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मंगलवार, 29 जुलाई 2014

बाड़मेर में बनेगा महात्मा ईसर दास का भव्य स्मारक

मरुधरा के महान संत ईसरदास की पावन जन्म धरा पर आकर मिला सुकून:लखावत

-महात्मा ईसरदास की 556 वीं जयंती पर भक्तिमय हुआ भादरेश
-राजस्थान के अलावा गुजरात सहित विभिन्न प्रांतों से आए भक्तों ने लगाई धोक
-बाड़मेर में बनेगा महात्मा ईसर दास का भव्य स्मारक
राजस्थान सदियो से वीरो की धरती के रूप मे जाना जाता है। उसके साथ पश्चिमी राजस्थान देवताओ के लिए विख्यात है इस धरती मे कई देवियो ने जन्म लिया उसके साथ इस क्षेत्र मे ऐसे कवि हुए जिन्हे साक्षात भगवान भी प्रश्न होकर अपना दर्शन देते थे। ऐसे ही एक महान कवि व संत हुए महात्मा ईसरदास जिनके कई ग्रंथ आज भी देश मे प्रच्चलित है। मंगलवार को उनकी जन्म भुमि भादरेश गांव मे 556 वीं जयंती समारोह धुमधाम से मनाया गया । मंदिर में आयोजित जन्मोत्सव समारोह के भक्तिमय में माहौल में भक्तो का उत्साह नजर आया। सुबह भगवती आई श्री लक्ष्मी माँ के सानिध्य में हवन के साथ कार्यक्रम के आगाज के बाद दिनभर पूजा अर्चना का दौर जारी रहा। राजस्थान के अलावा गुजरात सहित विभिन्न प्रांतों से आए भक्तों ने धोक लगाकर मन्नते मांगी। मुख्य अतिथि राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष औंकारसिंह लखावत ने कहा मरुधरा के महान संत ईसरदास की पावन जन्म धरा पर आकर सुकून मिला। भादरेस की धरा धन्य है। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री की अध्यक्षता मे हुई राजस्थान धरोहर सरक्षंण एंव प्रोन्नति प्राधिकरण की पहली बैठक मे बाड़मेर से महात्मा ईसरदास के लिए (पेनोरमा) दर्शनीय स्थल बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया है जिसको जल्द ही मुर्त रूप दिया जायेगा। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि महात्मा ईसरदास के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है। और विधायक ने महात्मा ईसरदास मंदिर के लिए विधायक कोटे से दस लाख रूपए देने की भी घोषणा की जिसके बाद भादरेश गांव के ग्रामीणो ने विधायक का आभार जताया। सौराष्ट्र विश्व विद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ.अम्बादान रोहडि़या ने सम्बोधित करते हुए कहा की भादरेश गांव मे इस महान संत के जीवन परिचय को जीवित रखने के लिए जिस तरह का आयोजन हुआ है वो तारीफ ए काबिल है महात्मा ईसरदास न केवल पश्चिमी राजस्थान मे पूजे जाते है बल्कि इन्हे गुजरात मे भगवान की तरह पूजा जाता है। क्योकि सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतिक की छवि होने के कारण हिन्दूओ के साथ मुस्लिम भी इन्हे देवता मानते है। कार्यक्रम मे विधायक मेवाराम जैन,आयकर आयुक्त करणीदान देथा,डॉ.गुलाबसिंह,सौराष्ट्र वि·ाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ.अम्बादान रोहडि़या,मुरारदान गुंगा,अक्षयदान बारहठ,भीखदान,प्रेमदान देथा सहित बड़ी संख्या मे गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अमर दान लालसा ने किया।