गुरुवार, 24 जुलाई 2014

जयपुर।कावडियों का ट्रक पलटा, दो की मौत

जयपुर। कोटपूतली के बालेश्वर शिव मंदिर में कावड़ चढ़ाकर लौट रहे कावडियों से भरा एक ट्रक गुरूवार को सवेरे बिजली के पोल से टकराकर पलट गया।
truck overturns killing two Kavdia in kotputli

हादसे में दो कावडियों की ट्रक के नीचे दबने से मौके पर ही मौत हो गई। एक दर्जन से ज्यादा कावडिए घायल हो गए। तीन कावडियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं।

...और मच गई भगदड़
पुलिस के अनुसार कोटपूतली के पास ही स्थित बालेश्वर धाम शिव मंदिर से कावड़ चढ़ाकर किशोरपुरा गांव से लौटने के दौरान हादसा हुआ। हादसे में किशोरपुरा गांव के हवासिंह और चेतराम की मौत हो गई।

हादसे में घायल धापूदेवी, पवन गुर्जर, विजय गुर्जर, सेडू राम यादव, दिनेश, छोटा देवी, मनभर देवी, मालाराम, करण सिंह, पप्पू, सुरेश गुर्जर और चिडिया देवी घायल हुए हैं। -  

बहू मनाती थी रंगरलियां, बाधक बने ससुर की हत्या

खमनोर। समीपवर्ती उनवास ग्राम पंचायत क्षेत्र के ढ़ीमड़ा गांव में अवैध संबंध में बाधक बने ससुर की उसकी पुत्रवधु ने प्रेमी के साथ मिलकर मंगलवार देर रात हत्या कर दी।
father in law murdered by daughter in law in rajasthan

पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार ढ़ीमड़ा (उनवास) निवासी किशनसिंह (70) पुत्र अणदुसिंह राजपूत के गांव में दो मकान पास-पास ही स्थित है।

मृतक के दोनों ही पुत्रों के मुम्बई में नौकरी करने के कारण एक मकान में अपनी पत्नी एवं पोत्री के साथ रहता है, जबकि पास ही बनाए नए मकान में पुत्रवधु अणछी (25) पत्नी मांगूसिंह राजपूत रहती थी।

मंगलवार रात जब वह अपने घर के बाहर बाड़े में सोया हुआ था। इस दौरान पुत्रवधू ने अपने प्रेमी सोलकियों की भागल सेमा निवासी नाथूसिंह (24) पुत्र हिमसिंह राजूपत के साथ मिलकर सिर पर लट्ठा से वार कर हत्या कर दी।

घटना की जानकारी बुधवार सुबह उस वक्त हुई जब मतृक का पड़ोसी शम्भूसिंह राजपूत घटना स्थल के पास ही खेतों में खुदाई कर रहा था एवं पानी पीने के लिए घर जाने लगा तो उसने रास्ते में मृतक का शव देखा।

सूचना पर पुलिस उपधीक्षक सिद्धांत शर्मा एवं खमनोर थानाधिकारी रमेश कविया मय जाप्ते मौके पर पहुंचे। इस दौरान एफएसएल टीम ने घटना स्थल की जांच कर नमूने एकत्र किए। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया।

आंखें हुई नम
हत्या में अपने ही परिजन के शामिल होने का दुख मृतक की पत्नी सवली बाई, पौत्री ललिता (11), हंजा एवं सीता की आंखें में साफ झलक रहा था। इधर, पिता की मृत्यु की सूचना मुम्बई में काम कर रहे बेटों को मिलने पर वे रवाना हो गए।

हत्या से पहले हुआ झगड़ा
अणछी व नाथूसिंह के बीच पिछले डेढ़ साल से अवैध संबंध थे। इसको लेकर किशन सिंह ने अपनी पुत्रवधु को कई-बार समझाने का प्रयास किया, पुत्रवधु समझने के बजाए उसके साथ ही झगड़ा करने लगती थी।

इस पर किशन ने अवैध सम्बधों पर अंकुश लगाने के लिए अपनी पुत्रवधु के मकान के बाहर ही मवेशियों के लिए बने बाड़े में सोना आरम्भ कर दिया। मंगवार रात को भी करीब 9 बजे किशनसिंह जब बाड़े में सोने आया तो उसका पुत्रवधु से झगड़ा हो गया।

फोन कर प्रेमी को बुलाया
झगड़े के पश्चात किशनसिंह वहीं चारपाई पर सो गया। इधर, अणछी ने रात को ही अपने प्रेमी को फोन पर झगड़े की जानकारी दी व ससुर को रास्ते से हटाने की योजना बताई।

रात को करीब 1 बजे अणछी व व नाथूसिंह दबे पांव किशनसिंह के चारपाई के पास आए और गहरी नींद में सो रहे वृद्ध के सिर पर ताबातोड़ कई वार कर हत्या कर दी।

पूछताछ में ही उगला सच
पुलिस ने पुत्रवधू के अवैध सम्बंधों की जानकारी होने पर दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया। इस दौरान पुलिस के सख्ती करने पर दोनों टूट गए और रोते हुए अपना जुर्म कबूल कर लिया।

पुलिस ने हत्या के आरोप में ढीमड़ा(उनवास) निवासी अणछी(25) पत्नी मांगूसिंह राजपूत एवं सोलकियों की भागल सेमा निवासी नाथूसिंह (24) पुत्र हिम्मतसिंह राजूपत को गिरफ्तार कर लिया।

तेलंगाना में ट्रेन ने मारी स्कूल बस को टक्कर, 15 बच्चों की मौत -

हैदराबाद। तेलंगाना राज्य के मेडक में गुरूवार सुबह स्कूल बस और ट्रेन के बीच टक्कर होने से 15 बच्चों की मौत की खबर है। हादसे में कई बच्चे घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 8 students died in train accidet in telangana
एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार ट्रेन की टक्कर से बस तकरीबन 100 फीट हवा में उछलकर जमीन पर गिर गई।

हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने बच्चों को बस से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।

जानकारी के अनुसार गुरूवार सुबह एक स्कूल बस बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी। बस में तकरीबन 50 बच्चे सवार थे।

मेडक के पास एक मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को बस पार कर रही थी।

इसी दौरान नांदेड-हैदराबाद पैसेंजर ट्रेन की जोरदार टक्कर से बस तकरीबन 100 फीट हवा में उछल कर जमीन पर गिर गई।

हादसे में 15 बच्चों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घाल हो गए जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है।

हादसे के पीछे मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर गार्ड का ना होना बताया जा रहा है।

मौके पर पुलिस और रेलवे के आलाधिकारी पहुंच गए है। -

 

मां की मजबूरी! 20 साल से बेटी को बांध रखा है पेड़ से -



बीजिंग। चीन में एक हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है, जहां एक लड़की को पिछले 20 साल से पेड़ से बांधकर रखा गया है। 26 साल की ज्हांगयनरांग को अपने घर के बाहर ही उसके परिजनों ने उसे एक पेड़ से बांधकर रखा है। उसे बचपन में एक चोट लग गई थी, जिसके बाद वह मानसिक तौर पर अपंग हो गई। वह अपने घर का रास्ता भी याद नहीं रख पाती थी। उसके परिजन उसे कई डॉक्टरों के पास लेकर गए, लेकिन ईलाज का खर्च नहीं उठा पाए। इसलिए उन्होंने फैसला किया कि उसे पेड़ से बांधकर रखना ही एक समाधान है।
26-year-old gilr has been tied to a tree for more than 20 years
पड़ोसियों का कहना है कि वह हिंसक और अस्थिर नहीं थी, वह केवल धीमी थी। वह कई बार गायब हो चुकी थी, इसलिए उसे बांधना ही एक समाधान था। उसकी 60 साल की मां का कहना है कि उसकी बेटी ने कभी भी बांधने का विरोध नहीं किया। लेकिन उसकी मां को एक चिंता सता रही है कि उसकी मौत के बाद उसकी बेटी का ख्याल कौन रखेगा। एक चीनी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अक्सर ऎसे मामले देखने में मिल जाते हैं, जहां इलाज करा पाने में असमर्थ लोग ऎसे मरीजों को बांधकर रखते हैं।

दर्शनीय है तीर्थस्थली बोधगया



बौद्ध धर्मावलंबियों के चार प्रमुख तीथस्थलों में से एक बोधगया प्रमुख आध्यात्मिक नगर है। यह स्थान बहुत ही पवित्र माना जाता है। वर्ष 2002 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में महाबोधि मंदिर शामिल है। बौद्धमंदिर में भगवान बुद्ध का पद्माकार आसान है। मान्यता है कि वे उसी पर बैठकर ध्यानयोग किया करते थे। महाबोधी मंदिर के नजदीक ही बोधि वृक्ष है। उस वृक्ष के नीचे ही सिद्धार्थ गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बोधगया या उरुवेला (बुद्ध के समय कहलाता था) हिंदुओं और बौद्धों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। क्योंकि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नावें अवतार माने जाते हैं। बोधगया के कुछ ही दूरी पर गया शहर है जहां हिंदू अपने पूर्वजों का पिंडदान करवाने आते हैं।

दर्शनीय स्थल

महाबोधि मंदिर, पीपल वृक्ष, अनिमेषलोचन चैत्य, चंक्रमण, रत्‍‌नाकार, मुचलिन्द सरोवर, तिब्बती मंदिर, चीन का मंदिर, जापानी मंदिर, थाई मंदिर, भूटान का मंदिर, पुरातात्विक संग्रहालय दर्शनीय है। बोघगया से 12 किमी पर ढोगेश्वरी गुफा है। जहां बुद्ध ने मनन-चिंतन किया था।

आसपास के अन्य आकर्षण

गया-गया हिंदुओं का पवित्र स्थल माना जाता है। यह पितृदेवों का स्थल है। यहां हिंदु अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं। फाल्गु नदी के किनारे विष्णुपाद का मंदिर तीर्थयात्रिकों को अपने ओर आकर्षित करता है। विष्णुपाद मंदिर में भगवान विष्णु के पैरों के निशान 40 सेमी लंबे और चांदी की परत से मढ़े हुए है। मंदिर परिसर में एक बरगद का वृक्ष है जिसे अक्षयवट कहा जाता है।

बाराबार गुफा

बाराबार गुफा व नागार्जुनी पहाड़ियां बोधगया से 41 किमी दूर है। इनमें चट्टानों को काटकर बने सात गुफा मंदिर है जिनमें चार बाराबार पहाड़ी पर है। यह स्थान महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है। ठोस चट्टानों से निकली गुफाओं में बुद्ध की जीवन की झलकियां दर्शाई गई है। ये दो गुफाएं अशोक द्वारा आजीविका के भिक्षुओं को समर्पित की गई है।

करण चौपा गुफा

यहां का प्रवेश मिस्री शैली में है। गुफा के भीतरी हिस्से व चबूतरे पर पॉलिश की गई है।

सुदामा गुफा

यहां का प्रवेश मिस्री शैली में है और केवल दो ही कक्ष है।

लोमश ऋषि गुफा

लोमश ऋषि गुफा का प्रवेश द्वार मिस्री शैली में है और केवल बाहरी कमरों की दीवार पर पॉलिश की गई है।

विश्व झोंपड़ी गुफा

इस गुफा में बाहरी कक्ष है जिसमें दीवारों पर पॉलिश व चपटी छत है। दाएं हाथ की दीवार पर एक शिलालेख भी खुदा हुआ है।

जाने का सही समय

अक्टूबर से मार्च

बोली जाने वाली भाषा

हिंदी, भोजपूरी, अंग्रेजी

कैसे जाएं

वायुमार्ग-पटना निकटतम हवाई अड्डा है जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है।

रेलमार्ग-निकटतम रेलवे स्टेशन गया (16 किमी) है। यह स्टेशन भारत के कई महत्वपूर्ण स्टेशनों से जुड़ा है।

सड़कमार्ग-बोधगया गया से 16 किमी की दूरी पर है जो ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित है। बोधगया से पटना 97 किमी, वाराणसी 250 किमी और इलाहाबाद 375 किमी की दूरी पर स्थित है।

आवासीय व्यवस्था

इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन के तरफ से होटल है। इसके अलावा कई निजी होटल भी उपलब्ध है।

यात्रा: चलें लक्ष्मी जी की क्रीड़ास्थली पर...

गोकुल में नंदबाबा जी प्रधान थे। जब लाला के जन्म लेने में आठ दिन बाकी थे तब ब्रह्माण नन्द बाबा के घर आए तो बाबा ने उनसे पूछा," हे ब्राह्मणदेव ! आप देखकर बताएं कि लाला के जन्म लेने में कितना समय है। तब ब्राह्मणों ने पंचांग में देखकर बताया कि आज से आठवें दिन, अष्टमी तिथी को, रोहिणी नक्षत्र में, आपके यहां लाला का जन्म होगा।"

इतना कहकर ब्राह्मण चले गए। नन्द बाबा ने सोचा मेरे लाला को जन्म लेने में केवल आठ दिन बचे हैं और हमने तो कुछ तैयारी भी नहीं की सारे ब्रजवासी तैयारी करने लगे। कब आठ दिन निकल गए, पता ही नहीं चला। दिन भर राह देखते-देखते शाम हो गई। आठ बजे सब नौकर-चाकर बाबा से कहने लगे," बाबा! अब तो रात हो गई लाला का जन्म अब तक नहीं हुआ हमें तो नींद आने लगी है हम तो सोने जा रहे हैं।"
यात्रा: चलें लक्ष्मी जी की क्रीड़ास्थली पर...
बाबा ने कहा," ठीक है आप सो जाईए जब लाला का जन्म हो जाएगा तो हम आप सब को जगा देंगे।"

एक घंटे बाद नौ बजे नन्द बाबा की आंखों में भी नींद आने लगी। नन्द बाबा ने अपनी बहन सुनंदा से कहा," बहन! अब तो हमें भी नींद आने लगी है। लाला का जन्म तो अभी तक नहीं हुआ।"

सुनंदा ने कहा," भईया ! जब लाला का जन्म हो जाएगा, तब हम आपको जगा देंगे।"

नन्द बाबा भी सो गए एक घंटा और निकला दस बजे सुनंदा की आंखों में भी नींद आने लगी सुनन्दा जी यशोदा मईया से कहने लगी,"भाभी मेरी आंखों में तो नींद आने लगी है।"

यशोदा जी कहने लगी," आप सो जाओ जब लाला का जन्म हो जाएगा तो मैं आपको जगा दूंगी।"

वही पास में सुनंदा जी सो गई। एक घंटा और निकला तो ग्यारह बजे यशोदा जी की आंखों में भी नींद आने लगी और लाला की मईया भी सो गई। क्या आप जानते हैं ये सब लोग क्यों सो रहे हैं ?

क्योंकि योगमाया जी आ रही थी। उनका काम ही जीव को सुलाना है, जैसे ही बारह बजे वासुदेव आए और कौतुक करके चले गए। लाला को सुलाकर लाली को ले गए।
भगवान ने पहली बार अपने कमल के से नेत्र खोले अब भगवान जहां-जहां कान लगाते खर्राटों की आवाज आती।

भगवान ने सोचा ये ब्रजवासी कितने भोले हैं इनके यहां लाला का जन्म हो गया
और ये सब सो रहे हैं ये नहीं की उठकर नाचे गाए, यहां तो मेरी मईया भी सो रही हैं
कैसे इन्हें जगाऊं?

भगवान ने रोना शुरु किया, ऊँ-ऊँ-ऊँ की ध्वनि निकल पड़ी जैसे कोई तपस्वी अपनी साधना शुरू करने से पहले प्रणव का उच्चारण करता है। ऐसे ही भगवान ब्रज में अपनी लीला शुरू करने से पहले प्रणव नाद कर रहे थे जैसे ही रोने की ध्वनि यशोदा जी ने सुनी तो झट से सुनंदा जी से कहा," बहन! बधाई-है-बधाई, लाला को जन्म हो गया है।"

झट सुनंदा जी उठी और बाबा के पास जाकर बोली,"भईया! बधाई-है-बधाई लाला का जन्म हो गया है।"

बाबा नन्द ने जैसे ही सुना तो शरीर का कुछ होश नहीं रहा झट प्रसूतिका ग्रह की ओर भागे जा रहे हैं। यशोदा जी ने कपड़ों से भगवान को ढक लिया बाबा से बोली," पहले कुछ मुहं दिखाई दो।"

बाबा ने कहा," जैसे तुम्हारे लाला होंगे वैसे ही मुंह दिखाई दे दूंगा।"

झट यशोदा जी ने कपड़ा हटाकर लाला का दर्शन कराया बाबा कहने लगे," तुम्हारे इस लाल पर तन-मन-धन सब कुछ वार दूं।"

नन्द बाबा बड़े मनस्वी और उदार थे। पुत्र का जन्म होने पर तो उनका हृदय विलक्षण आनंद से भर गया। उन्होंने स्नान किया और पवित्र होकर सुन्दर-सुन्दर वस्त्राभूषण धारण किए। फिर वेदज्ञ ब्राह्मणों को बुलाकर स्वस्तिवाचन और अपने पुत्र का जातकर्म संस्कार करवाया।

उन्होंने ब्राह्मणों को वस्त्र और आभूषणों से सुसज्जित दो लाख गौएं दान की, रत्नों और सुनहरे वस्त्रों से ढके हुए तिल के सात पहाड़ दान किए। ब्रजमंडल के सभी घरों के द्वार, आंगन और भीतरी भाग झाड़-बुहार दिए गए। उनमें सुगन्धित जल का छिड़काव किया गया। उन्हें चित्र-विचित्र, ध्वजा-पताका, पुष्प की मालाओं, रंग-बिरंगे वस्त्र और
पल्लवो की बन्दनवारो से सजाया गया। गाय ,बैल और बछडों के अंगों में हल्दी-तेल का लेप कर दिया गया और उन्हें गेरू आदि रंगीन धातुएं, मोरपंख, फूलों के हार,
तरह-तरह के सुन्दर वस्त्र और सोने की जंजीरो से सजा दिया गया, सभी ग्वाल-बाल बहुमूल्य वस्त्र, गहने, अंगरखे और पगडियों से सुसज्जित होकर और अपने हाथों में
भेंट की बहुत सी सामग्रियां ले-लेकर नंद बाबा के घर आए।

यशोदा जी के पुत्र हुआ है यह सुनकर गोपियों को बड़ा आनंद हुआ। उन्होंने सुन्दर-सुन्दर वस्त्र, आभूषण और अंजन आदि से अपना श्रंगार किया। गोपियों के मुखकमल बड़े ही सुन्दर जान पड़ते थे। गोपियों के कानो में चमकती हुई मणियों के कुंडल झिलमिला रहे थे। मार्ग में उनकी चोटियों में गुंथे हुए फूल बरसते जा रहे थे। इस प्रकार नंद बाबा के घर जाते समय उनकी शोभा अनूठी जान पड़ती थी।

भगवान श्रीकृष्ण समस्त जगत के एकमात्र स्वामी है उनके ऐश्र्वर्य,माधुर्य,वात्सल्य सभी अनंत है। जब वे ब्रज में प्रकट हुए उस समय उनके जन्म का महान उत्सव मनाया गया। आनंद से मतवाले होकर गोपगण एक दूसरे पर दही, दूध, घी और पानी उड़ेलने लगे एक दूसरे के मुंह पर मक्खन मलने लगे और मक्खन फेंक-फेंककर आनंदोत्सव मनाने लगे उसी दिन से नंदबाबा के ब्रज में सब प्रकार की रिद्धि सिद्धियां अठखेलियां करने लगे और भगवान श्रीकृष्ण के निवास तथा अपने स्वाभाविक गुणों के कारण वह लक्ष्मी जी का क्रीड़ास्थल बन गया।

सार-
जहां भगवान हैं वही सारे आनंद और सुख हैं।

बुधवार, 23 जुलाई 2014

दहेज के लिए सताई गई महिला ने कहा, 'मैं अग्निपरीक्षा को तैयार, पर पति तो राम बने'



'मैं अग्निपरीक्षा देने को तैयार हूं, बशर्ते मेरा पति राम बने....' ये शब्द पूनम नाम की उस महिला के हैं, जो पिछले आठ सालों से दहेज की मांग के आगे लाचार है. समाज की कुप्रथा का यह 'नायाब' नमूना है.
Symbolic Image
हालत यहां तक आ पहुंची है कि पूनम और उसके परिजन का हुक्का-पानी भी बंद हो गया है. ऐसे में तारीफ करनी होगी पूनम के हौसले की, जिसने दहेज और अग्निपरीक्षा से लगातार जंग लड़ी. इस जंग में उसे कोर्ट का सहारा मिला. पूनम की शिकायत को संगीन मानते हुए उसके पति, सास और देवर के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है.

पूनम की ओर से पेश शिकायत की अर्जी को कोर्ट ने मंजूर करते हुए उसके पति, सास और देवर के खिलाफ प्रताड़ना का मामला दर्ज कर लिया गया है. इस अग्निपरीक्षा और हुक्का-बंद को भी कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के अंतर्गत ही माना है.




पीड़ित लड़की पूनम ने कहा, 'हमारे समाज में अग्निपरीक्षा, मतलब कंधे का ईमान माना जाता है. अगर किसी लड़की के चरित्र पर शंका होती है, तो उसे गरम सलाखें पकड़वाकर चलाते हैं. मेरे ससुरालवाले हमेशा पैसे मांगा करते थे. हमसे अलग रहने के वावजूद मौसी सास का दखल बहुत ज्यादा था. मेरी सास और मौसी सास जिद पर अड़ी हैं कि पहले कंधे का ईमान (अग्निपरीक्षा) दो, फिर इसे रखेंगे. न कोई हमें बुलाता है, न ही कोई हमारे घर आता है.'

पूनम ने कहा, 'आठ साल हो गए हैं. अग्निपरीक्षा तो सीता माता को भी देनी पड़ी थी, लेकिन हर कोई राम नहीं होता. मैं तैयार हूं, लेकिन मेरे पति को भी तो राम होना चाहिए.'

पीड़ित के वकील संतोष फवारे ने बताया, 'पहले पूनम ने मुंबई में रिपोर्ट लिखाई थी. पुलिस के कहने पर उसने समझौता कर लिया था. उसके बाद विवाद होने लगे. बाद में पति-पत्नी इंदौर में रहने लगे. दोनों का पारिवारिक जीवन ठीक से चलने लगा. फिर परिवार के अन्य लोगों का दखल बढ़ गया. पूनम की सास और मौसी सास ने लांछन लगाना शुरू कर दिया कि वह चरित्रहीन है. कहा गया कि अग्निपरीक्षा दे, या दहेज के दो लाख रुपये दे.'

संतोष फवारे ने बताया, 'फरवरी 2014 में समाज की पंचायत में उन्होंने ये निर्णय पारित करवा दिया. पूनम ने परीक्षा देने से मना कर दिया. उसने कहा जो परीक्षा लेना चाहते हैं, पहले वे परीक्षा देकर बताएं. कोई भी अगर गरम सलाखें रखेगा, तो हाथ तो जलना ही है. अब कोर्ट ने आर्डर दिया है कि चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए.'

पुलिस ने गिरफ्तार किया करोड़पति भिखारी



रियाद। सऊदी अरब में पुलिस ने एक भिखारी को गिरफ्तार किया, जो बाद में करोड़पति निकला। सऊदी गजेट की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने पश्चिमी सऊदी अरब के यान्बू से अरब मूल के उस व्यक्ति से 1.92 करोड़ रूपये की नगद और कीमती वस्तुएं बरामद की। मदीना पुलिस के प्रवक्ता फहद अल-गानम ने कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में भीख मांगते हुए उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब में भीख मांगने पर सख्त प्रतिबंध है।
Millionaire beggar nabbed in Saudi Arabia
पुलिस ने कहा कि संदिग्ध लग्जरी अपार्टमेंट में रह रहा था और दूसरे शहरों में जाने के लिए अपनी कार का इस्तेमाल करता था। रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ कि भीख मांगने में उसकी पत्नी और तीनों बच्चे उसकी मदद करते थे। परिवार के सभी सदस्य सऊदी अरब में अवैध तरीके से रह रहे थे। गानम ने कहा कि करोड़पति भिखारी एक खाड़ी देश से निवेश लाइसेंस प्राप्त करने में सफल रहा। इसी बीच, पुलिस ने संदिग्ध की अवैध गतिविधियों की विस्तृत जांच कराई, जिसमें पता चला कि वह सऊदी अरब का नहीं है।

इंदौर में ई-सेक्स बाजार: वेबसाइट्स पर बेच रहे सेक्स पैकेज -



इंदौर। इंदौर बाजारों की दुनिया में बड़ा नाम है। अब यहां पर एक और बाजार तेजी से फल-फूल रहा है। उस बाजार का नाम है ई-सेक्स बाजार। एंड्राइड फोन में एप से लेकर ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए शहर में कॉलगर्ल उपलब्ध कराने का ध्ंाधा चल रहा है। सेक्स माफियाओं ने इंटरनेट पर इंदौर कॉल गर्ल डॉट कॉ डॉट इन, इंदौर एस्कॉर्ट सर्विस डॉट कॉ डॉट इन जैसी वेबसाइटें तक बना रखी हैं। इन साइट्स पर जिस्मफरोशी के सौदे हो रहे हैं।

ऎसे होता है सौदा
लड़की का फोटो सेलेक्ट करने के बाद साइट पर ही लिखे नंबरों पर कॉल किया जाए तो आपको आपके वॉट्सएप नंबर पर कुछ ही देर में कई फोटो भेज दिए जाते हैं। फोटो में सामान्यत: दिखाई लड़कियों की उम्र 18 से 30 वर्ष तक रहती है। सौदा फिक्स होने पर माफिया कस्टमर से किसी भी होटल में कमरा बुक कराने का कहते हैं। कमरा बुक होने पर सेलेक्ट की गई लड़की को वहां तय समय के लिए भेज दिया जाता है।
E-sex Market in Indore
पॉश इलाकों में बना अड्डा
कस्टमर के बताए स्थान पर लड़कियां सप्लाई करने के अलावा माफियाओं ने शहर के पॉश इलाकों में फ्लैट भी ले रखे हैं। बात फिक्स होने के बाद कस्टमर को बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे पर बुलाया जाता है। यहां माफिया अपना एक बंदा भेजता है जो कस्टमर को फ्लैट तक ले जाता है।

बाहर से आने वाले टारगेट
प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी होने के चलते इंदौर में बाहर से बड़ी संख्या में बिजनेस क्लास के लोग आते हैं। माफिया का टारगेट ज्यादातर यह वर्ग रहता है। यही वजह है कि इन एस्कॉर्ट एजेंसियों की नजर बड़े होटलों पर भी रहती है। वह यहां आने वाले ग्राहकों को भी सर्विस देने का दावा करते हैं।

7 से 35 हजार रूपए तक रेट
वेबसाइट पर बाकयदा सेक्स पैकेज बेचे जा रहे हैं। घंटों और दिन के हिसाब से कीमत वसूली जा रही है। ऑफर ऎसे हैं, जैसे किसी

सेल में होते हैं। लड़कियों के प्रोफाइल भी साइट पर उपलब्ध हैं, लेकिन उपलब्ध कराए जाने वाली लड़कियां प्रोफाइल से अलग होती हैं। प्रोफाइल सिर्फ ब्रांडिंग के हिसाब से यह लोग उपयोग कर रहे हैं। पैकेज की कीमतें 7 से 35 हजार रूपए तक तय हैं।