मंगलवार, 1 अप्रैल 2014

कर्नल सोनाराम द्वारा नामांकन हलफनामे में दिए गलत तथ्य मुख्य निर्वाचन आयुक से कि शिकायत

कर्नल सोनाराम द्वारा नामांकन हलफनामे में दिए गलत तथ्य 

मुख्य निर्वाचन आयुक से कि शिकायत 


बाड़मेर बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्यासी कर्नल सोनाराम द्वारा नामांकन पत्र के साथ रिटर्निंग अधिकारी को पेश हलफनामे में गलत तथ्य पेश कर चुनाव आयोग को गुमराह किया हें। इस आशय कि शिकायत कैलाश मेहता ने जिला निर्वाचन अधिकारी बाड़मेर को पेश कि। मेहता ने बताया कि भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम द्वारा जो हलफनामा पेश किया गया उसमे कर्नल सोनाराम ने चल सम्पति जो कि एक करोड़ पचपन लाख सौलह हज़ार आठ सौ इकतालीस हें उसे एक करोड़ बावन लाख सौलह हज़ार आठ सौ इकतालीस लिखा गया हें। इस तरह से उन्होंने अपनी चल सम्पति तीन लाख कम बता कर चुनाव आयोग के दिशा निर्देशो कि धजिया उड़ाई हें। उन्होंने बताया कि कि उन्होंने अपने हलपनामे में अपनी और पत्नी कि अचल सम्पति का जो कि सीरियल नंबर 8 (v 1 ) नहीं बताया गया। जनता उनकी और उनकी पत्नी कि समस्त सम्पतियो का योग जानने में असमर्थ रही हेह। 

मेहता के अनुसार हलपनामे के पार्ट b में अचल सम्पति को दो भागो में विभाजित करना था स्व अर्जित और दूसरी विरासत में मिली सम्पति ,मगर उन्होंने कालम के आगे नील लिखा हें। मेहता के अनुसार एक जगह उन्होंने अपनी और अपनी पत्नी कि अचल सम्पति बताई हें जिसमे खुद कि अचल सम्पति उन्तीस लाख नब्बे हज़ार बताई हें जबकि वास्तविक योग दो करोड़ निन्यानवे लाख होता हें। इसी तरह अपनी पत्नी कि अचल सम्पति बरानवे लाख दस हज़ार बताई हें जबकि वास्तविक योग नौ करोड़ इक्कीस लाख होता हें.उन्होंने बताया कि हलपनाने के आधार पर विभिन समाचार पत्रो ने उनकी हैल्पनामे के योग के आधार पर जानकारिया प्रकाशित कि हें। मेहता ने बताया कि भाजपा प्रत्यासी और उनकी पत्नी पर देहली के पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता कि धारा 420 /४६७/४६८/४७१/120b के अनतर्गत फाईल किया जाना बताया हें ,इन्होने अपनी और दिए कथन में बताया कि यह प्राथमिकी इनके चचेरे भाई ने सम्पति विवाद के कारन दायर कि गयी हें वास्तव में सम्पति विवाद का निपटारा सिविल कोर्ट करती हैंऔर उसमे धाराएं लागू नहीं होती हें ,उनके खिलाफ फ़ाइल प्राथमिकी के तथ्यो को छुपाया गया हें उन्होंने बताया कि इनके हलपनामे को चौहटन के ऑथ कमिसनर द्वारा प्रमाणित किया गया हें। जबकि हलपनामा बाड़मेर में दस्तखत किया बताया गया हें। चौहटन का ऑथ कमिश्नर उसी क्षेत्र में दस्तखत किये हैल्पनामे को प्रमाणित कर सकता हें।

 ंएह्ता ने बताया कि इसी तरह हलपनामे के हेड शीर्ष पे जिस सदन के लिए चुनाव लड़ रहे हें उस पर पार्लियामेंट भरा हें जबकि लोकसभा भरा जाना चाहिए था ,कैलाश मेहता ने यह भी आरोप लगाया कि जिला कलेक्टर जो कि निर्वाचन अधिकारी भी हें ने हलपनामे में दर्ज गलतियों को सुधर करने का कम करना चाहिए था जो कि छबीस मार्च को तीन बजे तक प्रत्यासी को अवसर देकर हैल्पनामा कि गलतियों को सुधारा जाना चाहिए था ,मगर राज्य सरकार के दबाव में निर्वाचन अधिकारी ने न तो हलपनामे कि जांच नहीं कि। इस तरह कि चूक और छिपाये तथ्यो का निस्तारण नहीं किया। मेहता ने हलपनामा में पेश किये गलत तथ्यो कि जानकारी देने वाले भाजपा प्रत्यासी के खिलाफ कार्यवाही कर नामांकन निरस्त किया जाए ,

पिता के समर्थन मेंडा0रमन जुटे चुनाव प्रचार में।


पिता के समर्थन मेंडा0रमन जुटे चुनाव प्रचार में।

बाडमेर- लोकसभा बाडमेर जैसलमेर के भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम चैधरी के पुत्र डा0 रमन चैधरी अपने पिता के समर्थन में चुनावी मैदान में उतर चुके है। युवा नेता रमन ने गागरिया, पांधी का पार, गरडिया, सेलाउ, भोजारिया , जैसार, रतासर, धारासर, धोनिया, चैहटन में सधन जनसम्पर्क किया इन्होने मुसलिम धर्म के नेता सैयद नुरअल्लाह शाह पीरपतमाई सेलाउसरीफ सहाब, भीलसमाज के मठाधीश महाराज बीजाराम, पूर्व विधायक हरिसिंह सौढा से आशीर्वाद प्राप्त किया एवं भाजपा के वरि0नेताओं से सम्पर्क कर वार्ताऐं की एवं सेलाउ में जनसभा केा सम्बाधित करते हुए चैधरी ने कहाॅ कि आज देश को स्वाभिमान प्रदान करने, भ्रष्टाचार एवं भय मुक्त शासन हेतु कुशल नेत्ृत्व की आवश्यकता है। इस हेतु निजीहित, जातिवाद, क्षेत्रवाद को छोड कर देश के नाम पर भाजपा केा वोट देकर कर्नल सोनाराम केा विजयी बनावे। समय की मांग को पहचाने, इनके साथ पूर्व विधायक हरिसिंह सोढा, पूर्व जिपस ढाकराराम, मोलवी नुरमोहम्मद जिला महामन्त्री भाजपा, असरफखां, मुबारकखां, रहमान खां, सुबे का पार कमरूदीन, आदि थे।

भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चैधरी ने आज जनसम्पर्क हेतु चैहटन एवं गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र के गावों को दोरा किया। कर्नल सोनाराम चैधरी ने धोरीमन्ना, रामजी का गोल बाछडाउ , लीलसर, इंशरोल, तारातरा में जनसम्पर्क कर अपने पक्ष मंे मतदान की अपील की। धोरीमन्ना में जनसभा केा सम्बोधित करते हुए कहा कि मैं आप लोगों के लिए नया चेहरा नही हूॅ। मैं राष्टवादी विचारधारा से ही फौज में गया था। देश की सेवा कि जन सेवा के उद्देश्य से राजनीति में आया। कुछ स्वहित पोषकों द्वारा पार्टी के सिद्यान्तों से समझोता कर गन्दी राजनीति करते है जो देश एवं जनता के हित में नहीं है। मैनें हमेशा संसद हो या विधानसभा या सदन के बहार जनता की मांग निडरता से रखा है। जनता के बीच रहा, और आगें भी आप लोगंेा बीच ही रहुूंूगा। यह विश्वास दिलाता हूॅ। गुडामालानी विधायक लादुराम विश्नोई ने कहाॅ की देश हीत में मिशन 272 प्लस एवं मिशन 25 केा ध्यान मे ंरखते हुए अटल, आडवाडी एवं श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करने हेतु कर्नल सोनाराम चैधरी केा भारी मतो विजयी बनावें। रामजी का गोल में कर्नल सोनाराम का भव्य स्वागत किया गया। इनके साथ पूर्व प्रधान मूलाराम बेनीवाल, सरपंच सुखराम, जयकिशन, हरीराम मेधवााल, सावलाराम पटेल, मजदुर नेता लक्ष्मण वडेरा, केशाराम सुथार, बाबूलाल गौड, उमाराम जाखड, जोमताराम मेधवाल, ओम राठी, पुरूषोतम जैन, रधुवीर गुप्ता आदि सैकडों कार्यकर्ता थे।

बाड़मेर सरहद का कुख्यात तस्कर नबिया पकड़ा गया ,जाली नोटों का गौरख धंधा

बाड़मेर सरहद का कुख्यात तस्कर नबिया पकड़ा गया ,जाली नोटों का गौरख धंधा 


बाड़मेर जोधपुर के 
किला रोड पर चांदपोल क्षेत्र में अफीम के एक किलो दूध के बदले 98 हजार के नकली नोट देने के मामले में पुलिस ने सोमवार रात बाड़मेर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र से कुख्यात तस्कर नबिया  को गिरफ्तार कर लिया। आशंका है कि उसके पास जाली मुद्रा सीमा पार से आई थी। उधर, अदालत ने इस मामले में पहले से गिरफ्तार दो जनों को रिमाण्ड व महिला को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।


पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) हिंगलाजदान के अनुसार रामसर थानान्तर्गत गागरिया गांव निवासी नबिया उर्फ नवाब (58) पुत्र नीरू खां सिंधी को बाड़मेर पुलिस के सहयोग से सीमावर्ती क्षेत्र में पकड़ा गया। देर शाम उसे जोधपुर लाया गया। नबिया ने ही बाड़मेर के पचपदरा थानान्तर्गत भाण्डियावास निवासी किशनाराम विश्नोई  को 98 हजार के नकली नोट दिए थे।

अफीम के एक किलो दूध के बदले ये नोट वह चित्तौड़गढ़ में पारसोली थानान्तर्गत काठुंडा रोड निवासी सवाई गुर्जर (50) पुत्र चुन्नीलाल व उसकी पत्नी शांति (48) को दे रहा था। तीनों को एनडीपीएस एक्ट मामलात की अदालत में पेश करने पर शांति को जेल तथा शेष दोनों को पांच-पांच दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए। सरदारपुरा थानाधिकारी इस्माइल खान को जांच सौंपी गई है।

कमीशन पर ली थी जाली मुद्रा


किशनाराम ने पांच प्रतिशत कमीशन के बदले जाली मुद्रा बाजार में चलाने के लिए ली थी। किशनाराम 98 हजार के ही जाली नोट लाने की जानकारी दे रहा है, जो पुलिस के गले नहीं उतर रही।

नबिया पहले भी नकली नोट के साथ हो चुका है गिरफ्तार

सहायक पुलिस आयुक्त (बोरानाडा) नाजिम अली ने बताया कि आरोपी नबिया वर्ष 2005 में पांच लाख के नकली नोट, चौदह किलो हेरोइन, दो पिस्तौल के साथ गिरफ्तार हो चुका है। उसके आरडीएक्स के साथ भी पकड़े जाने की सूचना है।उसे हत्या के मामले में सजा हो चुकी है, जबकि सवाई गुर्जर को दुष्कर्म के मामले में छह साल की सजा हो चुकी है। दोनों जमानत पर रिहा हैं। उसके खिलाफ चांदी की तस्करी का मामला भी दर्ज है।


नबिया की सीमा पार रिश्तेदारी है। ऎसे में आशंका है कि वह जाली मुद्रा सीमा पार या गुजरात के कच्छ-भुज से लाया होगा। उससे तीन मोबाइल व चार सिम भी मिली हैं। उसके खिलाफ गुजरात के कच्छ में भी जाली मुद्रा का मामला दर्ज होने की संभावना है। जिसकी तस्दीक की जा रही है।

एक माह पूर्व भी 55 हजार रूपए में लिया था दूध


सूरसागर थानाधिकारी मदनलाल बेनीवाल के अनुसार आरोपी किशनाराम ने एक माह पहले भी नबिया से 55 हजार रूपए लिए थे। जिससे उसने सवाई गुर्जर से ही अफीम का एक किलो दूध खरीदा था। हालांकि किशनाराम का कहना है कि वह राशि जाली नहीं थी। सवाई गुर्जर ने भी 55 हजार रूपए के जाली होने या न होने से अनभिज्ञता जाहिर की है।

अब मचेगी जैक्सन के नए गानों की धूम

पेरिस। किंग ऑफ पॉप के नाम से मशहूर माइकल जैक्सन भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनके फन का जादू आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। उनके गाए आठ गाने अब पहली बार लोगों के सामने आएंगे जो प्रशंसकों को रोमांचित करेंगे।Michael Jackson's new songs set for release
कई वर्षो तक लोगों के दिलों पर राज करने वाले जैक्सन ने यूं तो कई गानों को अपनी आवाज दी है, लेकिन कुछ गाने ऎसे भी हैं जो लोगों तक नहीं पहुंच पाए हैं। उन गानों को जनता के समक्ष लाने का बीड़ा उठाया है एपिक रिकॉड्र्स ने, जो 13 मई को जैक्सन द्वारा गाए आठ गानों को रिलीज करेगी। ये गाने अब तक रिलीज नहीं हो पाए थे।

जैक्सन के गानों के एल्बम में यह एक नई कड़ी होगी। इसे एक्सस्केप नाम दिया गया है। गौरतलब है कि पांच वर्ष पहले रहस्यमयी परिस्थितियों में पॉप सिंगिंग के इस बेताज बादशाह की मौत हो गई थी।

बाड़मेर चोरो ने तोड़े जगतम्बा माता मन्दिर के ताले ,आभूषण ले उड़े

चोरो ने तोड़े जगतम्बा माता मन्दिर के ताले ,आभूषण ले उड़े

बाड़मेर में नही थम रहा है चोरियो दौर

छगन सिंह चौहान द्वारा



बाड़मेर :- बाड़मेर में पिछले कुछ माह से चोरो का आतंक बढ़ गया है जिस के चलते आये दिन बाड़मेर में चोरी और लूट जेसी वारदाते हो रही है ! लगता है कि चोरों को अब पुलिस ही नहीं, भगवान का भी खौफ नहीं रहा। बाड़मेर में सोमवार रात्रि को चोरो ने सुभाष चोक चोहटन रोड स्थित जगतम्बा माता मन्दिर के देर रात को ताले तोड़कर लाखो कि नकदी और सोने के आभूषण को किया पार ! घटना कि जानकारी मिलने पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और खंगाल रही है सी सी टीवी कैमरे ! सेकड़ो कि संख्य़ा लोग पहुँचे कोतवाली थाना और मंदिर में हुई चोरी का मामला दर्ज कराया पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले कि जाँच शुरू कर दी !

जोधपुर में राजनीतिक व जातिगत समीकरण बदले

जोधपुर। राजस्थान में जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व शाही परिवार की प्रतिष्ठा इस बार फिर दांव पर लगी है। बदले राजनीतिक एवं जातिगत समीकरणों के चलते इस परिवार को इस बार अपनी चुनावी प्रतिष्ठा बचाना इतना आसान नजर नहीं आ रहा। political scenario of jodhpur lok sabha seat
जोधपुर से इस परिवार के सदस्यों ने अब तक तीन बार चुनाव लड़ा और हर बार जीत हासिल की है। वर्ष 1952 के प्रथम आम चुनाव में पूर्व महाराजा हनुवंत सिंह तथा वर्ष 1977 के चुनाव पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडे और सफलता हासिल की लेकिन गत आम चुनाव में इनकी पुत्री चन्द्रेश कुमारी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर जीत हासिल की और केन्द्रीय मंत्री बनी।

इस बार भी कांग्रेस ने चन्द्रेश कुमारी पर ही दांव खेला है और उन्हें पार्टी प्रत्याशी बनाया है। इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाला हर उम्मीदवार पूर्व शाही परिवार का आशीर्वाद लेने के लिए लालायित रहता है और जिस भी प्रत्याशी को इस परिवार की नजरें इनायत हो जाती है उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव से पूर्व राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ था लेकिन गत विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्र्रचण्ड बहुमत मिला और उसने जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में सात पर अपनी जीत दर्ज की। केवल सरदारपुरा क्षेत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी प्रतिष्ठा बचा पाए। -  

कर्नल सोनाराम कि उम्मीदवारी खतरे में ?

कर्नल सोनाराम की उम्र 10 साल में 14  साल बढ़ी

कर्नल सोनाराम कि उम्मीदवारी खतरे  में ?

हलफनामे में गलत जानकारी से रद्द हो सकती हे उम्मीदवारी 


बाड़मेर बाड़मेर भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम कि मुश्किलें बढ़ने का संकेत हें। कर्नल द्वारा नामांकन के समय दिए हलफनामो में गलत जानकारी देकर मुशीबत मोल ले ली हें।बताया जा रहा हें कि इस गलत जानकारी के आधार पर लोकसभा चुनाव उम्मीदवार के तौर पर उनका नामांकन पात्र तक खारिज हो सकता 
 और उनको अयोग्य घोषित किया जासकता हें। खुद मुख्य चुनाव आयुक ने इस बात कि पुष्टि कि हें  ंउख्य चुनाव अायुक्त कि माने तो यदि कोई व्यक्ति हलफनामे में दी गयी जानकारी को न्यायलय में चुनौती देता हे तो सम्बंधित उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जा सकता हें। 

क्या हें पूरा मामला  

कर्नल सोनाराम कि  लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कर्नल सोनाराम की उम्र पिछले १० साल में 14 साल बढ़ गई। 2004 में सोनाराम 59 वर्ष के थे, जो 2014 में 73 साल के हो गए हैं। वर्ष 2008 में सोनाराम 65 वर्ष के थे। वहीं, जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल ही बढ़ी है। लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए हलफनामों की बी एन टी  ने पड़ताल की तो आयु संबंधी कई रोचक जानकारियां सामने आईं। कुछ नेताओं की उम्र समय से ज्यादा बढ़ी है तो कुछ की कम हुई है।
उम्र समय से ज्यादा बढ़ी
उदयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा पांच साल में ७ साल बड़े हुए हैं। 2009 के शपथ पत्र के अनुसार मीणा 48 वर्ष के थे, जो 2014 में 55 वर्ष के हो गए। श्रीगंगानगर से भाजपा उम्मीदवार निहालचंद मेघवाल की 2004 से 2009 के बीच उम्र पांच साल बढ़ी, लेकिन 2009 से 2014 के बीच वे छह साल बड़े हो गए।
इनकी उम्र ज्यादा बढ़ती है
नाम 2014 2013 2009 2008 2004
कर्नल सोनाराम 73 72 - 65 59
निहालचंद 43 -- 37 32
सुभाष महरिया 57 57 52 46
रघुवीर मीणा 55 - - 48
इनकी समय से कम रही
जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल बढ़ी है। 2009 में जोशी 59 वर्ष के थे, जो अब 63 के हुए हैं। इसी तरह जोधपुर से चुनाव लड़ रहीं चंद्रेश कुमारी 2009 में 65 वर्ष की थीं जो अब तक 69 वर्ष की ही हुई हैं।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले कर्नल सोनाराम की उम्र पिछले १० साल में 14 साल बढ़ गई। 2004 में सोनाराम 59 वर्ष के थे, जो 2014 में 73 साल के हो गए हैं। वर्ष 2008 में सोनाराम 65 वर्ष के थे। वहीं, जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी की उम्र पांच साल में सिर्फ चार साल ही बढ़ी है। लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए हलफनामों की भास्कर ने पड़ताल की तो आयु संबंधी कई रोचक जानकारियां सामने आईं। कुछ नेताओं की उम्र समय से ज्यादा बढ़ी है तो कुछ की कम हुई है।


उम्र समय से ज्यादा बढ़ी

उदयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रघुवीर मीणा पांच साल में ७ साल बड़े हुए हैं। 2009 के शपथ पत्र के अनुसार मीणा 48 वर्ष के थे, जो 2014 में 55 वर्ष के हो गए। श्रीगंगानगर से भाजपा उम्मीदवार निहालचंद मेघवाल की 2004 से 2009 के बीच उम्र पांच साल बढ़ी, लेकिन 2009 से 2014 के बीच वे छह साल बड़े हो गए। 
कोर्ट कर सकता है डिसक्वालीफाई : जैन

॥शपथ पत्र में गलत जानकारी देना अथवा तथ्य छिपाना गंभीर मामला है। कोई इसे यदि कोर्ट में चुनौती देता है तो गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवार को चुनाव के लिए डिसक्वालीफाई किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता। वह शपथ पत्र के सारे कॉलम भरे गए कि नहीं, यही देखता है।

-अशोक जैन, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
विधानसभा चुनाव में गड़बड़ उम्र थी
चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भी कई नेताओं ने अपनी उम्र गलत बताई थी। बानसूर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले रोहिताश्व कुमार की उम्र पांच साल में 23 साल बढ़ गई थी। पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में खेल राज्यमंत्री रहे मांगीलाल गरासिया ने पांच साल में अपनी उम्र तीन साल ही बढ़ाई। गहलोत सरकार के मुख्य सचेतक रहे रघु शर्मा ने पांच साल में अपनी उम्र आठ साल बढ़ा दी थी तो भाजपा विधायक अनीता गुर्जर और संजना आगरी की उम्र पांच साल में एक साल छोटी हो गई। सोजत विधायक संजना आगरी ने 2008 में अपनी उम्र 37 साल बताई थी, जो 2013 में 36 साल ही रह गई। इसी तरह अनीता गुर्जर 2008 में 43 वर्ष की थीं, जो 2013 में 42 वर्ष की रह गईं। पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया की उम्र पांच साल तक स्थिर रही। 2008 में सिनोदिया ने अपनी उम्र 67 वर्ष बताई थी, जो 2013 में भी वही रही।

काशी में मोदी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरा किन्नर

बनारस। भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने के लिए वाराणसी से एक किन्नर चुनाव मैदान में उतरा है। 60 साल की कमला ने वाराणसी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कमला ने कहा,अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता छोड़कर भाग गए और 2002 के दंगे अभी भी मोदी का पीछा नहीं छोड़ रहे, लेकिन मुझ पर कोई दाग नहीं है। काशी में मोदी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरा किन्नर
बनारस भगवान शिव का शहर है। जिन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाता है। शास्त्रों और पुराणों के मुताबिक किन्नर समुदाय को अर्धनारीश्वर कहा जाता है,इसलिए लोग मेरा समर्थन करें और वोट दें। मैं किन्नर हूं,इसलिए मेरा कोई परिवार नहीं है। पिछले 60 सालों में या तो पुरूषों या महिलाओं ने शासन किया। उन्होंने घोटाले पर घोटाले किए। अगर लोग मेरा समर्थन करते हैं तो थर्ड जेंडर भी चुनावी लड़ाई में शामिल हो जाएगा। लोगों को वंशवाद की राजनीति से मुक्ती मिलेगी। यह देश की बेहतरी के लिए नया उदाहरण पेश करेगा।

पूर्वाचल के सभी किन्नरों की प्रमुख कमला ने कहा,हमारे समुदाय के लोग खुशी के मौकों पर लोगों को आशीष देते हैं। अब वक्त है कि लोग हमें वोटों के जरिए आशीष दें। कमला के इलेक्शन ऑर्गेनाइजर विक्रम भारद्वाज ने कहा,10 अप्रेल को कमला के समर्थन में देश भर के दस हजार किन्नर वाराणसी में एकत्रित होंगे। अगर चुनाव आयोग ने अनुमति दी तो हम पदयात्रा निकालेंगे और लोगों से झोली में वोट डालने की अपील करेंगे।

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कई प्रभावी राजनीतिक दलों ने कमला को खरीदने की कोशिश की। उसे नाम वापस लेने के लिए लाखों रूपए का ऑफर दिया गया लेकिन कुछ हासिल नहीं ुहआ। भारद्वाज ने बताया कि गोरखपुर में किन्नरों की कांफ्रेंस हुई थी। इसमें यूपी,बिहार,मध्य प्रदेश,दिल्ली और झारखण्ड के किन्नर आए थे। सम्मेलन में कमला को बनारस से चुनाव लड़वाने का फैसला हुआ।

मोदी अच्छे वक्ता नहीं हैं : उमा भारती

झांसी (उत्तर प्रदेश): भाजपा की मुखर नेता उमा भारती ने कहा कि नरेंद्र मोदी ‘ अच्छे वक्ता नहीं हैं ’ और उन्हें सुनने की जगह लोग उन्हें समर्थन देने के लिए उनकी रैलियों में जाते हैं।मोदी अच्छे वक्ता नहीं हैं  : उमा भारती
झांसी में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘ मोदी को भाषण देते हुए सुना है ? अटल बिहारी वाजपेयी हमारी पार्टी के बेहतरीन वक्ता हैं। भारतीय राजनीति में उनके भाषण शैली की कोई भी बराबरी नहीं कर सकता। ’ इसी सीट से पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें नामित किया है। उन्होंने कहा, ‘ अगर आप गहराई से आकलन करें तो मोदी अच्छे वक्ता नहीं हैं। लेकिन उन्हें सुनने के लिए लोग उनकी रैलियों में जाते हैं लेकिन आप जानते हैं क्यों ? लोग मोदी की रैलियों में उन्हें सुनने की जगह उन्हें समर्थन देने के लिए जाते है। ’