बुधवार, 1 मई 2013

एडवांस लेकर शादी में घोड़ा नहीं भेजने पर 10 हजार का जुर्माना


एडवांस लेकर शादी में घोड़ा नहीं भेजने पर 10 हजार का जुर्माना 



उपभोक्ता मंच का फैसला   अपनी पुत्री के विवाह के दौरान दूल्हे की स्वागत रस्म के लिए बुक करवाया था घोड़ा , एडवांस में दिए थे सात हजार रुपए फिर भी नहीं पहुंचाया घोड़ा, उपभोक्ता मंच ने लगाया जुर्माना



जालोर विवाह में घोड़ा बुक करने के बाद नहीं ले जाने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच ने घोड़े मालिक को 17 हजार रुपए देने के आदेश दिए हैं।

फैसले के अनुसार आहोर तहसील के मोरू गांव निवासी खंगाराराम पुत्र लच्छाजी जाति मेघवाल ने अपनी पुत्री के विवाह में दूल्हे के स्वागत की रस्म के लिए आहोर तहसील के अगवरी गांव निवासी चूनिया (चूनाराम) पुत्र छोगाजी सरगरा के पास घोड़ा बुक करवाया था। इसके लिए खंगाराराम ने घोड़ा मालिक की ओर से मांगी गई पूरी रकम 7 हजार रुपए एडवांस दे दिए तथा 29 जून 2012 को सुबह 5 बजे घोड़ा लेकर पहुंचने पर सहमति हुई। लेकिन चूनिया (चूनाराम) 7 बजे तक भी घोड़ा लेकर नहीं गया। मोबाइल पर संपर्क करने पर कहा घोड़ा लेकर नहीं आऊंगा तथा फोन बंद कर दिया। उसके बाद खंगाराराम उसके पास गया तो चूनिया ने कहा कि कुछ लोगों ने उसे मना किया है इसलिए वह घोड़ा लेकर नहीं आएगा। एडवांस में दिए पैसे मांगे तो वह भी नहीं दिए। बाद में खंगाराराम को 11 हजार रुपए देकर दूसरे स्थान से घोड़ा मंगवाना पड़ा। इससे परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा।

परिवादी खंगाराम ने चूनिया (चूनाराम)के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वाद पेश किया। मंच ने इस मामले को सेवा में त्रुटि मानते हुए घोड़े वाले को आदेश दिए कि वह 18 अप्रैल 2013 से एक माह में एडवांस में लिए 7 हजार रुपए तथा मानसिक क्षति के रूप में प्रार्थी को 10 हजार रुपए अदा करें। यह निर्णय मंच के अध्यक्ष एसआर मेघवंशी, सदस्य अंजू चारण व केशरसिंह राठौड़ के निर्देशन में खुले मंच में सुनाया गया।

चुनावी फायदे के लिए हटाए नियमों के बैरियर


चुनावी फायदे के लिए हटाए नियमों के बैरियर 

जयपुर राज्य सरकार ने चुनावी साल में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 50 लाख से ज्यादा लोगों को सीधे फायदा पहुंचाने की तैयारी कर ली है। पेंशन योजना में सभी प्रमुख राइडर हटाते हुए 20 लाख से ज्यादा लोगों को वृद्धावस्था और विधवा पेंशन देने जा रही है। यह संख्या पांच लाख तक बढ़ सकती है। तीन लाख से ज्यादा छात्रों को आठवीं में टॉप टेन रहने पर 6-6 हजार के चेक और करीब 60 हजार को 8वीं प्रथम रहने पर लैपटॉप दिए जाएंगे। ये लैपटॉप 20 हजार रुपए से ज्यादा कीमत का होगा। एक लाख 17 हजार शहरी बीपीएल को मकान के लिए अब 50 हजार रुपए की जगह 70 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। नरेगा में सौ दिन पूरे करने वाले परिवारों, जननी सुरक्षा योजना और शुभ लक्ष्मी में आने वाली महिलाओं और बेटियों को भी इसमें लाभान्वित किया जा रहा है। राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में इन योजनाओं को लेकर भारी चर्चा है।  

ये बैरियर हटाए 

> पहले आय का निर्धारण करने के लिए जमीन का बैरियर था। जो हर जिले में अलग- अलग था। उसे हटा दिया है।

> परिवार में 25 वर्ष से अधिक आयु के पुत्र की शर्त को हटाया।

> एसडीएम और तहसीलदार से प्रमाणित आय प्रमाणपत्र की शर्त।
सामाजिक न्याय विभाग के अनुसार 20 लाख नए लोगों को पेंशन देने जा रही हैं। सरकार ने इसके लिए 1500 करोड़ रुपए का बजट रखा है और ऐसे प्रावधान हटा दिए हैं, जो लोगों को सीधे फायदा पहुंचाने में बाधा बने हुए थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक अजिताभ शर्माने बताया कि विभाग ने एक जुलाई तक 20 लाख नए लोगों को पेंशन राशि मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने 20 अप्रैल से शुरू पेंशन महाभियान के तहत 29 अप्रैल तक 3 लाख 11 हजार व्यक्तियों को पेंशन स्वीकृत की है। यह विशेष अभियान 31 मई तक चलेगा। इसमें वृद्धावस्था, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और विशेष योग्यजन पेंशन मौके पर ही स्वीकृत की जा रही है। अजिताभ शर्मा के मुताबिक इन आठ दिनों में 2 हजार 121 शिविर लगे। जिनमें 3 लाख 34 हजार व्यक्तियों के आवेदन मिले। इस दौरान मुख्यमंत्री असहाय पुनर्वास योजना के तहत 325 व्यक्तियों का चयन किया। 

पेंशन के लिए यह शर्त

अधिकारियों के मुताबिक वृद्धावस्था, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा के लिए आय सीमा 48 हजार रु. वार्षिक और विशेष योग्यजन के लिए आय सीमा को 60 हजार रु. वार्षिक रखा है। आय सीमा के लिए आवेदक का खुद और नोटेरी पब्लिक से सत्यापित प्रमाण पत्र मान्य होगा और तहसीलदार के पास जाने वाली पुरानी प्रक्रिया खत्म कर दी गई है। सरकार ने 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिला और 58 साल से अधिक के पुरुष को पेंशन के लिए पात्र माना है। इन्हें अब 400 रु. प्रतिमाह की जगह 500 रु. प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही 75 वर्ष से अधिक व्यक्ति को 750 रु. और दंपत्तियों के लिए 1500 रु. प्रतिमाह पेंशन की व्यवस्था। 

इनके लिए कोई शर्त नहीं 

बीपीएल, स्टेट बीपीएल, आस्था कार्डधारी, अंत्योदय परिवार, सहरिया, कथौड़ी, खैरवा जाति के व्यक्ति बिना किसी शर्त के पेंशन पाने के पात्र हैं। ऐसे बौने जिनकी ऊंचाई साढ़े तीन फीट से कम है वे भी अब विशेष योग्यजन पेंशन पाने के पात्र होंगे। 


मनरेगा में 2100 रुपए की प्रोत्साहन राशि

राज्य सरकार मनरेगा में 100 दिन का रोजगार पूरा कर चुके व्यक्ति को 21 सौ रुपए नकद प्रोत्साहन राशि दे रही है।

आठवीं के 3.22 लाख टॉपर्स को मिलेंगे 6-6 हजार के चैक

राज्य के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा के 3.22 लाख टॉपर्स को टेबलेट-पीसी के लिए 6-6 हजार रुपए के चैक मिलेंगे। कक्षा में दूसरे से 11वें स्थान पर आने वाले ये विद्यार्थी राजीव गांधी डिजिटल विद्यार्थी योजना के तहत यह राशि मिलेगी। स्कूल स्तर पर 14 मई को स्कूल प्रबंध समिति और अभिभावकों के समक्ष समारोह आयोजित कर ये चैक वितरित किए जाएंगे। इसके अलावा आठवीं में पहले स्थान पर रहने वाले करीब 58 हजार विद्यार्थियों को पिछले साल की तरह टेबलेट मिलेंगे।

राजीव गांधी डिजिटल विद्यार्थी योजना के तहत मिलने वाली राशि से छात्र को अपने स्तर पर 30 सितंबर तक टैबलेट-पीसी खरीदना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार संबंधित विद्यार्थी को 31 अक्टूबर तक खरीद का स्वघोषणा-पत्र देना होगा। सभी जिला शिक्षा अधिकारी ब्लॉक और संभागवार विद्यार्ियों की सूची बनाकर बजट आबंटन सुनिश्चित करेंगे। विभाग की ओर से जिला शिक्षाधिकारियों को चैक वितरण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। इनकी मॉनीटरिंग कलेक्टर स्तर पर होगी।

इन योजनाओं से भी मिल रहा है

शुभलक्ष्मी योजना

-बालिका के जीवित जन्म होने पर प्रसूता को 2100 रुपए की राशि। यह राशि जननी सुरक्षा योजना के अलावा मिलेगी। बालिका की उम्र एक साल पूरी होने तथा सभी टीके लगवाने पर 2100 रुपए की अतिरिक्त राशि मिलेगी। बालिका की उम्र 5 साल होने तथा स्कूल में प्रवेश लेने पर तीसरे लाभ के तहत महिला को 3100 रुपए की राशि मिलेगी।

जननी सुरक्षा योजना

संस्थागत प्रसव पर शहरी क्षेत्र की महिलाओं को एक हजार रुपए। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपए। घर से आने-जाने का किराया।

15 लाख पेंशनधारकों के घर पहुंचेगा मुख्यमंत्री का आत्मिक संदेश

- पेंशन के आर्डर के साथ ही मुख्यमंत्री का हस्ताक्षरित पत्र भी हर व्यक्तिको मिलेगा।

- पहले चरण में सरकार ने छपवाए 4 लाख आत्मिक संदेश के पत्र।

प्रदेश में 15 लाख लोग से अधिक लोगों को पेंशन आर्डर के साथ ही लोगों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आत्मिक संदेश भी मिलेगा। इसमें वृद्ध, विधवा और विशेष योग्यजन को मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष के अंतर्गत गंभीर बीमारियों को मुफ्त इलाज, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री असहाय पुनर्वास योजना के बारे में सरकार के प्रयास से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही गहलोत ने सामाजिक उत्थान और कल्याण की सभी योजनाओं को लागू करना सरकार का कत्र्तव्य बताया है।

यह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से भेजे जा रहे हैं। पहले चरण में 4 लाख आत्मिक संदेश प्रिंट करवाएं हैं। यह आत्मिक संदेश पेंशन स्वीकृत होने के बाद भुगतान आदेश के साथ मिलेगा।

लुभावनी योजनाएं

राज्य सरकार कई योजनाओं में नियम आसान कर देगी 50 लाख लोगों को सीधा फायदा

28 साल से पाक जेल में बंद भगू के परिजन भी चिंतित

28 साल से पाक जेल में बंद भगू के परिजन भी चिंतित


कलेक्टर से पति की खैर खबर जानने लक्ष्मी बेटे व बेटी के साथ पहुंची 




 बाड़मेर  
पाक के लाहौर की कोट लखपतराय जेल में सरबजीत पर हुए जानलेवा हमले के बाद बाड़मेर के धनाऊ गांव के लोग भी मायूस हैं और चिंता में डूबे हैं। इस गांव का एक लाड़ला भगूसिंह भी पिछले 28 सालों से पाक की लखपत जेल में बंद है। सरबजीत की खबरें सुनकर ही भगूसिंह की पत्नी लक्षमी का बुरा हाल हो रहा है। वह हर दिन अपने पिया मिलन की आस में गुजारती है। लक्ष्मी कहतीं हैं कि अब हर दिन ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि मेरे पति की रक्षा करें। लंबे अर्से से रिहाई की उम्मीद कर रहे भगूसिंह के परिजनों की भी बैचनी बढ़ गई है कि परिवार का मुखिया पाक जेल में किस हाल में है। पति की खैर खबर जानने के लिए लक्ष्मी अपनी बेटी व बेटे के साथ मंगलवार को कलेक्टर के पास पहुंच गई। बिछोह की दास्तां सुनाते हुए लक्षमी की आंखें नम हो गई। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपकर पाक जेल में बंद पति की रिहाई की मांग रखी। धनाऊ गांव निवासी भगूसिंह वर्ष 1985 में भारत-पाक सीमा के पास भेड़ बकरियां चराने गया था। भूलवश पाक सीमा में घुसने पर पाक रेंजर्स ने भगूसिंह को शक के आधार पर पकड़ कर जेल में डाल दिया। पति को खोने के बाद लक्ष्मी अकेली रह गई। दो बेटे व एक बेटी के पालन पोषण के साथ घर की पूरी जिम्मेदारी अकेली अबला पर आ गई। विकट हालात में उसने हिम्मत नहीं हारी। पति की रिहाई की उम्मीद के साथ जिंदगी का संघर्ष जारी रखा। बीते दिनों पाक की लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत पर हुए हमले के समाचार मिलने के बाद परिवार के सदस्यों की चिंताएं बढ़ गई। लक्ष्मी कंवर बताती है कि पाक की जेल में ही उसका पति भगूसिंह कैद है। वे किस हाल में है इस बारे में कोई खैर खबर नहीं है। इस बारे में पता लगाने के लिए कलेक्टर से मिलकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। कहीं से उसके पति की खैर खबर मिल जाए तो मन को सुकून मिल जाए। अर्जुन सोढ़ा ने बताया कि जब पिता पाक चले गए थे, तब वे छोटे थे। पिता का चेहरा तक उन्हें याद नहीं है। पुराने फोटो देखकर ही पिता की याद सलामत होती है। 

रिफाइनरी पर अब तय होगा मुआवजा

रिफाइनरी पर अब तय होगा मुआवजा

बाड़मेर। बाड़मेर जिला प्रशासन ने रिफाइनरी के लिए 9976 बीघा जमीन अवाप्ति के तीनों फेज की सुनवाई का अंतिम काम मंगलवार को पूरा कर लिया। प्रशासन अब अवार्ड जारी करने के लिए संभवत: बुधवार को रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज देगा। सरकार को किसानों से बात कर मुआवजा तय करना होगा। इसके बाद अवार्ड जारी होंगे।


बाड़मेर प्रशासन के अफसरों के मुताबिक जमीन के दो फेज की आपत्तियों की सुनवाई का काम पहले ही पूरा किया जा चुका था। मंगलवार को तीसरे फेज की अंतिम सुनवाई थी, लेकिन सुनवाई के दौरान प्रभावित किसानों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। ऎसे में जमीन अवाप्ति की धारा 9 के तहत सुनवाई का काम पूरा कर मंगलवार शाम सरकार को सूचना दे दी गई। यह काम पूरा होने से प्रशासन व राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है।



एक बीघा के मांगे एक करोड़ रूपए
रिफाइनरी के लिए जमीन देने के एवज में किसानों ने एक करोड़ रूपए बीघा का मुआवजा मांगा है। इसके अलावा रॉयल्टी सहित अन्य कई मांगें सरकार के सामने रखी हैं। किसानों से वार्ता के लिए संभागीय आयुक्त जोधपुर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। लेकिन कमेटी की अभी बैठक नहीं हुई है। संभागीय आयुक्त स्तर पर मुआवजा को लेकर समझौता न हुआ तो राज्य की उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी फैसला लेगी।

अगला कदम
जमीन अवाप्ति को लेकर जिला प्रशासन की कार्रवाई पूरी हो चुकी है। जानकारों की मानें तो किसानों को मुआवजे के लिए रिकॉर्ड दर्ज करने का काम अंतिम चरण में है। अब सरकार व किसानों के बीच मुआवजा दरें तय होनी हैं। इसके साथ अवार्ड जारी कर जमीन का कब्जा लेने का काम शुरू होगा।

खाली है जमीन
मौके पर पूरी जमीन लगभग खाली पड़ी है। ऎसे में कब्जा लेने की सिर्फ कागजी कार्रवाई ही करनी होगी। इसके तत्काल बाद रिफाइनरी निर्माण का काम किसी भी वक्त शुरू किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार जून में रिफाइनरी के शिलान्यास की तैयारी में है।

पत्नी व उसका प्रेमी गिरफ्तार

पत्नी व उसका प्रेमी गिरफ्तार
कुचेरा। कुचेरा पुलिस ने प्रेमी संग मिलकर पति को मारने की नीयत से हौद में धकेलने की आरोपी महिला और उसके प्रेमी को आकेली गांव की ढाणियों से दबोच लिया। थानाधिकारी रामेश्वर भाटी ने बताया कि कॉल डिटेल मिलने के बाद मंगलवार दोपहर किशोर सिंह की ढाणी पर दबिश दी गई। जहां रेखा व उसका प्रेमी सुखराम छिपे हुए थे। पुलिस को देखकर सुखराम भाग गया। रेखा को पुलिस ने ढाणी से ही गिरफ्तार कर लिया। सुखराम का पीछा किया, जिसे करीब दो घण्टे की मशक्कत के बाद सात किलोमीटर दूर से पकड़ लिया। मंगलवार शाम को दोनों को थाने लाया गया। आरोपियों से पूछताछ जारी है। कार्रवाई में एएसआई अल्लानूर खां, सहदेव राम, बेणीराम, कैलाश साथ थे।

यह था मामला
आरोपी रेखा व उसके प्रेमी कुचेरा निवासी सुखराम माली ने 25 अप्रेल को दिन दहाड़े गागूड़ा निवासी रामदयाल पुत्र श्रवणराम नाई (रेखा के पति) के साथ मारपीट की। गले में फंदा लगाकर कस्बे के आकेली बी रोड स्थित गोचर के पास बने पानी के हौद में मारने की नीयत से धकेल दिया। हौद में पानी कम होने के कारण रामदयाल 24 घण्टे तक उसमें तड़फता रहा। चरवाह ने उसे देखकर बाहर निकाला और अस्पताल पहंुचाया। पुलिस ने शुक्रवार को घायल रामदयाल का पर्चा बयान लेकर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की।

देर रात तक सजती है शराब की महफिलें

देर रात तक सजती है शराब की महफिलें
जैसलमेर। एक तरफ जहां पुलिस शराबियों के विरूद्ध अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ जैसलमेर शहर के पर्यटन व सार्वजनिक स्थलों पर शराबी शाम ढलने के साथ ही मौज मना रहे है। शहर में रात नौ बजे के बाद पटवा हवेली, गीता आश्रम के पास, गडीसर तालाब के किनारे शराबियों की महफिलें सजने लगती है, जो देर रात तक चलती हंै। ये महफिलें शांति से चले तब तक तो कोई नहीं, लेकिन नशा चढ़ने पर ये आसपास के लोगों के लिए आफत बन जाती है। शहर के भीतरी भाग के सार्वजनिक स्थल हो या फिर पर्यटन स्थलों पर बैठने की जगह हो, हर जगह सवेरे शराब की बोतलें पड़ी नजर आती हंै।

अंधेरे का सहारा
शराबियों को शराब की महफिल सजाने के लिए केवल अंधेरे की तलाश और साफ सुथरी जगह की आवश्यकता होती है। ये जगह चाहे गली मोहल्ले में हो या फिर किसी पर्यटन स्थल और सरकारी विभागों के सूने भवन व खेल मैदान ही क्यों न हो। शराबी यहां अंधेरा होते ही शराब की बोतलों के साथ धमक जाते हैं और फिर पैग पर पैग लगा कर शराब की पार्टियां करते है।

आठ बजे बाद भी मिलती है शराब
राज्य सरकार ने भले ही शराब की दुकानों पर रात आठ बजे शराब बेचने पर पाबंदी लगाई हो, लेकिन जैसलमेर में शराब की दुकानों पर देर रात तक खुलेआम शराब की बोतलें बेची जाती है। शराब की दुकानें कहने को तो बंद रहती हैं, लेकिन ग्राहक के आने पर दुकान का शटर ऊपर होता है और शराब की बोतलें पकड़ाने के बाद वापस बंद हो जाता है। कई दुकानदार शटर के पास बनी खिड़की खुली रखते हैं और वहां से शराब बेचते हैं। ये सब होता है पुलिस व आबकारी विभाग की अनदेखी के चलते।

दस से बीस रूपए की अधिक वसूली
शराब की दुकान बंद होने के बाद शराब धड़ल्ले से मिलती है, लेकिन इसकी कीमत बोतल की प्रिंट रेट से दस से बीस रूपए बढ़ जाती है।

फायदे का सौदा
सरकार द्वारा रात आठ बजे के बाद शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाने का निर्णय शराब विक्रेताओं के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है। शराब की काफी बिक्री रात आठ बजे के बाद ही शुरू होती है, ऎसे में दुकानदार उपभोक्ता से अतिरिक्त राशि वसूली कर काली कमाई बटोरने में जुटा रहता है।

यहां होती है शराब पार्टी
पटवा हवेली के पास।
गड़ीसर सरोवर के किनारे।
डेडानसर स्टेडियम खेल मैदान।
पूनम स्टेडियम मैदान।
रेलवे स्टेशन के पास।
नई कटी कॉलोनियां।
महाराणा प्रताप मैदान।
सार्वजनिक उद्यान, बगीचे।
ग्रामीण हाट आदि एकांत स्थान।
इनके अलावा भी अन्य कई क्षेत्र हैं जहां रात के समय आवागमन कम रहता है और अंधेरा पसरा रहता है, वहां शराब की महफिलें जमना अब आम बात बनती जा रही है।

घर में रहेगी कैमरे की नजर

घर में रहेगी कैमरे की नजर

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक वृद्धा की याचिका पर उसके पुत्र व पुत्रवधु द्वारा की जा रही घरेलू हिंसा रोकने के लिए उसके घर में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने महामंदिर थानाधिकारी को कैमरों की निगरानी करने और अदालत में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। महामंदिर निवासी 72 वर्षीया वृद्धा विमला धारीवाल की ओर से अधिवक्ता नदीश सिंघवी के जरिए पेश फौजदारी निगरानी याचिका पर न्यायाधीश संदीप मेहता ने यह आदेश पारित किया।

अधिवक्ता सिंघवी ने हाईकोर्ट में दलील दी कि विमला के पति शांतिलाल धारीवाल ने अपना व्यावसायिक प्रतिषान व रहवासीय मकान की वसीयत विमला के हक में कर रखी है। उसके बावजूद उसके पुत्र अरूण धारीवाल जबरन कब्जा कर उसमें व्यवसाय कर रहा है।

विमला धारीवाल को बेदखल करने के आशय से उसके साथ मारपीट कर घरेलू हिंसा की जा रही है। न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए अरूण धारीवाल व उसके परिवार को विमला को भरण पोषण के लिए आठ हजार रूपए मासिक भत्ता देने और उसके घर में पुत्र के खर्चे पर चार सप्ताह में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया। कोर्ट ने महामंदिर थानाधिकारी को कैमरों की निगरानी करने और अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) को रिपोर्ट पेश करने के भी आदेश दिए हैं।

ट्रोलर ने अधेड़ को कुचला

ट्रोलर ने अधेड़ को कुचला

बालोतरा। फलोदी-पचपदरा-रामजी का गोल मेगा स्टेट हाइवे पर कालुड़ी गांव में मंगलवार दोपहर बाद तेज रफ्तार ट्रोलर की टक्कर से एक जने की मौत हो गई। ट्रोलर उसे सड़क पर करीब पैंतीस फीट तक घसीट कर साथ ले गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया और हाइवे पर जाम लगा दिया। तकरीबन डेढ़ घंटे तक जाम के दौरान सड़क के दोनो तरफ वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। बाद में समझाइश कर पुलिस ने जाम खुलवाया तब जाकर मामला शांत हुआ।

मेगा स्टेट हाइवे पर कालुड़ी गांव में मंगलवार दोपहर बाद शंकरसिंह (55) पुत्र रामसिंह निवासी कालुड़ी सड़क पार कर रहा था। इसी दौरान सिणधरी से बालोतरा की तरफ जा रहे तेज रफ्तार ट्रोलर के चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाकर शंकरसिंह को टक्कर मारी। पहियों में फंसा शंकरसिंह तकरीबन पैंतीस फीट तक ट्रोलर के साथ सड़क पर घिसटता रहा।

मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद गुस्साए कालुड़ी गांव के ग्रामीणों ने मेगा हाइवे पर जमा लगा दिया। पत्थर, कंटीली झाडियां आदि डालकर व मानव श्रृंखला बनाकर रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। सड़क के दोनो तरफ वाहनो की लम्बी कतारें लग गई। तकरीबन डेढ़ घंटे तक जाम रहा। शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।

सूचना मिलने पर सीओ रामेश्वरलाल मेघवाल, थानाधिकारी कैलाशचंद्र मीणा मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर समझाइश की। बाद में प्रदर्शनकारियों ने शव उठाकर जाम हटाया। तब जाकर यातायात सामान्य हो पाया।

विकास की उल्टी गंगा? 24 गांव हटा देने से यूआईटी को लेकर संशय की स्थिति

विकास की उल्टी गंगा?

बाड़मेर। रिफाइनरी की हकीकत व इससे जुड़े सपनों के बीच नगरीय विकास विभाग बाड़मेर में विकास की उल्टी गंगा बहा रहा है। शहर के भावी विस्तार व भावी विकास योजनाओं को लेकर बनाया गया मास्टर प्लान छियालीस गांवों से सिकुड़कर केवल बाइस गांवों तक सिमट गया है। नगरीय विकास विभाग के एक आदेश के तहत बाड़मेर के नगरीय क्षेत्र (मास्टर प्लान) में सम्मिलित किए गए चौबीस गांव हटा दिए गए हैं।

एक दशक से विकास की पटरी पर तेज गति से दौड़ रहे जिला मुख्यालय के सुनियोजित विकास की भावी योजना के तहत नगरीय विकास विभाग ने 23 नवम्बर 2011 को बाड़मेर शहर के इर्द-गिर्द स्थित छियालीस राजस्व गांवों को मास्टर प्लान में अधिसूचित किया। करीब आठ माह पहले अधिसूचित गांवों को मास्टर प्लान में शामिल कर इस पर अंतिम मुहर लगाई गई। इससे ये सभी गांव नगरपरिषद के मास्टर प्लान में आ गए। नए मास्टर प्लान के अनुरूप आवासीय क्षेत्र, संस्थानिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, ग्रीन बेल्ट इत्यादि को लेकर कार्ययोजना बनाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। चौबीस गांवों को मास्टर प्लान से बाहर करने के बाद अब नए सिरे से कार्ययोजना बनानी होगी।

ये गांव मास्टर प्लान से बाहर
राजस्व गांव बांदरा, अलाणियों की ढाणी, जालीपा आगोर, वीरमनगर, चक धोलका, सांसियों की बस्ती, उण्डखा, धांधुपुरा, मुरटाला गाला, पीथलपुरा, उदे का तला, जादाणियों का वास, महाबार पीथल, कुर्जा, महाबार, वांकलपुरा, विशनपुरा, करणपुरा, मगने की ढाणी, नैनवा, पिण्डियों का तला, मारूड़ी, गोरधनपुरा, पाबूपुरा मास्टर प्लान से बाहर कर दिए गए हैं।

यू आई टी पर होगा असर
मास्टर प्लान का दायरा सिकुड़ने का सर्वाधिक असर नगर विकास न्यास (यूआईटी) पर पड़ेगा। हालिया बजट में राज्य सरकार ने बाड़मेर में यूआईटी की घोषणा की है। बाड़मेर शहर के इर्द-गिर्द स्थित छियालीस राजस्व गांवों को मास्टर प्लान में शामिल करने के बाद ही यूआईटी घोषित करने का आधार बना, लेकिन अब 24 गांव हटा देने से यूआईटी को लेकर संशय की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

विकास पर विपरीत असर नहीं
मास्टर प्लान में ज्यादा गांव हो गए थे। इसलिए कुछ कम कर दिए। अभी भी 22 गांव मास्टर प्लान में है, जो पर्याप्त हैं। गांवों की संख्या कम करने से विकास पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।
मेवाराम जैन, विधायक, बाड़मेर