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शुक्रवार, 12 मई 2017

जैसलमेर बिछडों को मिलाने का सबसे बडा आॅपरेशन ‘‘आपरेशन मिलाप‘‘



जैसलमेर बिछडों को मिलाने का सबसे बडा आॅपरेशन ‘‘आपरेशन मिलाप‘‘
आये दिन देश, राज्य, जिला, गाॅव एवं ढाणियों मेें किसी भी कारण वंश कहीं कोई बच्चे अपने से बिछर जाते है तथा उन बच्चों द्वारा कुछ तत्तों द्वारा जबदस्ती बाल श्रम एवं भिक्षावृति करवाई जाती है। उन्हीं गुमशदा नाबालिकों की तलाश हेतु 15 मई से सम्पूर्ण भारत ‘‘आॅपरेशन मिलाप‘‘ चलाया जायेगा। इस संबंध आज दिनंाक 12.05.2017 को पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर गौरव यादव की अध्यक्षता में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आॅपरेशन मिलाप को सफल बनाने के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। उक्त बैठक में बाल कल्याण समिति जैसलमेर के अध्यक्ष ब्रज मोहन रामदेव, हिम्मतसिंह कविया, बाल अधिकारिता विभाग जैसलमेर, भवानी प्रताप चारण, श्रम विभाग जैसलमेर, महेश श्रीमाली शहर कोतवाल जैसलमेर, जेठाराम महिला थानाधिकारी जैसलमेर, रामकिशन मीणा, चाईल्ड लाईन जैसलमेर, सीडब्लूसी सदय भूरसिहं, मांगीलाल, करूणा कंवर, इन्द्रकृपा विकाश संस्था अध्यक्ष अनिल उज्जवल व संचिव छत्रसिंह व श्रीमति योगिता खत्री सदस्य किशोर न्याय बोर्ड जिले के विभिन्न थानों के बाल कल्याण अधिकारीगण व मानव तस्करी यूनिट जैसलमेर प्रभारी पुखराज उनि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने कहाॅ कि गुमशुदा/नाबालिक बच्चों की ओर नाबालिकों का बालश्रम एवं भिक्षावृति से मुुक्त करवाने के लिए पूर्व में 02 साल तक ‘‘आॅपरेशन स्माई‘‘ तथा आॅपरेश मुस्कान‘‘ चलाये गये थे जिनकी सफलता के बाद अब 15 मई से 15 जून ‘‘आॅपरेशन मिलाप‘‘ चलाया जायेगी जिसकों सफल बनाने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है तथा सभी मिलकर इस अभियान के सफल बनाने में हरसम्भव सहयोग करे साथ ही बालश्रम एवं भिक्षावृति में लिप्त बच्चों को मुक्त करवाकर उनके परिजनों को सुपूर्द करवावे।

इस अवसर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बताया गया कि पालनहार योजना के तहत बिना माॅ-बाप की संतान विधवा माता की अधिकतम 03 संतान विशेष योग्यजन (विकलांग) के सभी बच्चे कुष्ठ रोग परिवार के सभी बच्चे जिनकी उम्र 0-5 वर्ष के बच्चों 500 रूपये प्रतिमाह, 06-18 वर्ष तक के 1000 रूपये प्रति बालक को दिये जायेगे। शर्त यह है कि 0 से 05 वर्ष तक आगणवाडी व स्कूल तथा 06 से उपर स्कूूल अनिवार्य है तथा इसी क्रम में श्रम विभाग द्वारा बताया गया कि कक्षा 06 से आगे पढने वाले बच्चे के पिता श्रमिक है उस परिवार के पास श्रम कार्ड बना हुआ है तो उसको 08 से 25 हजार रूपये तक की छात्रवृति मिलेगी। श्रमिक की पत्नी को प्रसुति में 21 हजार रूपये बच्ची होने व 20 हजार बच्चा होने पर दिये जायेगे। श्रमिक की 8 वी पास बच्ची को शुभ शक्ति योजना के तहत 55 हजार रूपये राशि दी जावेगी। श्रमिक की मृत्यु सामान्य पर 2 लाख, दूर्घटना पर 03 लाख तथा विकलांग होने 20 हजार से 3 लाख रूपये दी जावेगी।