शनिवार, 1 मार्च 2014

जीबी रोड के वैश्यालय पर लटकेगा ताला

जयपुर। दिल्ली की बदनाम जीबी रोड पर स्थित एक वैश्याल पर जल्द ही ताला लटक जाएगा। वैश्यालय को बंद करने का आदेश दिल्ली की ही एक विशेष अदालत ने दिया है। एक साल से विचाराधीन चल रहे मामले में अदालत ने बीते सप्ताह यह फैसला सुनाया है।

क्यों सुनाया गया फैसला
बीते साल मई माह में एक आंध्र प्रदेश की लड़की का अपहरण कर उसे दिल्ली के रेड लाइट इलाके में बेच दिया गया था। वहां स्थित एक वैश्यालय को चलाने वाली महिला ने लड़की को खरीदा था। लड़की की मर्जी के बिना उससे वैश्यावृत्ति कराई गई थी। दिल्ली पुलिस ने वैश्यालय पर छापा मारकर पीडित लड़की को बरामद किया था। पीडिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ केस दर्ज किया था।

यह आया फैसला
न्यायाधीश कावेरी बाजवा ने वैश्यालय चलाने वाली महिला को एक साल की जेल व चार हजार रूपये के जुर्माने से दंडित किया है। साथ ही वैश्याल बंद करने का भी आदेश दिया है।

बुर्के पर मचा बवाल! मौलवी हुए नाराज

अलीगढ़। अलीगढ़ में बुर्के पर बवाल मच गया है। महिलाओं के डिजाइन किए गए स्टाइलिश बुर्के पहनने से मौलवी नाराज हो गए हैं। उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
अखिल भारतीय इस्लामिक परिषद के उपाध्यक्ष मुफ्ती शमुन काश्मी ने कहा कि महिलाएं जिस डिजाइनर बुर्के का इस्तेमाल कर रही हैं, वो इस्लाम की नजर में ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में महिलाएं कीमती हैं, इसलिए हिफाजत के लिए उनको बुर्के में रहने की परंपरा है। लेकिन इस नए जड़ीदार और फीटिंग बुर्के पहनने से महिलाओं के प्रति लोग आकर्षित होंगे और दुष्कर्मियों को बढ़ावा मिलेगा।

वहीं, एक मदरसे के मुफ्ती अश्जाद ने कहा कि महिलाएं अगर सुरक्षित रहना चाहती हैं तो उनको इस तरह के परिधान नहीं पहनना चाहिए।

क्या कहती हैं महिलाएं?
इस मुद्दे पर महिलाओं का कहना है कि अच्छा दिखने की इच्छा रखने में कुछ भी गलत नहीं है। इस बुर्के को भी पहनने से महिला सिर से पांव तक ढ़की होती है।

एक कॉलेज छात्रा ने कहा कि नए दौर में हर चीजे आधुनिक हो रही हैं तो बुर्के के आधुनिक होने से क्या समस्या है।

वहीं, दुकानदारों का कहना है कि ऎसे बुर्के की डिमांड बाजार में काफी है। कोई पुराने तरीके का बुर्का नहीं खरीदना चाहता है। हर कोई नए स्टाइलिश बुर्के ही मांगता है।

क्या खास है इस बुर्के में
विदेशी गाउन की तर्ज पर बना यह बुर्का स्टाइलिश है। इसे डिजाइनर टच दिया गया है। यह पहले की तरह ढीला-ढाला नहीं है।

पचीस रसद अधिकारियो के तबादले ,भैराराम डिडेल बाड़मेर डी एस ओ


बाड़मेर राजस्थान सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग ने शनिवार को आदेश जारी कर पचीस जिला रसद अधिकारिवो को बदला हें। बाड़मेर के नए रसद अधिकारी भैरा राम डिडेल होंगे। बाड़मेर रसद अधिकारी सुरेश चंद को जोधपुर लगाया हें। देखिये सूचि



बाड़मेर। संसदीय राजनीति 1952 से थार की सियासत में दिग्गजों का रहा दबदबा


बाड़मेर। ये हैं अब तक के हमारे सांसद 

संसदीय राजनीति 1952 से थार की सियासत में दिग्गजों का रहा दबदबा


बाड़मेर। थार की सियासत में दांव पेच की राजनीति ने कई रंग दिखाए। लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर से दिग्गजों के सिर जीत का सेहरा बंधा। लोकतंत्र का आगाज राजपरिवारों को समर्पित रहा, लेकिन लंबी पारी कांग्रेस नेताओं ने खेली। वैसे रामराज्य परिषद, जनता पार्टी, जनता दल के प्रत्याशी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। सियासत के सफर में कई उतार चढ़ाव आए। जनसंघ के नेता भैरोंसिंह शेखावत, कांग्रेस नेता खेतसिंह राठौड़ समेत कई बाहरी क्षेत्र के नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। छह दशक के राजनैतिक सफर में एकमात्र जनता दल से चुनाव जीते कल्याणसिंह कालवी को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में शामिल किया गया। यहां से तनसिंह, वृद्धिचंद जैन, अमृत नाहटा दो बार सांसद चुने गए। जबकि कर्नल सोनाराम चौधरी ने लगातार तीन बार चुनाव जीता।

कब कौन जीता किसे हराया
1952 भवानीसिंह निर्दलीय पूनमचंद विश्नोई कांग्रेस


1957 रघुनाथसिंह ((निर्दलीय)) गोवर्धनदास बिन्नानी ((कांग्रेस))


1962 तनसिंह ((रामराज्य परिषद)) ओंकारसिंह ((कांग्रेस))


1967 अमृत नाहटा((कांग्रेस)) तनसिंह ((स्वतंत्र पार्टी))


1971 अमृत नाहटा((कांग्रेस)) भैरोसिंह शेखावत ((जनसंघ))


1977 तनसिंह ((जनता पार्टी)) खेतसिंह ((कांग्रेस))


1980 वृद्घिचंद जैन((कांग्रेस)) चन्द्र वीरसिंह((जनता पार्टी))


1984 वृद्घिचंद जैन ((कांग्रेस)) गंगाराम चौधरी ((लोकदल))


1989 कल्याणसिंह कालवी ((जनता दल)) वृद्धिचंद जैन ((कांग्रेस))


1991 रामनिवास मिर्धा ((कांग्रेस)) कमल विजय ((भाजपा))


1996 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) जोगराजसिंह ((भाजपा))


1998 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) लोकेंद्रसिंह कालवी ((भाजपा))


1999 कर्नल सोनाराम चौधरी ((कांग्रेस)) मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा))


2004 मेजर मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा)) कर्नल सोनाराम ((कांग्रेस))


2009 हरीश चौधरी ((कांग्रेस)) मानवेन्द्र सिंह ((भाजपा))


2014 कर्नल सोनाराम चौधरी (भाजपा) जसवंत सिंह (निर्दलीय )

लोकसभा चुनाव का आगाज 1952 में हुआ। छह दशक के चुनावी दंगल में अलग अलग पार्टियों के प्रत्याशी विजयी रहे। सर्वाधिक रिकार्ड मतों से जीत भाजपा प्रत्याशी मानवेन्द्र सिंह ने सन 2004 के चुनाव में 2 लाख 71 हजार वोटों से दर्ज की। जबकि सबसे कम 17711 मतों से रामराज्य परिषद के प्रत्याशी तनसिंह ने सन 1962 में जीता था।


संसदीय क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर से लगातार तीन बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कर्नल सोनाराम के नाम दर्ज है। कर्नल ने सन 1996 में भाजपा प्रत्याशी जोगराजसिंह राजपुरोहित, 1998 में लोकेंद्रसिंह कालवी व सन 1999 में मानवेन्द्र सिंह को पराजित कर जीत दर्ज की। उन्होंने चार  बार सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व किया।२०१४ में सोनाराम चौधरी ने निर्दलीय जसवंत सिंह को महत्वपूर्ण मुकाबले में हराया था 



रिकार्ड जीत मानवेन्द्र के नाम सन 2004 के चुनाव में 2 लाखा 71 हजार वोटों से दर्ज की। थार में जीत का दबदबा रहा।अगले चुनावो में कांग्रेस के हरीश चौधरी ने भाजपा के मानवेन्द्र सिंह को हटाकर फिर सीट कांग्रेस कि झोली में डाल दी। इस बार लोक सभा के चुनाव दिलचस्प होंगे 

चमत्कार! यहां शिवलिंग से निकल रही है "ऊँ" की ध्वनि

हरदा। अब तक आपने शायद ही ऎसा चमत्कार देखा हो कि किसी शिवलिंग से ऊँ की ध्वनि निकलती सुनाई दे, लेकिन यह सच है। मध्यप्रदेश के हरदा जिल में स्थित गोगिया ग्राम में शिवलिंग के नीचे से ऊँ की ध्वनि निकल रही है।
शिवलिंग से निकलने वाली इस ऊँ की ध्वनि के चमत्कार को देखने और सुनने वालों का यहां तांता लगा हुआ है। यहां आने वाले लोग इस ध्वनि को सुनकर विस्मय से विमुग्ध हो रहे हैं।

इसमें आश्चर्य वाली एक बात यह भी है कि इस शिवलिंग से ऊँ की ध्वनि आज से नहीं बल्कि कई सालों से निकल रही है जिसके चलते यह मंदिर अब प्रसिद्ध हो चुका है।

मंदिर वालों का कहना है कि यह चमत्कार दुलर्भ है क्योंकि यह ध्वनि किसी-किसी इंसान को ही सुनाई पड़ती है। साथ ही ऎसा भी है कि शिवलिंग से यह ध्वनि हमेशा न निकलकर कभी-कभी ही निकलती है।

मरुधरा कि माटी से निकला नायब फनकार रोजे खान

मरुधरा कि माटी से निकला नायब फनकार रोजे खान


बाड़मेर राजस्थान कि लोक संस्कृति औ लोक गायिकी दे साक्षात् दर्शन धोरो कि धरती बाड़मेर में होते हें। इस मरू माटी ने कई बेहतरीन लोक फनकार दिए हें जिन्होंने देश विदेशो में अपना नाम कमाया ही हे साथ ही राजस्थानी लोक संस्कृति को बचाये रखा हें। ऐसे ही एक लोक फनकार जिले के भीयांड गाँव में रोज़े खां हैं . मांगनियार गायकी के उन चंद लोगों में से एक जो अपनी प्राचीन गायकी के हुनर को अब भी जीवित रखे हुए हैं. उनके घर पर जिस आत्मीयता के साथ मेरा स्वागत हुआ वो शब्द कहाँ बयां कर पाएंगे . थाली में सजे गेहूं के दाने और दीपक के साथ गुड़ जिसका एक छोटा टुकड़ा खिलाकर मेहमान को भीतर ले जाते हैं . उनका घर गाँव के आखिरी सिरे पर था पास में एक तालाब था जो अब पानी का रास्ता देख रहा था और रास्ता तो कई मोर भी देख रहे थे जो रोज़े खां के घर के पास ऐसे घूमते हैं मानो पालतू मुर्गियां हों अगली सुबह हमारी नींद बारिश की बूंदों ने खुलवाई क्योंकि हम छत पर सो रहे थे मेघों से घिरा आसमान ,जहां तक नजर जाये वहां तक फैली मरुभूमि और नीचे ज़मीन पर बादलों के स्वागत में नाचते मोर। अनूठा गाँव हें रोजे खान का। रोजे खान कि गायकी में जादू हें। रोजे खान अपने समाज में लुप्त हो रही लोक गायिकी को लेकर चिंतित हें। उनके प्रयास हें कि नै पौध तैयार करनी होगी ताकि राजस्थानी कि संस्कृति अक्षुण रहे


रोज़े खां और उनके परिवार ने लोक-संगीत का जो रस बरसाया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता . गीतों को खड़ताल गति देते हैं तो कमायचा उसमे मरुभूमि का सारा का सारा सौन्दर्य भर देता है कमायचा मांगनियारों का अपना वाद्य है लेकिन इसका पहला सुर ही सुनने वाले को अहसास करा देता है की अब जो रस बरसेगा वो उस सोनारी धरती का होगा जिसे माडधरा कहते हैं एक विकल ध्वनि, जो गूंजती है तो प्यास जगाती भी है और प्यास बुझाती भी है . लेकिन ये कमायचा भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है . धीरे-धीरे ये वाद्य लुप्त हो रहा है एक तो इसे बजाने में नयी पीढ़ी की रूचि कम है उस पर अब इसे बनाने वाले भी कम होते जा रहे हैं जो बचे हुए लोग हैं वो कभी कभार बिकने के कारण इसे बनाना छोड़ चुके है इसीलिए अब ये बाज़ार में इतना महंगा बिकता है कि कोई गरीब लोक कलाकार इसे खरीदने का सपना ही देख सकता है . आर्थिक उदारवाद ने हमें जो कुछ दिया उसकी भरपूर कीमत भी वसूली है बाज़ार अब केवल उनके लिए आनंद का अवसर उपलब्ध कराता है जिनकी जेबें ठसाठस भरी हुई हैं बाकी लोगों के लिए तो ये तमाशा बस देखने की चीज़ है .

राहुल को चूमने वाली महिला की हत्या


कोलकाता। राहुल गांधी को चूमने वाली महिला की हत्या कर दी गई। महिला को उसके पति ने ही जला कर मार डाला। असम के जारहट में 26 फरवरी को उस महिला ने एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी को चूमा था।
सूत्रों के अनुसार महिला और उसके पति के बीच घर पर किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। इसी दौरान तैश में आकर उसके पति ने उस पर केरोसिन उड़ेल कर आग लगा दी। बाद में महिला के पति ने खुद को भी आग में जला लिया। महिला की बाद में मौत हो गई तथा उसके पति का उपचार चल रहा है।

लड़कियों से छेड़छाड़, टीचर समेत दो अरेस्ट

ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे शहर में मदरसा में छह से आठ साल के बीच की तीन लड़कियां से छेड़छाड़ के आरोप में दो लोगों के साथ एक अरबी भाषा के अध्यापक को गिरफ्तार किया गया है।

रबोडी पुलिस ने गुरूवार को बताया कि पहली वारदात समिउल्ला करूद्दीन शाह (25 वर्ष) जो एक धार्मिक स्कूल में अरबी भाषा पढ़ाता है उसने आठ वर्ष के समान उम्र के दो पीडितों पढ़ाने का प्रस्ताव रखा। 

जब लड़कियां रहमतनगर से आरोपी के पास अरबी भाषा पढ़ने गई तो उसने उनके साथ छेड़छाड़ की। उनमें से एक लड़की के पिता ने उसकी शिकायत दर्ज कराई। 

पुलिस ने कहा कि राबोडी पुलिस ने अध्यापक के विरूद्ध शिकायत दर्ज कर पिछली रात को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने बताया एक अन्य वारदात में कलावा में खरीगांव में बीती रात बंबई राज्य परिवहन का कर्मचारी लक्ष्मण छावन (50 वर्ष) को छह वर्ष की एक लड़की के साथ छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। 

दोनों मामलों में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और यौन अपराध 2012 में बच्चों के संरक्षण कानून के अंतर्गत आरोप लगाए गए है।

बैंक की वैन से 37 लाख की लूट,गार्ड की हत्या

पटियाला। पंजाब में पटियाला जिले के नाभा में शनिवार को दिन दहाड़े बदमाशों ने द्वारा स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की बैन पर फायरिंग की और 37 लाख रूपए लूट कर फरार हो गए। इस घटना में बैन के एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई तथा प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी का कैशियर घायल हो गया।
घटना अलोहरां गेट के निकट कोतवाली थाने से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्राईवेट एजेंसी की कैश वैन गाड़ी स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के एटीएम में पैसे लोड करने के लिए वहां पहुंची।

इसी दौरान वहां मोटरसाईकल पर सवार दो युवक पहुंचे। इनमें एक ने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें सुरक्षा गार्ड रनबीर सिंह की मौत हो गई तथा बैन का कैशियर अनिरूद्ध तिवारी घायल हो गया। उसे रजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

स्थानीय दुकानदारों ने लुटेरों को रोकने की कोशिश की लेकिन वेवैन में रखा ट्रंक लेकर फरार हो गए। ट्रंक में 37 लाख रूपए की राशि थी। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि थाना प्रभारी देविंदर अत्रीशहर में अक्सर नहीं होते क्योंकि वह ड्रग तस्करी मामले में गठित एसआईटी में शामिल होने के कारण ज्यादातर शहर से बाहर ही रहते हैं।

ऎसे में जहां असामाजिक तत्वों के हौंसले बुलंद हैं वहीं पुलिस भी लूट और छीनाझपटी की शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रही है। इस बीच स्टेट बैंक ऑफ पटियाला कर्मचारी महासंघ ने नकदी लाने ले जाने के लिए प्राइवेट एजेंसी की सेवाएं लेने के लिए बैंक प्रबंधन की निंदा की है।