शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

एक दिवलो राजस्थानी भाषा रे नाम कार्यक्रम शनिवार को गांधी चौक में

एक दिवलो राजस्थानी भाषा रे नाम कार्यक्रम शनिवार को गांधी चौक में 

बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा म्हारी जबान रो खोलो तालो के तहत एक दिवलो राजस्थानी भाषा रे नाम कार्यक्रम शनिवार शाम पांच बजे आयिजित किया जायेगा .समिति के सम्भाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की एक दिवलो राजस्थानी भाषा के नाम शनिवार शाम पांच बजे गांधी चौक में आयिजित किया जायेगा ,उन्होंने आम जन ,साहित्यकारों ,पत्रकारों ,अधिवक्ताओ ,शिक्षको ,महिलाओ ,पार्षदों से आग्रह किया हें की सभी एक एक दिया राजस्थान भाषा की मान्यता के किये समर्पित करे .समिति सरंक्षक रावत त्रिभुवन सिंह राठोड ने बताया राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए किये जा रहे प्रयासो के तहत दीवाली से पूर्व दीप माला का गांधी चौक में किया जाएगा। उन्होंने आम जन से राजस्थानी भाषा के अभियान में शरीक होरे कि अपील कि हें। मोटियार परिषद् के प्रदेश मंत्री रमेश सिंह इंदा ने समिति के समस्त कार्यकर्ताओ को शाम पांच बजे गांधी चौक पहुँचाने को कहा हें। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओ से एक एक दीपक साथ में लाने को कहा।

पूर्ण सूर्यग्रहण 3 नवंबर को, भारत में नहीं दिखेगा नजारा



इस साल के इकलौते पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान तीन नवंबर को सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की त्रिमूर्ति की अद्भुत लुकाछिपी भारत में नहीं निहारी जा सकेगी। उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बताया कि पूर्ण सूर्यग्रहण का बेहतरीन नजारा दक्षिणी यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में देखा जा सकेगा।

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गुप्ता ने बताया कि भारतीय मानक समय (आईएसटी) के मुताबिक पूर्ण सूर्यग्रहण की शुरुआत तीन नवंबर को दोपहर 04:35 बजे होगी और यह रात 07:57 बजे समाप्त हो जाएगा। इस तरह सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की दिलचस्प भूमिका वाला खगोलीय घटनाक्रम करीब साढ़े तीन घंटे चलेगा।



कोई दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने अपनी गणना के हवाले से बताया कि पूर्ण सूर्यग्रहण शाम 06:16 बजे अपने चरम स्तर पर पहुंचेगा। इस वक्त चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक लेगा। इससे पृथ्वी पर पूर्ण सूर्यग्रहण से प्रभावित हिस्सों में अंधकार छा जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन नवंबर को लगने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण वर्ष का आखिरी ग्रहण होगा। पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है, जब सूर्य और पथ्वी के बीच चंद्रमा इस तरह आ जाता है कि पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूरी तरह चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है

पटेल की मूर्ति पर शरद बाण, "बुतों का कबाड़खाना बन रहा देश"

नई दिल्ली। नीतीश कुमार की राह पर चलते हुए जेडीयू अध्यक्ष ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथों लिया है। शरद यादव ने कहा कि मोदी बिहार में हेडक्वार्टर भी बना लें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं, सरदार पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को लेकर चल रही सियासत पर कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा कि देश बुतों का कबाड़खाना बन रहा है। पटेल की मूर्ति पर शरद बाण, "बुतों का कबाड़खाना बन रहा देश"
नरेन्द्र मोदी के पटना दौरे पर शरद यादव ने कहा कि "खूब पटना जाएं, वहीं रह जाएं, कोई फर्क नहीं पड़ता..सबका देश है। बेहतर होगा कि पटना को ही हेडक्वार्टर बना लें और देश भर में घूमें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला"।

शरद यादव ने कहा, "ये चुनाव कोई इतिहास की पाठशाला नहीं। गांधी जी और बाबा साहेब आंबेडकर की कई प्रतिमाएं लगी हैं। जितनी मूर्तियां लगेगी विचारधारा उतनी ही मरेगी। वे इंसान थे और उनकी विचारधारा मतलब रखती है। मूर्तियों से क्या होने वाला है। मूर्तियां लगवाना इंसान के विचार को मारने का एक जरिया है। मैंने तो कभी ना कोई मूर्ति बनवाई और ना ही कभी किसी प्रतिमा के उद्घाटन में गया। सिर्फ गांधी जी की प्रार्थना सभा में जाता हूं।"

हुंकार रैली में नरेंद्र मोदी को मिले समर्थन के बारे में उन्होंने कहा, "जब इंदिरा गांधी की तूती बोलती थी तब हमने उन्हें लड़कर हराया। राजीव गांधी से लड़ा हूं वो भी चुनाव के मैदान में। मुझे किसी रैली से डर नहीं लगता। अगर कोई मुद्दे की बात करे तो मजा आता है। अगर कोई बहस के लिए चुनौती दे तो इसके लिए भी तैयार हूं"

मोदी को लेकर जेडीयू में बगावत की चिंगारी के सवाल पर उन्होंने कहा, इस सवाल के कोई मायने नहीं है। पार्टी के नेताओं के बयान पर मुझे सफाई नहीं देनी है। देश की आबादी बढ़ गई है, चारों तरफ बेरोजगारी है, करप्शन है, महंगाई है। मुद्दा ये है कि मोदी की तारीफ से इसका कोई वास्ता नहीं। हमारी पार्टी कांग्रेस या बीजेपी नहीं है। जहां किसी को बोलने की आजादी ना हो। सबको अपने विचार रखने का हक है।"

कांग्रेस से बगावत के मूड में हैं दिग्गी!

इंदौर। कहा जाता है कि जो समर्थ होता है उसे कोई दोष नहीं दे सकता। तभी तो कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही जयवर्घन सिंह राघौगढ़ से आज पर्चा दाखिल कर रहे हैं, वो भी बिना फॉर्म बी के। फार्म दाखिल कराने के लिए भी खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह पहुंच रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय कांग्रेस भी पूरी तैयारी से जुटी हुई है।
फरमान का इंतजार क्यो

जयवर्घन सिंह, राघौगढ़ सीट से कांग्रेस के पैनल में हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे हैं, टिकट मिलना तय है। लेकिन दिग्गी के बेटे हैं सो पार्टी के फरमान का इंतजार क्यों करना। पार्टी प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही जयवर्घन सिंह शुक्रवार को राघौगढ़ से पर्चा भरेंगे। उनका यह कदम काफी चौंकाने वाला है। असल में कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।

सियासी हलकों में छिड़ गई चर्चा

जयवर्घन सिंह के इस तरह पर्चा भरने को लेकर सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं। लोग इसे दिग्विजय सिंह के हालिया तल्ख तेवरों से जोड़कर देख रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में हुई राहुल गांधी की सभाओं में दिग्विजय सिंह ने दूसरी या तीसरी पंक्ति में बैठे नजर आए। उन्होंने भाषण से भी दूरी बनाए रखी।

अब जबकि उन्होंने खुद के बेटे का पर्चा दाखिल कराने का फैसला कर लिया है तो यह बात साफ हो चुकी है वह पार्टी के फैसले से असंतुष्ट हैं। दिग्गी के इस कदम से पार्टी में भी गलत संदेश जाने की आशंका है। गौरतलब है कि इस बार टिकट तय करने में राहुल गांधी फॉर्मूला अपनाया जा रहा है

नासमझी! सारे कपड़े उतार दिए दो महिलाओ ने एयरपोर्ट पर

मैन्चेस्टर। एक महिला ने मैन्चेस्टर एयरपोर्ट पर ऎसा बवाल मचाया कि सिक्योरिटी और वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखे फटी रह गई। नासमझी! सारे कपड़े उतार दिए दो महिलाओ ने  एयरपोर्ट पर
डेलीमेल के अनुसार के अनुसार मैन्चेस्टर एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चैक पर सुरक्षाकर्मियों ने हेदफिल्ड-हेडे नाम की इस महिला को कपड़ों को हटाने को कहा। बस फिर क्या था इस पचास वर्षीय महिला ने एक-एक कर अपने सारे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। इसी महिला के साथी एन चेदविक ने भी ऎसा ही किया।

सिक्योरिटी की आंखे तब फटी की फटी रह गई जब हेदफिल्ड-हेडे ने अपनी ब्रा भी उतार फेंकी और चेदविक भी ऎसा ही करने वाली थी। यह देखकर वहां मौजूद सभी एयरपोर्ट सिक्योरिटी स्टॉफ आया और उन्हें समझाया कि सभी कपड़े उतारने की जरूरत नहीं थी।

सीसीटीवी में कैद इस माजरे को कोर्ट में ले जाया गया। हेदफिल्ड-हेडे को एयरपोर्ट पर व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया। हालांकि इस महिला ने कोर्ट को बताया कि उसने सिर्फ सिक्योरिटी के आदेशों का पालन किया। इसने यह भी बताया कि सिक्योरिटी का अंग्रेजी ज्ञान बहुत कम था जिसके चलते यह गलतफहमी पैदा हुई।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने हेदफिल्ड-हेडे को दोषी पाया और जुर्माने सहित 925 पौंड अदा करने का आदेश दिया। जबकि उसकी साथी चेदविक को 515 पौंड अदा करने का आदेश दिया।

अहमदाबाद से गुम होती हैं सर्वाधिक किशोरियां



अहमदाबाद। राज्य में सबसे ज्यादा किशोरियां व बालिकाएं आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले अहमदाबाद शहर से गुम होती हैं। शहर से इस वर्ष अब तक 384 बालिकाएं व किशोरियां लापता हो चुकी हैं, जिसमें से 152 का अभी तक पता नहीं चल पाया है। गुमशुदगी के मामले में अहमदाबाद के बाद सूरत शहर की स्थिति ज्यादा खराब है।
अहमदाबाद से गुम होती हैं सर्वाधिक किशोरियां
राज्य में गुमशुदा लोगों की तलाशी की नोडल एजेंसी सीआईडी क्राइम एण्ड रेलवे के मिसिंग सेल की ओर से जारी की गई लापता लोगों की रिपोर्ट व अहमदाबाद शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों से ये खुलासा हुआ है। आंकड़े दर्शाते हैं कि अहमदाबाद में स्थिति चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। इसमें आई वृद्धि भी चौंकाने वाली है।

बालिकाओं-किशोरियों की गुमशुदगी 490 प्रतिशत बढ़ी

अहमदाबाद शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष 2012 की तुलना में इस वर्ष 2013 में सितंबर की स्थिति तक गुमशुदा हुई। बालिकाओं और किशोरियों का आंकड़ा 490 प्रतिशत बढ़ गया है, जबकि बालक और किशोरों के मामले में ये इजाफा 275 प्रतिशत का है। 

जनवरी से लेकर सितम्बर तक शहर में 18 वर्ष तक की आयु की 384 बालिकाएं व किशोरियां गुम हुई थीं। इसमें से 232 का पता लगा लिया गया जबकि 152 अभी भी लापता हैं। जबकि गत वर्ष 2012 में 457 बालिकाएं व किशोरियां गुम हुई थीं, जिसमें से 426 का पता लगा लिया गया था, लेकिन 31 लापता थीं। ये दर्शाता है कि इस वर्ष लापता बालिकाओं व किशोरियों का आंकड़ा काफी हद तक बढ़ गया है। 

यदि 0-18 आयु वर्ग के गुम बालक व किशोरों की बात करें तो 2012 में 280 लापता हुए थे जिसमें से 264 मिल गए लेकिन 16 का ही पता नहीं चल सका था, जबकि इस वर्ष 30 सितंबर-2013 तक 164 बालक व किशोर लापता हुए हैं, जिसमें से 120 को तो खोज लिया गया है, लेकिन 44 अभी भी गुम हैं। ये आंकडे दर्शाते हैं कि गत वर्ष की तुलना में गुमशुदगी की स्थिति अहमदाबाद शहर में चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।

अहमदाबाद अव्वल, सूरत दूसरे स्थान पर

सीआईडी क्राइम की 6 जुलाई 2013 की स्थिति रिपोर्ट पर नजर डालें तो इस दौरान राज्य में कुल 264 किशोरियां (15-18 वर्ष) गुम हुई थीं, जिसमें से 88 किशोरियां अकेले अहमदाबाद शहर से लापता हुई हैं। जबकि 42 गुमशुदा किशोरियों के साथ सूरत शहर दूसरे स्थान पर है। तीसरा पायदान 18 किशोरियों के साथ राजकोट ग्राम्य का है, जबकि राज्य की राजधानी गांधीनगर 16 लापता किशोरियों के साथ चौथे स्थान पर है। 

इस रिपोर्ट में लापता बालिकाओं के मामले में भी अहमदाबाद पहले पायदान पर है। राज्य में छह जुलाई 2013 तक इस वर्ष कुल 68 बालिकाएं गुम हुई हैं, जिसमें 22 के साथ अहमदाबाद पहले स्थान पर है जबकि सूरत से 17 और राजकोट ग्राम्य से पांच बालिकाएं लापता हैं। इसी दौरान 70 बालक लापता हुए, जिसमें 18 सूरत शहर से और 15 अहमदाबाद शहर से गुम हुए हैं।

ये कहते हैं अधिकारी

सीआईडी क्राइम (महिला सेल व क्राइम) के पुलिस महानिरीक्षक अनिल प्रथम बताते हैं कि 18 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाओं, किशोर-किशोरियों की गुमशुदगी के मामले में पुलिस काफी गंभीर है। सतर्क भी हुई है। अब तो तत्काल प्राथमिकी भी दर्ज करके तलाशी शुरू की जाती है, उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी मॉनीटरिंग करते हंै। अहमदाबाद व सूरत दोनों ही बड़े शहर हैं। इनकी जनसंख्या अधिक है। जहां तक बेतहाशा वृद्धि का सवाल है तो इसके कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन गिरोहों की सक्रियता की बात अब तक ध्यान में नहीं आई है। हम देखेंगे कि क्या कारण हैं। 

गुमशुदगी के कारण

सीआईडी क्राइम के विश्लेषण में गुमशुदगी के कारणों में ज्यादातर प्रेम प्रकरण, नाराज होकर, रास्ता भूलने, फटकार से क्षुब्ध होकर घर से चले जाने, बिना बताए चले जाने के कारण सामने आए हैं।

कुल गुमशुदा हुए लोग
वर्ष 2010-901, 2011-1078 , 2012-16 20, 2013-2136 (6 जुलाई-13 तक)

गर्लफ्रेंड की मदद से करा लड़की का रेप

सतना। मध्यप्रदेश के सतना शहर के कोलगवां थना क्षेत्र के बसाई में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले मे पुलिस ने आरोपी और उसकी महिला मित्र को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार 21 अक्टूबर को आरोपी महिला प्रेमिया कोल एक आदिवासी कन्या को घुमाने के बहाने अपने साथ ले गई और धोखे से एक सूने मकान में बंद कर दिया।

पीडिता किशोरी ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि उक्त महिला ने उसे जिस मकान में बंद किया वहां पहले से ही एक व्यक्ति जफर खान मौजूद था जिसने उसके साथ बलात्कार किया। खान कथित रूप से आरोपी महिला का मित्र है।

पुलिस ने महिला व उसके मित्र तो गुरूवार को गिरफ्तार कर लिया तथा मामले की जांच जारी है।

पति की आत्मा के फेर में गंवाए 20 लाख




नई दिल्ली। वह अपने पति की आत्मा से छुटकारा पाना चाहती थी, आत्मा से छुटकारा तो मिला नहीं लेकिन 20 लाख रूपए जरूर गंवा बैठी। ये दास्तां है उस महिला की जो अंधविश्वास के नाम पर ठगी गई। हालांकि दिल्ली पुलिस ने आत्मा से छुटकारा दिलाने के नाम पर इस महिला से 20 लाख रूपए की ठगी करने वाले तीन लोगों को अरेस्ट कर लिया।
पुलिस ने इस मामले की जो कहानी बताई उसके अनुसार एक महिला मुमताज बेगम ने 19 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि करीब 24 वर्षीय एक लड़की कुछ दिन पूर्व उससे मिली थी और उसने कहा था कि तुम्हारे पति की आत्मा घर में ही चक्कर काट रही है और यह आत्मा तुम्हारी की लड़कियों और इकलौते भाई की जान भी ले सकती है।

लड़की ने कहा था कि इस आत्मा से छुटकारा उसके अब्बा असलम परवेज उर्फ सूफी उर्फ बिलाल दिला सकते हैं। पुलिस ने बताया कि इसके बाद परवेज ने मुमताज के घर जाकर उसे इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए पांच लाख रूपए की मांग की और मामले को किसी को नहीं बताने की हिदायत भी दी। महिला ने किसी तरह इंतजाम कर परवेज को पांच लाख रूपए दे दिए। इसके बाद परवेज ने फिर पांच लाख रूपए महिला से मांगे जिसे महिला ने दोबारा परवेज को दे दिए।

कुछ दिनों बाद परवेज ने मुमताज से कहा कि आत्मा को पकड़ लिया गया है लेकिन अभी आत्मा को और भेंट देनी पडेगी जिसके लिए करीब 10 लाख रूपए की जरूरत है। पुलिस ने बताया कि महिला इस बात से इतना भयभीत हो गई कि उसने मकान के कागजात तथा बहनों के आभूषण भी परवेज को सौंप दिए लेकिन कुछ दिनों बाद उसने पूरी घटना अपने भाई-बहनों को बता दी जिसके बाद मामला सामने आया।

पुलिस ने इस मामले में परवेज उसकी बेटी और एक प्रापर्टी डीलर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से आभूषण नकदी और मकान के कागज बरामद कर लिए है। उन्होंने बताया कि ये लोग दिल्ली के अलावा राजस्थान में भी लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे।

नक्षत्रों की गति के कारण खुशियां लाएगा धनतेरस

पहली नवम्बर को पर्व नक्षत्रों की गतियों के कारण धनतेरस पर्व लोगों के लिए फलदायी होगा। धनतेरस पर हस्त नक्षत्र के कारण कन्या, वृष, मकर राशि के लोगों को खासतौर से लाभ मिलेगा। शुक्रवार को लाभ की चौघड़िया सबके लिए सम्पन्नता लाएगी।

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनवंतरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन धनतेरस मनाया जाता है। समुद्र मंथन में धनवंतरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। अमृत कलश संग प्रकट होने के कारण ही इस दिन बर्तन खरीदने की परम्परा है। इस दिन बर्तन और आभूषण आदि खरीदने से सम्पन्नता तो आती ही है, साथ ही व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है। देवताओं के वैद्य धनवंतरी प्रभु की जयंती पर लक्ष्मी के समक्ष दीये में चांदी का सिक्का रखा जाता है। साथ ही नया बर्तन रखकर पूजन किया जाता है।

पं. राधेश्याम शास्त्री के अनुसार दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होगी। एक नवम्बर को शाम 6:04 से 8 बजे तक पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त है। स्थिर लग्न वृष है। वृष लग्न का स्वामी शुक्र धनु राशि में स्थित होकर धनदाता गुरु को देख रहा है। गुरु भी शुक्र को देख रहा है। ऐसी स्थिति धनधान्य और सम्पन्नता आएगी। इस दिन प्रदोष व्रत संग धन्वन्तरि जयंती भी मनायी जाएगी।