शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

जैसलमेर। मुझे बेमतलब घसीटा जा रहा: सांसद, संयम बरतने की अपील

जैसलमेर। मुझे बेमतलब घसीटा जा रहा: सांसद, संयम बरतने की अपील

जैसलमेर। बाड़मेर-जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा कि मोकला के पास पुलिस की गोली से चतुरसिंह की मौत के मामले में उनका नाम बेमतलब घसीटा जा रहा है। सांसद ने कहा कि यह मामला कानून व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। इसमें उनकी किसी तरह की भूमिका होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सांसद गुरुवार को जैसलमेर प्रवास के दौरान जैसल क्लब में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।


मुझे बेमतलब घसीटा जा रहा: सांसद


सीआईडी जांच पर करें भरोसा
कर्नल ने कहा कि राज्य सरकार ने उक्त मामले की जांच सीआईडी सीबी से करवाने का निर्णय लिया है। यह एजेंसी जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी। उन्होंने कहा कि सीआईडी जांच पर भरोसा नहीं करने का मतलब है, मुख्यमंत्री पर अविश्वास करना।





संयम बरतने की अपील
सांसद ने चतुरसिंह की मौत के बाद आंदोलित लोगों से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि मामले की जांच होने से सच सामने आएगा। जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। तब तक संयम बरतना आवश्यक है। उन्होंने कभी भी जातिवादी राजनीति नहीं की। यही कारण है कि बाड़मेर-जैसलमेर के मतदाताओं ने उन्हें चार बार सांसद का चुनाव जिताया और एक बार विधायक भी बनाया।

जैसलमेर। चुतरसिंह हत्याकांड : सड़कों पर उतरा गुस्सा, किया प्रदर्शन,2 को जैसलमेर बंद का आह्वान

जैसलमेर। चुतरसिंह हत्याकांड : सड़कों पर उतरा गुस्सा, किया प्रदर्शन,2 को जैसलमेर बंद का आह्वान


जैसलमेर। जिले के मोकला गांव में गत दिनों हुए पुलिस के गोलीकाण्ड को लेकर उपजे विरोध के स्वर ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुखर हो गए। गौरतलब है कि गोलीकांड में चतुरसिंह की मौत हो गई थी। गुरुवार को जिले के प्रमुख कस्बे व गांव बंद रहे। कई जगह जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपे गए तो सड़कों पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। पुलिस प्रशासन की ओर से ऐहतियात के तौर पर जगह-जगह जाब्ता तैनात किया गया। इस दौरान राजमथाई, नाचना, रामदेवरा, फलसूण्ड, सांकड़ा, चांधन, बडोड़ा गांव, रामगढ़, मोहनगढ़, भैंसड़ा आदि ग्रामीण क्षेत्र बंद रहे और दुकानें नहीं खुली।

जैसलमेर पुलिस गोलीकांड : सड़कों पर उतरा गुस्सा, किया प्रदर्शन

नहीं खुली दुकानें
पोकरण कासं-गुरुवार को उपखण्ड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में विरोध प्रदर्शन करते हुए लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे तथा रोष जताया। क्षेत्र के राजमथाई सहित कई गांवों में लोगों ने रोष जताते हुए अपनी दुकानें बंद रखी। जिसके चलते बाजार बंद रहे। लोगों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की। दुकानें बंद रहने से आमजन को परेशानी हुई।

नाचना बंद पूरी तरह से सफल रहा। गांव में दवाइयों, सब्जी, डेयरी, किराणा, होटलें, केबिन आदि सुबह से ही बंद थे। सुबह से ही आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों का नाचना आने का दौर शुरू हो गया। गांव में देवीसिंह सत्याया, भाजपा मंडल अध्यक्ष छगनसिंह व भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ओमसिंह अवाय के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जुलूस निकाला। जुलूस में लोग पुलिस व प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए गांव के मुख्य मार्गों से उपनिवेशन उपायुक्त कार्यालय पहुंचे।

फलसूण्ड गांव आधे दिन तक बंद रहा तथा ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। गांव में सुबह से ही व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे, जो दोपहर 12 बजे तक पूरी तरह से बंद रहे। व्यापार मंडल की ओर से एक जुलूस निकाला गया।

टायर जलाकर प्रदर्शन
बंद के दौरान कुछ युवकों द्वारा सीएडी कॉलोनी चौराहे पर टायर जलाए गए। राजपूत समाज छात्रावास के भूखण्ड पर बैठक आयोजित की गई। दो मिनट को मौन रखकर चतुरसिंह सोढ़ा को श्रद्धांजलि दी।

जुलूस निकाला, ज्ञापन दिया
रामगढ़ कस्बा गुरुवार को बन्द रहा। एक दिन पूर्व किए गए बंद के आह्वान के चलते रामगढ़ में सुबह से ही दुकानें नहीं खुली। कस्बे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। रामगढ़ बन्द के दौरान कस्बे में राजपूत समाज की बैठक का आयोजन किया।

पुलिस चौकी के सामने विरोध
बडोड़ा गांव पूर्णतया बंद रहा। बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर पुलिस चौकी के आगे प्रदर्शन किया। बडोड़ा गांव सहित अभयनगर व जसकरणपुरा में बंद पूर्णतया सफल रहा। प्रदर्शन के बाद मृतक को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

2 जुलाई को जैसलमेर बंद का आह्वान
पुलिस की गोली से युवक की मौत के विरोध में 'चतुरसिंह फर्जी एनकाउंटर संघर्ष समिति' के बैनर तले 2 जुलाई को जैसलमेर जिला मुख्यालय बंद रखने व रैली निकालने का आह्वान किया गया है। इस संबंध में गुरुवार शाम को आयोजित पत्रकार वार्ता में समिति के सवाईसिंह देवड़ा और एडवोकेट कंवराजसिंह राठौड़ ने कहा कि मामले की सीबीआई से जांच सहित अन्य प्रमुख मांगों को नहीं माने जाने तक लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन जारी रहेगा।

बंद रहे कस्बे
जिले के मोकला गांव में गत दिनों हुए पुलिस के गोलीकाण्ड को लेकर उपजे विरोध के स्वर ग्रामीण क्षेत्रों में भी मुखर हो गए। गौरतलब है कि गोलीकांड में चतुरसिंह की मौत हो गई थी। गुरुवार को जिले के प्रमुख कस्बे व गांव बंद रहे। कई जगह जुलूस निकालकर ज्ञापन सौंपे गए तो सड़कों पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। पुलिस प्रशासन की ओर से ऐहतियात के तौर पर जगह-जगह जाब्ता तैनात किया गया। इस दौरान राजमथाई, नाचना, रामदेवरा, फलसूण्ड, सांकड़ा, चांधन, बडोड़ा गांव, रामगढ़, मोहनगढ़, भैंसड़ा आदि ग्रामीण क्षेत्र बंद रहे और दुकानें नहीं खुली।

बाड़मेर। माटी की हो जाती है मिट्टी पलीत

बाड़मेर। माटी की हो जाती है मिट्टी पलीत


दुर्गेश चौधरी@बाड़मेर.
बाड़मेर। सीमावर्ती जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय में स्थित मोर्चरी में शवों को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रिज नहीं होने से कई बार शव की दुर्गति हो जाती है। यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से आधुनिक मोर्चरी का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन डीप फ्रिज नहीं दिया गया है। इससे कई बार मुश्किल खड़ी हो जाती है।

माटी की हो जाती है मिट्टी पलीत


जिले में पिछले एक दशक में व्यावसायिक गतिविधियां बढऩे के साथ ही अपराध में तेजी से वृद्धि हुई है। बाहरी प्रदेश के किसी व्यक्ति की मौत पर उसके परिजनों को सूचित करने एवं आने में कई बार 2 से 3 दिन लग जाते हैं। ऐसे में उस शव की सुरक्षा करना चिकित्सा विभाग व पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है। वहीं दूसरी तरफ किसी की मौत पर परिजनों व समाज के विरोध के बाद पोस्टमार्टम में देरी से भी शव को सुरक्षित रखना भारी पड़ जाता है।





जीवाणुओं से खतरा

व्यक्ति की मौत के बाद एक बार शव कड़क हो जाता है। करीब सात-आठ घंटे बाद शव शिथिल पडऩे लगता है और उसमें जीवाणुओं की संख्या तेजी से बढऩे लगती है। उसके सारे अंगों में पानी निकलने लगता है। एेसे में तेज गर्मी से शव सड़ांध मारने लगता है। अधिकांश मामलों में परिजनों के अभाव में मोर्चरी में रखे शवों के लिए बर्फ की व्यवस्था नहीं हो पाती। लिहाजा शव की हालत भी खराब होने लगती है।





आधुनिक मोर्चरी का निर्माण पूर्ण

राजकीय चिकित्सालय में आधुनिक मोर्चरी का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। यहां पर पुरानी मोर्चरी के पास ही 15 लाख रुपए की लागत से तीन कमरों का निर्माण किया जा चुका है। इसमें से एक कक्ष में शव का पोस्टमार्टम व क्लिनिंग कक्ष है। वहीं अन्य दो कक्षों में से एक चिकित्सक कक्ष। यहां विद्युत, पानी, पेयजल व परिजनों के रात में रुकने की व्यवस्था भी की गई है। मोर्चरी के आगे सड़क भी बनाई गई है।





प्रयास कर रहे हैं

चिकित्सालय में आधुनिक मोर्चरी का निर्माण हो चुका है। भीषण गर्मी में शव को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रिज आवश्यक है। इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।

डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, राजकीय चिकित्सालय

बाड़मेर। डब्ल्यूएचओ : 1 हजार पर हो 1 चिकित्सक, बाड़मेर : 12750 लोगों पर 1 चिकित्सक

बाड़मेर। डब्ल्यूएचओ : 1 हजार पर हो 1 चिकित्सक, बाड़मेर : 12750 लोगों पर 1 चिकित्सक


बाड़मेर। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में 26 लाख की आबादी के लिए चिकित्सकों की कमी रोगियों का मर्ज पर भारी पड़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1:1000 चिकित्सक-मरीज अनुपात होना चाहिए, लेकिन यहां तो 12 गुणा से भी ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी एक चिकित्सक पर है। ऐसे में बढ़ते काम के भरोसे चिकित्सक परेशान हो हरे हैं।


डब्ल्यूएचओ : 1 हजार पर हो 1 चिकित्सक, बाड़मेर : 12750 लोगों पर 1 चिकित्सक

वहीं दूसरी ओर सरकार लाख कोशिशों के बावजूद इस अनुपात को पाटने में नाकाम रहा है। इस कारण सरकार नि:शुल्क जांच व दवा योजना का लाभ लोगों को पहुंचाने में काफी हद तक नाकाम साबित हो रही है। और तो और बाड़मेर जिले में गंभीर बीमारियों का उपचार ही संभव नहीं है। इस कारण यहां से मरीजों को रेफर टू जोधपुर या रेफर टू गुजरात कर दिया जाता है।

भगवान भरोसे उपचार
जिले की विकट भौगोलिक परिस्थितियों एवं आवागमन के साधनों की कमी के बावजूद यहां चिकित्सकों के स्वीकृत पद भी नहीं भरे गए हैं। जिले में अधिकांश लोग ढाणियों में निवास करते है, जहां सड़कों के साथ साधनों की भी कमी है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं, सर्पदंश सहित आपातस्थितियों में मरीज को चिकित्सक तक समय पर पहुचंने में मशक्कत करनी पड़ती है।

इन सुविधाओं की दरकार

- जिला मुख्यालय पर 16 करोड़ की लागत से निर्मित मातृ एवं शिशु चिकित्सालय को जल्द शुरू किया जाए।

- राज्य सरकार की ओर से खरीद की स्वीकृति के ढाई वर्ष भी डायलिसिस मशीन की सुविधा नहीं होने से सैकड़ो मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

- जिले में नेत्र चिकित्सकों के पद रिक्त होने से आंखों के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

- ट्रोमा सेंटर में सभी तरह के संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल रही।





वैकल्पिक व्यवस्था के भरोसे

जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से चिकित्सकीय कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर कार्य कर रहे हैं।

डॉ. सुनिल कुमारसिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी





जिला अस्पताल पर पड़ रहा भार

ग्रामीण चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण जिला चिकित्सालय में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यहां भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण कार्य प्रभावित होता है।

डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, बाड़मेर





जिले में पदों की स्थिति

पदनाम स्वीकृत रिक्त

कनिष्ठ विशेषज्ञ औषध 22 19

कनिष्ठ विशेषज्ञ शल्य 22 20

कनिष्ठ विशेषज्ञ स्त्री 6 6

कनिष्ठ विशेषज्ञ शिशु 6 5

कनिष्ठ विशेषज्ञ नेत्र 2 2

कनिष्ठ विशेषज्ञ क्षय 1 1

क. विशेषज्ञ निश्चेतना 2 2

व. चिकित्सा अधिकारी 20 15

बीसीएमओ 8 7

चिकित्सा अधिकारी 179 22

चिकित्सा अधिकारी दंत 13 9

राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर

वरिष्ठ विशेषज्ञ 6 5

उप नियन्त्रक 1 -

कनिष्ठ विशेषज्ञ 19 13

व. चिकित्सा अधिकारी 4 1

चिकित्सा अधिकारी 30 10

कुल 341 137





फैक्ट फाइल

26 लाख से ज्यादा है जिले की आबादी

2600 चिकित्सक होने चाहिए डब्ल्यूएचओ के अनुसार

341 पद स्वीकृत है बाड़मेर में

204 ही कार्यरत हैं विभिन्न अस्पताल में

सिणधरी। छुट्टी के बाद ढही संस्कृत विद्यालय भवन की छत

सिणधरी। छुट्टी के बाद ढही संस्कृत विद्यालय भवन की छत


सिणधरी। नाकोड़ा ग्राम पंचायत में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय फौजोणियों की ढाणी के बरामदे की छत बुधवार शाम भरभरा ढह गई। यह भवन लम्बे अर्से से जर्जर हाल था। इसको लेकर संस्था प्रधान ने वर्ष 2010 में संस्कृत शिक्षा विभाग को विद्यालय की स्थिति से अवगत करवा दिया था।

इसके 6 वर्ष बाद भी विद्यालय भवन मरम्मत करने को लेकर विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बुधवार शाम विद्यालय बरामदे की छत ढह गई तो दो कक्षाकक्ष एवं एक हॉल की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई।

छुट्टी के बाद ढही संस्कृत विद्यालय भवन की छत

अवगत करवा दिया था
राउप्रावि संस्कृत विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार ने बताया कि जर्जर विद्यालय भवन की सूचना वर्ष 2010 से संस्कृत शिक्षा के विभागीय शिक्षा अधिकारी को भिजवाई जा रही है। लेकिन विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

चुतरसिंह हत्याकांड: शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने मुख्यमंत्री एंव गृह मंत्री को लिखा पत्र मामले की जांच सीबाआई से कराने की मांग

चुतरसिंह हत्याकांड: शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने मुख्यमंत्री एंव गृह मंत्री को लिखा पत्र मामले की जांच सीबाआई से कराने की मांग



बाड़मेर। शिव से भाजपा विधायक मानवेन्द्रसिंह ने जैसलमेर पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत के मामलें की जांच सीबाआई से करवाने की पैरवी करते हुए कहा कि पुलिस के बयानों में विरोधाभास की स्थिति है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को लिखे पत्र में मानवेन्द्रसिंह ने बताया कि घटना के बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा उनकों दी गयी जानकारी और इस मामलें में दर्ज मुकदमें में वर्णित तथ्यों में जमीन आसमान का अंतर है। मानवेन्द्रसिंह ने कहा कि इस व्यवहार से मामलें में पुलिस का दोहरा चरित्र स्पष्ट झलकता है।




मानवेन्द्रसिंह ने लिखा कि उनकी जानकारी के अनुसार मृतक चुतरसिंह के विरूद्ध चोरी जैसे सामान्य प्रवृति के अपराधिक मामले दर्ज थे। घटना के दिन भी चुतरसिंह और उसके साथियों द्वारा पुलिस दल पर हमला किया गया हो या क्रास फायरिंग हुई हो, ऐसी कोई बात ना तो सामने आयी है और ना ही पुलिस द्वारा कोई ऐसी कोई जानकारी दी गयी है। पुलिस ने इस मामलें में चुतरसिंह और उसके साथियों के पास से कोई हथियार भी बरामद किया है।




मानवेन्द्रसिंह ने लिखा कि उपरोक्त तथ्यों के आधार पर उक्त घटना में पुलिस द्वारा फायरिंग करना एक गैर जिम्मेदारना कृत्य है और हत्या का विषय बनता है।


मानवेन्द्रसिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया वर्तमान माहौल में यह एक यक्ष प्रश्न है कि जब कानून के रक्षक ही हत्यारें बन जाए, तो आम नागरिक और लोक शांति का क्या होगा। उन्होनें कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में पुलिस के आला अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैयें के प्रदेश के शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में तनाव की स्थितियां उत्पन्न हो गयी है।


मानवेन्द्रसिंह ने पत्र में लिखा कि इस प्रकरण में पुलिस के दोहरे रवैये के कारण आम जनमानस इस प्रकरण की जांच की स्वतंत्र एंजेसी से करवाना चाहता है। ऐसे में जनभावनाओ को देखते हुए मामलें की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

ढाका।बांग्लादेश: हिन्दू पुजारी की चाकूओं से गोदकर निर्मम ह्त्या, तीन हमलावरों ने दिया वारदात को अंजाम



ढाका।बांग्लादेश: हिन्दू पुजारी की चाकूओं से गोदकर निर्मम ह्त्या, तीन हमलावरों ने दिया वारदात को अंजाम
बांग्लादेश: हिन्दू पुजारी की चाकूओं से गोदकर निर्मम ह्त्या, तीन हमलावरों ने दिया वारदात को अंजाम

बंगलादेश की राजधानी ढाका से लगभग तीन सौ किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित झिनयीदाह जिला मुख्यालय के पास शुक्रवार को एक हिन्दू पुजारी की मंदिर के बाहर कुछ अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी।




झिनयीदाह जिला प्रशासन के प्रमुख महबूबुर रहमान के मुताबिक़ मृतक की पहचान 45 वर्षीय श्यामनंदा दास के तौर पर हुई है। जानकारी में सामने आया है कि पुजारी श्यामनंदा दास सुबह मंदिर में पूजा की तैयारी कर रहा था तभी अचानक मोटर साइकिल पर सवार तीन युवकों ने उन पर चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी।




16 करोड़ की मुस्लिम बहुल आबादी वाले बंगलादेश में पिछले कुछ महीनों से इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा उदारवादी कार्यकर्ताओं, मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले किए जा रहे हैं।




पुलिस ने बताया कि हिन्दू पुजारी की हत्या के पीछे का कारण अभी तक साफ़ नहीं हो सका है और न ही इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार किया गया है। महबूबुर रहमान ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में बताया कि हमले की प्रकृति स्थानीय आतंकवादियों से मिलती जुलती है।




गौरतलब है कि अभी हाल ही में हुई कई हत्याओं की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है, हालांकि सरकार ने इस बात का खंडन किया है।

गुजरात में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी बदल रही झुंझुनूं की आईपीएस बेटी सरोज कुमारी

गुजरात में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी बदल रही झुंझुनूं की आईपीएस बेटी सरोज कुमारी


सीकर. वे कई साल से जिस्मफरोशी के दलदल में फंसी थीं। ना बेटियां बच पा रहीं थीं ना बहुएं। अफसर और नेता तो कई बदले। किसी ने उन्हें 'धंधे' से छुटकारा नहीं दिलाया, मगर गुजरात के बोटाद जिले की एसपी बनकर आईं राजस्थान की आईपीएस बेटी सरोज कुमारी इनके लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं, जो डंडे के दम पर नहीं बल्कि प्यार और समझाइश से इनकी जिंदगी बदल रही हैं। अब तक 30 महिला सेक्स वर्कर्स 'गंदा काम' छोड़ चुकी हैं। ऐसी ही 15 और महिलाएं हैं, जो बदलाव की इस राह पर चल पड़ी हैं।

महिलाएं इसलिए अपना रही यह रास्ता


-गांव में अशिक्षा व गरीबी अधिक है।

-यहां शादियां देरी से होती हैं।

-लिंगानुपात में अंतर अधिक है।

-परिवार के पुरुष सदस्यों की मौन स्वीकृति।

-फैक्ट्रियों/कपास के खेतों में काम करने आते बाहर के श्रमिक।

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कौन हैं आईपीएस सरोज कुमारी

सरोज कुमारी वर्ष 2011 की गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के गांव बुडानिया की रहने वाली हैं। बोटाद में इनकी छवि लेडी सिंघम की है। फिरौती व वसूली करने वाले कई अपराधियों को ये जेल भिजवा चुकी हैं। पिछले साल से माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने निकले भारतीय लोक सेवा अधिकारियों के दल सरोज कुमारी एकमात्र महिला अधिकारी थीं।

बाड़मेर जैसलमेर के एस पी सहित 51 आईपीएस के तबादले गगनदीप सिंगला बाड़मेर गौरव यादव जैसलमेर के नए एस पी



बाड़मेर जैसलमेर के एस पी सहित 51 आईपीएस के तबादले


गगनदीप सिंगला बाड़मेर गौरव यादव जैसलमेर के नए एस पी






जयपुर राज्य सरकार ने देर रात्रि आधेश जारी कर 51 आईपीएस के तबादले किये।बहुप्रतीक्षित सूचि आज देर रात जारी की गयी जिसमे बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक पद पर गगनदीप सिंगला और जैसलमेर में गौरव यादव को लगाया।वहीं बाड़मेर एस पी परिस देशमुख को नागौर और डॉ राजीव पचार को हनुमानगढ़ लगाया गया हे।0