शनिवार, 28 अप्रैल 2012

पुलिस अधिकारी तो शेर जैसे होने चाहिए, शेरों के लिए सीमाएं नहीं होती : हाईकोर्ट

अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने थैलसीमिया मेजर बच्चों को एचआईवी संक्रमण होने के मामले की जांच अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए तफ्तीश पूरी करने का आदेश दिया है। 

हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि 23 बच्चों की जिंदगी से संबंधित केस के जिम्मेदार लोगों की तलाश का चुनौतीपूर्ण काम कितने अधिकारियों को मिलता है? प्रमोशन तो फिर आ सकता है। राष्ट्र-मानवहित में काम करने का मौका बार-बार नहीं मिलता। इसलिए जांच अधिकारी को अपनी कार्यक्षमता-दक्षता दर्शाते हुए काबिलियत साबित करनी चाहिए।


कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश भास्कर भट्टाचार्य एवं जेबी पारडीवाला की पीठ ने यह टिप्पणी की। साथ ही राज्य शासन को निर्देश दिया कि वह जांच अधिकारी शोभा भूतडा को अमरेली के एसपी पद के कार्यभार से फिलहात मुक्त रखे ताकि वे एचआईवी कांड की जांच कर सकें। शोभा की अनुपस्थिति में वहां के डीएसपी को इंचार्ज बनाने का हुक्म देते हुए अदालत ने सरकार को शुक्रवार को ही इस आशय की अधिसूचना जारी करने की ताकीद की।



पीठ ने यह भी कहा कि भारी लापरवाही से भरे इस केस में डेढ़ महीने से पुलिस अधिकारी शोभा भूतडा जांच कर रही हैं। वे केस की हकीकत, दस्तावेज, जानकारी, मटीरियल्स आदि से वाकिफ हैं। ऐसे हालात में एक से अधिक जांच अधिकारी का केस की तफ्तीश में जुडऩा सही नहीं लगता।



पीठ ने यह टिप्पणी भी कि पुलिस अधिकारी तो शेर जैसे होने चाहिए। जैसे जूनागढ़-अमरेली जैसी सीमाएं शेरों के लिए नहीं होती, ऐसा ही पुलिस के लिए भी नहीं होना चाहिए।

चेकअप के बहाने डॉक्टर ने की हरकत, छात्राओं ने दिखाए दिन में तारे

कंडाघाट.कंडाघाट अस्पताल में शुक्रवार दोपहर बाद एक डॉक्टर की ओर से बदसलूकी करने पर दो छात्राओं और करीब एक दर्जन युवकों ने जमकर धुनाई कर डाली। लड़कियों के पांव पकड़ने और लिखित में माफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ।

 
शुक्रवार शाम करीब साढ़े 4 बजे कंडाघाट सिविल अस्पताल में दो छात्राएं, एक दर्जन युवक और कुछ स्थानीय लोग आ पहुंचे। उन्होंने यहां तैनात चिकित्सक डॉ. जितेंद्र अरोड़ा से छात्राओं के साथ बदसलूकी की बात कही।

छात्राओं ने जब डॉक्टर पर आरोप लगाया तो साथ आए युवक तैश में आ गए और उन्होंने डाक्टर की धुनाई कर डाली। डॉक्टर ने बाद में हाथ जोड़कर अपनी गलती मान ली।

पहले भी की छेड़छाड़
कंडाघाट के एक प्रतिष्ठित संस्थान की दो छात्राएं दोपहर को चेक अप करवाने के लिए अस्पताल पहुंची। छात्राओं का आरोप है कि डॉक्टर पहले भी कई छात्राओं से बदसलूकी कर चुका है। छात्राओं ने इस घटना की जानकारी अपने भाइयों को दी थी।

कमीशन राशी ...सरकारी कार्यालयों में कमीशन दर

कमीशन राशी ...सरकारी कार्यालयों में कमीशन दर




बाड़मेर आज आपको सरकारी कार्यालयों में भरष्टाचार की पूरी जानकारी देते हें .जिले में कार्यरत अधिकारी ,तकनिकी अधिकारी ,बाबू ,लेखा अधिकारी कितना कितना कमीशन लेते हें .यह वास्तविकता हे की परिसर में या बहार किसी भी कार्यालय में बिना कमीशन के आपका कोई काम नहीं होगा कमीशन देकर गलत से गलत और नियमो के विरुद्ध काम कर लेंगे ,इमानदार लोगो के काम भी होते हें मगर इमानदार के जुटते फटने तक ,आप इमानदार हो तो आपको इन परिस्थितियों से रूबरू होने को तयार रहना चाहिए ,आर ऐ एस अधिकारी का कमीशन होता हें १२ प्रतिशन यही कमीशन पंचायत समितियों के बड़े अधिकारी भी लेते हें लेखा अधिकारियों का कमीशन साधे पांच से आठ प्रतिशत बाबू का कमीशन दो से चार प्रतिशत ,इस कमीशन के बिना कोई काम नहीं होता सरकारी योजनाओ का कमीशन बड़ा होता हें यह एक मुश्त राशी के रूप में होता हें सरकारी योजनाओ के चेक पार्टी को देने से पहले इनका भुगतान करना पड़ता हें ,आम आदमी का काम जल्द हो सकता हें अगर वो सुविधा शुल्क दे सुविधा शुल्क के आभाव में आपका काम वेसे ही निपट जाएगा चाहे आप कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर लो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला कमीशन राशी इन के लिए भगवान् का स्वरुप हें आप भी इस प्रक्रिया से एक बार गुजर कर देखे ...

बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा

बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा

नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने रिश्वत लेने के दोषी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। चार साल की सजा होने के कारण बंगारू लक्ष्मण को तुरंत जमानत नहीं मिल पाएगी। इसलिए उनको तिहाड़ जेल जाना होगा। पूर्व भाजपा अध्यक्ष को जमानत के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। अगर बंगारू लक्ष्मण को तीन साल की सजा होती तो उनको जमानत मिल जाती।

सीबीआई ने शनिवार को कोर्ट में कहा कि बंगारू लक्ष्मण को कम से कम पांच साल की सजा होनी चाहिए। वहीं बंगारू लक्ष्मण ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा दिए जाने का आग्रह किया। बंगारू लक्ष्मण ने कहा कि उन पर यह पहला मामला है इसलिए सजा में राहत दी जाए। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने शुक्रवार को बंगारू लक्ष्मण को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा नौ के तहत दोषी करार दिया था। फैसला सुनते ही कोर्ट में लक्ष्मण रो पड़े थे। अदालत ने मई, 2011 में लक्ष्मण के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।

ये है मामला
मा मला 13 मार्च 2001 में समाचार पोर्टल "तहलका डॉट कॉम" के स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री लक्ष्मण को पार्टी मुख्यालय स्थित उनके कक्ष में एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ब्रिटेन की एक फर्जी कंपनी एम/एस वेस्ट इंड इंटरनेशनल को ठेका देने के लिए कथित हथियार डीलर से एक लाख रूपए की घूस लेते हुए कैमरे में कैद किया गया था।

लक्ष्मण ने डीलरों से इस वादे के एवज में रिश्वत ली थी कि वे थलसेना को थर्मल बाइनोकुलर की आपूर्ति का अनुबंध उन्हें देने के लिए रक्षा मंत्रालय से सिफारिश करेंगे। स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद मचे सियासी भूचाल में लक्ष्मण को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

स्टिंग में खुली थी पोल
तहलका पत्रकार खुद को ब्रिटिश वेस्ट एंड कंपनी का एजेंट बता बंगारू से आठ बार मिले।
13 मार्च 2001 को जारी स्टिंग के वीडियो में बंगारू रिश्वत लेते दिखे।
बंगारू व रक्षा मंत्री जॉर्ज फनांüडिस का इस्तीफा। लक्ष्मण अभी भी भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य।

"बढिया जीन वाली लड़की से करें शादी"

"बढिया जीन वाली लड़की से करें शादी"

वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को अब अमरीकी नस्ल की चिंता हो गई है। उन्होंने अविवाहित युवाओं को अपने से बेहतर जीन वाली युवतियों से शादी करने की नसीहत दी है ताकि नस्ल में सुधार हो सके।

एक अमरीकी न्यूज वेबसाइट के अनुसार शनिवार को थर्ड इन्फैन्ट्री डिविजन के मुख्यालय में सैनिकों को सम्बोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि, यहां मौजूद अविवाहित नौजवानों का लक्ष्य अपने जीन पूल को उन्नत करना होना चाहिए और इसके लिए वे ऎसी लड़की से शादी करेें जिसके जीन्स उनसे बेहतर हों। ओबामा की इस बात पर वहां मौजूद भीड़ में जोरदार ठहाका लग गया।

घूस लेते जेईएन पिता-पुत्री धरे गए

घूस लेते जेईएन पिता-पुत्री धरे गए

आबूरोड (सिरोही)। रपटा निर्माण की एमबी भरने की एवज में शुक्रवार को आबूरोड पंचायत समिति की जेईएन प्रियंका मीणा और आहोर पंचायत समिति के जेईएन रामलाल मीणा को बीस हजार रूपए की घूस लेते एसीबी ने रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों पिता-पुत्री हैं। एसीबी ने यह कार्रवाई सुबह आबूरोड-अम्बाजी मार्ग स्थित एक होटल में की।

घूस की राशि बरामद करने के बाद पिता-पुत्री को गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसीबी) चैनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि ठेकेदार मुकेश बारोट ने सुरपगला ग्राम पंचायत क्षेत्र में 4.95 लाख रूपए की लागत से रपटा निर्माण करवाने का ठेका लिया था। इसकी मेजरमेंट बुक भरने के लिए जेईएन प्रियंका की ओर से पिता ने ठेकेदार से 5 फीसदी राशि मांगी थी।

मासूम बेटे को कुएं में डाल अहमदाबाद भाग गया पिता


मासूम बेटे को कुएं में डाल अहमदाबाद भाग गया पिता

आरोपी को पकडऩे पुलिस टीम अहमदाबाद पहुंची, गिरफ्तारी के बाद ही होगा घटना का खुलासा

पाली देसूरी थाना क्षेत्र के आना गांव में अपने पांच साल के बच्चे को कुएं में डालकर आरोपी युवक अहमदाबाद भाग गया। शुक्रवार सुबह 11 बजे कुएं में बच्चे का शव मिलने पर घटना का खुलासा हुआ। परिजनों ने आरोपी की खोजबीन की तो पता लगा कि वो गुरुवार की शाम को ही ट्रेन से अहमदाबाद चला गया। उसे पकडऩे के लिए टीम वहां भेजी गई है। आरोपी ने अपने बच्चे की हत्या क्यों की, इसका खुलासा उसके पकड़ में आने के बाद ही होगा। एएसपी श्यामसिंह चौधरी ने बताया कि आना गांव का चुन्नीलाल सीरवी व्यापार के सिलसिले में परिवार के साथ अहमदाबाद में रहता है। रिश्तेदार की शादी को लेकर वह परिवार के साथ चार दिन पहले ही अपने गांव आया था। गुरुवार को अपने माता-पिता व बीवी-बच्चों के साथ चुन्नीलाल सादड़ी में रिश्तेदार की शादी में गया था।

शाम को वह अपने पांच साल के पुत्र कमलेश को लेकर आना गांव के लिए रवाना हो गया। आरोपी ने गांव जाने के बजाय रास्ते में एक कुएं में कमलेश को फेंक दिया और उसके बाद शाम को ट्रेन से अहमदाबाद चला गया। शुक्रवार सुबह परिवार के लोग गांव पहुंचे तो पिता-पुत्र को गायब देख खोजबीन की। गांव के पास ही कुएं में बच्चे का शव मिलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। उसे पकडऩे के लिए एक टीम अहमदाबाद भेजी गई है।



मिनी ट्रक पलटा, एक की मौत, पांच घायल



त्खिवाड़ा



खिंवाड़ा-देसूरी मार्ग स्थित टोकरला के पास शुक्रवार को मिनी ट्रक पलटने से उसमें सवार एक जने की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। इनमें से एक को गंभीर चोट लगने पर पाली रेफर किया गया है।

मुख्य आरक्षी फूलचंद के अनुसार जेतीवास (बिलाड़ा) हाल लाला टेंट हाउस डायलाना कलां के गौतम पुत्र धन्नाराम प्रजापत ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि मिनी ट्रक में टेंट की सामग्री भरकर शुक्रवार सुबह दस बजे डायलाना कलां से खिंवाड़ा आ रहा था। इस दौरान चालक कैलाश रावत तेजगति से ट्रक चला रहा था, जिससे टोकरला गांव के पास मिनी ट्रक पलट गया। इस दुर्घटना में जेतीवास (बिलाड़ा) निवासी भगवानदास पुत्र भंवरदास वैष्णव मिनी ट्रक के नीचे दब गया जिससे सिर में गंभीर चोट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। साथ ही मिनी ट्रक में सवार जेतीवास निवासी महेंद्र कुमार सरगरा को गंभीर चोट लगने से उसे पाली रेफर किया गया। इस दुर्घटना में चावंडिया निवासी शंकरलाल मेघवाल, जेतीवास निवासी गौतम प्रजापत, सोजत निवासी मनोहर सरगरा व कानूजा निवासी सोहनसिंह घायल हो गए, जिनका राजकीय अस्पताल में उपचार करवाया गया। इस बीच घटना की सूचना मिलने पर टोकरला गांव से सरपंच मदनसिंह चारण, रामसिंह चारण व पुलिस ने मौके पर पहुंच सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

ट्रेनिंग सेंटर में अफसरों ने दागदार की महिला सिपाहियों की इज्‍जत


जोधपुर. जोधपुर में ट्रेनिंग ले रहीं विभिन्न जिलों की महिला सिपाहियों ने पुलिस के आला अफसरों से अपने साथ ज्यादती और मानसिक प्रताडऩा की शिकायत की है। प्रशिक्षु लड़कियों ने डीजीपी हरीश मीणा को पत्र लिखकर कहा है कि लाइन ऑफिसर (एलओ), इंडोर इंजार्च, हवलदार और सिपाहियों के बीच उनकी अस्मत खतरे में है। उन्होंने इस वर्ष होली के दूसरे दिन की रात का जिक्र करते हुए शोषण की पूरी कहानी भी बताई है। यह भी लिखा गया है कि उन्हें इस कदर डराया गया कि वे खुलेआम किसी को अपनी पीड़ा भी नहीं बता सकतीं। डीजीपी ने शिकायत को गंभीर मानते हुए पुलिस कमिश्नर भूपेंद्र कुमार दक को जांच के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर इस मामले की गोपनीय जांच करवा रहे हैं।
पत्र में प्रशिक्षु महिलाओं ने लिखा है कि होली के दूसरे दिन रात में रोल चैक के बहाने थानेदार शिवलाल, हवलदार शोभाराम व सिपाही शिवलाल दो-तीन जनों के साथ हॉस्टल में आए। यहां से वे तीन-चार लड़कियों को सामने वाले हॉस्टल में ले गए। उस हॉस्टल में कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। वहां उन लड़कियों के साथ सभी ने ज्यादती की। इसके बाद चुप रहने के लिए यह कहकर डराया कि उन्होंने पहले भी क्वार्टर गार्ड में ज्यादती की थी। इसकी शिकायतें भी हुई, लेकिन हमारा कुछ नहीं बिगड़ा।
पत्र में यह भी कहा गया कि ये लोग हॉस्टल की लाइटें जानबूझ कर बंद कर देते हैं, फिर हवलदार शोभाराम आदि हॉस्टल में घुस कर लड़कियों को अपने साथ ले जाते हैं।
जोधपुर में कोई सुनवाई नहीं
लड़कियों ने लिखा कि लाइन में कोई रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) नहीं है। कई महिला अफसर होने के बाद भी हॉस्टल में पुरुष पुलिसकर्मियों को लगाया जाता है। कक्षाओं व कम्प्यूटर ट्रेनिंग पर जाने के दौरान ट्रक ड्राइवर जानबूझ कर ब्रेक लगा कर उन्हें गिराता है, फिर सिपाही शिवलाल और उसके साथ रहने वाले दो-तीन लड़के (जो पुलिस में नहीं हैं) उन्हें उठाने के बहाने छेड़छाड़ करते हैं। एलओ शिवलाल उन्हें गलत संबंध बनाने के लिए दबाव डालते हैं। इनडोर इंचार्ज आजाद कलाम भी अशोभनीय हरकतें करते हैं तथा एलओ के पास जाने के लिए मजबूर करते हैं। ये लड़कियां 23 मार्च की रात डीजीपी से मिल कर शिकायत करना चाहती थीं, मगर उन्हें धमका कर वापस हॉस्टल में भेज दिया गया। महकमे के मुखिया से गुहार
इन लड़कियों ने डीजीपी को लिखा, 'हम गरीब लड़कियां हैं। यहां ये लोग हमारी आबरू से खेल रहे हैं। जयपुर ग्रामीण लाइन में आरआई ने जब महिला सिपाही की इज्जत पर हाथ डाला तो आपने उसे गिरफ्तार करवा कर जेल भिजवा दिया। हम काफी दुखी हैं। घर पर बता नहीं सकते और पत्र में नाम भी नहीं लिख सकते। नौकरी करना मजबूरी है। क्या ये लोग उनका ऐसे ही शोषण करते रहेंगे? आप हमारे माई-बाप हैं, आप नहीं सुनेंगे तो कौन सुनेगा?' लड़कियों ने इन चारों को ट्रेनिंग पूरी होने तक पुलिस लाइन से बाहर कर महिला अफसरों को लगाने की मांग भी की है। मुझे कोई जानकारी नहीं
मुझे प्रशिक्षु महिला सिपाहियों की शिकायत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपने शिकायत का मजमून बताया है, उस पर इतना ही कह सकता हूं कि मैंने कभी ऐसी हरकतें नहीं की।
-आजाद कलाम, इनडोर इंचार्ज अफसरों को दूंगा जवाब
जो भी आरोप लगाए गए हैं, मुझे उन पर कुछ नहीं कहना है। अफसर जांच कर रहे हैं, वे पूछेंगे तो जवाब दे दूंगा। फिलहाल मैं छुट्टी पर जा रहा हूं। -शिवलाल, एलओ, पुलिस लाइन यह बेहद संवेदनशील व गोपनीय मामला है, इसलिए कुछ बताया नहीं जा सकता। हां, शिकायती पत्र की कॉपी मेरे पास आई है। जांच की जा रही हैं।

सड़क पर दिया पुत्र को जन्म


सड़क पर दिया पुत्र को जन्म

जिला मुख्यालय स्थित राजकीय अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर प्रसूता ने बच्चे को दिया जन्म



जालोर



जिला मुख्यालय स्थित राजकीय अस्पताल के बाहर शुक्रवार दोपहर में सड़क पर ही एक प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। परिजनों के अनुसार अस्पताल के अंदर पहुंचने से पहले ही प्रसव हो गया। खास बात यह है कि करीब आधे घंटे तक अस्पताल के बाहर प्रसूता दर्द से तड़पती रही लेकिन अंदर से किसी भी चिकित्साकर्मी ने मदद करने की जहमत नहीं उठाई। शाम को जब मीडिया ने पीएमओ से इस बारे में जानकारी मांगी तो पहले तो उन्होंने कोई भी जानकारी होने से इंकार कर दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद बताया कि यह मामला हुआ था और इस दौरान अस्पताल में मौजूद स्टाफ ने परिजनों से प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करने की बात कही। साथ ही इससे जच्चा-बच्चा को मिलने वाले फायदे के बारे में भी बताया, लेकिन परिजनों ने ही खुद इससे इनकार कर दिया। शेषत्नपेज १५



ऐसे में सवाल उठता है कि जब जिला अस्पताल की देहरी पर इस प्रकार की घटनाएं होती हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं का क्या हाल होता होगा

जानकारी के अनुसार धवला रोड स्थित माल नाथ की ढाणी निवासी प्रसूता दरकी पत्नी लवानाथ को दोपहर दो बजे के करीब प्रसव पीड़ा हुई। इस दौरान परिजन उसे वाहन में जिला अस्पताल लेकर आए। यहां उन्हें पता लगा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ अंदर नहीं है तो वे बाहर से वापस जाने लगे, लेकिन इसी दौरान प्रसव पीड़ा तेज हो गई। परिजन उसे अस्पताल के अंदर ले जाते इससे पहले ही बीच सड़क पर प्रसूता ने बच्चे को जन्म दे दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी प्रसव के बाद परिजनों से प्रसूता को अस्पताल ले जाने के बारे में कहा, लेकिन वे नहीं माने और प्रसूता को पुन: वाहन में घर ले गए।

बीस साल बाद मिली खुशी

जिला अस्पताल के बाहर प्रसव के बाद जच्चा बच्चा के परिजनों में खुशी छा गई। परिजनों का कहना था कि दरकी को करीब बीस साल बाद बेटा हुआ है। जिससे पूरी ढाणी में खुशी छा गई है। ऐसे में खुशी के मारे परिजन उसे अस्पताल में ले जाने के बजाय फिर से घर ले गए।

अस्पताल आए थे

॥भ्मेरे चचेरे भाई की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर हम उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे। यहां हमें जानकारी मिली कि डॉ. शांतिलाल माथुर अस्पताल में नहीं है। इसलिए हम उसे डॉ. के घर ले जाने लगे, लेकिन अस्पताल के बाहर ही सड़क पर बच्चे का जन्म हो गया। इसके बाद हम लोग उसे फिर से घर ले गए। - मालनाथ, परिजन, मालनाथ की ढाणी, जालोर

परिजनों की गलती है

॥अस्पताल के बाहर मुख्य सड़क पर डिलेवरी होने के बाद चिकित्साकर्मियों को इसकी जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करने के बारे में भी कहा, लेकिन परिजन नहीं माने। जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शांतिलाल माथुर की नियुक्ति हो रखी है जो शुक्रवार को बागरा में शिविर में थे। वैसे अगर प्रसूता अस्पताल में आती तो अस्पताल में डॉ. माथुर के अलावा अन्य तीन डॉक्टर और हैं, जिन्हें इमर्जेंसी कॉल पर बुलाया जाता। इसमें परिजनों की ही गलती है। उन्हें प्रसूता को अस्पताल में भर्ती करवाना चाहिए था। - डॉ. पी.आर. चुंडावत, पीएमओ, राजकीय अस्पताल, जालोर

जालोर. जिला अस्पताल के बाहर सड़क पर प्रसव करवाती महिलाएं।

जालोर. प्रसव के बाद महिलाओं की गोद में नवजात।