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शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

गाजी फ़क़ीर हिस्ट्रीशीट प्रकरण के डैमेज कंट्रोल के लिए पोकरण आ रहे हें मुख्यमंत्री ?


गाजी फ़क़ीर हिस्ट्रीशीट प्रकरण के डैमेज कंट्रोल के लिए पोकरण आ रहे हें मुख्यमंत्री ?



जैसलमेर में हल ही के दिनों में मुस्लिम धर्म गुरु गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी द्वारा खोले जाने तथा उसके बाद पंकज के तबादले के चलते जैसलमेर देश भर की सुर्ख़ियों में रहा था। एक पुलिस ऑफिसर द्वारा गाजी फ़क़ीर के पोकरण विधायक पुत्र साले मोहम्मद पर पाकिस्तान की जासूसी करने वाले शक्श को अपने पेट्रोल पम्प पर नौकरी देने का गंभीर आरोप लगाया साथ ही उनके सियासी ताल्लुकातो का जबरदस्त खुलासा किया था ,गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट खुलने के तुरंत बाद पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी की नॉन फिल्ड पोस्टिंग खासी चर्चा में रही। पुलिस द्वारा सनसनीखेज खुलासे के बाद जैसलमेर पोकरण की सियासत में भूकंप सा आ गया। साले मोहम्मद और उनके जिला प्र्रमुख भाई अब्दुल्लाह फ़क़ीर को उनके विरोधी कांग्रेसी गुट की कारस्तानी अछि तरह समझ में आ गयी। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्याम बयान दिया था की गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश राज्य सरकार ने स्वयं दिए थे। इसके बाद फ़क़ीर परिवार को मुस्लिमो के अलावा एनी समाजो में राजनितिक नुक्सान हुआ। उनकी छवि को ठेस भी लगी ,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो दिवसीय दौरे पर एक सितम्बर को पोकरण पहुँच रहे हें। पोकरण जैसी छोटी जगह पर मुख्यमंत्री दो दिन तक रहे यह राजनितिक गलियारों में चर्चा का विषय हें। राजनितिक हलको में चर्चा हें की पुलिस द्वारा गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट खुलने के प्रकरण के बाद हुए राजनितिक नुक्सान की भरपाई करने तथा फ़क़ीर परिवार के राजनितिक रुतबे को बरकरार रखने के उद्देश्य से दप दिन की पोकरण यात्रा पर मुख्यमंत्री आ रहे हें .इसी साल होने वाले चुनावो में मुस्लिमो की नाराजगी का दर अशोक गहलोत को सताने लग गया हें। गहलोत इस वक्त कोई राजनितिक रिस्क लेना नहीं चाहते। फ़क़ीर परिवार को नाराज करने का मतलब बाड़मेर जैसलमेर की कम से कम तीन सीटे गंवाना। देखना यह हें की गहलोत पोकरण दौरे में हिस्ट्रीशीटर गाजी फ़क़ीर से मिलने जाते हें या नहीं।

रविवार, 11 अगस्त 2013

गाजी फ़क़ीर प्रकरण पर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने तोड़ी चुप्पी

गाजी फ़क़ीर प्रकरण पर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने तोड़ी चुप्पी 



पोकरण. एसपी पंकज चौधरी के तबादले पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को लेकर शनिवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुप्पी तोड़ी। भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शैतानसिंह राठौड़ ने प्रेस वार्ता में बताया कि कांग्रेस सरकार में अशोक गहलोत व गाजी फकीर के बीच चल रही अनबन के कारण ही एसपी के माध्यम से गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोली गई। जिसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीतिक मोड़ देते हुए भाजपा पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिस्ट्रीशीटर गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट को कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने दबाव देकर बीच में बंद करवा दिया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री के दबाव के कारण यह हिस्ट्रीशीट को पुन: खोला गया। उन्होंने कहा कि आपसी राजनीति में एसपी का तबादला करने के कारण आम नागरिक दुखी है। हिस्ट्रीशीट के साथ ही गाजी फकीर पर अन्य आरोपों के कारण यह सीमावर्ती क्षेत्र के साथ-साथ जिले व राष्ट्र के लिए घातक है। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता जुगलकिशोर व्यास ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक शाले मोहम्मद के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज है। जिसमें निश्चित रूप से विधायक की गिरफ्तारी की जाएगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो इस संबंध में उचित कदम उठाएगी। उन्होंने विधायक व उनके परिवार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि देश का सबसे बड़ा परीक्षण आयरन फिस्ट में विधायक के परिवार के साथ पाक जासूस सुमार खां भी शामिल था। उसके गिरफ्तार होने पर उसके द्वारा अपने बयान में स्पष्ट कहा कि उसे राजनीतिक जनप्रतिनिधियों का संरक्षण है। इन बयानों के बाद भी सरकार द्वारा किसी प्रकार की कोई न तो जांच करवाई है और न ही कार्रवाई की गई है।

शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

खुलासा--कांग्रेस्सियों के एक गुट ने ही साले मोहम्मद की बढाती ताक़त को रोकने की कवायद की

जैसलमेर कांग्रेस की जिला गुटबाजी


खुलासा--कांग्रेस्सियों के एक गुट ने ही साले मोहम्मद की बढाती ताक़त को रोकने की कवायद की 

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने पोकरण विधायक साले मोहम्मद के पिता मुस्लिम धर्म गुरु और पीर पगारो के अनुयाई गाजी फ़क़ीर की हिस्त्रिशीत पुनः खोलने का दोष चाहे विपक्ष पार्टी या मिडिया पर मढे हकीकत यह हें की पोकरण विधायक के बढ़ाते प्रभाव को नेस्तानाबुन करने की कवायद जिले के कांग्रेस के एक गुट ने पांच माह पूर्व कवायद शुरू की। जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी पत्नी के साथ तनोट माता के दर्शन करने आये थे। इस यात्रा के दौरान ही कांग्रेस के एक गुट ने साले मोहम्मद और उनके समर्थको के बढ़ाते प्रभाव और सरकारी कार्यालयों में आंतक के किस्से मुख्यमंत्री के सामने रखे। जिसको मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। साले मोहम्मद के चहेते ओफ़्फ़िसरो को जो लम्बे समय से जैसलमेर में को चलता किया। सबसे पहले पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी रमेश चन्द्र माथिर को चलता किया जो लम्बे समय से फ़क़ीर परिवार की मेहरबानी से टिके हुए थे। फिर बारी आई उप खंड अधिकारी रमेश चन्द्र जयनाथ की ,यु टी आई की अवेध रूप से करने के मामले में पहले से चर्चित हो चुके इस अधिकारी को चलता किया। नगर परिषद् के आयुक्त ,सहित लम्बी फेहरिस्त थी अधिकारियो की जीने जैसलमेर से हटाया गया नगर ओअरिशद के सहायक अभियंता सिब्घल को अचानक ऐ पी ओ किया गया ,हकीकत यह हें की जैसलमेर के कई कांग्रेसी नेताओ को आगे बढ़ने से फ़क़ीर परिवार रोक रहा था। गुटबाजी को पनाह देकर फ़क़ीर परिवार अपने चहेते कांग्रेस्सियो को आगे बढ़ा रहे थे जो दुसरे गुट को नागवार गुजर ,आगामी विधानसभा चुनावो में भी टिकट उसी को मिलाने की संभावनाए बलवती हो गई जिस पर इस परिवार का हाथ था। इस माहौल में विधायक साले मोहम्मद के पेट्रोल पम्प पर लपको के विरुद्ध की गई कार्यवाही ने आग में घी डालने का काम किया। बाद में क्या क्या हुआ जनता के सामने हें ,यह बात फ़क़ीर परिवार को भी पता हें की इस प्रकरण के पीछे कौन हें। बुधवार को फ़क़ीर के पुत्र जिला प्रमुख अब्दुल्लाह फ़क़ीर ने कांग्रेस की बैठक में साफ़ कहा की इस प्रक्रम में शामिल भाजपा और कांग्रेस के नेता शामिल हें उन्हें बेनकाब किया जाएगा ,हकीकत यह हें की पूरा मामला राजनितिक हें ,कांग्रेस फ़क़ीर परिवार के बोझ को अब सहन करने की बजे उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र पोकरण में ही सिमित करने का जोर भर रहा हें ,जैसलमेर विधानसभा में साले मोहम्मद की दखल अंदाजी कुछ कांग्रेसी नेताओ को पसंद नहीं थी। इसकी जानकारी जब मुख्यमंत्री को दी तो मुख्यमंत्री ने साले मोहम्मद के पर कतराने शुरू किये ,यह दिग्गज बात हें की अपने चहेते अधिकारियो के तबादले निरस्त करने के लिए साले मोहम्मद ने मुख्यंत्री कार्यालय तक चक्कर लगाये मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिली। खबर मिली हें की जिला परीशा में महानारेगा कार्यो में अब तक हुए समस्त टेंडरो की जांच उच्च स्तर पर होने को हें ,सूत्रों की माने तो अधिकांस टेंडर फ़क़ीर परिवार के रिश्तेदारों की फर्मो के पास हें। पंचायत समिति जैसलमेर और जिला परिषद् जैसलमेर की कई दुकानों पर इस परिवार के लोगो को अनियमित तरीके से आवंटित हें। जी;ला परिषद् और समिति के समस्त कार्यो के टेंडर भी इनकी फर्मो के पास बताये जा रहे हें ,इस आशय की शिकायते मुख्यमंत्री और राहुल गाँधी के पास पहुंची हें। 

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मंगलवार, 30 जुलाई 2013

कौन हें गाजी फ़क़ीर ?क्या हें उनकी हिस्ट्री ?

कौन हें गाजी फ़क़ीर ?क्या हें उनकी हिस्ट्री ?

सरहदी जिलों बाड़मेर जैसलमेर के सिन्धी मुस्लिमो के धर्म गुरु के रूप में ख्याति प्राप्त गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलो की राजनीती के दाता हें। पुरे क्षेत्र की राजनीती उनके रहमो करम पर चलती हें खासकर कांग्रेस की राजनीती का गाजी फ़क़ीर परिवार के बिना कोई। एक तरह से कांग्रेस का रहनुमा हें गाजी फ़क़ीर। जैसलमेर से बीस किलोमीटर दूर भागु का गाँव गाजी फ़क़ीर की राजधानी हें। उन्हें पाकिस्तान के पीर जो गाथ के प्राप्त हें। गाजी पदवी दे राखी हें। सिन्धी मुसलमान उनके आदेश के बगैर कदम नहीं भरते ,गाजी फ़क़ीर क्षेत्र की राजनीती में पुत्र पोकरण से दूसरा जैसलमेर जिला प्रमुख हें उनके करिवार से आधा दर्जन लोग जिला परिषद् और पंचायत समितियों के सदस्य भी हें। कांग्रेस की राजनीती और रणनीति गाजी फ़क़ीर से शरू होकर उन पर ही ख़त्म होती हें। यह पहला मौका हें जब गाजी फ़क़ीर की हिस्त्रिशीत की सार्वजानिक चर्चा हो रही हें वर्ना अब तक तो लोगों को गाजी के हिस्ट्रीशीटर होने की जानकारी नहीं थी। अपने समय में गाजी का नाम तस्करी के प्रकरणों में शामिल था। गाजी फ़क़ीर चुनावो में सीमापार से किसी राजनितिक दल के समर्थन में चिठ्ठी आने का हमेशा दम भरते हें। उनके अनुयाई सीमा पर से समर्थन की चिठ्ठी आने के बाद गाजी के फतवे का इंतज़ार करते हें। गाजी के फतवे के अनुरूप किसी पार्टी के पक्ष में एक मुश्त मत डालते हें। गाजी फ़क़ीर पर अब उम्र का असर साफ़ दिखता हें। उनके उम्र के लिहाज़ से स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करवा दी थी। जब गाजी की हिस्ट्रीशीट बंद करने की बात उच्च अधिकारियो तक पहुंची हडकंप मच गया। कांग्रेस के खेवनहार होने के कारन गाजी की हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के निर्णय पर अब राजनितिक कयास लगाये जा रहे हें। आखिर किसके इशारे पर गाजी की शीत वापस खुलवाई गई। राजनीती पार्टियों को गाजी की कमजोरी ध्यान में हें इस कमजोरी का फायदा उठा कर परतिया उनका समर्थन हासिल करती थी। जिले की राजनितिक उठापटक में गाजी फ़क़ीर परिवार की राजनीती को गया। उनके जैसलमेर में जमे अधिकारियो को एक एक करके चलता कर दिया। विधायक सेल मोहम्मद ने इन अधिकारियो को वापस लगाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पग पटक लिए मागे उन्हें सफलता नहीं मिली। हाल ही में नगर परिषद् के आयुक्त को सरकार ने बदल दिया। कुछ दिनों पहले ही विधायक की डिजायर पर उन्हें वापस जैओसल्मेर लगाया गया था। एक महीने के भीतर उसे बदल दिया। हालांकि जिला कलेक्टर उन्हें कार्यमुक्त करना नहीं चाह रहे उच्च स्तरीय हस्तक्षेप के बाद उन्हें जाना पडा। ज़ैसल्मेर जिले में गाजी फ़क़ीर परिवार के दबदबे को ख़त्म करने की कवायद जैसलमेर के एक गुट ने शुरू की इस गुट को सफलता भी मिली ,गाजी की हिस्त्रीशीर वापस खोल उन पर दबाव बनाने की रणनीति को हवा मिल रही हें। गाजी की चौखट पर सलाम ठोकने छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा नेता और अधिकारी। पहुंचता हें गत साल उनके परिवार में दो मौको पर पक्ष विपक्ष के उपस्थित थे तो जिले का कोई अधिकारी हजारी देने से नहीं। चुका अलबता गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट वापस खोलने का निर्णय राजभर जरुर हें जिसकी परते धीरे धीरे खुलेगी। पांच लाख सिन्धी मुस्लिमो के रहनुमा के रूप में गाजी फ़क़ीर की आज भी तूती बोलती हें।

बुधवार, 17 जुलाई 2013

गाजी फ़क़ीर के किले में वसुंधरा की सेंध



गाजी फ़क़ीर के किले में वसुंधरा की सेंध


अल्पसंख्यकों ने दिखाई भाजपा के प्रति रूचि


फ़क़ीर के गाँव बासनपिर में वसुंधरा का स्वागत



भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे सुराज यात्रा के सातवें चरण के साथ मारवाड़ में जन सभाओ के माध्यम से जनता की नब्ज़ टटोल रही हें ,उनके साथ पूर्व व्विदेश मंत्री जसवंत सिंह की उपस्थिति ने क्षेत्र के अल्पसंख्यको ममें भाजपा के प्रति रूचि दिखाई दी .जैसलमेर में मुस्लिमों के धर्म गुरु गाजी गकिर के क्षेत्र बासंपिर में अल्पसंख्यको ने वसुंधरा राजे के स्वागत के लिए विशेष कार्यक्रम रख भाजपा में रूचि दिखाई .बसंपिर कांग्रेस के पोकरण विधायक साले मोहम्मद का गाँव हें वहीं जैसलमेर जिला प्रमुल अब्दुल्ला फ़क़ीर भी यही से हें .गाजी फलिर भागु का गाँव में रहते हें जो बसन्पुइर के एकदम पास में हें .कांग्रेस के माई बाप कहे जाने वाले गाजी फ़क़ीर सीमावर्ती क्षेत्र में कांग्रेस के रहनुमा हें .मुस्लिम उनके फतवे के आधार पर वोट करते हें .जैसलमेर कांग्रेस में इस परिवार का खासा दबदबा हें ,

स्थानीय भाजपा नेता अल्पसंख्यको को जोड़ नहीं पाए .जसवंत  सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह को मुस्लिमो ने दिल खोकर समर्थन दिया था .अब जबकि जसवंत सिंह वसुंधरा के साथ थे अल्पसंख्यको ने भाजपा को सुखद अहसास कराया .वसिंधरा का बसंपिर में स्वागत जिले की राजनीती में नए समीकरणों को जन्म देगी ,वही गाजी फ़क़ीर परिवार के दबदबे पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया ,वसुंधरा राजे का देवीकोट में मुस्लिमो ने दिल खोल कर स्वागत किया उन्हें चुनरी भी ,ओढे अल्प्संक्ल्ह्यक बाहुल्य कहर फ़क़ीर की ढाणी गाँव में तो अल्पसंख्यकों की मांग पर विशेष स्वागत कार्यक्रम रखा गया अमूमन राजनितिक कार्यक्रमों में मुस्लिम महिलाए भाग नहीं लेती मगर वसुंधरा राजे के स्वागत के इस कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओ का उत्साह और भागीदारी गौर करने योग्य थी ,मुस्लिम बाहुल्य फतेहगढ़ और बरियादा में अल्पसंख्यकों ने वसुंधरा का दिल खोल कर स्वागत किया ,

वहीं वसुंधरा राजे बाड़मेर जिले के रोहिली पीर की दरगाह पर भी गई ,रोहिली पीर की मुस्लिम समुदाय में बड़ी मान्यता के उनके हज़ारो मुरीद हें .रोहिली में वसुंधरा को विशेष तौर से पूर्व संसद मानवेन्द्र सिंह ले गए यहाँ भी वसुंधरा के प्रति आकर्षण दिखा ,सबसे बड़ी बात की शिव विधान सभा क्षेत्र में आयोजित सभा में अल्पसंख्यक को भरी भीड़ ने वसुंधरा और भाजपा ने नया जोश भर दिया ,मुराद अली मेहर और सफी खान तामलिया ने हज़ारो मुस्लिमो को सभा तक लाने में सफलता हासिल  की .मज़े की बात हें यह क्षेत्र मुस्लिम नेता और राज्य सरकार में मंत्री अमिन खान का हें .इसके बावजूद अल्पसंख्यको ने सुराज यात्रा के प्रति जबदस्त रूचि दिखाई .सुराज यात्रा में वसुंधरा को जसवंत का साथ मिलने से मुस्लिम समुदाय का पहली बार समर्थन मिला .इस क्षेत्र में मुस्लिम जसवंत के प्रति अगाध श्रद्धा रखते हें .


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