...हमें किसी का डर नहीं!
बाड़मेर। जिला कलक्टर का भरतपुर तबादला क्या हो गया, प्रभावशाली लोगों के करीबियों को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का जैसे लाइसेंस मिल गया। पिछले डेढ़ वर्ष से ताक में बैठे अतिक्रमी जिला कलक्टर के शुक्रवार रात बाड़मेर से रवाना होते ही शनिवार सुबह सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने पहुंच गए। वे दिन रात एक कर जमीन को समतल करने और रांगे भरकर कब्जा जमाने में लग गए हैं।
जिला मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर दूर गडरारोड पर पहाड़ी के पीछे बाड़मेर आगोर की सरहद में खसरा संख्या 1589 में 155 बीघा सरकारी जमीन आई हुई है। करीब डेढ़ वर्ष पहले उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के नजदीकी रिश्तेदारों व करीबियों ने इस जमीन को हड़पने के लिए बाड़ेबंदी की थी। उस समय राजस्थान पत्रिका द्वारा इस मामले को उजागर करने के बाद चेते प्रशासन ने दर्जनों अतिक्रमण ध्वस्त किए थे। इसके बाद अतिक्रमी दुबक गए।
पिछले डेढ़ वर्ष से यहां सन्नाटा पसरा हुआ था, लेकिन पिछले अड़तालीस घण्टे से यहां पर सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने के लिए आपाधापी मची हुई है। यहां पर एक बीघा सरकारी जमीन की कीमत करीब पचीस लाख रूपए है। बेशकीमती जमीन को हथियाने के लिए जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार व प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत का ऎसा गठजोड़ बन गया है कि कोई कुछ नहीं बोल रहा है। शनिवार को पुलिस भी मौके पर गई, लेकिन वह चुपचाप अपने काम को अंजाम देकर वापस आ गई। कानो कान किसी को इसकी भनक भी नहीं लगी।
हम अतिक्रमी तो ये कौनसे साहूकार?
भूरचंद, राजेशकुमार व सुरेशकुमार ने बताया कि 155 बीघा सरकारी जमीन में से साढ़े सात बीघा जमीन पर उनका पंद्रह वर्ष से कब्जा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शनिवार को जब वह अपनी जमीन पर गेट लगाने पहुंचे तो सदर पुलिस मौके पर आई और गेट उठाकर ले गई। उन्हें भी थाने ले जाकर बैठा दिया जबकि उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी। उनके ठीक पास ट्रैक्टरों के जरिए सरकारी जमीन की सफाई कर अतिक्रमण किया जा रहा था, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पूरे खसरे में नेताओं के रिश्तेदार अतिक्रमण कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हें ही परेशान किया जा रहा है।
अभी निर्देश देता हूं
इस मामले में एसडीएम व तहसीलदार को अभी निर्देश देता हूं।
अरूण पुरोहित कार्यवाहक जिला कलक्टर बाड़मेर
उस जमीन पर तो स्टे है
155 बीघा जमीन में से कुछ जमीन आवंटित कर दी है और करीब 132 बीघा जमीन पर न्यायालय का स्टे है। यदि कोई गड़बड़ हो रही है तो सुबह देखेंगे।
चन्द्रभानसिंह भाटी तहसीलदार बाड़मेर
बाड़मेर। जिला कलक्टर का भरतपुर तबादला क्या हो गया, प्रभावशाली लोगों के करीबियों को सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का जैसे लाइसेंस मिल गया। पिछले डेढ़ वर्ष से ताक में बैठे अतिक्रमी जिला कलक्टर के शुक्रवार रात बाड़मेर से रवाना होते ही शनिवार सुबह सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने पहुंच गए। वे दिन रात एक कर जमीन को समतल करने और रांगे भरकर कब्जा जमाने में लग गए हैं।
जिला मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर दूर गडरारोड पर पहाड़ी के पीछे बाड़मेर आगोर की सरहद में खसरा संख्या 1589 में 155 बीघा सरकारी जमीन आई हुई है। करीब डेढ़ वर्ष पहले उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के नजदीकी रिश्तेदारों व करीबियों ने इस जमीन को हड़पने के लिए बाड़ेबंदी की थी। उस समय राजस्थान पत्रिका द्वारा इस मामले को उजागर करने के बाद चेते प्रशासन ने दर्जनों अतिक्रमण ध्वस्त किए थे। इसके बाद अतिक्रमी दुबक गए।
पिछले डेढ़ वर्ष से यहां सन्नाटा पसरा हुआ था, लेकिन पिछले अड़तालीस घण्टे से यहां पर सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने के लिए आपाधापी मची हुई है। यहां पर एक बीघा सरकारी जमीन की कीमत करीब पचीस लाख रूपए है। बेशकीमती जमीन को हथियाने के लिए जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार व प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत का ऎसा गठजोड़ बन गया है कि कोई कुछ नहीं बोल रहा है। शनिवार को पुलिस भी मौके पर गई, लेकिन वह चुपचाप अपने काम को अंजाम देकर वापस आ गई। कानो कान किसी को इसकी भनक भी नहीं लगी।
हम अतिक्रमी तो ये कौनसे साहूकार?
भूरचंद, राजेशकुमार व सुरेशकुमार ने बताया कि 155 बीघा सरकारी जमीन में से साढ़े सात बीघा जमीन पर उनका पंद्रह वर्ष से कब्जा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शनिवार को जब वह अपनी जमीन पर गेट लगाने पहुंचे तो सदर पुलिस मौके पर आई और गेट उठाकर ले गई। उन्हें भी थाने ले जाकर बैठा दिया जबकि उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं थी। उनके ठीक पास ट्रैक्टरों के जरिए सरकारी जमीन की सफाई कर अतिक्रमण किया जा रहा था, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पूरे खसरे में नेताओं के रिश्तेदार अतिक्रमण कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हें ही परेशान किया जा रहा है।
अभी निर्देश देता हूं
इस मामले में एसडीएम व तहसीलदार को अभी निर्देश देता हूं।
अरूण पुरोहित कार्यवाहक जिला कलक्टर बाड़मेर
उस जमीन पर तो स्टे है
155 बीघा जमीन में से कुछ जमीन आवंटित कर दी है और करीब 132 बीघा जमीन पर न्यायालय का स्टे है। यदि कोई गड़बड़ हो रही है तो सुबह देखेंगे।
चन्द्रभानसिंह भाटी तहसीलदार बाड़मेर
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