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शुक्रवार, 9 जून 2017

foto पर्यटन परिक्रमा। ..प्राकृतिक खूबसूरती से सरोबार पहाड़ो की रानी शिमला













पर्यटन परिक्रमा। ..प्राकृतिक खूबसूरती से सरोबार पहाड़ो की रानी शिमला 

हिमाचल के प्राकृतिक सौंदर्य का जितना वर्णन किया जाए बहुत कम होगा। देवभूमि हिमाचल जहां धर्म और आस्था से परिपूर्ण है वहीं प्राकृतिक सौंदर्य का अलौकिक रूप भी है। आईए हम आपको प्रकृति की अलौकिक छटा और देवभूमि हिमाचल की राजधानी शिमला से रूबरू करवाएं। शिमला को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है और यह हिमाचल प्रदेश की राजधानी भी है




सुंदर घाटियों और पहाड़ियों से घिरा शिमला  प्रकृति का एक अद्भुत उपहार है। यह शहर भारत देश का प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो ब्रिटिश काल की ग्रीष्मकालीन राजधानी होने का ताज पहने हुए है। यहाँ आकर और इसके सौन्दर्य को करीब से देखकर, अनुमान लगाया जा सकता है कि क्यों अंग्रेजों का दिल इस शहर पर आया था।


लम्बी सड़कें, घुमावदार रोड, हरे-भरे पहाड़, निर्मल झरने, शांत झीलें, ऊंचीं चोटियाँ और यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित की गयी कालका-शिमला टॉय ट्रेन (Kalka-Shimla Toy Train) का सफ़र, प्रकृति के ऐसे ही कई खूबसूरत रंगों से सजा है शिमला, जो पर्यटकों को कभी न भूलने वाली यादें देता है।


वातावरण को प्रदुषण मुक्त रखने के लिए शहर के मध्य में गाड़ियों के आने-जाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है लेकिन बिना गाड़ियों के सुंदर वादियों के बीच, पहाड़ों को निहारते हुए चलना ही आपको सुकून से भर देता है। शहर के केंद्र में स्थित स्कैंडल पॉइंट (Scandal Point) के सामने खुला भाग रिज (The Ridge) है, जोकि पूर्व में क्राइस्ट चर्च तक फैला है। यहीं शहर के पारंपरिक उत्सव और कार्यक्रम होते हैं। सर्दियों में सफ़ेद बर्फ की चादर, शिमला को और भी आकर्षित और मनोरम बना देती है।


इस शहर के नाम की उत्पत्ति को लेकर कई मान्यताएं हैं उनमें से एक के अनुसार, "शिमला" नाम माँ काली के अवतार "श्यामला" से प्रेरित है जिसका अर्थ है "नीली औरत"। माँ काली का मंदिर जाखू पहाड़ी पर स्थित था जिसे अंग्रेजों ने वर्तमान में काली बाड़ी मंदिर में स्थानांतरित कर दिया था।

सन् 1819 में लेफ्टिनेंट रोस ने यहाँ एक लकड़ी का कॉटेज बनवाया था और 1821 में मेजर कैनेडी ने यहाँ एक आलीशान कोठी का निर्माण करवाया। सन् 1829 में लॉर्ड एम्ह्सर्ट के बाद से यहाँ यूरोपीय बसने शुरू हो गये थे। आज़ादी के बाद शिमला पंजाब की राजधानी बना और बाद में यह हिमाचल प्रदेश की राजधानी बन गया।


शिमला मे घूमने के लिए प्रमुख स्थल –

रिज- शिमला के बिलकुल बीच में रिज़ है जहा से पहाड़ की चोटियों का सुंदर दृश्य दीखता है | शिमला रिज़ एक खुली जगह है जो पूर्व से पश्चिम तक फ़ैली हुयी विशाल जगह है | यह पश्चिम में स्केंडल पॉइंट को जोडती है | अगर आपको पहाड़ देखना पसंद है तो ये शिमला की सबसे सुंदर जगह है | बादलो से घिरे पहाड़ आपको मोहित कर देंगे |


जाखू मंदिर – जाखू मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह प्रसिद्ध मंदिर ‘जाखू पहाड़ी’ पर स्थित है। भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान को समर्पित यह मंदिर हिन्दू आस्था का मुख्य केंद्र है। रिज पर बने चर्च के पास से पैदल मार्ग के अलावा मंदिर तक जाने के लिए पोनी या टैक्सी द्वारा भी पहुंचा जा सकता है।


मॉल रोड - यह शिमला का मुख्य शापिंग सेंटर है। अच्छे रेस्तरां हैं। यह स्थान पुराने ब्रिटिश थियेटर का ही रूप है। अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। कार्ट रोड से माल के लिए लिफ्ट से जाया जा सकता हैं।


इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज़- इसका निर्माण वायसराय लॉर्ड डफरिन के आवास हेतु किया गया था, किन्तु अब इसका उपयोग इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज़ के लिए किया जाता है। इसके टैरेस से सूर्यास्त और सूर्योदय का शानदार नज़ारा देखना न भूलें।


तारादेवी शिमला- कालका सड़क मार्ग पर यह पवित्र स्थान के लिए रेल, बस और कार सेवा उपलब्ध है। स्टेशन/सड़क से पैदल अथवा जीप/टैक्सी द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है।


नारकंडा- हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग पर स्थित नारकंडा से बर्फ से ढकी पर्वत-श्रंखला केसुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं। देवदार के जंगलों से घिरा ऊपर की ओर जाता मार्ग हाटु चोटी (8 कि.मी.) तक जाता है। हाटु माता का प्राचीन मंदिर पर स्कीइंग करने वालों की भीड़ रहती है। सर्दियों में यहां शार्ट स्कीइंग कोर्स आयोजित किए जाते हैं।


समर हिल- शिमला-रेलवे लाइन पर, समुद्र तल से 1283 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। आगंतुक इस खूबसूरत जगह के शांत वातावरण में एक प्रकृति वॉक ले सकते हैं। ‘मैनोर्विल हवेली’ और ‘हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय’ इस पहाड़ी पर स्थित हैं।


संकट मोचन मंदिर शिमला – कालका-शिमला राजमार्ग पर समुद्र तल से ऊपर 1975 मीटर की ऊंचाई पर है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, और यह शिमला टाउन और शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला के सम्मोहित कर देने वाले मनोरम दृश्यों को प्रदर्शित करता है।


हम आपको बता देते हैं कि शिमला कैसे पहुंचा जा सकता है

हवाई मार्ग – शिमला का नजदीकी डोमेस्टिक एयरपोर्ट शिमला है और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है जहाँ से बस या टैक्सी द्वारा शहर पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग – नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका और शिमला के बीच में 806 ब्रिज और 103 टनल बनाये गए हैं जो ब्रिटिश इंजिनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है, जिसे “पूर्वी ब्रिटिश आभूषण (British Jewel of the Orient)” कहा जाता है। कालका से लगभग 6 घंटे में शिमला पहुंचा जा सकता है, कालका देश के अनेक रेलवे मार्गो से जुडा हुआ है। शिमला और कालका के बीच में आने जाने के लिए टॉय ट्रेन से सफ़र करने का अपना अलग ही मजा है।

कालका से शिमला के बीच के स्टेशन-

1. कालका 2. टकसाल 3. गुम्मन 4. कोटी 5. जाबली 6. सनवारा 7. धर्मपुर 8.कुमारहट्टी 9. बड़ोग 10.सोलन 11. सोलन ब्रूरी 12. सलोगड़ा 13. कंडाघाट 14.कनोह 15. कैथलीघाट 16. शोधी 17. तारादेवी 18. जतोग 19. समरहिल 20. शिमला




सड़क मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 22 शिमला और चंडीगढ़ को जोड़ता है इसके अलावा राज्य के अन्य शहरों से बस या टैक्सी द्वारा भी शिमला पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से शिमला के लिए सरकारी और निजी बस सेवाएँ चलती हैं, पर्यटक प्राइवेट टैक्सी से भी शहर आसानी से पहुँच सकते हैं।