जोधपुर. एएनएम भंवरी को जलाकर राख नहर में बहा देने के आरोपी गैंग के सरगना ओमप्रकाश ने बुधवार दोपहर सीबीआई को बड़ा झटका दे दिया। सीबीआई न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने ओमप्रकाश का जुर्म कबूल कराने के लिए सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज कराना चाहती थी। जैसे ही ओमप्रकाश मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में गया, उसने बयान देने से इनकार कर दिया। इससे बौखलाई सीबीआई ने ओमप्रकाश को जेल भेज दिया।
सीबीआई ने अपहरण के आरोपियों व साजिश में शामिल नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भंवरी को ठिकाने लगाने वाली गिरोह के सरगना विशनाराम, उसके भाई ओमप्रकाश और कैलाश जाखड़ को गिरफ्तार किया था। ये तीनों अभी सीबीआई की रिमांड पर चल रहे हैं। पूछताछ में ओमप्रकाश ने बताया कि उन्होंने भंवरी को जालोड़ा गांव में जला कर मार दिया और उसकी राख राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में बहा दी थी। ओमप्रकाश की निशानदेही पर सीबीआई ने भंवरी की अधजली हड्डियां, हाथ घड़ी, कानों में पहनने वाली बाली आदि बरामद किए थे। इन जेवरात व घड़ी की पहचान भंवरी के बेटे साहिल और पति अमरचंद ने कर ली थी। सीबीआई इस कामयाबी के बाद ओमप्रकाश के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराना चाहती थी कि ताकि वह बाद में बयान नहीं बदले।
मंगलवार को इस संबंध में सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी जिस पर मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान कराने की अनुमति दे दी थी। बुधवार दोपहर सीबीआई ओमप्रकाश को कोर्ट तो ले गई, मगर ओमप्रकाश ने मजिस्ट्रेट के समक्ष जाकर कहा कि वह बयान नहीं देना चाहता। ऐसा कह कर वह बाहर आ गया। इस पर सीबीआई ने उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने अपहरण के आरोपियों व साजिश में शामिल नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भंवरी को ठिकाने लगाने वाली गिरोह के सरगना विशनाराम, उसके भाई ओमप्रकाश और कैलाश जाखड़ को गिरफ्तार किया था। ये तीनों अभी सीबीआई की रिमांड पर चल रहे हैं। पूछताछ में ओमप्रकाश ने बताया कि उन्होंने भंवरी को जालोड़ा गांव में जला कर मार दिया और उसकी राख राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल में बहा दी थी। ओमप्रकाश की निशानदेही पर सीबीआई ने भंवरी की अधजली हड्डियां, हाथ घड़ी, कानों में पहनने वाली बाली आदि बरामद किए थे। इन जेवरात व घड़ी की पहचान भंवरी के बेटे साहिल और पति अमरचंद ने कर ली थी। सीबीआई इस कामयाबी के बाद ओमप्रकाश के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराना चाहती थी कि ताकि वह बाद में बयान नहीं बदले।
मंगलवार को इस संबंध में सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी जिस पर मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान कराने की अनुमति दे दी थी। बुधवार दोपहर सीबीआई ओमप्रकाश को कोर्ट तो ले गई, मगर ओमप्रकाश ने मजिस्ट्रेट के समक्ष जाकर कहा कि वह बयान नहीं देना चाहता। ऐसा कह कर वह बाहर आ गया। इस पर सीबीआई ने उसे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें