श्री श्री १००८ मंशा पूरण हनुमान मंदिर|
श्री मंशा पूरण हनुमान मंदिर में " अनिश्चित कालीन अखंड रामायण का पाठ " चल रहा है | इस पाठ का शुभारम्भ दिनांक ०८-०४-१९९७ को किया गया है | तब से ये पाठ अनवरत और अखंड रूप से चल रहा है |
लगभग ४०० वर्षों से श्री मंशा पूरण हनुमान जी अपने भक्तों को इस मंदिर में साक्षात दर्शन दे रहे हैं |
श्री मंशा पूरण हनुमान मंदिर, ग्वालियर शहर में रेलवे स्टेशन पुल के समीप स्थित है |
मंदिर परिसर
अजर, अमर, गुणनिधि, सुत होहु', यह वरदान माता जानकी जी ने हनुमान जी को अशोक वाटिका में दिया था। स्वयं भगवान् श्रीराम ने कहा था कि- 'सुन कपि तोहि समान उपकारी, नहि कोउ सुर, नर, मुनि, तुनधारी।' बल औरबुद्धि के प्रतीक हनुमान जी राम और जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्वका वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। पवनसुत हनुमानजी भगवान् शिव के ग्यारहवें रुद्रावतार हैं। हनुमानजी का अवतार भगवान् राम की सहायता के लिये हुआ।
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