रविवार, 28 सितंबर 2014

बाड़मेर। छत से गिरने पर मजदूर की मौत

बाड़मेर। छत से गिरने पर मजदूर की मौत

बाड़मेर :-बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सिटी कोतवाली थानांतर्गत कृषि मंडी में काम करने के दौरान गिरने से 
उसकी मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की रोज सुबह एन एच 15 पर स्थित कृषि मंडी में काम करने के दौरान गिरने से उसकी मौत हो गई मृतक के शिनाख्त भेराराम /नवलाराम मेघवाल निवासी हाथी तला के रूप में हुई।


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बालोतरा। घर में घुसकर युवक पर चलाई गोली

बालोतरा। घर में घुसकर युवक पर चलाई गोली

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा
बालोतरा। सिवाना उपखंड के समदड़ी इलाके के मियो का बाड़ा गांव में शनिवार की देर रात को कुछ दबंगो द्वारा एक व्यक्ति के घर में घुसकर जान से मारने की नीयत से गोली चलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। समदड़ी थाना अधिकारी ने बताया कि शनिवार की देर रात को गरबो के आयोजन के दोरान यह वारदात हुई है ओर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पुख्ता सुत्रो के अनुसार मियो के बाड़ा निवासी किसनाराम मेगवाल पर बहुचर्चित गुलाराम चरवाहा हत्याकांड से जुड़े आरोपियो ने पीडि़त के घर में प्रवेष कर उस पर गोली चला दी। किसनाराम ने खुद को कमरे में बंद कर दिया। गोली के दीवार पर लगने से उसकी जान बच गई। बालोतरा के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक ओर उप पुलिस अधिक्षक समदड़ी पहुच गए है ओर मामले की जांच में जुटे है।

बालोतरा। भाजपा नेताओ ने टटोली कार्यकर्ताओ की नब्ज,एकजुट रहने ओर मनमुटाव छोड़ने का किया आव्हान

बालोतरा। भाजपा नेताओ ने टटोली कार्यकर्ताओ की नब्ज,एकजुट रहने ओर मनमुटाव छोड़ने का किया आव्हान

रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा
बालोतरा। प्रदेष में आगामी निकाय चूनावो को लेकर भाजपा ने कार्यकर्ताओ की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। निकाय चुनावो में भाजपा को जीत दिलाने के लिये पार्टी के प्रदेष स्तर के पदाधिकारियो ने शनिवार को बालोतरा के भाजपा पदाधिकारियो ओर कार्यकर्ताओ से मुलाकात कर चुनाव पर रणनीती तैयार की ओर आवष्यक दिषा निर्देष दिये।
होटल में आयोजित बैठक में भाजपा प्रदेष उपाध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, पषु पालन आयोग के अध्यक्ष ओर जिले के प्रभारी जसवंतसिह विष्नोई, प्रदेष महामंत्री कुलदीप धनखड़ ने कार्यकर्ताओ से मनमुटाव भुलाकर चुनाव की तैयारियो में जुटने का आव्हान किया । बैठक में पचपदरा विधायक अमराराम चैधरी, बायतु विधायक कैलाष चैधरी, नगरपरिषद के सभापती महेष चोहान,नगरमंडल के अध्यक्ष मदन चैपड़ा सहित कार्यकताओ ने भाग लिया। बाद में पत्रकारो से बातचीत में प्रदेष उपाध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने कहां कि बालोतरा में निष्चित रूप से भाजपा का ही बोर्ड बनेगा। पार्टी में बगावत ओर मनमुटाव के प्रष्न पर उन्होने स्पष्ट किया कि पार्टी के निर्णय के खिलाफ जाने वालो को बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा।

बाड़मेर सिवाना में दुर्गादास स्मारक बनाने का निर्णय


बाड़मेर सिवाना में दुर्गादास स्मारक बनाने का निर्णय

सिवाना


उपखंड क्षेत्र में छप्पन की पर्वत मालाओं में स्थित प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर सिवाना दुर्ग वीर दुर्गादास की वीरता उनके संघर्ष त्याग की प्रतीक पीपलून सरहद में स्थित वीर दुर्गादास की पोल अन्य स्मारक के संरक्षण को लेकर प्रणोनिति प्राधिकरण अध्यक्ष आेंकारसिंह लखावत से मांग की। शनिवार को लखावत ने डाक बंगले में बैठक आयोजित कर दुर्गादास का स्मारक बनाने के लिए स्थानीय विधायक हमीरसिंह भायल, साहित्यकार जीवराज शर्मा, एसडीएम गोमती शर्मा, तहसीलदार प्रकाशचंद्र अग्रवाल ग्रामीणों से सुझाव मांगे। बैठक में वीर दुर्गादास का स्मारक कस्बे में बनाने का निर्णय लिया। लखावत ने स्मारक बनवाने एवं क्षेत्र की ऐतिहासिक प्राचीन धरोहरों का संरक्षण करने के लिए जल्द ही कार्य योजना बनाकर अमल में लाने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण करने के लिए जल्द ही कार्य योजना बनाकर अमल में लाने का भरोसा दिया। बैठक में लखावत ने कहा कि प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरें हमारी सभ्यता शौर्य वीरता का प्रतीक है। इनके संरक्षण के लिए जहां एक ओर सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं इनके रखरखाव स्वच्छता के लिए ग्रामीणों के सहयोग की जरूरत है। सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता अतिआवश्यक है।

प्राचीनधरोहरों का किया अवलोकन
बैठकके बाद ओंकारसिंह लखावत ने सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल, एसडीएम, तहसीलदार ग्रामीणों के साथ वीर दुर्गादास स्मारक बनाने के लिए स्थान चयन को लेकर कस्बे के प्राचीन दुर्ग का अवलोकन किया। दुर्ग में प्रवेश करते ही वहां गंदगी नज़र आने पर लखावत ने दुर्ग के चौकीदार को फटकार लगाई और सफाई करने बबूल की झाडिय़ां कटवाने के निर्देश दिए। तत्पश्चात वीर दुर्गादास के ऐतिहासिक प्रसंग से जुड़े कस्बे से सात किमी दूर पीपलून गांव सरहद में स्थित स्मारकों का अवलोकन किया। पीपलून पहुुंचने पर ढोल-नगाड़ों के साथ ग्रामीणों ने स्वागत किया।
पहलेकाम बाद में पहनूंगा माला-साफा!
आेंकारसिंहलखावत के सिवाना आगमन पर स्थानीय भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं ग्रामीणों की ओर से एवं पीपलून में ग्रामीणों की ओर से साफा माल्यार्पण किए जाने पर लखावत ने साफा माला पहनने से इनकार करते हुए कहा कि आपकी ओर से कार्य करवाने की मांग मुझसे की है। पहले उसे पूरा करुंगा उसके बाद साफा माला पहनूंगा। इस मौके पर भाजपा मंडल महामंत्री महेंद्र छाजेड़, भाजयुमो मंडल अध्यक्ष सोहनसिंह भायल, कोजसिंह पीपलून, जोगाराम माली, अनोपसिंह गोलिया, भाजयुमो नगर अध्यक्ष राजेश जोशी, ललित शास्त्री, बाबूसिंह इंद्राणा भावानीसिंह चौहान आदि मौजूद थे।

राजस्वरिकॉर्ड में ही नहीं सिवाना का दुर्ग!

बालोतरा. सिवानाका ऐतिहासिक दुर्ग राजस्व रिकॉर्ड में ही नहीं है। यह सुनने में चौकाने वाला जरूर लगे, मगर सही है। करीब एक हजार वर्ष पुराना यह ऐतिहासिक दुर्ग अपने आप में कई वीरता शौर्य की गाथाएं समेटे हैं, मगर राजस्व महकमा यहां केवल गेर मुमकिन पहाड़ ही दर्शा रहा है। जब यह बात प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत को पता चली तो वे चकित रह गए। उन्होंने पटवारी को निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि शीघ्र ही दुर्ग को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाएंगे।

उल्लेखनीय है कि सेटलमेंट के समय यह चूक हुई। लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों ने यहां दुर्ग होना दर्ज ही नहीं किया, जबकि पूरे क्षेत्र को गेर मुमकिन पहाड़ी ही दर्शा दिया। शनिवार को जब प्राधिकरण अध्यक्ष लखावत सिवाना दुर्ग का अवलोकन कर रहे थे तो उन्होंने पटवारी से रिकॉर्ड मांगा तो इस बात का खुलासा हुआ। उन्होंने एसडीएम तहसीलदार से बात कर रिकॉर्ड दुरस्त करवाने के निर्देश दिए।

शनिवार, 27 सितंबर 2014

foto...सैन्य शक्ति रूपेण जैसलमेर की तनोट माता। . सैनिको की अटूट श्रद्धा का केंद्र

सैन्य शक्ति रूपेण जैसलमेर की तनोट माता। . सैनिको की अटूट श्रद्धा का केंद्र 












जैसलमेर से करीब 130 किमी दूर स्थि‍त माता तनोट राय (आवड़ माता) का मंदिर है। तनोट माता को देवी हिंगलाज माता का एक रूप माना जाता है। हिंगलाज माता शक्तिपीठ वर्तमान में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लासवेला जिले में स्थित है।

भाटी राजपूत नरेश तणुराव ने तनोट को अपनी राजधानी बनाया था। उन्होंने विक्रम संवत 828 में माता तनोट राय का मंदिर बनाकर मूर्ति को स्थापित किया था। भाटी राजवंशी और जैसलमेर के आसपास के इलाके के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी तनोट माता की अगाध श्रद्धा के साथ उपासना करते रहे। कालांतर में भाटी राजपूतों ने अपनी राजधानी तनोट से हटाकर जैसलमेर ले गए परंतु मंदिर तनोट में ही रहा।

तनोट माता का य‍ह मंदिर यहाँ के स्थानीय निवासियों का एक पूज्यनीय स्थान हमेशा से रहा परंतु 1965 को भारत-पाक युद्ध के दौरान जो चमत्कार देवी ने दिखाए उसके बाद तो भारतीय सैनिकों और सीमा सुरक्षा बल के जवानों की श्रद्धा का विशेष केन्द्र बन गई। 

सितम्बर 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हुआ। तनोट पर आक्रमण से पहले श‍त्रु (पाक) पूर्व में किशनगढ़ से 74 किमी दूर बुइली तक पश्चिम में साधेवाला से शाहगढ़ और उत्तर में अछरी टीबा से 6 किमी दूर तक कब्जा कर चुका था। तनोट तीन दिशाओं से घिरा हुआ था। यदि श‍‍त्रु तनोट पर कब्जा कर लेता तो वह रामगढ़ से लेकर शाहगढ़ तक के इलाके पर अपना दावा कर सकता था। अत: तनोट पर अधिकार जमाना दोनों सेनाओं के लिए महत्वपूर्ण बन गया था।

17 से 19 नवंबर 1965 को श‍त्रु ने तीन अलग-अलग दिशाओं से तनोट पर भारी आक्रमण किया। दुश्मन के तोपखाने जबर्दस्त आग उगलते रहे। तनोट की रक्षा के लिए मेजर जय सिंह की कमांड में 13 ग्रेनेडियर की एक कंपनी और सीमा सुरक्षा बल की दो कंपनियाँ दुश्मन की पूरी ब्रिगेड का सामना कर रही थी। शत्रु ने जैसलमेर से तनोट जाने वाले मार्ग को घंटाली देवी के मंदिर के समीप एंटी पर्सनल और एंटी टैंक माइन्स लगाकर सप्लाई चैन को काट दिया था।

दुश्मन ने तनोट माता के मंदिर के आसपास के क्षेत्र में करीब 3 हजार गोले बरसाएँ पंरतु अधिकांश गोले अपना लक्ष्य चूक गए। अकेले मंदिर को निशाना बनाकर करीब 450 गोले दागे गए परंतु चमत्कारी रूप से एक भी गोला अपने निशाने पर नहीं लगा और मंदिर परिसर में गिरे गोलों में से एक भी नहीं फटा और मंदिर को खरोंच तक नहीं आई। 

सैनिकों ने यह मानकर कि माता अपने साथ है, कम संख्या में होने के बावजूद पूरे आत्मविश्वास के साथ दुश्मन के हमलों का करारा जवाब दिया और उसके सैकड़ों सैनिकों को मार गिराया। दुश्मन सेना भागने को मजबूर हो गई। कहते हैं सैनिकों को माता ने स्वप्न में आकर कहा था कि जब तक तुम मेरे मंदिर के परिसर में हो मैं तुम्हारी रक्षा करूँगी। 

सैनिकों की तनोट की इस शानदार विजय को देश के तमाम अखबारों ने अपनी हेडलाइन बनाया।

एक बार फिर 4 दिसम्बर 1971 की रात को पंजाब रेजीमेंट की एक कंपनी और सीसुब की एक कंपनी ने माँ के आशीर्वाद से लोंगेवाला में विश्व की महानतम लड़ाइयों में से एक में पाकिस्तान की पूरी टैंक रेजीमेंट को धूल चटा दी थी। लोंगेवाला को पाकिस्तान टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया था।

1965 के युद्ध के बाद सीमा सुरक्षा बल ने यहाँ अपनी चौकी स्थापित कर इस मंदिर की पूजा-अर्चना व व्यवस्था का कार्यभार संभाला तथा वर्तमान में मंदिर का प्रबंधन और संचालन सीसुब की एक ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। मंदिर में एक छोटा संग्रहालय भी है जहाँ पाकिस्तान सेना द्वारा मंदिर परिसर में गिराए गए वे बम रखे हैं जो नहीं फटे थे।
सीसुब पुराने मंदिर के स्थान पर अब एक भव्य मंदिर निर्माण करा रही है।

लोंगेवाला विजय के बाद माता तनोट राय के परिसर में एक विजय स्तंभ का निर्माण किया, जहाँ हर वर्ष 16 दिसम्बर को महान सैनिकों की याद में उत्सव मनाया जाता है। 

हर वर्ष आश्विन और चै‍त्र नवरात्र में यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। अपनी दिनोंदिन बढ़ती प्रसिद्धि के कारण तनोट एक पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध होता जा रहा है। 

इतिहास: मंदिर के वर्तमान पुजारी सीसुब में हेड काँस्टेबल कमलेश्वर मिश्रा ने मंदिर के इतिहास के बारे में बताया कि बहुत पहले मामडि़या नाम के एक चारण थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। संतान प्राप्त करने की लालसा में उन्होंने हिंगलाज शक्तिपीठ की सात बार पैदल यात्रा की। एक बार माता ने स्वप्न में आकर उनकी इच्छा पूछी तो चारण ने कहा कि आप मेरे यहाँ जन्म लें। 

माता कि कृपा से चारण के यहाँ 7 पुत्रियों और एक पुत्र ने जन्म लिया। उन्हीं सात पुत्रियों में से एक आवड़ ने विक्रम संवत 808 में चारण के यहाँ जन्म लिया और अपने चमत्कार दिखाना शुरू किया। सातों पुत्रियाँ देवीय चमत्कारों से युक्त थी। उन्होंने हूणों के आक्रमण से माड़ प्रदेश की रक्षा की। 

काँस्टेबल कालिकांत सिन्हा जो तनोट चौकी पर पिछले चार साल से पदस्थ हैं कहते हैं कि माता बहुत शक्तिशाली है और मेरी हर मनोकामना पूर्ण करती है। हमारे सिर पर हमेशा माता की कृपा बनी रहती है। दुश्मन हमारा बाल भी बाँका नहीं कर सकता है।
माड़ प्रदेश में आवड़ माता की कृपा से भाटी राजपूतों का सुदृढ़ राज्य स्थापित हो गया। राजा तणुराव भाटी ने इस स्थान को अपनी राजधानी बनाया और आवड़ माता को स्वर्ण सिंहासन भेंट किया। विक्रम संवत 828 ईस्वी में आवड़ माता ने अपने भौतिक शरीर के रहते हुए यहाँ अपनी स्थापना की।

विक्रम संवत 999 में सातों बहनों ने तणुराव के पौत्र सिद्ध देवराज, भक्तों, ब्राह्मणों, चारणों, राजपूतों और माड़ प्रदेश के अन्य लोगों को बुलाकर कहा कि आप सभी लोग सुख शांति से आनंदपूर्वक अपना जीवन बिता रहे हैं अत: हमारे अवतार लेने का उद्देश्य पूर्ण हुआ। इतना कहकर सभी बहनों ने पश्चिम में हिंगलाज माता की ओर देखते हुए अदृश्य हो गईं। पहले माता की पूजा साकल दीपी ब्राह्मण किया करते थे। 1965 से माता की पूजा सीसुब द्वारा नियुक्त पुजारी करता है।

बाड़मेर युवाओं को सेना से जोड़ने का बोगरा रेजिमेंट का सार्थक प्रयास

बाड़मेर युवाओं को सेना से जोड़ने का बोगरा रेजिमेंट का सार्थक प्रयास 



बाड़मेर आँखों में देश के लिए कुछ कर गुजरने की चमक जबर्दस्त हौसले से देश की रक्षा में जान न्यौछावर करने की ललक के साथ जिज्ञासा भरे छात्र छात्राओं को हथियार टैंक बंदूक की जानकारी देते जवान। यही सब बाड़मेर में दिखा शनिवार शाम। बाड़मेर जिले के जालिपा मिलिट्री केंट मे बोगरा बिग्रेड द्वारा दक्षिण सितारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। जिसमे मे बाड़मेर जिले के विभिन्न स्कूलो से आये 250 बच्चो के साथ उनके अध्यापक एंव प्रशासन व आर्मी के अधिकारी उपस्थित रहे। दर असल बाड़मेर जिले के नौजवान विद्यार्थियो को गौरवशाली भारतीय सेना मे अधिकारी एंव जवान रूप मे भर्ती होने के लिए प्रोत्साहन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कंमाडर जे.एस.मंगत बोगरा बिग्रेड ने प्रोत्साहन पंक्तियो से किया। वही स्कूली बच्चो को बोगरा बिग्रेड के अधिकारियो व जवानो द्वारा शस्त्र प्रदर्शनी का आयोजन किया और सेना के विभिन्न अंगो द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शस्त्र जैसे टैंक गन इत्यादि प्रदर्शित किए गये। इसके बाद युद्ध स्मारक पर श्रद्धाजंलि अर्पण समारोह मे प्रधानाध्यापको ने सैन्य अधिकारियो के साथ देश के लिए अपने प्राणो की आहुति देने वाले वीर जवानो को श्रद्धाजंलि अर्पित की। गौरतलब है की बोगरा बिग्रेड द्वारा की गई पहल ने स्थानीय विद्यार्थियो को गौरवशाली भारतीय सैन्य सेवाओ मे भर्ती होने हेतू प्रोत्साहित कर चयन प्रणाली का पथ प्रदर्शन किया जो की अपने आप मे एक अत्यंत प्रभावशाली प्रयत्न है। इस दौरान एडीएम हरभान मीणा,सीओ राजेंद्र मीश्रा सहित सेना के अधिकारी उपस्थित रहे।

बाड़मेर। । धोरीमन्ना पुलिस पर हमला दो पुलिसकर्मी घायल

बाड़मेर। । धोरीमन्ना पुलिस पर हमला दो पुलिसकर्मी घायल 

बाड़मेर:- चोहटन में आरोपी की तलाश में गई धोरीमन्ना पुलिस पर हमला
बाबूलाल विश्नोई हत्याकांड के आरोपी मदा राम देशांतरी की तलाश में गई थी टीम
पत्थर बाज़ी से तीन कांस्टेबल हुए जख्मी, प्राथमिक उपचार के दी छुट्टी
चोहटन थाने में राजकार्य में बाधा और पत्थर बाज़ी का मुकदमा दर्ज

जयललिता को चार साल की जेल, 100 करोड़ का जुर्माना

बेंगलूरू। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मुश्किलें बढ़ गई है। कोर्ट ने जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है।
verdict in jayalalithaas assets case
जयललिता पर चार साल की सजा के साथ 100 करोड़ रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है। चार साल की सजा सुनाने के साथ ही तय हो गया है कि जयललिता को अब कोर्ट रूम से सीधे गिरफ्तार कर जेल ले जाया जाएगा।

विशेष अदालत में पेशी के लिए जयललिता पहले ही विशेष विमान से चेन्नई से बेंगलूरू पहुंच चुकी थी, क्योंकि अदालत ने जयललिता को इस दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।

आय से अधिक संपत्ति मामले में 18 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आज विशेष अदालत ने जयललिता और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ फैसला सुनाया। जयललिता के साथ उनके तीन सहयोगियों को भी चार साल की सजा सुनाई गई है।

क्या है मामला?
विशेष अदालत जयललिता के खिलाफ 66.65 करोड़ रूपए की आय से अधिक संपत्ति के मामले में अपना निर्णय सुनाया है। आरोप है कि यह संपत्ति उन्होंने वर्ष 1991-96 के दौरान अर्जित की, जब वह पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी थीं।

गौरतलब है कि एआईएडीएमके सुप्रीमो जयललिता पर आय से ज्यादा संपति रखने का आरोप है। डीएमके ने 1996 में जयललिता, उनकी सहयोगी शशिकला और उनके गोद लिए हुए बेटे वी एन सुधाकरन पर केस दर्ज कराया था।

डीएमके का आरोप था कि 1991 से 1996 तक जयललिता के मुख्यमंत्री रहते कई गड़बडियां हुई। उनका दावा था कि वो हर महीने एक रूपए वेतन लेती हैं तो उनकी संपत्ति करोड़ों रूपए की कैसे हो गई।

इस दौरान उन्होंने अपने वेतन से मात्र एक रूपए लेने का ऎलान किया था। इसके बावजूद बाहरी स्त्रोतों से उनपर 66 करोड़ से अधिक रूपए जमा करने के आरोप लगाए गए।

इतना ही नहीं भारत के कई बड़े शहरों में उनके नाम से और उनके अपनों के नाम होटल होने का भी दावा किया गया, साथ ही विदेशों में भी जयललिता के नाम होटल होने की बात कही गई।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कोर्ट के बाहर भारी संख्या में जयललिता के समर्थक मौजूद हैं। इस कारण कोर्ट के बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर जेल के भीतर और आसपास करीब 2,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। साथ ही शहर में कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए विभिन्न स्थानों पर 5,000 अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है।

लाइव: संयुक्त राष्ट्र की महासभा में मोदी ने पाक को दिया करारा जवाब



न्यूयॉर्क/वाशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्तराष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंक का रास्ता छोड़े।
pm modi un general assembly live speech



प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद नए नए रूप और नाम से सामने आ रहा है। इसके खतरे से कोई भी देश मुक्त नहीं है। 10 साल से हम आतंकवाद झेल रहे हैं।




मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ देश आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं।




8: 48 अंतराष्ट्रीय योग दिवस आरंभ करने की ओर बढ़े।




8: 46 टिकाऊ विश्व की कामना से काम करना होगा।




8: 45 हमें अपनी जीवनशैली को बदलने की आवश्यकता है।




8:40 हमें आउटर स्पेस और साइबर स्पेस में स्थिरता तय करनी है।




8: 38 समय के मांग के अनुरूप खुद को ढालें।




8:35 21वीं सदी में विश्व बदल रहा है।




8:32 हमे सोचने की जुरूरत है कि यून के बाद कई समूह बनें।




8:31 जो समंदर को जोड़ता था उससे टकराव की खबरें आ रही हैं। 21वीं सदी में तेजी से बदल रहा विश्व।




8:30 आतंक से लड़ने की सबकी भागेदारी है। 4 दशक से हम आतंक झेल रहे हैं।




8:27 आतंवाद से कोई भी देश आज अछूता नहीं है।




8:26 आतंक का रास्ता छोड़े पाकिस्तान। आतंकवाद नए-नए रूप में प्रकट होता जा रहा है। आतंकवाद को कुछ देश पनाह दे रहे हैं।




8:25 पाकिस्तान से शांतीपूर्ण वार्ता चाहता हूं। और मैं उससे मित्रता चाहता हूं।




8:24 नेपाल लोकतंत्र की ओर बढ़ रहा है।




8:21 भारत दुनिया के हक में आवाज उठाता रहा है। भारत की परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की है।




8: 20 हर देश का अपना दर्शन होता है। मुझे लोगों की अपेक्षाओं का अहसास है।




उन्हों ने अपने संबोधन में कहा कि भारत आर्थिक सामाजिक बदलाव से गुजर रहा है।




संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव वान की मून से नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की।




नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने भीड़ लगी हुई है। साथ ही उन्हें देखने के लिए लोग का जमे हुए हैं।




प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार अमेरिकी यात्रा पर गए हैं। मोदी हिंदी में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले अटल बिहारी बाजपेयी ने हिंदी में भाषण दिया था।




मोदी की अमेरिकी यात्रा को लेकर भारतीय युवाओं मे उत्साह देखा जा रहा है।




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 दिनों की अमेरिकी यात्रा पर हैं। -