शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

उगम सिंह सर्किल से आकाशवाणी तक शाम ढलते ही सिर्फ अँधेरा

उगम सिंह सर्किल से आकाशवाणी तक शाम ढलते ही सिर्फ अँधेरा

बाड़मेर सहर के मुख्य मार्ग उगम सिंह सर्किल से आकाशवाणी तक एक भी रोड लाइट नही है जिससे शाम ढलने के बाद सिर्फ अँधेरा ही दिखता है इस मार्ग से प्रतिदिन हजारो राहगीरो एवं सेकड़ो वाहनो कि आवाजाही होती है लेकिन रात्रि में अँधेरे में सेकड़ो लोगो को दिकत होती है गड्डो से भरी इस रोड पर हर रात कोई न कोई हादसा होता रहता हे रोड कि दूसरी तरफ बबूल कि झाड़िया है जिससे रात्रि में महिलाये इस रोड पर चलने पर खुद को महफूज नही मानती इस कारण कभी वो रास्ता बदल देती है तो कभी टेक्सी का सहारा लेती है स्थानीय वासिंदो ने कई मरतबा अधिकारियो को बताया लेकिन कोई हल नही निकला



रात्रि में निकलने में डर लगता है

रोड रात्रि में सुनसान होता है और दूसरी तरफ बबूल कि झाड़िया है ऊपर से रोड लाइट भी नही है महिलाओ के लिए रात्रि में इस रोड पर निकलना किसी जोखिम से कम नही है

मीना शर्मा

निवासी दानजी कि होदी

अधिकारी सुनते ही नहीं

कई बार संबधित अधिकारियो को रोड लाइट लगाने के लिए लिखित अर्जी दी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई नगर परिसद को इस रोड पे रोड लाइट लगनी चाहिए

तरुण मुखी

सामाजिक कार्यकर्त्ता



बाड़मेर शास्त्री नगर में आधार कार्ड का शिविर रविवार को

बाड़मेर शास्त्री नगर में आधार कार्ड का शिविर रविवार को


ब्वाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित शास्त्री नगर क्षेत्र के वासिंदो कि सहूलियत के लिए रविवार को ग्रुप फॉर पीपुल्स के सहयोग से आधार कार्ड बनाने के लिए एक दिवसीयय शिविर का आयोजन किया जायेगा। ग्रुप के मगाराम माली ने बताया कि शास्त्री नगर में लोगो को आधार कार्ड बनाने के लिए प्रेरित किया जाकर उनके आधार कार्ड रविवार को कबूतरों के चौक के पास लगाये जाने वाले एक डिकसीय शिविर में बनाये जायेंगे। जिन्हे आधार कार्ड बनवाने हे वो मगाराम माली से संपर्क कर सकते हें

बाड़मेर मायड़ भाषा के समर्थन में निम्बड़ी माता के दरबार में चला हस्ताक्षर अभियान

मायड़ भाषा के समर्थन में निम्बड़ी माता के दरबार में चला हस्ताक्षर अभियान


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और राजस्थानी छात्र परिषद् के तत्वाधान में शुक्रवार और शनिवार को निम्बड़ी माता मंदिर प्रांगण में हस्ताक्षर अभियान अध्यक्ष जीतेन्द्र फुलवरिया के नेतृत्व में चलाया गया जिसमे सेकड़ो मायड़ भाषा प्रेमियो ने अभियान के समर्थन में हस्ताक्षर कर केंद्र सरकार से राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने कि मांग कि। प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता दिलाने को लेकर चलाये जा रहे हस्ताक्षर अभियान का तीसरा चरण निम्बड़ी माता मंदिर से आरम्भ किया गया जिसमे राजस्थानी भाषा प्रेमियो ने उत्साह के साथ भाग लेकर दस्तखत कर अभियान को अपना समर्थन दिया। कार्यक्रम प्रभारी जीतेन्द्र फुलवरिया समिति के कार्यकर्ता नेताराम जयपाल ,प्रकाश चौहान ,रंजीत,हनुमान डऊकिया ,भारत ,फुलवरिया खेमाराम शर्मा ,पवन विजय ,तथा प[राकेश सहित कई जनो कि उपस्थिति में सेकड़ो लोगो ने हस्ताक्षर कर अभियान को गति दी

"स्तनपान" अब बना बच्चे का कानूनी हक

दुबई। संयुक्त अरब अमीरात में अगर पत्नी अपने बच्चे को स्तनपान कराने से इनकार कर दे तो पति उसके खिलाफ मामला दर्ज करा सकेंगे। स्तनपान अब दो साल तक के बच्चे का कानूनन अधिकार बन गया है। इस नए कानून के तहत वैसी महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा सकता है जो अपनी सुंदरता या अन्य किसी कारण से अपने दो साल तक के बच्चों को स्तनपान नहीं कराती हैं।
नेशनल फेडरल काउंसिल ने बाल अधिकार कानून में संशोधन करके यह एक नया अनुच्छेद जोड़ा है कि यह बच्चों का अधिकार है कि वे अपनी मां का दूध पीएं और उनकी छत्रछाया में रहें। काउंसिल के मुताबिक यह महिलाओं की मर्जी पर निर्भर नहीं करता है कि वे अपने बच्चे को दूध पिलाना चाहती हैं या नहीं। अ

मीरात के सामाजिक मामलों की मंत्री मरियम अलरूमी नेहालांकि इस नए कानून को महिलाओं के शोषण का एक नया अध्याय बताया है। मरियम के मुताबिक नए कानून के पारित होने से अब पति अपनी पत्नी के खिलाफ स्तनपान न कराने का मामला दर्ज करा सकते हैं। यह इस कानून का बोझिल पक्ष है।

तो प्रशासन करेगा स्तनपान का इंतजाम

स्थानीय मीडिया के मुताबिक जो महिला किसी शारीरिक परेशानी की वजह से स्तनपान नहीं करा सकती हैं तो प्रशासन उस महिला के बच्चे के लिए किसी धाय का इंतजाम करेगा। लेकिन कानून में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि यह कानून कैसे लागू किया जाएगा, कैसे स्तनपान न करा सकने की शारीरिक अक्षमता जांची जाएगी और कैसे इसका उल्लंघन करने वालों का पता लगाया जाएगा।

पत्नी फिर प्रेगनेंट, पति हैरान-परेशान

नागपुर। महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर जिले में नसबंदी कराने के बाद एक महिला के गर्भवती होने का मामला प्रकाश में आया है।
सूत्रों के अनुसार नागपुर जिले के सावनेर तहसील ग्राम पाटण सावंगी निवासी मंजूषा बंसोड ने दो बच्चे होने के बाद निजी डागा अस्पताल में वर्ष 2010 में नसबंदी का ऑपरेशन कराया था। यह ऑपरेशन अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा तीसरा बच्चा होने पर महिला की जान को खतरा बताकर किया था।

महिला का पति कमलाकर बंसोड अल्प शिक्षित होने के कारण मजदूरी करके परिवार का लालन पालन कर रहा है। नसबंदी का ऑपरेशन करने के बाद कमलाकर ने डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार करीब ढाई साल तक सतर्कता बरती। बाद में डॉक्टरों की सलाह पर कमलाकर ने सतर्कता बरतना बंद कर दी। जिसके चलते उसकी पत्नी मंजूषा फिर से गर्भवती हो गई और उसे ढाई माह का गर्भ है।

पत्नी के गर्भवती होने से पति कमलाकर आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कमलाकर ने जिला परिषद के सदस्य सुरेन्द्र शेंडे के साथ जिला परिषद कार्यालय पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई।

बॉयफ्रेंड से झगड़ा,12 घंटे पुलिस का पहरा

जयपुर। एक लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड से झगड़े के बाद इतना बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया कि जयपुर पुलिस को उसे करीब 12 घंटे कड़ी सुरक्षा में रखना पड़ा। तीन लेडी पुलिस कांस्टेबल उसके साथ रही और आखिर मामला कोर्ट में निपटा तो पुलिस ने राहत की सांस ली।
जानकारी के अनुसार जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक युवती ने जमकर हंगामा किया। आत्महत्या करने को उतारू इस युवती को बचाने में पुलिस पूरे दिन लगी रही। करीब 12 घंटे तक पुलिस युवती के इर्द-गिर्द रही। दरअसल, शुक्रवार सुबह पुलिस कंट्रोल रूम में एक लड़की ने फोन करके सूचना दी कि उसकी अपने दोस्त से नोंक-झोंक हो गई है और वह आत्महत्या कर रही है। इसी के बाद ये नाटकीय घटनाक्रम शुरू हुआ।

पुलिस ने ढूंढ़ा, समझाया तो भागी

युवती ने अपना पता भी नहीं बताया। पुलिस ने नंबर ट्रेस कर जवाहर सर्किल थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस मालवीय नगर स्थित सेक्टर 6 पहुंची तो 24 वष्ाीüय युवती ने जमकर हंगामा किया। पुलिस के समझाने पर वह भाग गई, पुलिस उसका पीछा करती रही।

धारा 151 के तहत कार्रवाई

समझाइश नहीं होने पर पुलिस उसे धारा 151 लगाकर थाने ले लाई, जहां भी युवती ने जमकर हंगामा किया। जवाहर सर्किल इंस्पेक्टर रोहिताश्व देवंदा ने बताया कि युवती ने सुबह साढ़े सात बजे कंट्रोल रूम को फोन किया था। नौ बजे तक हम उसे थाने पर ले आए थे और उसे समझा रहे थे। इस बीच उसने पर्स से ब्लेड निकाली और अपनी कलाई काट ली।

खून में लथपथ पहुंचाया अस्पताल

खून से लथपथ हालत में उसे जयपुरिया अस्पताल लेकर गए, जहां पर वह डॉक्टरों से भी उलझ गई और उपचार लेने से मना कर दिया। देवंदा ने बताया कि शाम को युवती को कोर्ट में पेश किया। जमानत के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। युवती के तेवर देख तीन महिला कांस्टेबलों को उसे संभालने में लगाया।

दुष्कर्म के दर्जनभर मामले दर्ज

पुलिस के अन ुसार बार-बार बलात्कार की शिकार होने वाली यह लड़की मूलत: कोलकाता की है और फिलहाल जयपुर के वैशाली नगर में रह रही है। उसने अलग-अलग थानों में दुष्कर्म के एक दर्जन मामले दर्ज करवा रखे हैं और सभी में राजीनामा भी कर चुकी है। हाल ही में उसने जवाहर सर्किल में भी मामला दर्ज करवाया था और उसमें भी राजीनामा करवाया था।

सुप्रीम कोर्ट में पुरूष वकील करते हैं महिला वकीलों के साथ "गंदी हरकत"



नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित देश के सुप्रीम कोर्ट से संबंधित दिनों-दिन यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट खबरों में बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनका पुरूष वकील यौन शोषण करते हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जजों के खिलाफ लॉ इंटर्न ने यौन शोषण का आरोप लगाय था। अब दो महिला वकीलों ने पुरूष वकीलों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को विशाखा गाइडलाइन के तहत दस लोगों की सुप्रीम कोर्ट लिंग संवेदीकरण और आंतरिक शिकायत कमेटी बनाई थी। महिला वकीलों ने इस कमेटी को ही अपनी शिकायत दर्ज कराी है।
सुप्रीम कोर्ट में पुरूष वकील करते हैं महिला वकीलों के साथ "गंदी हरकत"
कमेटी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट पर प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला वकील ने 12 दिसंबर 2013 को यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद कमेटी ने पीडिता के बयान भी रिकोर्ड किए। वहीं दूसरी शिकायत पैनल के सामने 16 दिसंबर 2013 को आई। लेकिन उसकी रिक्वेस्ट के आधार पर उसके बयान दर्ज नहीं करवाए गए। हालांकि रिपोर्ट में आरोपी वकीलों का नाम नहीं लिखा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी के आतंरिक फैसले के मुताबिक जब तक वे दोषी साबित नहीं हो जाते उनके नामों की घोषणा नहीं की जाएगी। अगर आरोपियों के दोष साबित हो जाते हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश पर एक साल की रोक लगाई जा सकती हैं। पैनल उनके खिलाफ क्रिमिनल शिकायत भी दर्ज करा सकती है। पैनल के पास सुप्रीम कोर्ट परिसर में होने वाली ऎसी घटनाओं की जांच की न्यायिक शक्तियां हैं। पैनल में सुप्रीम कोर्ट के दो जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई और जस्टिस मदन बी लोकुर भी इसके सदस्यों के रूप में जुड़े हुए हैं।

पैनल ने दोनों वकीलों की शिकायतों को इंटरनल सब कमेटी के पास सब्मिट करा दिया था। अभी दोनों की शिकायतें कमेटी के पास सुलझने के लिए लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट दवारा विशाखा फैसले के बाद ऎसा पैनल बनाना 1997 से पैंडिंग था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने एके गांगुली केस के चर्चा में आने के बाद बनाया गया। महिला वकीलों ने दो साल पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ऎसे पैनल के गठन की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि परिसर में यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं, इनकी जांच के लिए एक पैनल की जरूरत है।





 

सुर्खियों में आई मोदी की कथित वाइफ

अहमदाबाद। 62 साल की जशोदाबेन एक रिटायर स्कूल टीचर हैं। वह मोदी की पत्नी होने का दावा करती हैं। उनके मुताबिक मात्र 17 साल की उम्र में उनकी मोदी के साथ शादी हो गई थी। तीन साल के बाद दोनों एक-दूसरे से अलग भी हो गए।
अब जशोदाबेन के पति राजनीति की सुर्खियों में हैं और देश का प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में भी। हालांकि जशोदाबेन का सियासत की संकरी गलियों से कोई वास्ता नहीं है। वह 14000 रूपए महीन पेंशन पाती है और अपने भाई के साथ रहती हैं।

उनका ज्यादातर वक्त प्रार्थना में गुजरता है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ वह इंटरव्यू देने को तो राजी हो गई, लेकिन तस्वीर नहीं खिंचवाई। पेश हैं इंटरव्यू के खास अंश...

आप लोगों की शादी कितना पहले हुई थी और क्या अब भी आप पति-पत्नी हैं?
शादी के वक्त मैं 17 साल की थी। मैं पढ़ाई में अच्छी थी। मुझे याद है, जब मैं पहली बार उनसे मिली थी तो उन्होंने मुझसे पढ़ाई जारी रखने को कहा था।

वह मुझसे मेरी पढ़ाई को लेकर ही ज्यादातर बातें करते थे। शुरूआत में वह मुझसे बात करते थे, खाने में क्या बनेगा, इस बारे में भी वह बातें करते थे।

क्या आप इस रिश्ते को बोझ मानती हैं? खासतौर पर तब मीडिया में लगातार इस बारे में सवाल उठाए जाते हैं। क्या आपको लो-प्रोफाइल में रहने का निर्देश दिया गया है?
हमारे बीच कोई संपर्क नहीं है।

हमारे बीच कभी कोई लड़ाई नहीं हुई थी और हम रजामंदी से अलग हुए थे। मैं ऎसा कुछ नहीं कहूंगी, जो सच नहीं है। हमारा रिश्ता तीन साल तक रहा, लेकिन इस दौरान करीब तीन महीने ही हमने इकट्ठे बिताए होंगे। उसके बाद से अब तक उनकी तरफ कोई बातचीत नहीं हुई है।

क्या आप नरेंद्र मोदी के बारे में खबरें पढ़ती हैं?
हां, मेरे हाथ जो कुछ भी आता है मैं पढ़ती हूं। मैं अखबार में छपे सभी आर्टिकल्स पढ़ती हूं और टीवी पर खबरें भी देखती हूं। मुझे उनके बारे में पढ़ना पसंद है।

अगर वह प्रधानमंत्री बनकर दिल्ली जाते हैं और आपको बुलाते हैं तो क्या आप उनके पास वापस जाना चाहेंगी? क्या आप उनसे कभी मिलने की कोशिश करेंगी?
मैं उनसे कभी मिलने नहीं गई और हम कभी संपर्क में भी नहीं रहे।

मुझे नहीं लगता है कि वह मुझे कभी बुलाएंगे भी। जो भी हो, मैं नहीं चाहती कि इन सारी बातों से उन्हें नुकसान हो। मैं बस कामना करती हूं कि वह जो भी करें उसमें सफल हों। मैं जानती हूं, वह एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे।

क्या उन्होंने कभी आपसे बताया कि वह आपको छोड़ रहे हैं या शादी खत्म कर रहे हैं?
एक बार उन्होंने मुझसे कहा था मैं पूरे देश में भ्रमण करूंगा, उन जगहों पर जाउंगा जहां मुझे खुशी मिलती है, तुम कहां तक मेरे साथ आओगी? जब मैं वड़नगर उनके परिवार के साथ रहने आई तो उन्होंने कहा कि तुम अभी युवा हो, तुम ससुराल क्यों चली आई, तुम्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।

उन्हें छोड़ने का फैसला मेरा था और हमारे बीच कभी किसी तरह का मनमुटाव नहीं रहा। उन्होंने मुझसे कभी आरएसएस या अपने राजनीतिक झुकाव की बात नहीं की। जब उन्होंने देश-भ्रमण की बात की थी तो मैंने उनसे कहा था कि मैं उनके साथ आऊंगी।

कई बार जब मैं अपनी ससुराल गई तो वह वहां नहीं होते थे। बाद में उन्होंने वहां आना ही बंद कर दिया। वह आरएसएस की शाखाओं में ही वक्त गुजारने लगे। फिर एक वक्त के बाद मैंने भी ससुराल जाना बंद कर दिया और अपने पिता के घर चली गई।

अपने माता-पिता के घर वापस जाने के बाद आपने खुद को कैसे संभाला?
मेरे ससुराल वालों ने मेरा ख्याल रखा, हालांकि शादी के बारे में कोई बात नहीं होती थी। मेरे पिता ने मेरी पढ़ाई का खर्च उठाया और मेरे भाई ने भी इसमें मदद की।

मैं जब दो साल की थी तो मेरी मां गुजर गई और दसवीं की पढ़ाई के दौरान पिताजी भी छोड़ गए। हालांकि एक बार पढ़ाई शुरू करने के बाद मैं रूकी नहीं। मैंने 1974 में एसएसी किया और 1976 में अपनी टीचर्स ट्रेनिंग करने के बाद 1978 में टीचर हो गई।

अपने रिटायरमेंट के दिन कैसे बिता रही हैं?
मैंने पहली से पांचवीं क्लास के बच्चों को सभी विष्ाय पढ़ाया और इसका आनंद उठाया। आज भी मेरे दिन की शुरूआत सुबह 4 बजे से हो जाती है और सबसे पहले मैं अंबे मां की पूजा करती हूं।

मैं अपना पूरा समय भक्ति में बिताती हूं। मैं अधिकतर अपने बड़े भाई अशोक मोदी के साथ रहती हूं जो ऊंझा में रहते हैं। हालांकि मैं अपने दूसरे भाइयों के घर भी जाती रहती हूं। मुझे लगता है कि मेरे भाई काफी अच्छे हैं जो मुझे सहयोग करते हैं।

क्या अब भी आप और मोदी कानूनन पति-पत्नी हैं?
जब भी लोग उनका नाम लेते हैं, मेरी मौजूदगी भी किसी न किसी तरह दर्ज हो ही जाती है। आप भी तो मुझसे बात करने के लिए ही मुझे ढूंढते हुए आए हैं ना? अगर मैं उनकी पत्नी ना होती तो क्या आप मुझसे बात करने आते?

दोबारा शादी क्यों नहीं की?
इस अनुभव के बाद फिर मुझे इसका ख्याल नहीं आया।

आपको तकलीफ नहीं होती कि उन्होंने आपको पत्नी का दर्जा नहीं दिया?
नहीं, मुझे बुरा नहीं लगता, क्योंकि मुझे पता है कि वह अपनी तकदीर को संवारने में लगे हैं। इस तरह के हालात में उन्हें कई तरह की बातें करनी पड़ती हैं और झूठ भी बोलना पड़ता होगा। मैं अपने हालात के लिए बुरा नहीं मानती क्योंकि मुझे लगता है कि इसी रास्ते मेरा भाग्य भी बना है।

बाड़मेर फ़ास्ट ट्रेक कौर्ट से भगाया अज्ञात लोगो ने हत्या के आरोपी को

बाड़मेर फ़ास्ट ट्रेक कौर्ट से भगाया अज्ञात लोगो ने हत्या के आरोपी को

बाड़मेर सरहदी जिला बाड़मेर मुख्यालय पर शनिवार को सुबह फ़ास्ट ट्रेक न्यायलय में पेशी पर आये हत्या के एक आरोपी को उसके सहयोगियो ने सोची समझी रणनीति के तहत भगा दिया। कैदी के भागने से पुलिस के हाथ पाँव फूल गए हें। पुलिस ने शहर के नाकेबंदी करा दी हें


सूत्रानुसार मिठड़ा गाँव में हत्या के एक आरोपी कंवरराम जात को सदर पुलिस फास्ट ट्रेक न्यायलय में पेशी के लिए ले आई थी। इसी बीच न्यायलय पहुंचते वाहनो में आये अज्ञात लोगो ने उसे पुलिस से छुड़ा कर भगा दिया। एक बारगी इस घटना से हड़कम्प मच गया। पुलिस ने नाकेबंदी करा दी हें