रविवार, 6 मार्च 2011

डीएसपी ने महिला को जड़े चांटें

पाली. मंथन सिनेमा के पीछे पुलिस विभाग की खाली जमीन पर अतिक्रमण कर बसी बस्ती को डंडे के बल पर पुलिस ने ढाई घंटे में बेघर कर दिया। विरोध कर रही एक महिला समझाइश करने के प्रयास के बावजूद महिला कांस्टेबल की बात सुनने को तैयार नहीं हुई तो मौके पर उपस्थित डीएसपी अर्जुनसिंह राजपुरोहित ने विरोध कर रही महिला को दो चांटे जड़ दिए।

इसकी जानकारी मिलने पर प्रतिपक्ष नेता, नगर परिषद राकेश भाटी ने आपत्ति जताते हुए एसपी से कार्रवाई की मांग की। भाटी का कहना है कि पुलिस अधिकारी ने महिलाओं को थप्पड़ मारकर व बच्चों को भी घरों से खींचकर बाहर लाए। यदि पुलिस की जमीन थी तो इतने साल तक पुलिस ने कब्जे में क्यों नहीं लिया। इस बारे में डीएसपी राजपुरोहित का कहना है कि मुझ पर महिलाओं को थप्पड़ मारने या उनके साथ र्दुव्‍यवहार का आरोप गलत है।



स्वर्ण नगरी के कोकिल कण्ठ चित्रकूट में बहाएंगे भजन संगीत की सरिताएं



स्वर्ण नगरी के कोकिल कण्ठ चित्रकूट में बहाएंगे
भजन संगीत की सरिताएं

जैसलमेर, चित्रकूट में छह मार्च को होने वाले चित्रकूट महोत्सव में जैसलमेर की नाद स्वरम सगीत संस्था के कलाकारों का दल देशदुनिया के रसिकों के समक्ष अपनी सांगीतिक भजन प्रस्तुतियों के साथ मन मोहेगा। चित्रकूट महोत्सव का साँस्कृतिक कार्यक्रम उत्तरमध्य क्षेत्र साँस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद की ओर से किया जा रहा है। इसमें देश भर से मशहूर कलाकारों का कुंभ जुटेगा।
इसके लिए जैसलमेर से छह कलाकारों का दल नाद स्वरम संगीत संस्था के सचिव श्री जयप्रकाश हर्ष के नेतृत्व में रवाना हुआ। इनमें श्रीमती शोभा हर्ष, श्री अनिल पुरोहित, श्रीमती शोभा भाटिया, श्रीमती गीता पुरोहित तथा श्री हेमंत कुमार शामिल हैं।
नाद स्वरम संगीत संस्था सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों और विभिन्न राजकीय कार्यक्रमों में अपनी मनोहारी प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराती रही है।
इस बार जैसलमेर में मरु महोत्सव की शुरूआत नाद स्वरम संगीत संस्था के कलाकारों की ओर से जग विख्यात सोनार दुर्ग में जनजन के आराध्य प्रभु श्री लक्ष्मीनाथजी के परिसर में भजन भोर से की गई। इस दौरान इन कलाकारों के मधुर कण्ठों से भजन गायकी का जो माहौल बनाया और संगीत रसों की वृष्टि की, रसिकों ने खूब आनंद लिया। इस भजन भोर ने यह सिद्ध कर दिखाया कि जैसलमेर के कलाकार देशदुनिया के कलाकारों से उन्नीस नहीं हैं। जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने मनोहारी प्रस्तुतियों पर मुग्ध होते हुए इन सभी कलाकारों को सम्मानित किया। इस भजन भोर ने संस्था और जैसलमेर के लिए नया इतिहास बना दिया है।
इस भजन भोर में उत्तरमध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक श्री आनंदवर्द्धन शुक्ला भी मौजूद थे जिन्होंने कलाकारों की भजन प्रस्तुततियों को बेमिसाल बताया और चित्रकूट महोत्सव का न्यौता दिया। नाद स्वरम संगीत संस्था के ये कलाकार अपने विलक्षण सांगीतिक हुनर के चलते अब स्वर्ण नगरी तक ही सीमित नहीं रह गए हैं बल्कि देश के उन महोत्सवों में भी भागीदारी निभानी शुरू कर दी है जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हैं।
नाद स्वरम संगीत संस्था के कलाकार अपने फन के प्रति इतने समर्पित हैं कि पिछले करीब नौ साल से निरन्तर रियाज करते रहे हैं। इसके लिए ये कलाकार रोजाना शाम सात बजे जैसलमेर के सीमा ग्राम खादी भण्डार में इकट्ठा होते हैं और हारमोनियम, तबलों, ोलक आदि लोक वाद्यों के साथ निरन्तर अपने हुनर को उत्तरोत्तर विकसित करने के जतन में जुटे रहे हैं। यह प्रशिक्षण नि:शुल्क है और इसमें कोई भी जिज्ञासु या प्रशिक्षणार्थी हिस्सा ले सकते हैं।
स्वर सरिताओं के प्रवाह को निरन्तर बनाए रखते हुए अपने कलाकारों को और अधिक हुनरमंद बनाने की कोशिशों के चलते संस्था द्वारा समयसमय पर जेसलमेर में संगीत प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता रहा है। इसमें मशहूर कलाकारों के सान्निध्य में स्थानीय कलाकारों को बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है।
नाद स्वरम संगीत संस्था के सचिव श्री जयप्रकाश हर्ष बताते हैं कि जैसलमेर में संगीत के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण अध्याय की शुरूआत जैसलमेर के राजगायक रहे पं. राधोमल हर्ष एवं योगीराज मनोहर हरकरे ॔॔काकाजी’’ की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से हुई। इन्हीं की प्रेरणा से स्थानीय कलाकारों ने मिलकर जैसलमेर की संगीत परम्परा के संरक्षण, व्यापक प्रचारप्रसार और संवर्द्धन के लिए ॔नाद स्वरम संगीत संस्था’ का बिरवा रोपा जो आज पल्लवित और पुष्पित होता हुआ चित्रकूट महोत्सव तक धाक जमा रहा है।
दो दिन पूर्व सीमा ग्राम में आयोजित भजन संध्या में जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने इन कलाकारों के चित्रकूट महोत्सव में भागीदारी के बुलावे पर प्रसन्नता व्यक्त की और महोत्सव में आशातीत प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी।
जैसलमेर के कलाकारों का चित्रकूट में प्रदर्शन जैसलमेर के लिए गर्व और गौरव का विषय है।
जैसलमेर जिले में तेरह एएनएम निलंबित, नौ का वेतन रोका,
नसबंदी लक्ष्यों में कम उपलब्धि पर हुई कार्यवाही
जैसलमेर, जैसलमेर जिले में परिवार कल्याण के क्षेत्र में लक्ष्यों में पिछड़ने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 22 एएनएम के खिलाफ कार्यवाही की है। इनमें 13 एएनएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है जबकि 9 एएनएम का वेतन रोका गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा यह आदेश एनआरएचएम के मिशन निदेशक के निर्देश पर जारी किए गए हैं। इनमें कहा गया है कि जैसलमेर जिले में परिवार कल्याण के क्षेत्र में फरवरी 2011 तक आवंटित नसबंदी के लक्ष्यों से कम उपलब्धि अर्जित करने पर 13 एएनएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इसी प्रकार 9 एएनएम के अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के निर्देश जारी किये गये हैं। नसबंदी के लक्ष्य पूर्ण करने पर ही सम्बंधित एएनएम को वेतन प्रदान किया जाएगा।

नकली के संदेह पर रोडवेज बस से सात क्विंटल मावा जब्त




नकली के संदेह पर रोडवेज बस से सात क्विंटल मावा जब्त



बाड़मेर

शादियों की सीजन के चलते मावे की खपत बढऩे के बाद शहर में नकली मावा आने का संदेह बढ़ गया है । शनिवार शाम को मुखबिर की सूचना के आधार पर बीकानेर से बाड़मेर पहुंची रोडवेज की एक बस में सात क्विंटल मावा नकली होने के संदेह पर प्रशासनिक कार्रवाई के तहत बरामद किया गया। इसके बाद चल प्रयोगशाला में मावा जांच की प्रक्रिया शुरू की गई। अचानक हुई कार्रवाई से बस यात्रियों में एक बारगी खलबली मच गई।
 

एसडीएम सीएल देवासी ने बताया कि जिला कलेक्टर गौरव गोयल, तहसीलदार चंद्रभानसिंह, भूमि अवाप्ति अधिकारी महेन्द्रसिंह शेखावत व खाद्य निरीक्षक भूराराम चौधरी सहित प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने मुखबिर की सूचना पर कलेक्ट्रेट के निकट एक रोडवेज बस को रूकवा इसमें रखे सात क्विंटल मावे को नकली होने के संदेह पर बरामद कर जब्त किया। पूछताछ के दौरान बस कंडक्टर ने मावा बीकानेर से बाड़मेर लाने का खुलासा किया। कंडक्टर ने बताया कि बाड़मेर में दिलीपसिंह एवं डूंगरसिंह नामक व्यक्ति इस मावे को लेने बस स्टैंड आते हैं। बरामद मावे की चल प्रयोगशाला में जांच शुरू की गई। समाचार लिखे जाने तक जांच रिपोर्ट नहीं आई।

क्यूं बढ़ी मावा की खपत

शा दियों की सीजन व होली के पर्व को लेकर बाजार में मावा की जबरदस्त डिमांड है। इसके चलते व्यापारियों की ओर से मावा स्टॉक किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर मावा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने पर पड़ौसी जिलों से मावा मंगवाया जा रहा है। ऐसे में बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए शहर में नकली मावा आने की आशंका के चलते प्रशासन मुस्तैदी से बाहर से आने वाले मावे पर नजर रख रहा है।

कहां-कहां से होता है सप्लाई

श हर के व्यापारी जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर सहित कई जिलों से मावा मंगवा रहे हैं। यहां से मावा कस्बे व गांवों में सप्लाई किया जाता है। जहां मावा से विभिन्न प्रकार की मिठाइयां तैयार की जाती है।

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

सामाजिक सेवा की भावना से जरूरतमन्दों को त्वरित लाभ पहुँचाने के निर्देश


जिला कलक्टर ने किया नि:शक्तजन कल्याण शिविर का अवलोकन,


सामाजिक सेवा की भावना से जरूरतमन्दों को त्वरित लाभ पहुँचाने के निर्देश
जैसलमेर, जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने जैसलमेर के श्री जवाहिर चिकित्सालय परिसर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा सर्वशिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में संचालित नि:शक्तजन प्रमाणीकरण शिविर का अवलोकन किया और नि:शक्तजनों से चर्चा की और शिविर आयोजन में सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों से शिविर व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
तीन सौ से अधिक नि:शक्जन हुए लाभान्वित
दो दिवसीय शिविर में कुल 315 नि:शक्तजनों का पंजीयन किया गया। इनमें 80 जनों को रेल पास, 59 जनों को रोडवेज बस पास, 35 नि:शक्तजनों को ट्राई साईकिल, चार जनों को बैसाखी, पांच जनों को व्हील चेयर, पन्द्रह जनों को श्रवण यंत्र वितरित किए गए। शिविर में नि:शक्तजन आर्थिक सहायता योजना में पांच जनों के आवेदन पत्र तैयार करवाए गए। एक नि:शक्त को सुखद विवाह योजना के अन्तर्गत आवेदन पत्र तैयार करवाया गया।
नि:शक्तजनों के कल्याण के उद्देश्य से आयोजित इस शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षिकाओं श्रीमती पुष्पा पुरोहित, श्रीमती सुशीला व्यास, श्रीमती फिरदोस, श्रीमती मंजू व्यास, श्रीमती सुधा व्यास, श्रीमती सविता, श्रीमती योग्यता पुरोहित, श्रीमती शोभा, श्रीमती खम्मा भाटी एवं श्रीमती धाई द्वारा सर्वे प्रपत्र भरकर नि:शक्तजनों के घरद्वार पहुंचकर सर्वे किया गया। श्योर संस्थान के श्री सत्यनारायण, सुश्री लता छंगाणी, श्रीमती गायत्री व्यास एवं श्रीमती कमला द्वारा नि:शक्तजनों के आवेदन पत्र तैयार कराने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मौके पर ही आवेदन पत्र तैयार करने में सराहनीय योगदान दिया गया। शहर पटवारी श्री अमृतलाल द्वारा पेंशन के आवेदन पत्रों को तैयार किया गया।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के जैसलमेर आगार प्रबन्धक श्री रामदेव बोहरा द्वारा मौके पर ही नि:शक्तजनों के पास बनवाकर लाभान्वित किया गया।
जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के डॉ. धर्मसिंह मीणा एवं दिल्ली से आये प्रशिक्षु डॉक्टरों की टीम द्वारा शिविर में नि:शक्तजनों के अंग उपकरण के नाप लिए गए एवं चिकित्सकीय सलाह प्रदान की गई। जोधपुर से आयी मेडिकल टीम के डॉक्टरों द्वारा नि:शक्तजनों के मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किए गए।
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ग्रामसभा में आरटीआई कार्यकर्ता के हाथ-पैर तोड़े





ग्रामसभा में आरटीआई कार्यकर्ता के हाथ-पैर तोड़े 

बाड़मेर। धोरीमन्ना थाना क्षेत्र के बामणोर गांव में आज नरेगा कार्यो के सामाजिक अंकेक्षण के लिए हुई ग्रामसभा में लाठियों से मारपीट में एक जना गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर घायल को बाड़मेर रेफर कर दिया है। गंभीर घायल मंगलाराम ने ग्राम पंचायत से वर्ष 2001 से 2008 के बीच हुए कायोंü की सूचना के अघिकार के तहत सूचनाएं मांगी थी। सूचनाएं मांगने के बाद उसने सरपंच व उसके सहयोगियों से खतरे की आशंका जताई थी और पुलिस से सुरक्षा की गुहार की थी।
पुलिस के अनुसार  मंगलाराम पुत्र नेचलराम निवासी बामणोर ने मामला दर्ज करवाया कि ग्राम पंचायत भवन में सामाजिक अंकेक्षण के लिए हुई ग्रामसभा के दौरान बामणोर सरपंच गुलामशाह व अन्य ने जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर लाठियों से दोनो पैर व हाथ तोड़ दिए। पीठ व सिर में भी गंभीर चोटे पहुंचाई। घायल को धोरीमन्ना अस्पताल में उपचार के बाद हालत गंभीर होने परगुजरात  रैफर कर दिया गया।
एसपी से की थी सुरक्षा की मांग
बामणोर में गंभीर मारपीट में घायल मंगलाराम ने 16 सितम्बर और 28 फरवरी को पुलिस अधीक्षक को सौंपे ज्ञापनों में बताया था कि सूचना के अघिकार के तहत पंचायत से सूचना मांगी थी। यह उस समय अधूरी दी गई। ज्ञापन में प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि सूचनाएं मांगने के बाद सरपंच ने उसे धमकियां दी और जान का खतरा बना हुआ है।
पाबंद किया था
मंगलाराम द्वारा दिए ज्ञापनों के बाद पुलिस ने आरोपियों को धारा 107 के तहत पाबंद करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद मारपीट की घटना हुई है। आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।-संतोष चालके,पुलिस अधीक्षक



हरिण का शिकार
बाड़मेर समदड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत खारवा सरहद में हरिण का शिकार करने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार शैतानसिंह पुत्र मेघसिंह निवासी खारवा ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि सुबह सात बजे वह ढाणी से बाहर निकला था। इसी दौरान दो शिकारी श्वान लेकर एक हरिण के पीछे दौड़ रहे थे। श्वान ने हरिण का गला दबोच लिया।
 शिकारी मोहनराम मीणा निवासी खारवा के हाथ में कुल्हाड़ी पकड़ी हुई थी। जबकि उसके साथ शामिल एक अन्य शिकारी को वह नहीं पहचानता। उसने शोर किया तो शिकारी मौके से भाग गए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। मृत हिरण के शव का पोस्टमार्टम करवाकर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

Arji Amri Suno Shreenathji

गुरुवार, 3 मार्च 2011

पाक घुसपैठिए को बीएसएफ जवानों ने मार गिराया


पाकिस्तान से सटी सीमा पर तारंबदी पार कर भारतीय सीमा में घुसने के प्रयास करते हुए एक पाक घुसपैठिए को बीएसएफ जवानों ने मार गिराया। बीएसएफ अधिकारियों ने पाक रेंजर के साथ फ्लैग मीटिंग कर घुसपैठ का विरोध जताया, लेकिन पाकिस्तानी रेंजर ने मृतक घुसपैठिए के सीमा पार से आने से इंकार कर उसका शव लेने से इंकार कर दिया। इस पर बीएसएफ ने शव गंगानगर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा दोपहर बाद शव को बार्डर पर ही दफना दिया है।

गंगानगर सीमा पर बीएसएफ की बटालियन नंबर 145 के जवानों ने बीती रात सीमा पार से एक घुसपैठिया तारबंदी पार करने का प्रयास करते देखा। इस पर उसे जवानों ने ललकारा,मगर वह रूकने के बजाय तारबंदी पार करने लगा। इस पर उन्होने फायरिंग कर उसे मार गिराया। इसकी सूचना मिलने पर बीएसएफ के उच्चाधिकारियों ने गुरूवार सुबह घटनास्थल पर जाकर मुआयना किया।


चालीस वषीय पाक घुसपैठिए की तलाशी लेने पर उसके पास पाकिस्तानी करेंसी मिली। सुबह बीएसएफ जवानों ने बार्डर पर फ्लैग मीटिंग बुलाकर पाक घुसपैठिए के सीमा पार से आए पैरो के निशान दिखाते हुए प्रोटेस्ट नोट दिया,लेकिन उन्हांने पैरों के निशान को नकारते हुए घुसपैठिए के पााकिस्तानी होने से इंकार कर दिया। इस पर बीएसएफ ने गंगानगर पुलिस को शव सौंप दिया। दोपहर में डाक्टरों की टीम ने बार्डर पर ही घुसपैठिए का पोस्टमार्टम किया। बीएसएफ डीआईजी आर सी ध्यानी ने बताया कि संभवत किसी बड़ी तादाद में घुसपैठ के लिए बीएसएफ की चौकसी को जांचने के लिए इस घुसपैठिए को भेजा गया था।

ऊंटों की लड़ाई....पाकिस्तान के शहर मुल्तान में






ऊंटों की लड़ाई

पाकिस्तान के शहर मुल्तान में आयोजित वाषिर्क ऊंटों की लड़ाई के दौरान एक ऊंट को पूरे जोर से पटखनी देता दूसरा ऊंट। इस वाषिर्क आयोजन में इस साल 135 ऊंटों ने हिस्सा लिया। कई सामाजिक संगठन इस आयोजन को ऊंटों पर अत्याचार मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं।

बुधवार, 2 मार्च 2011

सोनार किले से उठी राजस्थानी को मान्यता की हुंकार










सोनार किले से उठी राजस्थानी को मान्यता की हुंकार
राजस्थान का सांस्कृतिक विकास राजस्थानी के बिना अधूरा डॉ आईदानसिंह भाटी
जैसलमेर। मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने के लिये कृष्णा संस्था, वारियर्स एजयुकेशनल एण्ड डवलपमेंट सोसायटी जैसलमेर के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा संचालित मान्यता हस्ताक्षर अभियान के दूसरे दिन गोपा चौक में समर्थनों का तातां लगा रहा रही वरिष्ठ साहित्य कार्यो ने अभियान को सार्थक व बहुउद्देशीय बताते हुए समर्थन किया। हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार एवं थार संस्थान के संरक्षक ने आईदानसिह भाटी ने कहा है कि मायड़ भाषा के अभाव में संस्कृतियां नष्ट हो रही है और हम अपनी जड़ो को खुद ही काटने में लगे हैं।
हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर वरिष्ठ इतिहासकार ने कहा कि राजस्थानी भाषा मॉ और हिन्दी बेटी है। बेटी मॉ से आगे निकल गई। उन्होने कहा कि इतिहास को कुरेदने से बेहतर से राजस्थानी भाषा को मान्यता में आ रही अड़चनों को दूर किया जाए। उन्होने कहा कि पिछले कुछ सालों से राजस्थानी को मान्यता देने की मांग बराबर की जा रही है मगर इस बार जो पूरे राजस्थान में राजस्थानी भाषा के प्रति आस्था का ज्वार उमड़ा है। उससे लगता है कि हम कायम होगें। उन्होने कहा कि जनगणना सबसे मजबूत कड़ी है, राजस्थानी अपनी मातृ भाषा के रूप में राजस्थानी दर्ज कराकर अपना धर्म निभाए।गोपा चौक में राजस्थानी भाशा को मान्यता के समर्थन में लोगों का हूजूम उमउ पडा। दोी विदोी पर्यटक भी उत्सुक्ता सें देख रहे थे।जब उन्हे मकसद बताया तो वे भी समर्थन में अभियान में भामिल हुऐ तथा अपने हस्तक्षर किएं।वारियर संस्था के सचिव प्रदीप गौड ने बताया कि राजस्थानी भाशा को मान्यता के लिऐ प्रदो भर में संधशर समितियों के माध्यम से जन अभियान चलाया जा रहा हैं। इस अवसर पर सैकडों जैसाण वासियों ़ ने राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रयासों का पुरजोर समर्थन कर भरपूर सहयोग के लिए आश्वस्त किया। अभियान में अब तक 1233 से अधिक जैसाणवासियों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए हस्ताक्षर का अपना समर्थन दे चुके है। समिति के संयोजक सिकन्दर भोख ,मनीश रामदेव,आननद जगानी,, चन्दनसिंह भाटी, विजय कुमार, ने अपना योगणन दिया