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शनिवार, 18 मार्च 2017

बाड़मेर जब दनदनाती थार एक्सप्रेस के सामने आ गई जीप

बाड़मेर जब दनदनाती थार एक्सप्रेस के सामने आ गई जीप
भारत-पाकिस्तान के बीच संचालित होने वाली थार एक्सप्रेस आज तड़के लोको पायलेट्स की सजगता के कारण हादसे का शिकार होने से बच गई। जोधपुर से देर रात रवाना हुई थार एक्सप्रेस दनदनाती हुई मुनाबाव की तरफ बढ़ रही थी कि कवास और उत्तरलाई के बीच एक लेवल क्रॉसिंग पर लोको पायलेट ने कुछ अवरोध देख आपात ब्रेक लगा दिए। इस क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच एक जीप फंस हुई थी। लोको पायलेट्स ने दिखाई सजगता...


जानिये क्या हुआ जब दनदनाती थार एक्सप्रेस के सामने आ गई जीप

- भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस रात एक बजे जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगत की कोठी से रवाना हुई। यह रेल रास्ते में बगैर रुके सीधे भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव जाती है।

- जोधपुर से मुनाबाव के बीच कोई ठहराव नहीं होने के कारण 302 यात्रियों को लेकर थार एक्सप्रेस तेज गति के साथ आगे बढ़ रही थी। इस बीच कवास से थोड़ा अागे निकलने पर लोको पायलेट पूनमचंद और सहायक लोको पायलेट हीरालाल को पटरियों पर कुछ अवरोध नजर आया।

- लोको पायलेट ने तुरंत आपात ब्रेक लगा थार एक्सप्रेस की गति को कम करते हुए रोक दिया। थार एक्सप्रेस लेवल क्रॉसिंग पर पटरियों के बीच में खड़ी एक जीप के बिलकुल निकट जाकर ठहरी।

- यदि लोको पायलेट्स सजगता नहीं दिखाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। यह क्रॉसिंग पार करते समय पटरियों के बीच पहुंच जीप खराब हो गई और वहीं अटक गई। बाद में लोको पायलेट की मदद से जीप को धक्के लगा पटरियों से हटाया गया। करीब पंद्रह मिनट तक वहां ठहरने के पश्चात थार एक्सप्रेस मुनाबाव के लिए रवाना हो पाई।

गुरुवार, 31 जुलाई 2014

बाड़मेर सुरक्ष एजेंसियों की आँखों में पड़ी धुल। थार एक्सप्रेस से छत्तीस करोड की हेरोइन हो गयी पार


बाड़मेर सुरक्ष एजेंसियों की आँखों में पड़ी धुल। थार एक्सप्रेस से छत्तीस करोड की हेरोइन हो गयी पार

बाड़मेर भारत पाकिस्तान के मध्य संचालित थर एक्सप्रेस से गत सप्ताह छत्तीस किलोग्राम निशिला पदार्थ हेरोइन बाड़मेर से पार हो गयी जबकि मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर आधा दर्जन से अधिक सुरक्ष और ख़ुफ़िया एजेंसिया तैनात हैं ,ड्रैग माफियो ने इनकी आँखों में धुल झोंकर छत्तीस किलोग्राम हेरोइन पर कर ले जिस दिल्ली पुलिस की स्पेसल शेल ने पकड़ा तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।


अफगानी ड्रग्स माफिया थार एक्सप्रेस के जरिये पाकिस्तान के रास्ते भारत में हेरोइन की तस्करी कर रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चप्पलों के तले में छिपाकर भेजी गई 36 किलोग्राम हेरोइन बरामद कर अफगानी महिला व उसके सहयोगी समेत छह ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोहम्मद, जमीर उर्फ डॉक्टर, सलीम खान, बाबा फकरुद्दीन, चांदबाशा तथा साकिबा के रूप में हुई है। गिरोह के तार दिल्ली से दक्षिण भारत तक फैले हैं।

स्पेशल सेल के अनुसार मोहम्मद और साकिबा अफगानिस्तान के रहने वाले हैं। वर्ष 2010 में पति की बम धमाके में मौत के बाद साकिबा भारत में आकर रहने लगी थी। यहां वह दुभाषिये का काम करती है, जबकि मोहम्मद का काबुल में कपड़ों का कारोबार है। इस सिलसिले में अक्सर वह दिल्ली में ही रहता है। बाद में उसने ड्रग्स तस्करी का धंधा शुरू कर दिया था। इसमें उसने जामा मस्जिद इलाके के हींग तथा मसाला कारोबारी सलीम को अपने साथ मिला लिया था। सलीम अपने गुर्गे जमीर की मदद से हेरोइन की खेप सप्लाई करता था।

स्पेशल सेल उपायुक्त संजीव यादव की टीम ने 26 जुलाई को भीकाजी कामा प्लेस के समीप फकरुद्दीन तथा जमीर को पकड़ा तब इस गिरोह का खुलासा हुआ। जमीर ने बताया कि वह सलीम के लिए काम करता है। उसके कहने पर ही वह फकरुद्दीन को 8.2 किलोग्राम हेरोइन की खेप देने पहुंचा था। इसके बाद पुलिस ने सलीम के यहां छापा मारकर 20 किलोग्राम हेरोइन बरामद की। सलीम से पूछताछ के बाद साकिबा व मोहम्मद को दबोचा गया। दोनों से आठ किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई। आंध्र प्रदेश निवासी फकरुद्दीन ने बताया कि उसे ड्रग्स की खेप लेने चांदबाशा ने भेजा था। उसके लिए वह कैरियर का काम करता है। इसके बाद जयपुर से चांदबाशा को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों से बरामद हेरोइन थार एक्सप्रेस के जरिये दिल्ली पहुंची थी। रास्ते में किसी को शक न हो इसलिए चप्पलों के तले में छिपाकर लाया गया था।

महज प्यादे हैं सभी आरोपी

स्पेशल सेल अधिकारियों की मानें तो धरे गए आरोपी ड्रग्स तस्करी के धंधे में प्यादे भर हैं। असली कमान तो अफगानिस्तान व दक्षिण भारत में बैठे सरगनाओं के हाथ है। पूछताछ में मोहम्मद ने बताया कि उसको फोन पर बताया जाता था कि थार एक्सप्रेस से माल पहुंचने वाला है। इसके बाद उसे यह भी बताया जाता कि डिलीवरी किसको देनी है। सीमांध्र का रहने वाला चांदबाशा ड्रग्स तस्करों के दक्षिण भारतीय नेटवर्क का हिस्सा है। उसे भी इसके लिए निर्देश मिलते थे कि कब कहां से खेप को उठाना है। काम में बढ़ते खतरे को देखकर उसने साड़ियां बेचने वाल फकरुद्दीन को साथ में रख लिया था। चांदबाशा वर्ष 1985 में आईटीआई से डिप्लोमा कर चुका है। कई कारोबार करने के बाद सफलता नहीं मिली तो उसने ड्रग्स तस्करी का धंधा पकड़ लिया था।

हेरोइन का स्थानीय सप्लायर है सलीम

जाकिर हुसैन कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर चुका सलीम बल्लीमारान में हींग का कारोबार करता है। वह मोहम्मद से हेरोइन हासिल करके उसे जमीर की मदद से आगे सप्लाई करता था। जमीर भी तुर्कमान गेट इलाके में शीतल पेय का काम करता है।

रविवार, 9 फ़रवरी 2014

बड़ी खबर। …… तालिबान , सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को खदेड़ रहे भारत, थार एक्सप्रेस बनी जरिया



बड़ी खबर। …… तालिबान , सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को  खदेड़ रहे भारत, थार एक्सप्रेस बनी जरिया


चन्दन सिंह भाटी

बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले के ठीक सामने स्थित पाकिस्तान की सीमा पर बसे सिंध प्रान्त से हिन्दुओ का पलायन जारी हें। सिंध प्रान्त के कई हिन्दू बाहुल्य गाँव आज हिन्दू विहीन हो गए वाही कई गाँवों के लोग पलायन कि तयारी में जूट हें। सिंध प्रान्त से हिन्दुओ को खदेड़ने में पाकिस्तान सरकार और तालिबानी अपने मकसद में कामयाब हो रहे हें। साथ ही सिंध प्रान्त से हिन्दुओ के पलायन के प्रथम चरण के बाद पश्चिमी राजस्थान कि सीमा पर तालिबान और आई एस आई अपनी गतिविधिया ना केवल बढ़ने वाले हें बल्कि इस सरहद को भारत विरोधी गतिविधियो का केंद्र बनाने कि योजना हें


खुफिया विभाग के सूत्रो ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि आम तौर पर बाड़मेर जिले कि सरहद मुनाबाव से पाकिस्तान के खोखरापार के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान से आने वाले जज़ारो परिवार भारत आकर बस गए वो पाकिस्तान नहीं लौट रहे। यह सभी पाक नागरिक सिंध प्रान्त के हें इनमे से अधिकांस रहिमयारखां जिले के हिन्दू हें। सूत्रानुसार पाकिस्तान सरकार सिंध प्रान्त कि आज़ादी के लिए जिए सिंध और एम् क्यों एम् द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन को कुचलने के लिए तालिबान और आई एएस आई कि मदद से सिंध प्रान्त से सोची समझी रणनीति के तहत हिन्दू विहीन करने में जूट हें ,इस योजना में पाकिस्तान कामयाब हो रहा हें वाही भारत सरकार पाकिस्तान के मंसूबो को समझने में नाकाम रही हें। भारत सरकार पाकिस्तान से पलायन कर आ रहे हिन्दुओ को पनाह दे रही हें ,


सुरक्षा एजेंसियो कि माने तो गत दो सालो में थार एक्सप्रेस से कोई पेंतालीस हज़ार यात्री भारत आये जिसमे से करीब छह हज़ार हिन्दू पाक नागरिक वापस पाकिस्तान नहीं लौटे। पाकिस्तान से तअलीबर और आई एस आई के सताए हिन्दू परिवार वापस लौटना नहीं चाहते। जिसके चलते हिन्दू परिवार पश्चिमी राजस्थान में स्थायी रूप से बस गए ,बाड़मेर जिले में कोई सेकड़ो परिवार पिछले चार सालो में आकर पाक हिन्दू परिवार अवैध रूप से बस गए हें। इन लोगो ने यहाँ आकर अपने वोटर आई कार्ड और राशन कार्ड तक बना लिए।


तालिबानी लडके येन केन प्रकरण सिंध प्रान्त को हिन्दुओ से मुक्त करना चाहते हें। क्यूंकि उनके मूवमेंट में हिन्दू बाधक बन रहे हें। तालिबान से सोची समझी रणनीति के तहत सिंध से हिन्दुओ को खदेड़ भारत भेजना शुरू कर दिया। सिंध प्रान्त के सांगड तालुका से अधिकांस हिन्दू परिवार अपना सब कुछ छोड़ कर भारत आ चुके हें। थार एक्सप्रेस के प्रत्येक फेरे में पाकिस्तान से पलायन कर भारत आने वाले हिन्दू परिवारो का सिलसिला जारी हें।


खुफिया एजेंसियो का मानना हें कि भारत सरकार को हिन्दुओ के इस पलायन को गम्भीरता से लेना चाहिए। हिन्दू सिंध में हें तब तक पश्चिमी राजस्थान कि सरहद तालिबानियों से सुरक्षित हें। सिंध हिन्दू विहीन हो गया तो तालिबान अपने नापाक इरादो में कामयाब हो जायेगा। आने वाले दस सालो में तालिबान कि भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बिंदु पश्चिमी राजस्थान कि सरहद होगी।

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सोमवार, 13 जनवरी 2014

नकली नोट ले जा रहे थार यात्री को पकड़ा


नकली नोट ले जा रहे थार यात्री को पकड़ा



बाड़मेर भारत-पाक के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस के एक यात्री को नकली नोट के साथ मुनाबाव में गिरफ्तार किया। जीआरपी पुलिस गिरफ्तार युवक से पूछताछ में जुटी है।

जीआरपी के अनुसार शनिवार को पाक के कराची से भारत लौट रहे पोरबंदर(गुजरात) निवासी एमडी रहमान रफीक खोखर के कब्जे से एक हजार के चार नकली नोट मिले। खोखर के साथ उसकी मां बसरा, पत्नी आरिफा, बेटा आमिर एवं बेटी माहिन भी यात्रा कर रहे थे। मुनाबाव स्टेशन पर जोधपुर के लिए टिकट लेने के दौरान युवक के पास नकली नोट पकड़ में आए। इससे पहले इमिग्रेशन व कस्टम जांच में युवक नकली नोट से बच निकला। ऐसे में जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठने लगे है। इस पहले भी नकली नोट जोधपुर तक पहुंचने का मामला प्रकाश में आया था। खोखर इससे पहले भी दो बार पाक की यात्रा कर चुका है।

सोमवार, 19 अगस्त 2013

बाड़मेर सीमा पर पाक नागरिक की सेवा कर मानवता का परिचय दिया भारतियों ने


फिर भी दिल हें हिंदुस्तानी। ।घर में आये दुश्मन को भी पनाह 

पाक नागरिक की सेवा कर मानवता का परिचय दिया भारतियों ने
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर सीमा पर आये दिन भले ही पाकिस्तान अपनी घटिया हरकतों से बाज़ नहीं आये और वो भारत के जवानो को बेदर्दी से मारता हो लेकिन भारत की और से पाकिस्तान के नागरिको को मानवीयता के नाते हर तकलीफ से साथ रह कर उन्हें सहूलियत देने का प्रयास कर रहा हैं. भारत की दयालुता का उदाहरण देखने को मिला। आप यकीन मानिए कि अब्दुल वाहिद का कहना है कि इस तकलीफ की घड़ी में जो भारत के अधिकारिए ने मेरी जो खिदमत और ख्याल रखा है उसे में अब पूरी जिन्दगी नहीं भूल सकता हु

इस वक्त सीमा पर तनाव है दोनों मुल्क के रिश्ते दिनों ब दिन बिगड़ते जा रहे है लेकिन जो कुछ रविवार को मुनाबाव अंतराष्टीय स्टेशन पर हुआ उसे सुनकर और देखकर शायद पाकिस्तान को अपने आप पर शर्म आ जाए वो सेनिको के सर काटने जेसी घटनाओ को दुबारा न करे भारत पाक सीमा पर स्थित मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर थार एक्सप्रेस से भारत आ रहे एक पाकिस्तानी नागरिक की तबियत बेहद खराब हो गई और उसको सीने में जबरदस्त दर्द के चलते मानवीयता के नाते भारत सरकार ने मुनाबाव से बाड़मेर अस्पताल भिजवाया जबकि नियम के मुताबिक थार एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले हर नागरिक को जोधपुर जाना पड़ता हैं और वो बीच में कहीं पर भी नहीं उतर सकता। पाकिस्तान के इस नागरिक को बाड़मेर अस्पताल में आईसीयू वार्ड में गम्भीर अवस्था के चलते भर्ती करवाया गया हैं. 

इस पाक नागरिक का नाम अब्दुल वाहिद पुत्र जहूर अहमद निवासी गुल बहार कराची हैं. इसके साथ उसकी पत्नी हुस्ना बानो , पुत्र मुहम्मद हसनैन, मुहम्मद कुनैन साथ थे जिनमे उसकी पत्नी को जोधपुर भिजवाया गया हैं जबकि दोनों पुत्रो को बाड़मेर साथ ले आया गया हैं. मुनाबाव में इसको प्राथमिक उपचार दे दिया गया था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. ऐसे में इस पाकिस्तानी नागरिक को बाड़मेर लाया गया.मुनाबाव में ही इस पाकिस्तानी नागरिक को एम्बुलैंस की सुविधा मय चिकित्सक उपलब्द्ध करवाई गई.इस पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल वाहिद के अनुसार जब वो पकिस्तान से बेठे तो सब ठीक था लेकिन गर्मी की वजह से अचनाक ही मुनाबाव ने हार्ड दर्द करने लग गया जब मेने मुनाबाव में भारत के अधिकारियो को बताया तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को बाड़मेर के बड़े अस्पताल में मेरा इलाज शरू कराया अब मेरी तबियत एक दम सही है में जयपुर में अपने रिस्तेदारे से मिलने परिवार के साथ आया हु मेरी इन अधिकारियो ने जो खिदमत की है वो यकीनन काबिले तारीफ है इस बात को कभी भूल नहीं पाउगा बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं भारत की और से दी गई हैं और निशुल्क एम्बुलैंस उसको जोधपुर तक छोड़ कर आएगी ये भी वो नहीं भूल सकता।
 
 अचनाक ही मुनाबाव ने हार्ड दर्द करने लग गया जब मेने मुनाबाव में भारत के अधिकारियो को बताया तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को बाड़मेर के बड़े अस्पताल में मेरा इलाज शरू कराया अब मेरी तबियत एक दम सही है में जयपुर में अपने रिस्तेदारे से मिलने परिवार के साथ आया हु मेरी इन अधिकारियो ने जो खिदमत की है वो यकीनन काबिले तारीफ है इस बात को कभी भूल नहीं पाउगा
भारत के कई अधिकारी और जवान पूरी रात इस पाकिस्तानी नागरिक को अच्छी चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए अस्पताल में बैठे रहे. सीआईडी सीबी के सब इन्स्पेटर दलपत सिंह चौधरी के अनुसार उन्होंने मानवीयता के नाते हर सुविधा पाकिस्तानी नागरिक को उपलब्ध करवाई हैं और इस नागरिक के स्वास्थ्य में काफी सुधर हुआ हैं.अब इससे जोधपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए नि :शुल्क एम्बुलैंस में जोधपुर भेजा जा रहा है

उन्होंने मानवीयता के नाते हर सुविधा पाकिस्तानी नागरिक को उपलब्ध करवाई हैं और इस नागरिक के स्वास्थ्य में काफी सुधर हुआ हैं.अब इससे जोधपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए नि :शुल्क एम्बुलैंस में जोधपुर भेजा जा रहा है

शायद यह मानवीयता है जो भारत को पकिस्तान को जुदा बनाती है एक तरफ तो हम मानवीयता के नाते इंसान कोई फर्क नहीं समझते है और तकलीफ में हम पाकिस्तानी नागरिक की भी नियमो के विरुद्ध जाकर मदद करते है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है जो कि मानवीयता की सारी हदे पार कर हमारे जाबाज जवानो के सर काट कर ले जाता है और शर्म तक नहीं आती पाकिस्तान को बहरहाल जो भी हो शायद इसलिए कहते है इट्स हैपन ओनली इन इंडिया

रविवार, 5 अगस्त 2012

पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस से पहुंची बंगलादेशी महिला को वापस भेजा

पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस से पहुंची बंगलादेशी महिला को वापस भेजा

बाड़मेर भारत पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस से भारत से पकिस्तान खोखरापार प्लेटफार्म पर पहुंची बंगलादेशी महिला को वापस बाड़मेर मुनाबाव भेज दिया .सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया की बंगलादेश के नारायणगंज निवासी एक महिला निशा जोधपुर से थार लिंक एक्सप्रेस में पकिस्तान जाने के लिए रवाना हुई .मुनाबाव में आव्रजन जांच के बाद उसे पकिस्तान भेज दिया लेकिन पाकिस्तान के खोखरापार रेलवे स्टेशन पर पाक इमिग्रेसन जांच में पता चला की महिला का वीजा एवम पासपोर्ट हवाई यात्रा का हें .लिहाजा निशा को पकिस्तान की आगे की यात्रा को रोक उसे वापस मुनाबाव भारत लाकर सुपुर्द किया गया .सूत्रों ने बताया की महिला को हवाई मार्ग से ढाका भेजा जाएगा इस महिला के पास भारत पकिस्तान दोनों स्थानों का वीजा मौजूद था .वह अजमेर दरगाह पर जियारत करने आई थी .अजमेर में उसे किसी ने बताया की वह थार एक्सप्रेस से पकिस्तान जा सकती हें ,निशा की एक बहन पकिस्तान रहती हें .मुनाबाव में जांच पर उठे सवाल ...निशा का वीजा हवाई यात्रा का होने के बावजूद उसे आव्रजन विभाग ने रोकने की बजे क्लीन चिट देकर पकिस्तान भेज दिया जबकि उसे मुनाबाव में ही रोका जा सकता था .आव्रजन विभाग द्वारा थार एक्सप्रेस के यात्रियों की जांच की जाती हें ,मगर इस केश के बाद एक बार फिर आव्रजन जांच पर सवाल उठ खड़े हुए हें