बुधवार, 27 अगस्त 2014

कांस्टेबल ने महिला सिपाही से किया दुष्कर्म

जोधुपर। रातानाडा थाना पुलिस ने महिला कांस्टेबल की रिपोर्ट पर एक सिपाही के खिलाफ डरा धमकाकर दुष्कर्म करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पीडिता के बयान दर्ज कर उसका मेडिकल भी करवाया है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।women police constable raped by a policeman in jodhpur
रातानाडा थानाधिकारी प्रदीप सिंह के अनुसार पुलिस लाइन में तैनात महिला कांस्टेबल ने आरोप लगाया कि उदय मंदिर थाने का कांस्टेबल मुकुट मीणा, जो उसके सरकारी क्वार्टर के पास ही दूसरे क्वार्टर में रहता है। वह दो माह पूर्व उससे फोन के जरिये सम्पर्क में आया।

इसके बाद उसने डरा धमकाकर उससे दुष्कर्म किया। पीडिता ने रविवार को पुलिस को रिपोर्ट दी। आरोपी कांस्टेबल को पुलिस लाइन से गिरफ्तार किया गया है, उससे पूछताछ चल रही है। - 

मंगलवार, 26 अगस्त 2014

काठगोदाम एक्स़ 1 सितंबर से जैसलमेर तक चलेगी

रेलवे ने यात्रियों की डिमांड को देखते हुए उन्हें एक तोहफा दिया है। अब भगत की कोठी से काठगोदाम चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन एक सितंबर से जैसलमेर तक जाएगी। इससे गुड़गांव के यात्रियों को भी जैसलमेर जाने में सुविधा होगी।

जैसलमेर को काठगोदाम से जोड़ने वाली यह इकलौती ट्रेन है। गाड़ी संख्या 15014 काठगोदाम-भगत की कोठी एक्सप्रेस 31 अगस्त को काठगोदाम से अपने निर्धारित समय पर चलकर शाम 5.28 बजे भगत की कोठी पहुंचेगी और यहां से 5.45 बजे चलकर रात 10.50 बजे जैसलमेर पहुंच जाएगी। इसी तरह गाड़ी संख्या 15013 जैसलमेर से 2 सितंबर को रात 00.30 बजे चलेगी और सुबह 5.45 बजे भगत की कोठी पहुंचेगी। भगत की कोठी से यह अपने पूर्व निर्धारित समय 6.30 बजे काठगोदाम के लिए निकलेगी।
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी तरूण जैन ने बताया कि यात्रियों की काफी अधिक डिमांड थी। ट्रेन को श्री भादरिया लाठी, आशापुरा गौमट, रामदेवरा, फलोदी, ओसियां, तिवारी, मंडौर, राई का बाग और जोधपुर में ठहराव दिए गए हैं। इस दूरी को तय करने में ट्रेन करीब छह घंटे लगाएगी।

हिंदू पतियों को मिले दूसरी शादी का हकः धर्मसंसद



नई दिल्ली। साईं बाबा के खिलाफ बुलाई गई धर्म संसद में एक और प्रस्ताव पास हुआ। शंकराचार्य के सुझाव पर संतों ने मांग उठाई कि हिंदू विवाह कानून में बदलाव किया जाए। नि:संतान होने पर हिंदू पति को दूसरी महिला से विवाह का अधिकार मिले। शंकराचार्य समर्थकों ने इस प्रस्ताव में सीधे केंद्र सरकार से ये मांग उठाई और इस बाबत प्रस्ताव भी सर्वसहमति से पास कर दिया।


धर्मसंसद जैसी जगह से इस तरह के प्रस्ताव पर धर्मसंसद से इतर अन्य धर्मगुरुओं ने सवाल उठाए हैं। कुछ संतों ने इसे देश की महिलाओं का अपमान बताया है तो कइयों का कहना है कि एक तरफ तो शंकराचार्य साईं बाबा को इसलिए संत मानने से इनकार कर रहे हैं क्योंकि वो मुसलमान थे तो दूसरी तरफ इस्लाम में मिली एक से ज्यादा शादियों की छूट को ही हिंदू धर्म में अपनाने की बात कह रहे हैं।



सवाल उठ रहे हैं कि क्या शंकराचार्य का ये प्रस्ताव व्यावहारिक है? क्या शंकराचार्य का ये प्रस्ताव हिंदू परिवारों को मंजूर होगा? क्या महिलाएं शंकराचार्य के इस प्रस्ताव से सहमत होंगी? क्या पहली पत्नी के रहते और उसे तलाक दिए बिना दूसरा विवाह जायज होगा? संतान के लिए गोद लेने की परंपरा को बढ़ावा देना क्या हिंदू परंपरा के विरूद्ध है?

नोएडा।नोएडा में 'मृत' एक्टिविस्ट गर्लफ्रेंड संग पकड़ा गया



नोएडा। ग्रेटर नोएडा में आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रमोहन की मौत के मामले में पुलिस ने चंद्रमोहन को ही गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसे उसकी एक महिला मित्र के साथ गिरफ्तार किया। दोनों की गिरफ्तारी बैंगलोर से हुई है। पुलिस दोनों को ग्रेटर नोएडा ला चुकी है। अब पुलिस ये पता कर रही है कि कार में जिस शख्स की लाश मिली थी, वो फिर किसकी थी।



पिछले तकरीबन 4 महीने से ग्रेटर नोएडा पुलिस का सिरदर्द बना आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रमोहन की हत्या का मामला एक नए ट्विस्ट के चलते और उलझ गया है। ग्रेटर नोएडा में रहने वाले चंद्रमोहन शर्मा की कार में दो मई की सुबह एक जली हुई लाश मिली थी। मौके पर पहुंचे परिवारवालों ने लाश की शिनाख्त चंद्रमोहन के रूप में की और हत्या का मामला दर्ज कराया।



परिवार का आरोप था कि चंद्रमोहन को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। हादसे के दो दिन पहले ही कार से जा रहे चंद्रमोहन को कुछ लोगों ने ग्रेटर नोएडा में परी चौक के पास रोककर जान से मारने की धमकी दी थी। उन्होंने नोएडा पुलिस से इस बारे में लिखित शिकायत भी की थी।









लेकिन मामले में नया ट्विस्ट अब आया है क्योंकि चंद्रमोहन को जीवित बैंगलोर से गिरफ्तार किया गया है। उसके साथ उसकी महिला मित्र भी पकड़ी गई है। दोनों को यूपी पुलिस नोएडा ला चुकी है लेकिन अब सवाल खड़ा हो रहा है कि चंद्रमोहन अगर जीवित है तो उसकी कार में मिली लाश किसकी थी। पुलिस अब मामले में सामने आए नए ट्विस्ट के आधार पर नए सिरे से जांच में जुट गई है।

1971 की जंग के बाद सबसे भारी फायरिंग कर रहा है पाकः बीएसएफ



पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में सीमा पर हो रही फायरिंग 1971 के युद्ध के बाद से सबसे भारी-भरकम है। बीएसएफ के प्रमुख डीके पाठक ने एक न्यूज चैनल बातचीत में कहा कि यह गोलीबारी पहले से बहुत अलग है और इसमें नागरिकों तक को निशाना बनाया जा रहा है।
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पिछले कई दिनों से भारतीय चौकियों पर पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी की जा रही है। इसमें अब तक दो नागरिकों की जानें जा चुकी हैं और 15 घायल हुए हैं। तीन हजार से ज्यादा लोगों को अपना घरबार छोड़कर बंकरों में शरण लेनी पड़ी है।

इस फायरिंग ने भारतीय सेना को भी नुकसान पहुंचाया है। अब तक तीन सैनिक, दो पुलिसकर्मी और बीएसएफ के दो जवान शहीद हो चुके हैं। बीएसएफ को सरकार ने पाकिस्तान को उचित जवाब देने के निर्देश दे दिए हैं और 15 अगस्त के बाद से बीएसएफ ने पाकिस्तानी गोलाबारी का बराबर जवाब दिया है जिसमें पाकिस्तान को भी भारी नुकसान हुआ है।

मंगलवार को दोनों देशों के सीनियर अफसरों के बीच बैठक हुई जिसमें शांति स्थापित करने पर चर्चा की गई। भारत का दावा है कि पाकिस्तान ने पिछले दो हफ्तों में 20 से ज्यादा बार युद्ध विराम का उल्लंघन किया है। पाठक ने कहा, 'इस गोलाबारी को शुरू करने के पीछे पाकिस्तान का मकसद साफ नहीं है।'

अटल, आडवाणी, जोशी संसदीय बोर्ड से बाहर!



नई दिल्ली। बीजेपी में अटल-अडवाणी युग के समापन का संकेत है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज पार्टी के संसदीय बोर्ड का ऐलान किया, जिसमें ना आडवाणी को जगह मिली और ना बीजेपी की त्रिमूर्ति के तीसरे सदस्य डॉ. मुरली मनोहर जोशी को। पहली बार एक मार्गदर्शक मंडल का गठन किया गया है ताकि त्रिमूर्ति को जगह दी जा सके। लेकिन विपक्ष इसे मूकदर्शक मंडल कहकर चुटकी ले रहा है। इसी के साथ बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति का भी ऐलान किया गया है।

अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी औरा डॉ.मुरली मनोहर जोशी, दशकों से बीजेपी की पर्याय कही जाने वाली ये त्रिमूर्ति जल्द ही बीजेपी बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए भी महज याद बनकर रह जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा चुनाव के मैन ऑफ दि मैच करार दिए गए नए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को जब पार्टी के संसदीय बोर्ड का ऐलान किया तो इसमें तीनों वरिष्ठ नेताओं का नाम नदारद था।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हांलाकि खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय नहीं हैं, लेकिन कुछ महीने पहले ही ताल ठोंकर संसदीय चुनाव जीतने वाले लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी संसदीय बोर्ड में जगह नहीं मिली। लखनऊ पहुंचे डॉ. जोशी को जब ये खबर मिली तो नाखुशी उनके चेहरे से जाहिर हो रही थी।

बीजेपी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अरुण जेतली, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, थावरचंद गहलौत, शिवराज सिंह चौहान, जे.पी.नड्डा और रामलाल शामिल होंगे।

बहरहाल, पार्टी में पहली बार मार्गदर्शक मंडल का गठन करके अटल, आडवाणी और डॉ. जोशी का नाम समायोजित किया है। इसमें नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह का भी नाम है। साफ है कि पार्टी ने भी मान लिया है कि त्रिमूर्ति का युग समाप्त हो गया है। हालांकि तमाम सवालों के बीच पार्ची ये बताने की कोशिश कर रही है कि मार्गदर्शक मंडल ही सर्वोच्च रहेगा।

बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सभी कमेटियों का अपना महत्व है। मार्गदर्शक मंडल सबसे बड़ी समिति है जिसके पास अपार अधिकार है और इसका कार्य मार्गदर्शन करना है। इसमें प्रधानमंत्री जी के साथ अटल जी और आडवानी जी हैं, ये सबसे बड़ी कमिटी है।

लेकिन विपक्ष की नजर में ये वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने का ही अभियान है। कोई इसे मूकदर्शक मंडल करार दे रहा है तो किसी की नजर में ये आरएसएस का बोर्ड है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि हमें हमेशा से ये लगता था की आडवाणी जी और जोशी जी को किनारे कर दिया जाएगा। ये मार्गदर्शक मंडल नहीं मूकदर्शक मंडल है।

वहीं लेफ्ट नेता अतुल अंजान ने कहा कि ये संसदीय बोर्ड नहीं, आरएसएस का बोर्ड है। अटल जी अगर स्वस्थ नहीं है लेकिन आडवानी जी तो हैं उन्हें क्यों बाहर किया। जिस किसी ने कभी भी मोदी का विरोध किया उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

बहरहाल, बीजेपी संसदीय बोर्ड के साथ केंद्रीय चुनाव समिति का भी ऐलान किया गया है। इसमें संसदीय बोर्ड के सभी 12 सदस्यों के अलावा शाहनवाज हुसैन और जुएल ओराम के अलावा विजया रहाटकर को पदेन सदस्य बनाया गया है।



संसदीय बोर्ड के सदस्य

अमित शाह, नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, एम. वैंकेया नायडू, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, थावरचंद गेहलोत, शिवराज सिंह चौहान, जगत प्रकाश नड्डा और रामलाल।



केंद्रीय चुनाव समिति


अमित शाह, नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, एम. वैंकेया नायडू, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, थावरचंद गहलोत, शिवराज सिंह चौहान, जगत प्रकाश नड्डा, रामलाल, जुएल ओराम, शाहनवाज हुसैन और विजया रहाटकर शामिल।

अजमेर।शादी का झांसा दे युवती का किया 5 साल देहशोषण

अजमेर। स्थानीय भक्तिधाम के समीप किराए के मकान में रहने वाली एक 27 वर्षीय युवती ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर शादी का झांसा देकर पांच साल से देह शोषण करने वाले आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
a young woman was raped five years


अपनी दो वर्षीय बच्ची को गोद में लिए युवती ने पुलिस अधीक्षक को लिखित में शिकायत देकर कहा कि स्थानीय फायसागर निवासी अनूप भट्ट नामक युवक उसे डरा धमका कर देह शोषण कर रहा है और मना करने पर वह उसे जान से मारने की धमकी देता है।

पीडित युवती ने आप बीती बताते हुए कहा कि वह हिमाचल प्रदेश में एक्यूपे्रेशर का डिप्लोमा कर रही थी तभी इस युवक से उसकी मुलाकात हुई थी। इस दौरान दो साल तक दोनों एक ही कमरे में किराए पर रहे और युवक ने शादी का झांसा देकर उससे यौन संबंध बना लिए।

युवती के गर्भवती होने पर युवक ने उसका पांच बार गर्भपात भी कराया। डिप्लोमा करने के बाद दोनों यहां आकर रहने लगे लेकिन युवक ने उससे शादी नहीं की।

इस दौरान उसने एक बच्ची को भी जन्म दिया। इसके बाद युवक ने दूसरी युवती से शादी कर ली और अब भी डरा धमका कर उसके साथ यौन संबंध बना रहा है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि युवती की शिकायत पर क्रिश्चन गंज थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। -

कल्याण सिंह बने राजस्थान के महामहिम

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कल्याण सिंह को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। उनके साथ ही तीन अन्य राज्यों गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी राज्यपाल की नियुक्ति की गई है। Kalyan singh appointed as Rajasthan governor
इससे पहले मार्गरेट आल्वा का कार्यकाल पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को राज्य के राज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी हुई थी। उत्तर प्रदेश के एटा के रहने वाले कल्याण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनके पहले कार्यकाल 24 जनवरी 1991 से 6 दिसंबर 1992 में बाबरी विध्वंस हुआ था। 1997 में वह दोबारा यूपी के मुख्यमंत्री बने।

जनवरी 2009 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी और लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार किया था। उनके बेटे राजवीर सपा में शामिल भी हो गए थे। लेकिन 10 महीने बाद ही वे सपा से अलग हो गए और 2010 में अपनी अलग पार्टी जनक्रांति पार्टी बना ली। लेकिन कुछ महीनों बाद ही वे फिर से भाजपा से जुड़ गए। 

 

18 रूपए की रिश्वत, 25 साल बाद एक साल की जेल

जयपुर। महज 18 रूपए के लिए ईमान डिगाना डाक विभाग के कर्मचारी को भारी पड़ गया। करीब पच्चीस साल पुराने इस मामले में आरोपी को अब कोर्ट ने सजा सुनाई है। सीबीआई मामलों की विशेष्ा अदालत ने 18 रूपए की रिश्वत मामले में दोष्ाी पाए गए सत्तर वष्ाीüय आरोपी को एक साल की सजा काटने के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। यह सजा उसे 1993 में सुनाई गई थी।one year jail after 25 years in 18 rupees bribe case
हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद सीबीआई ने वष्ाü 1989 के इस प्रकरण में आरोपी राधेश्याम शर्मा को सोमवार को अदालत में पेश किया, जहां विशेष्ा न्यायाधीश भगवती दास अग्रवाल ने जेल भेजने के आदेश दिए। मामले के अनुसार 1989 में शर्मा जीपीओ में डाक सहायक के पद पर कार्यरत था।

प्रति हजार पर एक रूपए की मांगी थी रिश्वत
शिकायतकर्ता कैलाश सोनी ने सीबीआई को शिकायत की थी कि आरोपी 18 हजार रूपए के राष्ट्रीय बचत पत्र देने के बदले उससे प्रति एक हजार रूपए पर एक रूपए रिश्वत मांग रहा है। शिकायत की तस्दीक होने के बाद आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया।

1989 में किया गिरफ्तार
सीबीआई ने 11 अप्रैल 1989 को आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके करीब चार साल बाद सितम्बर 1993 में अदालत ने शर्मा को एक साल की सजा और साढे सात सौ रूपए जुर्माना देने की सजा सुनाई थी। पिछले दिनों इस मामले में शर्मा की अपील को खारिज कर दिया था। -