जोधपुर। मथुरादास माथुर अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में भर्ती मरीज का चेहरा कुतरने की घटना का खुलासा होने के बाद स्थानीय प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन को सकते में ला दिया है। बुधवार सुबह जिला कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन एमडीएम आईसीयू पहुंचे।
उन्होंने पीडि़त मरीज के परिजनों से बात कही। परिजनों ने मंगलवार तड़के हुई घटना की जानकारी महाजन व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को दी। मामले को लेकर आवश्यक निर्देश देकर महाजन वहां से निकल गए।
इसके बाद प्रबंधन ने काजरी से चूहे पकडऩे वाले विशेषज्ञों को बुलाया। साथ ही पेस्ट कंट्रोल शुरू करवाया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को बुलाकर सीवरेज दुरुस्त करवाने का काम शुरू करवाया गया। इधर अस्पताल प्रबंधन ने एक बैठक कर मामले की जांच के लिए चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ. एमके सिंघी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया है।
जोधपुर. बदहाली के लिए कुख्यात जोधपुर के सरकारी अस्पतालों में से एक मथुरादास माथुर (एमडीएम) अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में मंगलवार सुबह चार बजे रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना हुई। 70 साल के मरीज के चेहरे को चूहों ने कुतर दिया। गले में लगी प्रिक्योटोमी ट्यूब काट गए।
दिमाग में खून का थक्का जमने से लकवे का शिकार हुआ मरीज खुद का बचाव करने में असहाय रहा। पलक-भौंहें, होंठ और कान कुतरे जाने से चेहरा और बैडशीट खून से सन गए। इस बीच गिलास गिरने से चूहे भाग गए। परिजनों की आंखें खुलीं। मेडिकल स्टाफ को सूचना दी गई। इसके बाद मरीज को संभाला गया।
आईसीयू में रात 11 बजे बाद डॉक्टर से लेकर चौकीदार तक सभी सो जाते हैं। लाइटें बंद हो जाती हैं। परिजन ही मरीज की देखरेख करते हैं। हालत गंभीर होने पर ही स्टाफ को बुलाना होता है।
अस्पताल ने खरोंच की बात मानी
घटना की जानकारी दोपहर में अधीक्षक डॉ. अरविंद माथुर को मिली। उन्होंने मरीज के चेहरे पर दो जगह खरोंच की बात तो स्वीकारी, लेकिन इस पर असमंजस जताते रहे कि मरीज को चूहे ने ही कुतरा है। उन्होंने आईसीयू में चूहे घुसने की एक नाली को बंद करवाया। चूहे मारने की दवा भी डलवाई। सफाई ठेकेदार को भी पाबंद किया गया है।
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