तथा कुएं हैं.
किसान इस पानी को कृषि सिंचाई के लिए उपयोग करने के अतिरिक्त - ट्रैक्टर टैंकर वालों को बेच देते हैं. किसान एक - टैंकर ट्रैक्टर की भराई कीमत 100-150 रुपए में करवाते हैं. इस प्रकार निजी ट्यूबवेल व कुओं के मालिक भूजल दोहन कर लाखों रुपये की कमाई करते हैं. वहीं, ट्रैक्टर - टैंकर मालिक उसी पानी का गांवों तक परिवहन 350-700 रुपए तक वसुलते हैं कर. जल माफिया आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप में इतने प्रभावी हैं कि उन्हें सार्वजनिक पेयजल स्रोतों से टैंकर भरने से रोकने का साहस कोई नहीं पाता कर. जिले में लगभग 15 हजार टैंकर है.
बाड़मेर जिले में विभिन्न सरकारी योजनाओं में लगभग आठ लाख टांके बने हुए हैं, इसके बावजूद पेयजल संकट यथावत है. जिला परिषद सदस्य रिड़मलसिंह दांता के अनुसार जन स्वास्थ्य विभाग को पेयजल योजनाओं पर खर्चा बन्द कर देना चाहिये. जिले में अरबों रुपये इन पेयजल योजनाओं पर व्यय किए गए हैं, मगर आहतों को आज तक राहत नहीं मिल पाई है. उनके अनुसार पेयजल आपूर्ति का कार्य ठेके पर दे देना चाहिये. ग्रामीणों को पानी खरीद कर ही पीना है, तो विभाग पर अनावश्यक खर्चा क्यों?
इधर, सम्बन्ध में अतिरिक्त जिला कलेक्टर हनुमान सहाय मीणा ने बताया कि प्रशासन अपने स्तर पर जल माफियों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहा है इस. प्रशासन ने आपदाग्रस्त गांवों में टैंकरों से पानी उपलब्ध करवा रहा है. विभागीय हाईडेंट प्वाईंटों पर निजी टैंकरों की भराई पर प्रतिबन्ध लगा रखा है. अधिशासी अभियंता डी.सी. विश्नोई ने बताया कि विभाग पूरा प्रयास कर रहा है कि ग्रामीण पेयजल योजनाएं तंदुरुस्त हो. इस सम्बन्ध में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दे रखी है. सरकारी योजना के पेयजल स्रोतों से निजी टैंकरों को पानी भरने पर प्रतिबन्ध लगा रखा है.

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रविवार, 18 अप्रैल 2010

राजस्‍थान: जल माफिया बेचते है करोड़ों का अवैध पानी

राजस्‍थान: जल माफिया बेचते है करोड़ों का अवैध पानी

‘हरे रेगिस्‍तान’ के लिए संकल्पित किन्‍नर लीलाबाई को सलाम

‘हरे रेगिस्‍तान’ के लिए संकल्पित किन्‍नर लीलाबाई को सलाम

barmer news today



ÕæÇU×ðÚUÕगुप्तचर राजस्व निदेशालय की टीम ने दो साल पहले पाकिस्तान से नकली नोट मंगवाने के आरोपी करम अली को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली निवासी करम अली शुक्रवार को समझौता एक्सप्रेस से भारत लौटा था।

उसे निदेशालय की टीम ने अमृतसर स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को उसे जोधपुर में आर्थिक अपराध न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस बीच शनिवार को आई थार एक्सप्रेस में फिर एक यात्री से सौ-सौ रुपए के दस नकली नोट मिले। जयपुर निवासी बुद्धन खां यह नोट लेकर आया था।

निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि नवंबर 2008 में साफड़ी बुलंदशहर निवासी अजदी और उसका बेटा अजहर थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान से आ रहे थे। मुनाबाव स्टेशन पर तलाशी में उनके पास चप्पलों व जूतों के सोल में छिपा कर रखे 19.50 लाख रुपए के भारतीय करेंसी के नकली नोट बरामद हुए थे।

अजदी और अजहर ने बताया कि करम अली ने उसे पाकिस्तान स्थित अपने रिश्तेदार से नकली नोट लाने भेजा था। वह कराची से नकली नोट लेकर आ रही थी कि मुनाबाव पर पकड़ी गई। दोनों को बाद में सजा भी हो गई। इस बीच करम अली की तलाश जारी रही। इधर निदेशालय को सूचना मिली कि शुक्रवार को करम अली पाकिस्तान से लौट रहा है। इस पर जोधपुर से गई निदेशालय की टीम ने शुक्रवार को उसे अमृतसर पर पकड़ लिया।




आग से दस फैक्ट्रियां जली
बालोतरा

शहर के औद्योगिक क्षेत्र प्रथम चरण में शनिवार शाम एक फैक्ट्री में लगी आग ने देखते ही देखते दस फैक्ट्रियों को चपेट में ले लिया। दमकल के डेढ़ घंटे देरी से पहुंचने व तेज हवा चलने के कारण एक फैक्ट्री में लगी आग तेजी के साथ दस फैक्ट्रियों तक फैल गई। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। इस आग में किसी तरह की जनहानि नही हुई, मगर करोड़ों रुपए का कपड़ा व मशीनरी जलकर खाक हो गए।

शनिवार सांय करीब सवा पांच बजे औद्योगिक क्षेत्र प्रथम चरण स्थित महेश फैब्रिक्स में लगे गे प्लांट (अडाण) में आग लग गई। तेज हवा के कारण आग ने क्षेत्र की अन्य फैक्ट्रियों को भी चपेट में ले लिया। मजदूर चिल्लाते हुए बाहर भागे और फैक्ट्री मालिकों ने फायर ऑफिस व प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी। पुलिस तो मौके पर पहुंच गई मगर एक दमकल सिवाना क्षेत्र में लगी आग बुझाने व दूसरी उदयपुर रिपेयरिंग में गई होने से दमकल समय पर नहीं पहुंच पाई। आनन-फानन में उदयपुर से दूसरी दमकल वाहन को भी मंगवाया गया, इसके अलावा जोधपुर से दो गाडिय़ां मंगवाई । इस आग में महेश फैब्रिक्स के अलावा एमआर टेक्सटाइल, माधव टेक्सटाइल, हेमा टेक्सटाइल, वर्धमान, विनय फैब्रिक्स, नेमिनाथ टेक्सटाइल व ममता डाइंग में भी नुकसान हुआ। सबसे अधिक नुकसान मातुंगी कॉटन व महेंद्रा टेक्सटाइल फैक्ट्री में हुआ। इन फैक्ट्रियों में तैयार कपड़े के थानों के अलावा मशीनरी आदि भी जलकर खाक हो गए। आग में सभी दस फैक्ट्रियों में करोड़ों रुपए का कपड़ा, सामान आदि जलकर खाक हो गए।

देखते ही देखते दस फैक्ट्रियां चपेट में: पूरे औद्योगिक क्षेत्र में धूंए के गुबार और इधर-उधर भागते लोगों के अलावा शनिवार सांय और कुछ नजर नहीं आ रहा था। तेज हवा के चलते

आग देखते ही देखते आस-पड़ौस की

फैक्ट्रियों को चपेट में लेते हुए फैलने लगी

तो उद्यमियों में हड़कंप मच गया। इधर फायर

बिग्रेड नहीं पहुंच रही थी, और आग बढ़ती जा रही थी। उद्यमियों ने यहां सुनवाई नहीं होते देख जोधपुर तक फोन लगाए, जहां से दो गाडिय़ां रवाना की गई।

यूं हुआ घटनाक्रम

शनिवार सांय करीब 5.15 बजे औद्योगिक क्षेत्र प्रथम चरण स्थित महेश फैब्रिक्स में आग लगी।

मजदूर व फैक्ट्री संचालक हड़बड़ाकर बाहर भागे और पुलिस, फायर व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी।

दमकल नहीं आती देख उद्यमियों ने निजी टैंकर संचालकों से पानी मंगवाया और फैक्ट्रियों में बने टांकों से मजदूर आग पर पानी उंडेलने लगे।

हवा इतनी तेज थी कि देखते ही देखते आग बढ़ती चली गई। आस-पड़ौस के फैक्ट्री संचालक अपने माल को बचाने की जुगत में फैक्ट्रियां खाली करते नजर आए।

फैक्ट्री संचालक आग से ज्यादा से ज्यादा माल को बचाने के चक्कर में जो भी लोडिंग का साधन मिला उसमें माल भर कर माल परिवहन करते नजर आए।

आग का धूंआ इतना ज्यादा था कि जसोल के अलावा आस-पास के कई गांव से भी लोग आग देखने पहुंच गए।

समय पर पहुंचती दमकल तो कम होता नुकसान

बालोतरा औद्योगिक क्षेत्र में लगी भीषण आग ने उद्यमियों को झकझोर कर रख दिया। उद्यमी नगरपालिका व प्रशासन को कोस रहे थे। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों तक तो नगरपालिका के फायर दस्ते के पास एक भी दमकल नहीं थी। एक गाड़ी जहां बालोतरा में रिपेयरिंग के लिए गेराज में खड़ी थी, वहीं दूसरी उदयपुर ठेकेदार के पास थी। भास्कर ने इस मुद्दे को बार-बार उठा चेताया तो एक गाड़ी दुरस्त कर मंगवा दी गई। शनिवार को हुए हादसे के समय वह गाड़ी सिवाना क्षेत्र में लगी आग बुझाने गई हुई थी। हादसे के करीब दो घंटे बाद तक दमकल नहीं पहुंचने से नाराज उद्यमियों ने कहा कि उन्हें अपने बूते ही दमकल की व्यवस्था करनी होगी। सीईटीपी अब उद्यमियों के पास है तो सबसे पहले ट्रस्ट को आग बुझाने के साधनों के पुख्ता प्रबंधों की चिंता करनी पड़ेगी। इस बार इतनी बड़ी आग के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं पहुंचने से नाराज उद्यमियों ने अधिकारियों को भी खूब कोसा।
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विकास का केन्द्र बनेगा बाडमेर



बाडमेर। नवनियुक्त जिला कलक्टर गौरव गोयल ने शनिवार को सुबह पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि बाडमेर पश्चिमी राजस्थान का सबसे बडा विकास केन्द्र बन रहा है। खनिज और पेट्रोलियम पदार्थों से यहां विकास हो रहा है। विकास को गति देने की जरूरत है। इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। गोयल ने कहा कि बतौर जिला कलक्टर बाडमेर उनका प्रथम जिला है। वे अपना पूरा प्रयास करेंगे कि यहां की समस्याओं का समाधान किया जाए। कानून व्यवस्था उनकी प्राथमिकता रहेगा। जिले की पेयजल समस्या के समाधान का पूरा प्रयास होगा।
बडी योजनाओं को आगे बढाया जाएगा। अकाल राहत कार्याें को व्यवस्थित संचालित किया जाएगा। गोयल ने कहा कि बाडमेर में विकास की विपुल संभावनाएं है, इसके लिए योजनाओं को आगे बढाया जाएगा। शिक्षा, चिकित्सा, बिजली से जुडी जनसमस्याओं को लेकर समय समय पर मॉनीटरिंग की जाएगी। प्रशासन के पास आने वाले लोगों को सकारात्मक प्रत्युत्तर मिलेगा और पीडित की बात सुनने के साथ उसकी पीडा दूर करने का प्रयास करेंगे।
अवकाश भी खुला रहा कलक्ट्रेट
अवकाश के बावजूद शनिवार को कलक्ट्रेट के सारे अघिकारी कार्यालय में मौजूद रहे। जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल के पदभार ग्रहण करने के कारण अघिकारियों एवं कार्मिकों ने अवकाश के दिन भी कार्यालय में उपस्थिति दी। अतिरिक्त जिला कलक्टर हनुमान सहाय मीणा व उपखण्ड अघिकारी सीएल देवासी ने जिला कलक्टर की अगुवानी की। सर्किट हाऊस में गार्ड और ऑनर दिया गया। कलक्ट्रेट पहुंचने पर सभी विभागों के मुख्य अघिकारियों की जिला कलक्टर ने बैठक ली। अघिकारियों से कार्य प्रगति के बारे में जानकारी ली।

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शनिवार, 17 अप्रैल 2010

Jinnah was ambassador of Hindu-Muslim unity’

जिन्ना हिंदू मुस्लिम एकता 'की राजदूत थे


: बाड़मेर पूर्व भारतीय विदेश मंत्री जसवंत सिंह का कहना है कि वह मोहम्मद अली जिन्ना पर लिखने क्योंकि वहाँ व्यक्तित्व 13 महीने अपनी मृत्यु से पहले एक प्रमुख भारतीय नागरिक था पर छोटा था चुना जो.
अपने जिन्ना नामक पुस्तक के शुभारंभ पर: बोलते भारत विभाजन के स्वतंत्रता, शुक्रवार को यहां उन्होंने कहा कि जिन्ना हिंदू मुस्लिम एकता की एक था राजदूत, लेकिन वह भारत demonized में था हालांकि मुस्लिम नेता द्वारा एक अलग लाइन ले बनाया गया था कांग्रेस नेतृत्व कि केन्द्रीयता का नहीं सोचा था.
"वह एक धर्मनिरपेक्ष, स्वराज और तर्क करने के लिए प्रतिबद्ध था और. था धर्म को राजनीति से अलग रखने की बात की" सिंह ने कहा कि जिन्ना कांग्रेस में गांधी के वरिष्ठ था और करने के लिए सविनय अवज्ञा दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद बाद के द्वारा शुरू आंदोलन में शामिल होने से इनकार कर दिया.
लार्ड माउंटबेटन भारत के अंतिम वायसराय के बारे में उन्होंने कहा, वह व्यक्ति, जो भारत के बारे में गलत बुरी नहीं पूछा जाना चाहिए 'के रूप में वाइसराय आईएनजी नीमहकीम' फोन.
सिंह आयोजित की कानून और व्यवस्था की जा रही प्रभारी के रूप में उपमहाद्वीप के विभाजन के दौरान नरसंहार के लिए जिम्मेदार माउंटबेटन वह दंगा नियंत्रण कार्य नहीं था.
उन्होंने खेद व्यक्त किया कि Radcliff पुरस्कार भी लंबे समय रोका था पंजाब और बंगाल के लोगों को जो कि वे देश के हैं के बीच भ्रम के लिए अग्रणी.
महाराष्ट्र और गुजरात में सांप्रदायिक दंगों के बारे में उन्होंने कहा कि इन मुस्लिम विरोधी थे और पाकिस्तान विरोधी के रूप में विचार नहीं करना चाहिए.
पाकिस्तान नदी जल के भारत द्वारा रोक के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनका मानना था कि इस मुद्दे को सिंधु बेसिन संधि के माध्यम से जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए विश्व बैंक गारंटी के तहत स्थापित की.
उन्होंने कहा कि बिजली loadshedding PakistanIndia रिश्तों में लोड बहा करने के लिए नेतृत्व नहीं करना चाहिए.
पूछा कि विभाजन अपरिहार्य था और अगर इस प्रक्रिया उलट हो सकता है, उन्होंने कहा कि विभाजन एक वास्तविकता थी, लेकिन इसके लिए अपनाई गई विधि बहुत गलत था.
इतिहास के उत्क्रमण का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की प्रगति और राजनीतिक रूप से स्थिर हो के रूप में यह दो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच संबंधों के लिए बेहतर होगा चाहिए.
"यह समय है कि दोनों देशों को वास्तविकता के रूप में विभाजन को स्वीकार करते हैं और जिस तरह जिन्ना मोनरो सिद्धांत है जिसके तहत दोनों देशों के लिए संकट की स्थिति में एक दूसरे की मदद और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों की तरह रहने वाले थे पर काम करके कल्पना पर काम है. " उसने: कहा "हम अतीत को भूलकर भविष्य की ओर देखना चाहिए अन्यथा. हम सूर्य के प्रकाश को देखने के लिए असफल हूँ" सिंह ने कहा कि दोनों देशों को गरीबी और दो हाथ मिलाने इसे हल करने चाहिए की आम समस्या थी.
क्षेत्र में एक शांतिपूर्ण बनाने वातावरण "" दोनों देशों के विकास के लिए है अपरिहार्य, और. यह इस क्षेत्र के गरीबों पर सबसे बड़ा उपकार होगा "उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि शांति के लिए काम करते हैं, कि उनकी पुस्तक का उद्देश्य था हमारे अतीत इतना समझते हैं कि हम अतीत की गलतियों को दोहरा नहीं है.
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