बुधवार, 3 जुलाई 2013

पुलिस ने सेक्स करते पकड़ा, फिर पॉर्न फिल्म बना इंटरनेट पर डाल दी


पुलिस ने सेक्स करते पकड़ा, फिर पॉर्न फिल्म बना इंटरनेट पर डाल दी

 
ये वाकया इंफाल के पास चूड़चंद्रपुर इलाके का है.पिछले हफ्ते की एक रात थी और इंडियन रिजर्व बटालियन के चार लोग खूगा डैम इलाके में गश्त पर थे. इस इलाके में नागरिकों की एंट्री की मनाही है. गश्त के दौरान इन जवानों ने एक आदमी और औरत को यहां आपत्तिजनक स्थित में पकड़ा.

आरोप है कि पहले इन जवानों ने कपल को पीटा और महिला के साथ छेड़छाड़ की और फिर उन्हें दोबारा सेक्स करने के लिए मजबूर किया. इस दौरान एक जवान ने अपने मोबाइल फोन पर इस एक्ट की फिल्म बना ली. अगले ही दिन उसे इंटरनेट पर अपलोड कर दिया गया और कुछ ही दिनों में यह क्लिप वायरल हो गई.
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इसके बाद स्थानीय लोगों को पता चला कि इस पूरी हरकत के पीछे सुरक्षा बल हैं. प्रदर्शन शुरू हो गए और आंदोलनकारी आईआरबी जवानों की बर्खास्तगी की मांग करने लगे. मामले की सच्चाई चंद्रचूड़पुर इलाके के एक एनजीओ के महिला से पूछताछ के बाद सामने आई. फिर एनजीओ महिला को अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गया और शिकायत दर्ज करवाई गई.

पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया. इसकी जानकारी मिलने पर प्रदर्शनकारी थाने पहुंच गए और आरोपियों को उन्हें सौंपने की मांग करने लगे. कुछ ही देर में प्रदर्शन हिंसक हो गया. भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए.




 

डूबने से विवाहिता सहित दो की मौत

डूबने से विवाहिता सहित दो की मौत

बाड़मेर ।सरहदी जिले बाड़मेर में बीते चौबीस घंटो में एक विवाहिता सहित दो जनों की पानी में डूबने से मौत हो गई चौहटन थानान्तर्गत बूठ राठौड़ान गांव में एक युवक की कुएं में गिरने से मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकलवाया। एएसआई खीमसिंह ने बताया कि बूठ राठौड़ान गांव के निवासी देवचंद ने मामला दर्ज करवाया कि उसका चचेरा भाई द्वारकाराम (27) पुत्र घमुराम मेघवाल मंगलवार दोपहर एक बजे गांव के ओपनवेल पर खड़ा था कि पैर फिसलने से वह अन्दर गिर गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा मृत अवस्था में युवक को बाहर निकलवाया। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। इसी तरह पुलिस थाना शिव के अन्तर्गत जोरानाडा गांव की सरहद में सोमवार शाम को टांके में गिरने से विवाहिता की मौत हो गई। गेनाराम पुत्र बस्ताराम निवासी जोरानाडा ने मामला दर्ज करवाया कि सोमवार शाम छह बजे उसकी पत्नी ईनिया (22) पुत्री भोमाराम की टांके से पानी भरते समय पांव फिसलने से अन्दर गिरने के बाद डूबने से मौत हो गई।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। मंगलवार सुबह उपखण्ड अधिकारी मोहनसिंह राजपुरोहित द्वारा मौका स्थिति का मुआयना कर मेडीकल बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवाया गया। शव को परिजन को सुपुर्द कर मामले की जांच उपखण्ड अधिकारी स्वयं कर रहे है।

जेल में फंदा लगाकर झूला दुष्कर्मी



जेल में फंदा लगाकर झूला दुष्कर्मी
भरतपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में सजा भुगत रहे एक कैदी ने बुधवार को जेल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मामला डीग कस्बे के उपकारागृह का है। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय राजकीय अस्पताल के शवगृह में रखवाया है। पुलिस के अनुसार करीब तीन महीने पहले पहाड़ी क्षेत्र के मातूकी गांव में एक विवाह कार्यक्रम के दौरान बालिका से दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने गोविंदगढ़ निवासी प्रीतम नाम के युवक को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद इस युवक को डीग उपकारागृह मेंं भेज दिया गया। यहां जेल में बुधवार सुबह प्रीतम का शव फंदे से लटका मिलने पर जेल प्रशासन की ओर स्थानीय थाना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को स्थानीय राजकीय अस्पताल में रखवाते हुए मृतक के परिजनों को सूचना दी।

सोमवार, 1 जुलाई 2013

माउंट आबू में दो लड़कियों से रेप

माउंट आबू में दो लड़कियों से रेप
जयपुर। राजधानी से घर छोड़ भागी दो किशोरियों के साथ माउंट आबू में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। लड़कियां जिन 2 युवकों के साथ जयपुर से भागी थीं उन्हीं की हवस का शिकार हुई। रविवार रात पुलिस ने लड़कियों का मेडिकल मुआयना कराने के बाद घटनाक्रम की पुष्टि की है।

जयपुर के ज्योति नगर थाना प्रभारी मोहर सिंह पूनिया के अनुसार सहकार मार्ग निवासी 16 वष्ाीüय किशोरी अक्सर फोन पर एक युवक से बात करती थी। इसे लेकर किशोरी की परिजनों से कहासुनी हो गई। नाराज किशोरी अपने यहां काम करने वाली महिला की 13 साल की लड़की को लेकर घर से निकल गई।

दोस्त के साथ पहुंची माउंट आबू

पुलिस के अनुसार लड़की ने घर से निकल कर अपने दोस्त नीतेश को बुला लिया। नीतेश अपने साथ सुशील नाम के लड़के को लेकर सहकार मार्ग पहुंचा। यहां से चारों अजमेर गए। दिनभर घूमने के बाद चारों माउंट आबू पहुंचे। यहां सुशील ने अपने एक मित्र से दो कमरों का मकान किराए पर लेने की बात कही। मकान मिलने के बाद आरोपियों ने किशोरियों को अलग-अलग कमरों में रखकर दुष्कर्म किया।

फरार आरोपी यूपी के हैं

माउंट आबू में लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटना की सूचना आरोपियों के मित्र ने किशोरी के घर फोन कर दी। इस दौरान आरोपी मौके से फरार हो गए। आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और जयपुर की किसी फैक्ट्री में काम करते हैं।

बाड़मे भारत चीनी नागरिक से पूछताछ शरू

चीनी नागरिक से पूछताछ शरू  


बाड़मेरभारत पाकिस्तान पश्चिमी सरहद पर बाड़मेर जिले के मुनाबाव में
सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने एक चीनी नागरिक को पाकिस्तान जाने की फ़िराक
में गिरफ्तार किया ,प्रारंभिक पूछताछ के बाद में सीमा सुरक्षा बल ने उसे
गडरा पुलिस को सुपुर्द किया ,आज विभिन सुरक्षा और खुफिया एजेंसिया
उन्ससे संयुक्त पूछताछ करेगी आम तोर पर पाक जाने की फिराक में बगलादेशी
नागरिक और पाकिस्तानी नागरिक पकडे जाते है लेकिन राजस्थान बॉर्डर पर सीमा
इतना नजदीक पहली बार चीनी नागरिक पकडे जाने से सुरक्षा ,BSF खुफिया .CID
और पुलिस के हाथ पैर फुल गए है

राजस्थान के बाड़मेर जिले मुनाबाव अंतर्राष्ट्रीय रेलवे
स्टेशन के पास पाक जाने की फिराक में घूम रहे चीनी नागरिक को बीएसएफ ने
गिरफ्तार किया। पाक सीमा से महज दो किलोमीटर पहले ही बीएसएफ के जवानो ने
इस पकड लिया जिसे बाद बीएसएफ के अधिकारियो ने कई घंटे तक पूछताछ के बाद
बीएसएफ ने चीन नागरिक को पुलिस को सुपुर्द दिया है मुनाबाव रेलवे स्टेशन
के पास बीएसएफ ने सांईसांई चेन निवासी चीन को पकड़ा। जिससे पूछताछ करने
पर बताया कि वे पाक जाने की फिराक में जैसलमेर के म्याजलार गांव से यहां
पहुंचा है। जिसके पास में पाक की वीजा के दस्तावेज भी पाए गए। बाड़मेर
एसपी राहुल कुमार के अनुसार चीन नागरिक मुनाबाव बॉर्डर पर बीएसएफ ने
पकड़ा था उसके पुलिस को सोपा है चीन नागरिक के पास कैमरा मोबाइल साईकल
सहित कई देशो का वीजा ,पासपोर्ट बरामद हुए है अब हम इस मामले को बड़ी
गंभीरता से ले रहे है क्योकि कोई भी विदेशी नागरिक इस बॉर्डर पर बिना
परमिशन के नहीं जा सकता है अब सुरक्षा ,BSF खुफिया .CID और पुलिस पूछताछ
कर रही है

.जब इस चीनी नागरिक से मीडिया ने बातचीत करने की कोशिश की
तो इस चीनी नागरिक कहना है कि में आपसे कोई बातचीत नहीं करुगा

चीनी नागरिक जैसलमेर से सायकिल पर रविवार को शाम को
मुनाबाव पहुंचा ,गस्त कर रहे सीमा सुरक्षा बल के जवानो ने उसे दबोच लिया
तथा बल मुख्यालय ले जा कर तलाशी ली .तलासी के दौरान उसके पास तीन
पासपोर्ट और पाकिस्तान सहित दो देशों के वीजा मिले. चीनी नागरिक गिरफ्तार
के बाद राजस्थान और गुजरात सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ग्रस्त एका एक बढ़ा दी
है चीनी नागरिक का इस तरह बॉर्डर के इन्ते नजदीक पहुचना सुरक्षा की लिहाज
से बड़ा खतरा माना जा रहे है चीनी नागरिक एजंसिया इस से हर तरीके से
पूछताछ कर इसके यहाँ आने के मकसद के बारे में जानने में जुट गई है

नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म



नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म
बीकानेर। शहर के नोका थाना क्षेत्र के तीन भाइयों ने एक नाबालिग का रेप कर उसे मारने की कोशिश की। पुलिस ने बलात्कार और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।प्राप्त जानकारी के अनुसार नोका थाना क्षेत्र के मान्याणा गांव की रहने वाली एक लड़की रविवार शाम करीब छह बजे घर से सामान लेने बाजार आई थी। तभी तीन भाइयों ओम प्रकाश,रेखा राम और छगनलाल ने उसका अपहरण कर लिया। वे उसे एक सरकारी मकान में ले गए। वहां दो भाइयों ने उसे पकड़ लिया व एक भाई ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद अभियुक्तों ने उसे मारने का प्रयास किया। सुबह पीडिता अपने घर पहुंची। इस पर उसके परिजन उसे पीबीएम अस्पताल ले गए। अस्पताल में डाक्टरों ने पुलिस को सूचित किया।

मिनी बस पलटी एक दर्जन लोग घायल

मिनी बस पलटी एक दर्जन लोग घायल 




बाड़मेर सरहदी बाड़मेर जिले के शिव तहसील के हरसानी मुंगेरिया गाँवों के बीच एक मिनी बस पलट जाने से एक दर्जन से अधिक लोग घयाल हो गए .घायलों में चार जने गंभीर अवस्था में बाड़मेर जिला मुख्यालय अस्पताल में उओप्चार के लिए रेफर किया हें ,सूत्रानुसार हरसानी से मुंगेरिया यात्रियों को ले जा रही मिनी बस अनियंत्रित होकर पलट गई जिससे उसमे सवार बारह जने घायल हो गए .घायलों को पहले शिव अस्पताल ले जाया गया बाद में गंभीर रूप से घायल चार व्यक्तियों को बाड़मेर रेफर किया .

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सेल्फ पीस जिला कलेक्टर बाड़मेर ....जनता की अनदेखी ...सरकारी कार्यक्रमों की अनदेखी



सेल्फ पीस जिला कलेक्टर बाड़मेर ....जनता की अनदेखी ...सरकारी कार्यक्रमों की अनदेखी



बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर का दुर्भाग्य हें की पिछाक्ले आठ माह से उनकी समस्याओं की सुनवाई जिला कलेक्टर नहीं कर रहे .रिजर्व नेचर के कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू अपने आप को जनता और मिडिया से दूर रखना पसंद करने से आम जनता की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा वहीं जनता की समस्याओं को जिला कलेक्टर के पास ले जाने वाली मीडिया कलेक्टर की बेरुखी से हैरान हें .अपनी मनमर्जी के चलते कलेक्टर ने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण कार्यक्रम जन सुनवाई और रात्रि चोपाल जैसे कार्यक्रम बंद कर जनता को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया .मजे की बात बाड़मेर के गूंगे जन प्रतिनिधि कलेक्टर के इस क्रिकलाप को चुपचाप सहन कर रहे हें ,बाड़मेर में अब तक जितने भी जिला कलेक्टर आये सभी ने स्थानीय जनता के साथ अपने आप को जोड़े रखा ,मगर वर्तमान जिला कलेक्टर ने अपने आपको जनता और मिडिया से बहूत दूर रखा .उन्हें कार्यभार संभाले लगभग आठ माह से अधिक समय हो गया मगर उन्होंने जिले के पांच गाँवो का दौरा तक नहीं किया .और तो और जिले की यात्रा पर आने वाले प्रभारी मंत्रियो ,और जिले के मंत्रियों सहित स्थानीय विधायको को भी तवज्जो नहीं देते ,साथ ही प्रशासनिक अधिकारीयों और कार्मिको के साथ दूरी बना के राखी .उन्हें जिले में चल रहे विकास कार्यों की तक जानकारी नहीं हें ,चुनावी साल में ऐसे कलेक्टर से सरकार को नुक्सान हो।सरकारी कार्यक्रमों की अभी जिले में धूम मची हें मगर किसी भी कार्यक्रम में कलेक्टर महोदय शिरकत नहीं करते .चाहे सरकारी चेक बांटने हो या कोई लोकार्पण सभी से अपने आप को अलग रखते हें .मीडिया से तो मानो उनकी जन्मजात दुश्मनी हो .कलेक्टर चेंबर के बहार खड़े पहरेदारो को कलेक्टर की सख्त हिदायत हें की कोई मिदिअकर्मि उनके चेंबर में ना आये .मिलाने जाने वाले मिडिया कर्मी हमेशा खली हाथ वापस आते हें ,गरीब जनता गाँवों से यह उम्मीद लेकर आते हें की अपनी समस्याओं को कलेक्टर के समक्ष रखेंगे मगर उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ता हें .उनके कार्यकाल में एक बार भी मिडिया से बातचीत या प्रेस मीटिंग नहीं हुई ,कई मौकों पर राज्य सरकार के आदेशानुसार उन्हें मिडिया के साथ वार्ता कर योजनाओं की जानकारी देनी थी मगर उन्होंने मिडिया से कभी बात नहीं की ,सरकारी योजनाओ के क्रियान्वयन में बाड़मेर जिला कलेक्टर के रवये से पिछड़ रहा हें .समझ नहीं आ रहा अशोक गहलोत जैसा मुख्यमंत्री ऐसे कलेक्टर को कैसे सहन कर रहे हें


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exclusiv news पचपदरा रिफायनरी ..पर चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट

लूण की खान पर तेल का तालाब

जिस पचपदरा में तेल रिफाइनरी स्थापित की जा रही है वह साइबेरियाई पक्षियों की सबसे बड़ी सैरगाह है।

exclusiv news   पचपदरा रिफायनरी ..पर चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट 


तब भी ब्रिटिश हुकुमत ही इसके पीछे थी, अब एक ब्रिटिश कंपनी इसके पीछे है। पचपदरा के धुंधले इतिहास और सुनहरे भविष्य के बीच संतुलन साधने के लिए बिना ब्रिटेन को बीच में लाये बात पूरी नहीं हो सकती। उस वक्त जब देश में गांधी जी का नमक आंदोलन नहीं हुआ था तब से पहले की बात है। बाड़मेर का यह पचपदरा इलाका एक असफल नमक आंदोलन चला चुका था। बंगाल को शुद्ध नमक खिलाने के नाम पर जब अंग्रेजी हुकूमत ने ब्रिटिश नमक का बाजार खोलने की शुरूआत की तो वे पचपदरा के इसी सांभर इलाके में आये थे, भारी मशीनरी के साथ। उनकी भारी मशीनरी और नमक के भारी उत्पादन दोनों की ही उस वक्त सफल नहीं हो पाये तो उसका कारण यह था कि मशीन से पैदा किये गये सांभर नमक को पचपदरा की खुदरा खानों से निकला नमक चुनौती दे रहा था। स्वाभाविक था कि अंग्रेजों ने पचदरा की 'पड़तल' खानों को बंद करने की कोशिश की। इसके जवाब में यहां के नमक उत्पादकों ने कलकत्ते जाकर अंग्रेजी हुकुमूत को असफल चुनौती दी थी, नमक के साथ। लेकिन न कलकत्ते में यहां के नमक कारोबारी सफल हो सके और न पचपदरा में अंग्रेजी हुकूमत।
गांधी जी से भी पहले नमक का यह पहला 'संघर्ष' इतिहास की किताबों में भी ठीक से भले ही कलमबंद नहीं हो पाया, लेकिन आज भी आप पचपदरा आयें तो धुंधले रूप में ही सही इतिहास के इस अनोखे संघर्ष के अवशेष मौजूद हैं। चारों तरफ दूर-दूर तक बियाबान के बीच बसे सांभरा में अंग्रेजों के जमाने में एक टीले पर बनाया गया नमक विभाग का दफ्तर और कॉलोनी आज भी मौजूद है। तब अंग्रेजों का हाकम यहां बैठता था। नमक की पहरेदारी करने के लिए चौकियां बनी हुई थीं। घोड़ों पर पहरेदारी होती थी। भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने तो 1992 में नमक की खदानों में काम करने वाले 'खारवालों' को सरकार ने पट्टे देकर मालिक बना दिया और विभाग का दफ्तर भी शिफ्ट कर दिया। तब से आलीशान दफ्तर का भवन, डाक बंगला और करीब 70 क्वार्टर वाली कॉलोनी वीरान पड़ी है। इनमें भी 35 ठीक-ठाक हैं, बाकी खंडहर हो चुके हैं। यहीं पर एक खजाना कक्ष बना हुआ है। इसमें सलाखों के भीतर एक तहखाने में यह खजाना आज भी इतिहास का गवाह बना हुआ है। लोहे की मोटी चद्दर से बना है भारी भरकम दरवाजा। इस पर आज भी इंग्लैंड का बना ताला ही लटक रहा है। खजाना खाली है यहा भरा, यह तो पता नहीं लेकिन मकड़ियों के जाल ने इन्हें पुरातन अवशेष में जरूर तब्दील कर दिया है।
लेकिन इतिहास में अवशेष हो जाने के बाद भी पचपदरा की पड़तल खानों (नमक की वे खान जिसमें एक बार नमक निकाल लेने के बाद उन्हें बंद कर दिया जाता है।) से निकलनेवाले नमक की गुंजाइश ही कायम नहीं है, जिस सांभर में अंग्रेजी हुकूमत अपने मशीनों का अवशेष पीछे छोड़ गई थी, उस सांभर में मशीनों के वे अवशेष भी जंग लगे हथियारों की तरह आज भी देखे जा सकते हैं। सिर्भ सांभरा माता का भव्य मंदिर ही नमक की समृद्धि से ही समृद्ध नहीं हुआ था, बाड़मेर का यह पूरा इलाका कभी राजसी वैभव लिए था तो उसका कारण कुछ और नहीं बल्कि सांभर नमक ही था।
आश्चर्यजनक रूप से पचपदरा में रिफाइनरी का स्वागत वे तीन हजार खारवाल भी कर रहे हैं जो नमक के कारोबारी है, यह जानते हुए कि रिफाइनरी आने से सांभर नमक का कारोबार बर्बाद हो जाएगा। सांभरा के गणपत खारवाल कहते हैं, नमक के काम में तो मुश्किल से दो सौ रुपए दिहाड़ी मिलती है, वह भी साल में आठ माह से ज्यादा नहीं। रिफाइनरी लगने से गांव वालों को कम से कम रोज अच्छी मजदूरी तो मिलेगी।
सांभर नमक अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता है। सांभर नमक वह नमक है जो नमक होते भी नमक नहीं होता है। हिन्दू समाज में सांभर नमक को इतना पवित्र माना जाता है कि व्रत त्यौहार में इस नमक को इस्तेमाल किया जाता है। जोधपुर के पास नमक की सांभर झील अगर अपने सांभर नमक के लिए दुनियाभर में विख्यात है तो बाड़मेर का सांभरा इलाका भी अपने नमक के उत्पादन और कारोबार के लिए ही जाना जाता है। सांभरा गांव और पचपदरा क्षेत्र में पानी को सुखाकर नमक नहीं तैयार किया जाता बल्कि यह देश का संभवत: एकमात्र ऐसा इलाका है जहां खदानों से खोदकर नमक निकाला जाता है। जमीन से निकले इस नमक को शायद इसीलिए विशिष्ट नमक माना जाता है। लेकिन नमक की इस विशिष्टता पर अब जल्द ही तेल का तालाब तैर जाएगा और तेल की धार बह निकलेगी।
परियोजना से जुड़ी हर बात पूरी हो चुकी है। घोषणा भी हो चुकी है और अतीत में खो चुके पचपदरा इलाके में प्रापर्टी डीलर अभी से सक्रिय हो गये हैं। इसी जून महीने में राजस्थान सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी वाली इस परियोजना को हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन द्वारा लगाने की योजना को मंजूरी मिल चुकी है। संभावना है कि जुलाई महीने में किसी भी वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस इलाके का दौरा करके परियोजना की आधारशिला रख देंगी। हालांकि अभी भी स्पष्ट तौर पर यह तो पता नहीं चल पाया है कि इस परियोजना में ब्रिटिश कंपनी केयर्न की कितनी हिस्सेदारी है लेकिन इस बात की संभावना बताई जा रही है कि एचपीसीएल की सहयोगी कंपनी एमआरपीएल में राजस्थान सरकार के अलावा केयर्न की भी हिस्सेदारी है। वैसे इस परियोजना को पचपदरा लाने के पीछे केयर्न का बड़ा अहम रोल है। इस रिफाइनरी के लिए जो कच्चे तेल की सप्लाई है उसमें बड़ी हिस्सेदारी केयर्न की ही होगी। केयर्न अपने दो तेल पाइपलाइनों मंगला और भाग्यम के जरिए जामनगर में रिलायंस की रिफाइनरी के अलावा इस परियोजना को भी कच्चा तेल सप्लाई करेगी।
बाड़मेर में पचपदरा से पहले 37,230 करोड़ रूपये की यह परियोजना यहां से करीब चालीस किलोमीटर दूर लगनेवाली थी। लेकिन जमीन के विवाद के चलते आखिरकार कंपनी ने अपना इरादा बदल दिया और वह रिफाइनरी परियोजना को पचपदरा के पास ले आई। परियोजना के लिए कंपनी को 3700 एकड़ जमीन की जरूरत है जो उसे आराम से पचपदरा में मिल रही है। पहले के परियजना स्थल लीलारा से उलट यहां परियोजना मुख्य बस्ती से छह किलोमीटर दूर बनाई जा रही है जिससे कम से कम इंसानों के विस्थापित होने का कोई खतरा नहीं है। शायद इसीलिए यहां के लोग चाहते हैं कि रिफाइनरी की परियोजना यहीं लगे ताकि इस इलाके में राजसी ठाट बाट दोबारा लौट आये। राजसी ठाट बाट जब आयेगा तब लेकिन जिस तरह से इलाके में प्रापर्टी के कारोबारी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं उससे इतना तो साफ दिख रहा है सरहदी जिले का उपेक्षित सा यह नमक उत्पादक इलाका अचानक ही चर्चा में आ गया है। शाम होते ही पचपदरा में जगह जगह प्रापर्टी डीलर जमा हो जाते हैं और जमीन के सौदों को अंजाम देने लगते हैं।
लेकिन प्रापर्टी के इस संभावित कारोबार में क्या सचमुच पचपदरा को इस रिफाइनरी से सिर्फ फायदा ही फायदा होनेवाला है। शायद ऐसा नहीं है। भले ही नमक के कारोबार की उपेक्षा के कारण लंबे समय से उपेक्षित इस इलाके में रिफाइनरी के कारण रूपये की रौनक लौट आई है लेकिन रिफाइनरी के कारण इस इलाके की जैव विविधता और सबसे अधिक साइबेरियाई पक्षियों को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। पचपदरा क्षेत्र में प्रति वर्ष हज़ारों की तादाद में प्रवासी पक्षी साइबेरियन क्रेन जिसे स्थानीय भाषा में कुरजां कहते हैं, वे आती हैं। इस क्षेत्र को कुरजां के लिए सरंक्षित क्षेत्र घोषित करने की कार्यवाही चल रही थी। सँभारा, नवोड़ा बेरा, रेवाडा गाँवों के तालाबों पर कुरजां अपना प्रवासकाल व्यतीत करते हैं। और केवल साइबेरियाई पक्षियों की ही बात नहीं है। पचपदरा में वन्यजीवों की भरमार है, विशेषकर चिंकारा और कृष्णा मृग बहुतायत में पाये जाते हैं. इसीलिए पचपदरा से आगे कल्यानपुर डोली को आखेट निषेध क्षेत्र घोषित कर रखा हैं। तेल रिफाइनरी के आने के बाद इन वन्यजीवों और दुर्लभ पक्षियों की क्या दशा या दुर्दशा होगी इसके बारे में सोचने की फुर्सत न तो सरकार को है, न कंपनी को और न ही प्रापर्टी डीलरों को।
वन्यजीव, दुर्लभ साइबेरियाई पक्षियों से ज्यादा इस वक्त इस पूरे इलाके में दुकान, मकान, होटल बनाने की चिंता है। रियल एस्टेट और ट्रांसपोर्ट में उभर रही संभावनाओं के कारण हर आदमी की आंख में अपने लिए वैभवशाली भविष्य की चमक साफ दिखाई दे रही है। शायद यही कारण है कि पचपदरा से लेकर बागुन्दी और जोधपुर तक जमीनों की कीमतों में उछाल आ गया है। इस उछाल का फायदा जिन्हें मिलेगा वे उछल रहे हैं लेकिन उन मूक पशु पक्षियों का भविष्य संकट में है जो न तो अपने लिए खुद कोई आंदोलन कर सकते हैं और जिनके लिए यहां आंदोलन करनेवाला कोई दिखाई नहीं दे रहा। सब सांभर नमक पर की खान पर तेल का तालाब बनाने में व्यस्त हैं।
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