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रविवार, 3 अप्रैल 2011

घोड़ों ने दिखाए करतब कलाकारों ने जमाया रंग




घोड़ों ने दिखाए करतब कलाकारों ने जमाया रंग
बाड़मेर
तिलवाड़ा मल्लीनाथ पशु मेले में शनिवार को अश्व प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।कार्यक्रम में पूर्वगृह राज्यमंत्री अमराराम चौधरी, पूर्व जोधपुर नरेश गजेसिंह, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग एसके श्रीवास्तव, उपखंड अधिकारी ओमप्रकाश विश्नोईव सिवाना तहसीलदार धन्नाराम भादू बतौर अतिथि मौजूद थे।

मेला अधिकारी बीआर जेदिया ने बताया कि पशु प्रतियोगिताओं के तहत आयोजित अश्व वंश प्रतियोगिता में प्रजनन योग्य मादा घोड़ी में मोहनसिंह पुत्र वागसिंह प्रथम व गिरवरसिंह पुत्र शंभूसिंह द्वितीय स्थान पर रहे।बछेरा-बछेरी प्रतियोगिता में जितेंद्रसिंह पुत्र अमरसिंह प्रथम, मोहनसिंह पुत्र बागसिंह द्वितीय, नरघोड़ा प्रतियोगिता में गणपतसिंह पुत्रमूलसिंह प्रथम व नारायण सिंह पुत्र प्रतापसिंह द्वितीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार अखिल भारतीय मारवाड़ी अश्व संस्थान की ओर से भी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

इसके तहत अदंत बछेरी प्रतियोगिता में मोहम्मद रफीक प्रथम व किशनसिंह द्वितीय, अदंत बछेरा प्रतियोगिता में रघुनाथ पुत्र भंवरसिंह प्रथम व निखिल माथुर द्वितीय, दो दंत बछेरी प्रतियोगिता में मोहनसिंह पुत्रबाघसिंह प्रथम व गौरव पुत्र ज्योतिसिंह द्वितीय स्थान पर रहे।बछेरा दो दंत प्रतियोगिता में जितेंद्र पुत्र अमरसिंह प्रथम, बल्लू पुत्र सदीक खां द्वितीय स्थान पर रहे।प्रतियोगिताओं के दौरान आयोजित सर्वश्रेष्ठ अश्व का पुरस्कार शौर्य घोड़े ने जीता।घोड़े के मालिक जितेंद्र पुत्र अमरसिंह सतलाना हाउस जोधपुर का अतिथियों ने स्वागत किया।

गुरुवार, 31 मार्च 2011

मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाडा




मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाडा
मेलों से बढ़ती हैअपणायत’
बाडमेर जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने कहा कि ये मेला प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में विख्यात है।प्रशासनिक स्तर पर इस मेले का वेबसाइट बनाकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि विदेशी पर्यटक भी ज्यादा संख्या में यहां आकर मेले का लुत्फ उठा सकें।पशुपालकों की सुविधा के लिए मेला अवधि के दौरान तिलवाड़ा स्टेशन पर रेलों के ठहराव के संबंध में डीआरएम से बात की है।
मेले हमारी संस्कृति के प्रतीक है,मेलों के आयोजन से आपसी अपणायत बढ़ती है।
ये बात बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के सांसद हरीश चौधरी ने निकटवर्तीतिलवाड़ा में मल्लीनाथ पशु मेले के झंडारोहण के अवसर पर मेले में उपस्थित पशुपालकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आमजन का जुड़ाव मेलों से रहता है।लगभग ७५० साल पुराने इस मेले की परंपरा को आज भी क्षेत्र के ग्रामीण बचाये रखे हुए हैं।ये एक गौरव का विषय है।मालाणी की परंपरा रही हैकि यहां मेहमान का सत्कार तन-मन-धन से किया जाता है।मेले में आने वाले पड़ोसी राज्यों के पशुपालकों को पूरी अपणायत दें जिससे कि वो प्रभावित होकर बार-बार इस मेले में आएं।उन्होंने मेले में दिनोंदिन घटने वाले पशुओं की संख्या पर चिंता जताते हुए ग्रामीणों को पशुपालन की ओर रूझान रखने की बात कही।विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि सरकार ऐसे मेलों को प्रोत्साहन देने में कोईकसर नहीं रख रही है।उन्होंने कहा कि आगामी वर्षतक नदी के बीच बने मार्ग पर सीसी रोड का निर्माण करवा दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि मेले मे आने वाले पशुपालकों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।आगामी वर्ष तक इस समस्या के समाधान के लिए भी पुख्ता प्रबंध कर दिए जाएंगे।