गुरुवार, 1 नवंबर 2012

कंटेस्टेंट की कहानी ने हिला दिया बिग बी को

Amitabh Bachchan on KBC

मुंबई।। सुपर स्टार अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति की एक कंटेस्टेंट की वजह से उदास हो गए। केबीसी के स्पेशल एपिसोड की शूटिंग के दौरान मिली यह कंटेस्टेंट एसिड अटैक की शिकार हैं।

अपने ब्लॉग पर अमिताभ बच्चन ने लिखा, 'केबीसी के सेट पर यह सबसे तनावपूर्ण और परेशान करने वाली शाम रही। हम दूसरा मौका नाम से एक एपिसोड शूट कर रहे थे। यह एपिसोड ऐसे लोगों के लिए है जो हिंसा के क्रूरतम रूप के शिकार हुए हैं।'बिग बी ने सोनाली मुखर्जी नाम की इस कंटेस्टेंट के बारे में बताया है। वह झारखंड की रहने वाली हैं। उन्होंने अपने पड़ोस में रहने वाले तीन लड़कों की छेड़छाड़ का विरोध किया तो लड़कों ने उनके चेहरे पर एसिड फेंक दिया। इस हमले में सोनाली की देखने, सुनने और बोलने की क्षमता चली गई। केबीसी पर सोनाली का साथ ऐक्ट्रेस लारा दत्ता ने दिया।


सोनाली की आपबीती सुनकर अमिताभ बच्चन बेहद परेशान हुए। लेकिन वह उसकी बहादुरी के कायल हो गए। उन्होंने लिखा है, 'वे लड़के फिलहाल जमानत पर छूटे हैं। सोनाली ने पूरी ताकत से बीते नौ साल से जिंदगी का सामना किया है। उनकी 22 सर्जरी हुई हैं। और अभी उनका सफर बहुत लंबा है। अब वह बोल और सुन सकती हैं लेकिन देख नहीं सकतीं।'अमिताभ बच्चन लिखते हैं कि सोनाली की कहानी हौसले के अद्भतु दास्तान है।

बलात्कारी को 25 किलो चावल प्रतिमाह की सजा

रायपुर एक युवती की अस्मत लूटने पर सजा के तौर पर चांवल देने का अनोखा मामला प्रकाश में आया है। कसडोल में एक युवती की इज्जत लूटने की सजा क्या हो सकती है? कानून में भले ही इसके लिए सख्त सजा का प्रावधान है। लेकिन, यही मामला समाज के प्रमुख लोगों के बीच बेहद मामूली कैसे हो सकता है। इसकी ताजा मिसाल कसडोल में देखने को मिली है।Click to Download
यहां समाज के ठेकेदारों ने बलात्कार के आरोपी को महज 250 रूपए महीना और 25 किलो प्रतिमाह चावल पीडिता को देने की सजा दी है। बलात्कार जैसी गंभीर घटना की ये अदना सजा किसी मजाक से कम नहीं हो सकती, वह भी उस स्थिति में जब पीडिता छह माह के गर्भ से है। हाल ही में आहूत निषाद समाज की बैठक में कुछ इसी तरह का फैसला आरोपी को सुनाया गया। जहां एक 65 वर्षीय वृद्ध को अपनी नातिन की उम्र की युवती का बलात्कार करने और लगातार उसका आठ माह तक दैहिक शोषण करने की यही सजा सुनाई गई।

युवती के गर्भवती होने पर गांव में बुलाई गई बैठक में आरोपी ने अपना अपराध कबूल करते हुए युवती को अपनाने की बात कही। लेकिन बाद में वह अपने वादे से मुकर गया। समाज के प्रमुख लोगों ने बैठक में आरोपी के प्रति दरियादिली दिखाते हुए युवती को हर माह मात्र 200 रूपए और 25 किलो चावल देने का फरमान जारी कर दिया। किसी ने पीडित युवती के पेट में पल रहे छह माह बच्चे की सुध नहीं ली।

थाने में रिपोर्ट लिखाने गई पीडित युवती को पुलिस ने डांट-डपटकर भगा दिया। पत्रिका के हस्तक्षेप के बाद थाने में आरोपी के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। दरअसल, कसडोल से 65 किमी दूर रामपुर (कोट) में कोल फील्ड के रिटायर कर्मचारी बालाराम केंवट (65) ने अपने गांव की नातिन की उम्र की दूर की रिश्तेदार से बलात्कार किया और शादी का झांसा देकर आठ माह तक दैहिक शोषण करता रहा।

गर्भवती महिला के परिजनों से बदसलूकी!

गर्भवती महिला के परिजनों से बदसलूकी!

बीकानेर। बीकानेर के सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला के परजिनों से बदसलूकी का मामला सामने आया है। बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में बुधवार रात शीतला गेट निवासी आशिफा (29)को भर्ती कराया गया था। गुरूवार सुबह करीब 5 बजे बहू को देखने जब आशिफा की सास अस्पताल पहुंची तो उसने देखा कि नवजात पलंग के नीचे पड़ा है। इस पर उसने हंगामा कर दिया।

आशिफा की सास ने डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उसका कहना है कि डॉक्टरों ने बहू का प्रसव कराने से इनकार कर दिया था। इस कारण अपने आप प्रसव हो गया। आशिफा की सास के हंगामा करने पर डॉक्टर और अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे। उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह हंगामा करती रही।

इस पर डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों ने उसे धक्के देकर वार्ड से बाहर निकाल दिया। बाद में उसे एक कमरे में बंद कर दिया। जब मामले की जानकारी अस्पताल के अधीक्षक को लगी तो उन्होंने आशिफा की सास को बाहर निकलवाया और समझा बुझाकर मामला शांत करवाया। अस्पताल अधीक्षक सतीश कचला ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र से 20 साल नौकरी

फर्जी जाति प्रमाण पत्र से 20 साल नौकरी

जयपुर। शासन सचिवालय में कार्यरत एक वरिष्ठ विधि रचनाकार अपने को आरक्षित श्रेणी का बता कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बीस साल तक नौकरी करता रहा। उसकी पोल तब खुली जब उसके ही गांव के एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उसने अपने बेटे के लिए पंजाब में जमीन खरीदते वक्त अब सामान्य श्रेणी का प्रमाण पत्र पेश किया है।

इस संबंध में उप शासन सचिव विधि के पास जांच आई तो उन्हें दोनों मामलों में अलग-अलग प्रमाण पत्र काम में लेने का पता चला। आरोपी विधि रचनाकार विलायती राम के निवास अलवर स्थित लक्ष्मणगढ़ के तहसीलदार से जाति प्रमाण पत्र की जांच कराई गई तो वो फर्जी पाया गया। उप शासन सचिव विधि ने बुधवार को इस संबंध में अशोक नगर थाने में मामला दर्ज कराया है।

पुलिस के अनुसार आरोपी ने नौकरी के दौरान एसटी श्रेणी बताई और अब जमीन खरीद के लिए सामान्य श्रेणी का बन गया। अशोक नगर थाना प्रभारी जनेश सिंह ने बताया कि विलायती राम की वर्ष 1992-93 में नौकरी लगी थी। वर्तमान में वह उपशासन सचिव, विधि कार्यालय में विधि रचनाकार है।

पिछले दिनों उसने अपने बेटे के नाम पर पंजाब में जमीन खरीदने की तैयारी के लिए अपना जाति प्रमाण पत्र भी लगवाया, जिसमें अपनी श्रेणी "सामान्य" बताई। इस संबंध में विभाग से पूछा गया तो पता चला कि यहां उसने "एसटी" श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र दे रखा है।

"मोदी क्यों नहीं बताते बीवी का नाम"

"मोदी क्यों नहीं बताते बीवी का नाम"

शिमला। केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ब्लॉग और सोशिल नेटवर्किग साइट्स की खबरों के आधार पर दावा किया है कि मोदी अविवाहित नहीं हैं। यशोदा बेन उनकी पत्नी होने का दावा करती हैं। मोदी बताएं कि यशोदा बेन से उनका क्या रिश्ता है। क्या उन्होंने तलाक ले लिया है? मोदी सार्वजनिक रूप से अपनी वैवाहित स्थिति के बारे में क्यों नहीं बोलते?

कांग्रेस महासचिव ने पूछा कि मोदी अपनी पत्नी के नाम को लेकर चुप क्यों हैं? उनकी शादी साल 1968 में यशोदा बेन से हुई थी। इन खबरों से जुड़े वीडियो यू-ट्यूब पर मौजूद हैं। सिंह ने कहा कि वह किसी नेता के निजी जीवन पर हमला नहीं करते लेकिन मोदी ने थरूर की पत्नी पर जो हमला किया वह समस्त नारी जाति पर हमला है। वे उनके उस बयान की निंदा करते हैं।

बताया जा रहा है कि यू ट्यूब पर पांच साल पहले एक वीडियो अपलोड किया गया था। इसमें एक महिला खुद के मोदी की पत्नी होने का दावा कर रही है। इस वीडियो को करीब 22 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। साल 2007 के विधानसभा चुनाव में भी मोदी की शादी का सवाल बहस का मुद्दा बना था।

"सत्ता के लालची हो सकते हैं केजरीवाल"

"सत्ता के लालची हो सकते हैं केजरीवाल"

नई दिल्ली। अन्ना हजारे का कहना है कि केजरीवाल को पैसों का लालच नहीं है लेकिन उन्हें सत्ता का लालच हो सकता है। टीम अन्ना के पूर्व सदस्य केजरीवाल के राजनीतिक दल बनाने के बाद दोनों अलग हो गए थे। केजरीवाल एक के बाद एक खुलासों से सुर्खियां बटोर रहे हैं।


उल्लेखनीय है कि केजरीवाल में सत्ता की भूख होने का आरोप कई राजनैतिक दल लगाते रहे हैं लेकिन अब यह आरोप खुद अन्ना ने लगाया है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में अन्ना ने कहा कि केजरीवाल में पैसे का तो नहीं लेकिन सत्ता का स्वार्थ जरूर हो सकता है।


अन्ना ने केजरीवाल की तारीफ भी की फिर बाद में इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि केजरीवाल पहले के मुकाबले बदल गए हैं। एक न्यूज चैनल से बातचीत में 75 साल के अन्ना ने कहा कि केजरीवाल त्याग करने वालों में से हैं तथा वे घर के बारे में कभी इतना सोचते नहीं हैं जितना समाज और देश के बारे में सोचते हैं।


केजरीवाल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिसा गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी,केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद व रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी को लेकर खुलासे कर चुके हैं। अन्ना ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

"सती प्रथा" का महिमामंडन क्यों

"सती प्रथा" का महिमामंडन क्यों

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से पूछा है कि राणी सती दादी के बलिदान कार्यक्रम के तहत सती प्रथा का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है? मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे एवं जस्टिस आलोक अराधे की खंडपीठ ने सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग, कलेक्टर जबलपुर, पुलिस अधीक्षक और राणी सती दादी मंडल परिवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


तुलसी नगर निवासी ओपी यादव ने याचिका दायर कर बताया कि राजा राम मोहन राय एवं अन्य समाज सेवकों ने सती प्रथा को पूरी तरह बंद कराया था। सती प्रथा का महिमामंडन करना पूरी तरह अवैधानिक है। याचिका में बताया गया कि उक्त परिवार ने 16 एवं 17 अगस्त 2012 को कार्यक्रम आयोजित किया। याचिकाकर्ता ने सेठ रामकुमार भवन में स्वयं जाकर देखा कि राणी सती के लिए पूजा स्थल तैयार किया गया और उसमें राणी के सती होने का सजीव चित्रण किया गया।
याचिका में बताया गया कि "द कमीशन ऑफ सती (प्रिवेन्शन) एक्ट 1987 के तहत "सतीप्रथा का महिमामंडन करना एक दण्डनीय अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान है। इस अधिनियम की धारा 5 में स्पष्ट प्रावधान है कि सती की कार्रवाई का महिमामंडन करने वाले को न्यूनतम एक वष्ाü का कारावास हो सकता है। सजा की यह अवधि 7 साल तक बढ़ाई भी जा सकती है। इसके अतिरिक्त 5 से 30 हजार रूपए का जुर्माना भी हो सकता है।

इस अधिनियम में कलेक्टर को सती प्रथा का गुणगान रोकने का अधिकार है। इसके अलावा सती प्रथा का गुणगान करने में उपयोग किए जाने वाले मंदिर, संपत्ति और राशि को भी जब्त किया जा सकता है।

नहीं की कार्रवाई

याचिकाकर्ता ने इस मामले में आयोजनकर्ता और परिवार के पदाधिकारियों के खिलाफ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने 21 अगस्त को जन सुनवाई में भी यह मुद्दा उठाया था। याचिका में मांग की गई कि दोçष्ायों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राकेश पांडे और सुनील चौबे ने पैरवी की।

पत्नी का कत्ल, लूट के बाद वृद्धा की हत्या




पत्नी का कत्ल, लूट के बाद वृद्धा की हत्या



 पाली



फालना में बुधवार सुबह होटल में काम करने वाले कुक ने चरित्र के संदेह में अपनी पत्नी की नृशंस हत्या कर दी। घटना में युवक भी घायल है, जिसका कहना है कि पहले उसकी पत्नी ने कूट से उस पर हमला किया। उधर, जैतारण के सिंगला गांव के पास बेरा ढीमड़ी पर मंगलवार की रात को जेवरात लूटने के बाद बदमाशों ने गला घोंट कर एक वृद्धा की हत्या कर दी। पुलिस ने संदेह के दायरे में आए लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा है। पुलिस ने दावा किया कि एक-दो दिन में लूटपाट व हत्या करने का मामले का राज खुल जाएगा।

चरित्र पर था संदेह, पत्नी को मार डाला : फालना. फालना में बुधवार सुबह 11 बजे चरित्र पर संदेह में एक युवक ने अपनी पत्नी की कूट से वार कर हत्या कर दी। घटना में युवक भी घायल है, जिसका कहना है कि उसकी पत्नी भी उस पर संदेह करती थी। इसको लेकर झगड़े की शुरुआत उसी ने करते हुए कूट से पहले उस पर वार किया, जिससे वह घायल हो गया। घायल युवक का पाली में पुलिस सरंक्षण में उपचार चल रहा है। हालांकि युवक ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि पहले पत्नी ने उस पर वार किया, इसके बाद उसने कूट से पत्नी का सिर पर कई वार किए,लेकिन पुलिस इन बयानों को नहीं मान रही है। एएसपी श्यामसिंह चौधरी, सीओ बाली सीएल मीणा व फालना एसएचओ गोविंदसिंह चारण ने घटना स्थल का मौका मुआयना कर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। घटनास्थल पर केरोसिन भी बिखरा हुआ था।




ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि संभवत: पत्नी की हत्या करने के बाद खुद ने भी आत्महत्या करने की कोशिश की। इस बारे में आरोपी से पूछताछ की जाएगी। दोपहर बाद पोस्टमार्टम करा पुलिस ने शव उसके परिजनों को सौंप दिया।

अकेली रहती थी वृद्धा, बदमाशों ने गला घोंटा

एसपी केबी वंदना ने बताया कि जैतारण के सिंगला गांव के निकट बीस-पच्चीस घरों की बस्ती वाले बेरा ढीमड़ी पर सुआ देवी (75) पत्नी भानाराम सीरवी अकेली रहती है। उसके दो पुत्र बिजनेस के सिलसिले में परिवार समेत बेंगलूरु में रहते है, जबकि तीसरा पुत्र कृषि कार्य को लेकर समीप के गांव में रहता है। बुधवार सुबह मकान में उसका शव पड़ा हुआ मिला, जबकि उसके गले में पहनी सोने की कंठी व पैरों में पहनी चांदी की कडिय़ां भी गायब थी। सूचना पाकर सीओ जैतारण व थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। मृतका के गले पर चोट के निशान पाए गए है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने भी वृद्धा की हत्या का कारण गला घोंटना बताया है। ऐसे में माना जा रहा है कि रात को लूटपाट करने के बाद बदमाशों ने गला घोंट सुआ देवी की हत्या कर दी। पुलिस ने सूचना देकर बेंगलुरु से उसके दोनों पुत्रों को बुलाया है, जबकि शव फिलहाल मोर्चरी में रखवाया गया है।



2 साल पहले शादी, 7 माह बाद लौटी पत्नी

एसपी केबी वंदना ने बताया कि मूल रुप से बोया निवासी रमेश मेघवाल (28) फालना में खालसा होटल में कुक का काम करता है। 2 साल पहले उसकी शादी करणवा निवासी रतन देवी (22) के साथ हुई, लेकिन पति-पत्नी में विश्वास की कमी के चलते दोनों एक-दूसरे के चरित्र को लेकर संदेह करते थे। इसी मसले को लेकर उनमेंं झगड़ा हुआ, जिसके चलते रतन देवी 7 माह तक पीहर में जाकर बैठ गई। करीब 2 माह पहले ही उनमे सुलह हुई तो रमेश ने फालना के अशोक नगर में किराए का मकान लिया। जहां दोनों पति-पत्नी 2 माह से रह रहे थे।

पाली. घायल को बांगड़ अस्पताल में भर्ती किया।

मिले ठोस सुराग, जल्द होगा राजफाश

लूटपाट के बाद वृद्धा की हत्या के मामले की तफ्तीश में लगी टीमों ने संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा है। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना तथा वारदात करने का तरीका को लेकर भी सघन तहकीकात कर संदिग्धों से देर रात तक पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि ब्लाइंड मर्डर के इस केस से जुड़े ठोस सुराग उनके हाथ लगे है, जिनकी बिनाह पर तफ्तीश की जा रही है। संभावना है कि आज-कल में इस केस की गुत्थी सुलझा दी जाएगी।

मुद्दे हुए गौण, सिर्फ सफाई पर हंगामा


मुद्दे हुए गौण, सिर्फ सफाई पर हंगामा



नगर परिषद की बैठक में पौन घंटे तक चला हंगामा, विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरा, सत्ता पक्ष के पार्षद ने भी लगाए आरोप


बाड़मेर नगरपरिषद की बैठक में मुद्दों को भूल पार्षद आरोप प्रत्यारोप में उलझ गए। सफाई व्यवस्था को लेकर विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के पार्षदों ने विधायक की मौजूदगी में सभापति व उप सभापति को खरी खरी सुनाई। इस मुद्दे पर सदन में करीब पौने घंटे तक हंगामा चला। इस बीच सत्ता पक्ष के ही एक पार्षद ने आरोपों की झड़ी लगा दी। विपक्ष के सदस्य तो आसन छोड़कर वेल में आ गए। भारी शोर गुल के बीच उप सभापति ने शांत करने का प्रयास किया, मगर वे नहीं माने। इतना ही नहीं बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने भी सफाई व्यवस्था को लेकर कांग्रेस के बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि सफाई वाहनों का डीजल तक बाजार में बेचा जा रहा है तो सफाई की उम्मीद कैसे की जाए।

बुधवार को सभापति ऊषा जैन की अध्यक्षता में नगरपरिषद की साधारण बैठक आयोजित हुई। प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी ने सफाई व्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि सफाई अभियान का रिजल्ट शून्य है। अभी तक सभी वार्डों में सफाई नहीं हो पाई है। इस पर बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने समझाइश की कोशिश की तो पार्षद सुल्तान सिंह ने विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते तीन साल से यह आश्वासन मिल रहा है कि सफाई हो जाएगी, मगर अभी तक सफाई के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए है। हालात यह है कि कॉलेज, मंदिर, स्कूल, छात्रावास सहित वार्डों में कचरा प्वाइंट बना है। इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया। शेष त्नपेज १६

इस बीच सत्ता पक्ष के पार्षद शंकरसिंह सीट से उठकर आसन के सामने आ गए। उन्होंने कहा कि वार्ड न. 16 में चार माह से सफाई व्यवस्था ठप है। जब जमादारों को फोन लगाते हंै तो कहते है कि वे अभी विधायक के वार्ड में है। फिर 15 अगस्त की तैयारियों में व्यस्त हो गए। इसके बाद सोनिया गांधी की यात्रा की तैयारियां में जुट गए। फिर वार्डों की सफाई कब होगी। इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इससे एक बारगी माहौल गरमा गया। काफी देर तक चले आरोप प्रत्यारोप के बाद आश्वासन पर पार्षद शांत हुए।

...और बिफर गए विधायक

पुख्ता सफाई व्यवस्था के इंतजाम नहीं देखकर कुछ पार्षद वैल में पहुंच गए। उनका कहना था कि हमें तो सफाई चाहिए। कैसे भी करवाओ। इस पर विधायक भी बिफर गए और सफाई निरीक्षक को हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हर बार सफाई को लेकर बैठक में हंगामा होता है। इसको मैं नहीं देख सकता।

भूमि अवाप्ति के मुद्दे पर चर्चा

बैठक में प्रतिपक्ष नेता सुरेश मोदी ने कहा कि नगर परिषद के मास्टर प्लान की भूमि को अवाप्ति से मुक्त रखा जाए। साथ ही डीएलसी दरों को पुन: निर्धारण किया जाए। पुराने समय में तय की गई दरें बाजार दरों के हिसाब से बहुत कम है। नियमन की दरें बढ़ाने का विरोध दर्ज किया गया।