बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

'रहस्मयी बाबा' का अनोखा चमत्कार, साबुन-पानी से छापते हैं नोट!

रजरप्पा । बड़ी बड़ी दाढ़ी और जटाओं के बीच काले कपड़े में लिपटे औघड़ एक छोटे से जग में पानी और साबुन के घोल से नोटों की धुलाई कर कभी 50 तो कभी 100 की नोट निकालकर लहराते है।

फिर 50, 100 और 500 सहित दस बीस के नोट भी एक साथ निकालकर हवा में लहराने लगते है। यह नजारा प्रसिद्ध सिद्धपीठ रजरप्पा मंदिर स्थित दामोदर भैरवी संगम में साधना के लिए पहुंचे एक औघड़ दिखा रहे है।


लोगों का हुजूम लगा हुआ है और औघड़ अपने कारनामे में व्यस्त हैं। कई तरह के आसन भी करते है। इन्हें ब्लैक बम बम औघड़ महाराज मसानी बाबा कहते हैं। बाबा जितना देखने में रहस्यमय है उतना ही भीतर से भी रहस्यमय हैं।

वे कहां से आए है और कब साधना और सिद्धि करते है यह अपने आप में रहस्य है। कहां से आए है यह पूछने पर कहते हैं कि कामरूप कामाख्या, छिन्नमस्तिका, मैहर, विंध्यवासिनी छिन्नमस्तिके मंदिर सब अपना घर है। फिर कहते है कि वे राजा हरीशचंद्र मसान घाट, कांशी विश्वनाथ वाराणसी से आए हैं।
फिर खुद बुदबुदाने लगते है। कहते है, भोले दानी औघड़ दानी तेरी महिमा अपार महामाया आदि शक्ति ने दुनिया रचाई है। भोलेनाथ को अवतार दिलाई है। महामाया आदि शक्ति ही श्रृष्टि के रचयिता है। पानी और साबुन के घोल से रुपए धोने के बारे में पूछने पर कहते हैं? रुपए छाप रहा हूं चाहिए क्या, फिर अपने आप में मग्न हो जाते हैं।

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