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शुक्रवार, 25 मार्च 2011

सरहद पर शिक्षा सुविधाओं का प्रसार तालीम के मंदिरों को मिली जमीन


सरहद पर शिक्षा सुविधाओं का प्रसार
तालीम के मंदिरों को मिली जमीन

     जैसलमेर, 25 मार्च/हिन्दुस्तान के सीमावर्ती जिले के जैसलमेर में तालीम से तरक्की का सफर तय करने में मददगार बने विद्यालयों के लिए जिला प्रशासन की पहल भावी पीढ़ियों के लिए वरदान सिद्ध हुई है।
     जिले में कई भूमिहीन विद्यालयों के लिए न खुद का भवन था, न खेल का मैदान। इस बारे में जिले में चलाए गए प्रशासन गांवों के संग अभियान के अन्तर्गत हुए शिविरों में इस तरह की समस्याओं के निपटारे को प्राथमिकता देते हुए निस्तारण कर दिया लेकिन कुछ मामले प्रक्रियाधीन होने की वजह से तत्काल निस्तारित नहीं हो पाए थे जिन्हें जिला प्रशासन ने गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ लिया और समस्या से मुक्ति दिला दी।
     प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविरों में जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों के पास खुद का भवन व खेल मैदान नहीं होने की स्थिति में भूमि मुहैया कराने के बारे में संबंधित स्कूलों की ओर से प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए थे।
     जैसलमेर क्षेत्र के शिविर प्रभारी, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र अग्रवाल ने इस मामले में संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्यवाही को अंजाम दिया और तहसीलदार के माध्यम से विद्यालयों को नियमानुसार आवंटन योग्य भूमि के प्रस्ताव तैयार करवाकर इन स्कूलों की समस्या को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
     जैसलमेर के जिला कलेक्टर गिरिराज सिंह कुषवाहने क्षेत्र के सात भूमिहीन विद्यालयों को पांच-पांच बीघा भूमि का आवंटन कर दिया गया है। इनमें नीम्ब की ढाणी एवं रातड़िया की ढाणी (खुहड़ी), हरचंदराम की ढाणी सेलत(खींवसर), करमवाला, झण्डाखारा, हरनाउ, डूंगरराम की ढाणी तथा झण्डाखारा  के राजकीय प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं।
     इन सभी को 5-5 बीघा भूमि का आवंटन किया गया है। यह भूमि विद्यालयों के भवन तथा खेल मैदानों के लिए इन स्कूलों को आवंटित की गई है।
     इससे पूर्व अभियान की अवधि में ही विभिन्न राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए भवन और खेल मैदान तथा भूमि आवश्यकता के कई मामलों का निस्तारण कर इन स्कूलों की समस्याओं का काफी हद तक समाधान किया जा चुका है।
     इन सभी स्कूलों के लिए उनके अपने गांव में लगे प्रशासन गांवों के संग शिविर शिक्षा के विस्तार और विकास के साथ ही नई पीढ़ी के भविष्य निर्माण के महानुष्ठान साबित हुए हैं।

मंगलवार, 8 मार्च 2011

गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के लिए सीमा सुरक्षा बल की अनूठी पहल


गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के लिए सीमा सुरक्षा बल की अनूठी पहल
अगले शिक्षा सत्रा से तनोट माता ट्रस्ट छात्रावृत्ति योजना का सूत्रापात
जेसलमेर, 7 मार्च/शिक्षार्थियों के प्रोत्साहन और मदद के लिए सीमा सुरक्षा बल ने अनूठी पहल की है। इसके अन्तर्गत आगामी शिक्षा सत्रा से तनोट माता ट्रस्ट सीमा सुरक्षा बल की ओर से जैसलमेर जिले के उच्च प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षाओं के गरीब और मेधावी छात्राछात्राओं के लिए छात्रावृत्ति योजना की शुरूआत की जा रही है।
सीमा सुरक्षा बल जैसलमेर(उत्तर) के उप महानिरीक्षक डॉ. भगवानाराम मेघवाल ने इस महत्वाकांक्षी योजना की विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि छात्रावृत्ति पाने के लिए आवेदन पत्रा आगामी एक जून से 15वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल रामग़/195वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल पोकरण और सीमा सुरक्षा बल के जैसलमेर स्थित क्षेत्राीय मुख्यालय के कार्यालयों से नि:शुल्क प्राप्त किए जा सकेंगे। इन आवेदन पत्राों को पूर्ण रूप से भरकर 15 जुलाई तक जमा करना होगा।
उन्होंने जानकारी दी कि तीन लाख रुपये से अधिक धनराशि की इस योजना में लगभग आधी छात्रावृत्तियाँ छात्राओं के लिए होंगी । इसमें कक्षा 6 से 12वीं तक के अंकों के आधार पर प्रत्येक कक्षा में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों से संबंधित चार विद्यार्थियों का चयन किया जायेगा। इन्हें प्रति माह पाँच सौ से एक हजार रुपए छात्रावृत्ति दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त प्रत्येक कक्षा के टॉपर को एकमुश्त पाँच हजार रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिये जायेंगे । तनोट गाँव की स्कूल से प्रत्येक कक्षा में प्रथम आने वाली छात्रा को दो हजार रुपए धनराशि का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए सीमा सुरक्षा बल क्षेत्राीय कार्यालय जैसलमेरउत्तर में 022992252704/252301 पर संपर्क किया जा सकता है।
सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक डॉ. मेघवाल की ओर से जिले की विभिन्न शिक्षण/प्रशिक्षण/तकनीकि संस्थाओं को इस बारे में जानकारी भिजवाते हुए सभी पात्रा बच्चों तक यह जानकारी पहुंचाने का आग्रह किया गया है ताकि मेधावी और गरीब बच्चों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
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जिला कलक्टर ने सीमावर्ती गांवों का दौरा कर ग्राम्य लोक जीवन की हकीकत जानी
जैसलमेर, 7 मार्च/ जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने ग्रामीण क्षेत्राों में सभी सरकारी सुविधाएं और व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि ग्रामीण क्षेत्राों में कार्यरत राज्यकर्मियों का दायित्व है कि वे अपने क्षेत्रा से संबंधित समस्याओं के त्वरित निस्तारण के प्रति गंभीर रहते हुए ग्रामीणों को हरसंभव मदद करें। ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के साथ ही उनके भले की योजनाओं की जानकारी देना और उनकी समस्याओं के जल्द से जल्द निपटारे की कार्यवाही करना भी राजकीय दायित्व में आता है।
जिला कलक्टर ने जैसलमेर के सीमावर्ती क्षेत्राों के दौरे में विभिन्न राजकीय संस्थाओं को देखा तथा क्षेत्राीय विकास के लिए किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया।
जिला कलक्टर ने घंटियाली, तनोट एवं किशनग़ गांवों में भ्रमण किया और स्थानीय ग्रामीणों से मुखातिब होते हुए ग्रामीण समस्याओं तथा ग्राम्य जन जीवन के मौजूदा हालातों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
जिला कलक्टर ने घंटियाली में ग्रामीणों द्वारा मन्दिर में बीएडीपी योजना में सोलर लाईट लगावाने के आग्रह पर कार्यवाही का आश्वासन दिया।
श्री कुशवाहा ने तनोट में बीएडीपी योजना में निर्मित चिकित्सालय का अवलोकन किया और पार्किंग स्थल को पीले पत्थरों से बनाए जाने को कहा। जिला कलक्टर ने मन्दिर की चारदीवारी के निर्माण को भी देखा।
जिला कलक्टर ने किशनग़ में विद्यालय की चारदीवारी के काम को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए और कहा कि स्वीकृतिशुदा कार्य की अब तक नींव तक नहीं खोदे जाने पर नाराजगी जाहिर की। मौके पर सिर्फ चार गाड़ी पत्थर ही डाले हुए पाए गए। ग्रामीणों द्वारा विद्यालय में शिक्षक श्री आईदानसिंह की अनियमित उपस्थिति पर उन्होंने सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने इस दौरान ग्रामीण क्षेत्राों में पानीबिजली, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा आदि पर ग्रामीणों से खुलकर चर्चा की और ग्राम्य लोक जीवन की हकीकत से रूबरू हुए।
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श्री जवाहिर चिकित्सालय की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाएं श्री कुशवाहा
राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक में दिए निर्देश
जैसलमेर, 7 मार्च/जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने जैसलमेर जिला मुख्यालय स्थित श्री जवाहिर राजकीय चिकित्सालय की तमाम व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने और साफसफाई पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि संसाधनों, सेवाओं और सुविधाओं की दृष्टि से अस्पताल को हर दृष्टि से आदर्श स्वरूप दिए जाने के लिए गंभीरतापूर्वक एवं योजनाबद्ध ंग से प्रयास करें।
जिला कलक्टर ने सोमवार को जैसलमेर जिला कलक्ट्री सभाकक्ष में चिकित्सालय से संबंधित मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। बैठक में जिला प्रमुख श्री अब्दुला फकीर सहित अधिकारियों ने चिकित्सालय की सेवाओं को सुदृ़ बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि चिकित्सालय से संबंधित जो काम सौंपे गए हैं उन्हें व्यवस्थित तरीके से शीघ्र पूर्ण करें और चिकित्सालय के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ठेकेदार को दें नोटिस
जिला कलक्टर ने चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था के पर्याप्त नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की और इस बारे में संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी करने और दुबारा टैण्डर किए जाने के निर्देश प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को दिए। जिला कलक्टर ने बताया कि चिकित्सालय की व्यवस्थाओं और साफसफाई के लिए अधिकारियों द्वारा नियमित भ्रमण एवं अवलोकन की व्यवस्था की जाएगी।
लपकों पर लगाएं अंकुश
जिला कलक्टर ने गर्मी के मौसम को देखते हुए अस्पताल में पंखों और कूलरों की उपयुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां कर रखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अस्पताल में लपकों पर पूरा अंकुश लगाने के लिए सख्त से सख्त कार्यवाही किए जाने को कहा। पैदल आने वालों के लिए अस्पताल प्रवेश की दृष्टि से लघु घुमावदार वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
मेडिकल दुकानों की जांच का दौर नियमित रहे
जिला कलक्टर ने अस्पताल में सहकारी दवाघर से उपयुक्त कीमत में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए नकली एवं अवधिपार दवाइयां रखने वाले मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ सख्त जांच के निर्देश दिए और कहा कि इसके लिए हर माह औषधि निरीक्षक को पाबंद किया जाना चाहिए।
भामाशाहों का सहयोग लिया जाएगा
जिला कलक्टर श्री कुशवाहा ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने तथा संसाधनों और मरीजों के लिए सेवाओं में ब़ोतरी के लिए उच्च व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, कंपनियों, जन प्रतिनिधियों तथा दानदाता भामाशाहों को प्रेरित कर इनका सहयोग लिए जाने पर जोर दिया और बताया कि इसके लिए जिला प्रशासन जल्द ही सभी संबंधित प्रतिनिधियों की बैठक बुलाएगा। इसमें अस्पताल की एकएक सुविधा पर चर्चा की जाएगी तथा ये सुविधाएं और वार्ड बेहतर रखरखाव और सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए इनकी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
जिला कलक्टर ने जिले के सभी भामाशाहों से अपील की है कि वे अस्पताल विकास और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए खुले मन से आगे आएं और मरीजों की सेवा का पुण्य कमाने में भागीदार बनें।
अस्पताल के इर्दगिर्द स्वच्छ परिवेश रहे
जिला कलक्टर ने अस्पताल के आसपास के क्षेत्रा में स्वच्छता पर जोर दिया और नगरपालिका को निर्देश दिए कि नाले की व्यवस्था ठीक करने के साथ ही यह अच्छी तरह सुनिश्चित करे कि चिकित्सालय के समीपवर्ती इलाकों में गंदगी और कीचड़ आदि न रहे। क्षेत्रा की नियमित साफसफाई के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जाएं।
जिलाप्रमुख ने आम मरीजों के हितों पर ध्यान देने को कहा
जिला प्रमुख श्री अब्दुला फकीर ने चिकित्सालय की सेवाओं को आम मरीजों के लिए सुगम और बेहतर बनाने के लिए सभी उपायों को अमल में लाने के निर्देश चिकित्सालय प्रबन्धन को दिए गए और कहा कि इसके लिए सभी स्तरों पर ठोस कार्यवाही की जानी चाहिए। तभी सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।
बैठक में एमआरएस की तमाम गतिविधियों पर बिन्दुवार चर्चा की गई और यथोचित दिशानिर्देश जिला कलक्टर द्वारा दिए गए। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.डी. खिंची ने एमआरएस से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में जिला कोषाधिकारी श्री देवकृष्ण पंवार, नगरपालिका आयुक्त श्री मूलाराम लोहिया, आरयूआईडीपी के अधिशासी अभियंता श्री महेन्द्रसिंह पंवार, सहायक अभियंता श्री जे.आर. गर्ग आदि ने विचार व्यक्त किए।
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शुक्रवार, 4 मार्च 2011

सामाजिक सेवा की भावना से जरूरतमन्दों को त्वरित लाभ पहुँचाने के निर्देश


जिला कलक्टर ने किया नि:शक्तजन कल्याण शिविर का अवलोकन,


सामाजिक सेवा की भावना से जरूरतमन्दों को त्वरित लाभ पहुँचाने के निर्देश
जैसलमेर, जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा ने जैसलमेर के श्री जवाहिर चिकित्सालय परिसर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा सर्वशिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में संचालित नि:शक्तजन प्रमाणीकरण शिविर का अवलोकन किया और नि:शक्तजनों से चर्चा की और शिविर आयोजन में सहयोगी संस्थाओं के अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों से शिविर व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
तीन सौ से अधिक नि:शक्जन हुए लाभान्वित
दो दिवसीय शिविर में कुल 315 नि:शक्तजनों का पंजीयन किया गया। इनमें 80 जनों को रेल पास, 59 जनों को रोडवेज बस पास, 35 नि:शक्तजनों को ट्राई साईकिल, चार जनों को बैसाखी, पांच जनों को व्हील चेयर, पन्द्रह जनों को श्रवण यंत्र वितरित किए गए। शिविर में नि:शक्तजन आर्थिक सहायता योजना में पांच जनों के आवेदन पत्र तैयार करवाए गए। एक नि:शक्त को सुखद विवाह योजना के अन्तर्गत आवेदन पत्र तैयार करवाया गया।
नि:शक्तजनों के कल्याण के उद्देश्य से आयोजित इस शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षिकाओं श्रीमती पुष्पा पुरोहित, श्रीमती सुशीला व्यास, श्रीमती फिरदोस, श्रीमती मंजू व्यास, श्रीमती सुधा व्यास, श्रीमती सविता, श्रीमती योग्यता पुरोहित, श्रीमती शोभा, श्रीमती खम्मा भाटी एवं श्रीमती धाई द्वारा सर्वे प्रपत्र भरकर नि:शक्तजनों के घरद्वार पहुंचकर सर्वे किया गया। श्योर संस्थान के श्री सत्यनारायण, सुश्री लता छंगाणी, श्रीमती गायत्री व्यास एवं श्रीमती कमला द्वारा नि:शक्तजनों के आवेदन पत्र तैयार कराने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मौके पर ही आवेदन पत्र तैयार करने में सराहनीय योगदान दिया गया। शहर पटवारी श्री अमृतलाल द्वारा पेंशन के आवेदन पत्रों को तैयार किया गया।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के जैसलमेर आगार प्रबन्धक श्री रामदेव बोहरा द्वारा मौके पर ही नि:शक्तजनों के पास बनवाकर लाभान्वित किया गया।
जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र के डॉ. धर्मसिंह मीणा एवं दिल्ली से आये प्रशिक्षु डॉक्टरों की टीम द्वारा शिविर में नि:शक्तजनों के अंग उपकरण के नाप लिए गए एवं चिकित्सकीय सलाह प्रदान की गई। जोधपुर से आयी मेडिकल टीम के डॉक्टरों द्वारा नि:शक्तजनों के मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किए गए।
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बुधवार, 2 मार्च 2011

सोनार किले से उठी राजस्थानी को मान्यता की हुंकार










सोनार किले से उठी राजस्थानी को मान्यता की हुंकार
राजस्थान का सांस्कृतिक विकास राजस्थानी के बिना अधूरा डॉ आईदानसिंह भाटी
जैसलमेर। मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने के लिये कृष्णा संस्था, वारियर्स एजयुकेशनल एण्ड डवलपमेंट सोसायटी जैसलमेर के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा संचालित मान्यता हस्ताक्षर अभियान के दूसरे दिन गोपा चौक में समर्थनों का तातां लगा रहा रही वरिष्ठ साहित्य कार्यो ने अभियान को सार्थक व बहुउद्देशीय बताते हुए समर्थन किया। हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार एवं थार संस्थान के संरक्षक ने आईदानसिह भाटी ने कहा है कि मायड़ भाषा के अभाव में संस्कृतियां नष्ट हो रही है और हम अपनी जड़ो को खुद ही काटने में लगे हैं।
हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर वरिष्ठ इतिहासकार ने कहा कि राजस्थानी भाषा मॉ और हिन्दी बेटी है। बेटी मॉ से आगे निकल गई। उन्होने कहा कि इतिहास को कुरेदने से बेहतर से राजस्थानी भाषा को मान्यता में आ रही अड़चनों को दूर किया जाए। उन्होने कहा कि पिछले कुछ सालों से राजस्थानी को मान्यता देने की मांग बराबर की जा रही है मगर इस बार जो पूरे राजस्थान में राजस्थानी भाषा के प्रति आस्था का ज्वार उमड़ा है। उससे लगता है कि हम कायम होगें। उन्होने कहा कि जनगणना सबसे मजबूत कड़ी है, राजस्थानी अपनी मातृ भाषा के रूप में राजस्थानी दर्ज कराकर अपना धर्म निभाए।गोपा चौक में राजस्थानी भाशा को मान्यता के समर्थन में लोगों का हूजूम उमउ पडा। दोी विदोी पर्यटक भी उत्सुक्ता सें देख रहे थे।जब उन्हे मकसद बताया तो वे भी समर्थन में अभियान में भामिल हुऐ तथा अपने हस्तक्षर किएं।वारियर संस्था के सचिव प्रदीप गौड ने बताया कि राजस्थानी भाशा को मान्यता के लिऐ प्रदो भर में संधशर समितियों के माध्यम से जन अभियान चलाया जा रहा हैं। इस अवसर पर सैकडों जैसाण वासियों ़ ने राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रयासों का पुरजोर समर्थन कर भरपूर सहयोग के लिए आश्वस्त किया। अभियान में अब तक 1233 से अधिक जैसाणवासियों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए हस्ताक्षर का अपना समर्थन दे चुके है। समिति के संयोजक सिकन्दर भोख ,मनीश रामदेव,आननद जगानी,, चन्दनसिंह भाटी, विजय कुमार, ने अपना योगणन दिया

शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

रेतीले धोरों पर उफनती रहीं साँस्कृतिक धाराएँ बेस्ट ऑफ राजस्थान कार्यक्रम ने ला दी थिरकन रंगीन आतिशबाजी के साथ मरु महोत्सव का समापन







रेतीले धोरों पर उफनती रहीं साँस्कृतिक धाराएँ
बेस्ट ऑफ राजस्थान कार्यक्रम ने ला दी थिरकन
रंगीन आतिशबाजी के साथ मरु महोत्सव का समापन

जैसलमेर, 18 फरवरी/मरु भूमि से लेकर दुनिया के कोनेकोने तक जैसलमेर को गौरव दिलाने वाले मरु महोत्सव2011 का शुक्रवार रात जिला मुख्यालय से चालीस किलोमीटर दूर सम के रेतीले मखमली धोरों पर समापन हो गया। धरती पर साँस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम के बाद आसमान में रंगीन आतिशबाजी के सुनहरे नज़ारों के साथ ही तीन दिवसीय उत्सवी मेले ने विराम पा लिया।
इसका आयोजन राजस्थान पर्यटन तथा जैसलमेर जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। तीन दिनों में भारत के विभिन्न प्रदेशों के साथ ही विश्व के कई देशों से आए पर्यटकों को मिलाकर हजारों सैलानियों ने मरु महोत्सव के विभिन्न आयोजनों का लुत्फ उठाते हुए जैसाण की लोक संस्कृति, परम्पराओं, ऐतिहासिक शिल्पस्थापत्य के स्मारकों और नैसर्गिक सौन्दर्य से रूबरू होकर पर्यटन का आनंद पाया।
मरु महोत्सव के समापन पर हुई शानदार साँस्कृतिक कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति के कलाकारों और दलों ने एक से ब़कर एक मनोहारी कार्यक्रम पेश कर रसिकों को खूब आनंदित किया।
थार संगीत की मिठास बिखेर चुके जिले के मूलसागर निवासी तगाराम भील ने अलगोजा एवं सितार पर राजस्थान लोकगीतों की धुनें बिखेर कर दर्शकों का मन मोह लिया। पारसनाथ के संगीत निर्देशन में प्रसिद्ध कालबेलिया पार्टी ने कालबेलिया नृत्य पेश का राजस्थानी संस्कृति की गंध धोरों पर बिखरा दी। बीन की धुन, डफली की ताल और ोलक की थाप पर नागिन की तरह बल खाती हुई कालबेलिया नृत्यांगनाओं ने ॔॔काल्यो कूद पड्यो मेला मा...; के बोल पर भावपूर्ण नृत्य पेश किया।
जैसलमेर के ख्यातनाम कलाकार थाने खां एवं उनकी टीम ने सूफियाना अंदाज में ॔॔दमादम मस्त कलन्दर......’’ बोल पर प्रस्तुति देते हुए पूरे माहौल को सूफी संगीत से सरोबार कर दिया। इसी टीम ने ॔॔जब देखूं बने री लाल पीली अंखियाँ..........’’ राजस्थानी गीत पेश किया।
मेवाती अंचल के भपंग वादक नरूदीन मेवाती ने ोलक की लय ताल पर ॔॔ राम नाम की भपंग वादन के साथ हास्य व्यंग से भरपूर गीत प्रस्तुत कर भरपूर मनोरंजन किया।
सांस्कृतिक संध्या में डीग भरतपुर के मशहूर लोक कलाकार अशोक शर्मा एण्ड पार्टी द्वारा ’’ब्रज की प्रसिद्ध फूलों की होली’’ एवं ॔॔मयूर नृत्य’’ की आकर्षण भरी प्रस्तुतियों से रेतीले धोरों को फागुनी मस्ती से भर दिया।
पोकरण के लोक कलाकार रेवताराम ने ॔कच्छी घोड़ी’ नृत्य पेश किया। आरंभ में लिटिल हार्ट एजुकेशन इंस्टीट्यूट, जैसलमेर के कलाकारों ने स्वागत गीत ॔॔केसरिया बालम आवो ने पधारो म्हारे देस........’’. पेश कर सभी मौजूद मेहमानों का स्वागत किया।
नाद स्वरम संगीत संस्थान, जैसलमेर के भजन गायकों ने सुमधुर भजन पेश कर जैसलमेर पर माँ शारदा की कृपा को सिद्ध कर दिखाया। इन भजन गायकों ने होरी भजन सुनाकर धोरों पर फागुनी मौजमस्ती का दरिया उमड़ा दिया।
आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक जफर काँ सिंधी एवं बीना चित्तौड़ा ने खनकती आवाज में संचालन करते हुए शेरोशायरियों और मरु महिमा के जरिये मरु महोत्सव की इस अंतिम संध्या को खूब ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया।
रंगीन नज़ारों ने मीलों तक गायी मरु महिमा
सम के धोरों पर यादगार साँस्कृतिक समारोह के बाद आतिशबाजी के रंगीन नज़ारों ने मीलों तक मरु महोत्सव की सफलता का पैगाम गुंजा दिया। शोरगरों द्वारा सम के लहरदार रेतीले धोरों पर शानदार रंगीन आतिशबाजी की गई। आसमान में छाते रहे आतिशबाजी के रंगों ने दर्शकों को मजा ला दिया। इसके उपरान्त सैलानी अगले वर्ष फिर मरु महोत्सव में शामिल होने का संकल्प ले प्रस्थित हुए।
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सम के धोरों ने गुंजाया मरु महोत्सव का पैगाम
मखमली धरा पर उतरा उत्सवी उल्लास का ज्वार
जैसलमेर, 18 फरवरी/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त मरु महोत्सव तीसरे दिन शुक्रवार को सम के धोरों पर केन्द्रित रहा जहाँ हजारों देशीविदेशी पर्यटकों और क्षेत्रवासियों की मौजूदगी में नैसर्गिक माहौल में सुरमई साँझ ने हर किसी को दिली सुकून का अहसास करा दिया।
प्रकृति की गोद में सम के रेतीले मखमली धोरों पर हुए विभिन्न कार्यक्रमों ने उल्लास का दरिया उमड़ा दिया। सम के विषम धोरों का आकर्षण देश के कोनेकोने से लेकर दुनिया के कई देशों के सैलानियों को अपनी ओर खीच लिया। सम के रेतीले धोरों पर शुक्रवार को पूरी दुनिया के सिमट आने जैसा नज़ारा दिखा। रेतीले धोरों पर उमड़े लोगों ने खूब आनंद लिया।
कैमल रेस देखने उमड़ी जनगंगा
सम के धोरों पर शुक्रवार को उमड़े हजारों सैलानियों ने ऊँटों की दौड़ का जमकर आनंद लिया। कैमल रेस में कुल 41 ऊँटों ने हिस्सा लिया। इनमें एक किलोमीटर रेस में बाद में पन्द्रह ऊँट शेष रहे जिनमें सम के सगरों की बस्ती के ऊँटों ने बाजी मारी। ऊँट दौड़ प्रतियोगिता में श्री जगमाल काँप्रथम, श्री साबू काँद्वितीय तथा श्री सुमार काँतृतीय रहे। इन्हें जिला कलक्टर श्री गिरिराजसिंह कुशवाहा तथा जिला पुलिस अधीक्षक श्री अंशुमन भोमिया ने नगद पुरस्कार, मरु महोत्सव का प्रतीक चिह्न तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
विजेताओं को दिया गया पुरस्कार
कैमल रेस के विजेताओं में प्रथम श्री जगमाल काँ को आठ हजार रुपए, द्वितीय रहे श्री साबू काँ को पांच हजार रुपए तथा तृतीय स्थान पर रहे श्री सुमार काँ को तीन हजार रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। इनके साथ ही अंतिम दौर में शामिल सभी ऊँटों के मालिकों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में पाँच सौ पाँच सौ रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया। इस आयोजन में कैमल रेस एसोसिएशन, होटल रंगमहल, पी.एस. राजावत आदि का योगदान रहा। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री बलदेवसिंह उज्ज्वल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एच.एस. मीणा, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक श्री नन्दलाल अलावदा एवं सहायक निदेशक श्री विकास पण्ड्या सहित जिलाधिकारी, सीमा सुरक्षाबल, वायुसेना तथा अन्य सैन्य अधिकारीगण, बड़ी संख्या में देशीविदेशी मेहमान और क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
शुक्रवार को सैलानियों ने सम के स्पंजिया धोरों पर च़नेउतरने और सैर करने का आनंद लिया वहीं रेगिस्तान के जहाज की सवारी का मजा लेने वालों की संख्या भी कोई कम नहीं थी। शुक्रवार शाम हल्की बूंदाबांदी का भी सैलानियों ने मजा लिया।
जैसाण में बही लोक संस्कृति की रंगीन सरिताएँ
देशदुनिया के मेहमानों ने लिया भरपूर आनंद
मनोहारी रहा विभिन्न प्रदेशों की सँस्कृति का दिग्दर्शन
जैसलमेर, 18 फरवरी/मरु महोत्सव के अन्तर्गत जैसलमेर के शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में पिछली दो संध्याओं में प्रस्तुत लोक साँस्कृतिक कार्यक्रमों ने हिन्दुस्तान के विभिन्न प्रदेशों की कलासंस्कृति और साहित्य की सरिताओं ने देशदुनिया के हजारों मेहमानों के दिलों पर खासी यादगार छाप छोड़ी।
राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सवों और समारोहों में धाक जमाने वाले मशहूर कलाकारों के समूहों ने अपनेअपने प्रदेशों की लोक संस्कृति के प्रतिनिधि कार्यक्रमों का प्रदर्शन करते हुए भारत की इन्द्रधनुषी संस्कृति का दिग्दर्शन कराते हुए भरपूर मनोरंजन किया। सर्द रात के बावजूद मनोहारी कार्यक्रमों और माधुर्य भरी प्रस्तुतियों की श्रृंखलाओं ने अलग ही उष्मा का अहसास करा दिया।
प्रदेश व देश के विभिन्न हिस्सों से आए सैलानियों, विदेशी पर्यटकों के साथ ही जैसलमेरवासियों ने दोनों ही दिन आयोजित साँस्कृतिक संध्या का पूरा लुत्फ उठाया।
इनमें गैर नृत्य (लाल आंगी), तेरहताली नृत्य, मशक वादन, भपंग वादन, कालबेलिया नृत्य, गवरी नृत्य, रासगरबा, मयूरचरकुला नृत्य, राजस्थानी नृत्यों, बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत नृत्यों, उत्तरमध्य क्षेत्रीय साँस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद से सम्बद्ध पंजाब, महाराष्ट्र, मथुरा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, उड़ीसा और राजस्थान के कलाकारों के दल ने आकर्षक वेशभूषा, मनोहारी भावभंगिमाओं और माधुर्य से सिक्त सांगीतिक कार्यक्रमों ने रसिकों को आनंदित करते हुए खूब वाहवाही लूटी।
इन कार्यक्रमों में जिला प्रशासन के अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों, देश के विभिन्न हिस्सों से आए विशिष्टजनों और हजारों की संख्या में देशीविदेशी सैलानियों ने हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में पर्यटकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अपने कैमरे में कैद किया।
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कुलधरा में पुरातन ग्राम्य जीवन से देशीविदेशी पर्यटक हुए रूबरू,
लोक कलाकारों ने गीतसंगीत और नृत्यों से मन मोहा
जैसलमेर, 18 फरवरी/ऐतिहासिक गाथाओं से भरे पालीवालों के प्राचीन परित्यक्त गाँव कुलधरा में शुक्रवार का दिन देशविदेश से आए सैलानियों के लिए आकर्षण का ख़ासा केन्द्र बना रहा।
इन सैलानियों ने कुलधरा की खण्डहर बस्तियों को देखा तथा प्राचीन भवन निर्माण और ग्राम्य लोक जीवन शैली को अपने कैमरों में कैद किया। इन सैलानियों ने पुराने मन्दिर, मकान और परिसरों को देखा तथा इनमें फोटो खिंचवाने का आनंद लिया। सैलानी कुलधरा की दूरदूर छितराए खण्डहरों में गए और पुरातन ग्राम्य जीवन शैली को करीब से देखा।
कुलधरा में स्थानीय लोक कलाकारों के समूहों ने गीतसंगीत, नृत्यों और कई मनोरंजक कार्यक्रमों के माध्यम से देशदुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से आए मेहमानों का मनोरंजन करते हुए दिल जीता। कई विदेशी और देशी मेहमानों ने इन कलाकारों के साथ नाचगान किया।