अर्धनग्न महिला का हंगामा
इंदौर। वह तो नशे व गुस्से के चलते मानसिक संतुलन खो बैठी थी, लेकिन पुलिस को क्या हुआ था? एक सिपाही ने उसे पीटा। गुस्से में वह कपड़े उतारकर सड़क पर हंगामा करने लगी तब पुलिस मूक दर्शक बनी। यहां तक कि महिला थाने से भी उसे चलता कर दिया।
घटना कल रात जवाहर मार्ग पर यशवंत रोड गुरूद्वारा के पास हुई। रात 11 बजे जब सड़क पर गरबे व देवी दर्शन के लिए निकले लोगों की भीड़ थी तभी एक अज्ञात युवती अर्द्धनग्न हालत में सड़क पर हंगामा करने लगी थी। वह चिल्लाते हुए कह रही थी कि जब वह अपनी बेटी को किसी बात के लिए पीट रही थी तो किसी सिपाही ने उसके साथ मारपीट कर डाली थी।
इस पर गुस्साई युवती ने साड़ी व अन्य कपड़े उतार फेंके थे। वह सरेआम सिपाही के नाम गाली- गलौज करते हुए आरोप लगाती रही कि सिपाही ने उसकी इज्जत लूटने की धमकी भी दी थी। पास ही मुख्य चौराहे पर ट्रैफिक व पंढरीनाथ थाने के जवान खड़े थे। उनमें से किसी ने भी सड़क पर आपत्तिजनक हालत में घूमकर आते-जाते लोगों को शर्मसार कर रही महिला को हटाने या उसकी मदद करने का कोई प्रयास नहीं किया था।
आखिर किसी ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी, तब लोगों ने किसी तरह कपड़ों से ढंककर उसे एम्बुलेंस में बैठाया था। एम्बुलेंस के डॉ. जावेद खान पहले उसे महिला पुलिस थाने पर ले गए और महिला को शरण देने का अनुरोध किया। लेकिन थाने पर मौजूद एचसी अनीता ने युवती को किसी भी प्रकार की मदद देने से साफ इनकार कर वहां से ले जाने को कहा। आखिर 108 का स्टाफ उस अबला को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंचा। वहां भी महिला काफी देर तक हंगामा मचाती रही। आखिर किसी तरह समझा-बुझाकर उसे अस्पताल के महिला वार्ड में ऑब्जर्वेशन में रखा है। महिला ने अपना नाम मंजू यादव बताया। मानसिक संतुलन खो बैठी महिला ने किसी कमल नामक सिपाही पर आरोप लगाए हंै, लेकिन उसे अपना पता-ठिकाना तक याद नहीं था।
मामले की जांच होगी
इस संबंध में एसएसपी ए. साई मनोहर ने कहा है अगर किसी सिपाही पर आरोप लगा है तो इसकी जांच कराएंगे। पुलिस के संवेदनहीन होने की बात पर भड़के एसएसपी का कहना है 108 एम्बुलेंस भी सरकार की मदद से चल रही है। उस पर हर माह 55 करोड़ खर्च कर रही है। एक विजिट के उन्हें 600 रूपए मिलते हैं। इतना पैसा पुलिस को दिया जाए तो पुलिस भी बहुत कुछ कर सकती है।
इंदौर। वह तो नशे व गुस्से के चलते मानसिक संतुलन खो बैठी थी, लेकिन पुलिस को क्या हुआ था? एक सिपाही ने उसे पीटा। गुस्से में वह कपड़े उतारकर सड़क पर हंगामा करने लगी तब पुलिस मूक दर्शक बनी। यहां तक कि महिला थाने से भी उसे चलता कर दिया।
घटना कल रात जवाहर मार्ग पर यशवंत रोड गुरूद्वारा के पास हुई। रात 11 बजे जब सड़क पर गरबे व देवी दर्शन के लिए निकले लोगों की भीड़ थी तभी एक अज्ञात युवती अर्द्धनग्न हालत में सड़क पर हंगामा करने लगी थी। वह चिल्लाते हुए कह रही थी कि जब वह अपनी बेटी को किसी बात के लिए पीट रही थी तो किसी सिपाही ने उसके साथ मारपीट कर डाली थी।
इस पर गुस्साई युवती ने साड़ी व अन्य कपड़े उतार फेंके थे। वह सरेआम सिपाही के नाम गाली- गलौज करते हुए आरोप लगाती रही कि सिपाही ने उसकी इज्जत लूटने की धमकी भी दी थी। पास ही मुख्य चौराहे पर ट्रैफिक व पंढरीनाथ थाने के जवान खड़े थे। उनमें से किसी ने भी सड़क पर आपत्तिजनक हालत में घूमकर आते-जाते लोगों को शर्मसार कर रही महिला को हटाने या उसकी मदद करने का कोई प्रयास नहीं किया था।
आखिर किसी ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी, तब लोगों ने किसी तरह कपड़ों से ढंककर उसे एम्बुलेंस में बैठाया था। एम्बुलेंस के डॉ. जावेद खान पहले उसे महिला पुलिस थाने पर ले गए और महिला को शरण देने का अनुरोध किया। लेकिन थाने पर मौजूद एचसी अनीता ने युवती को किसी भी प्रकार की मदद देने से साफ इनकार कर वहां से ले जाने को कहा। आखिर 108 का स्टाफ उस अबला को लेकर एमवाय अस्पताल पहुंचा। वहां भी महिला काफी देर तक हंगामा मचाती रही। आखिर किसी तरह समझा-बुझाकर उसे अस्पताल के महिला वार्ड में ऑब्जर्वेशन में रखा है। महिला ने अपना नाम मंजू यादव बताया। मानसिक संतुलन खो बैठी महिला ने किसी कमल नामक सिपाही पर आरोप लगाए हंै, लेकिन उसे अपना पता-ठिकाना तक याद नहीं था।
मामले की जांच होगी
इस संबंध में एसएसपी ए. साई मनोहर ने कहा है अगर किसी सिपाही पर आरोप लगा है तो इसकी जांच कराएंगे। पुलिस के संवेदनहीन होने की बात पर भड़के एसएसपी का कहना है 108 एम्बुलेंस भी सरकार की मदद से चल रही है। उस पर हर माह 55 करोड़ खर्च कर रही है। एक विजिट के उन्हें 600 रूपए मिलते हैं। इतना पैसा पुलिस को दिया जाए तो पुलिस भी बहुत कुछ कर सकती है।
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