गुरुवार, 12 जुलाई 2018

बाड़मेर। नाबालिग अपरहण प्रकरण - अपह्त नाबालिग बालिका को पुलिस ने किया दस्तयाब

बाड़मेर। नाबालिग अपरहण प्रकरण - अपह्त नाबालिग बालिका को पुलिस ने किया दस्तयाब


46 दिन के बाद पुलिस को मिली सफलता 


बाड़मेर। सीमावर्ती बाड़मेर जिले के महिला थाने में दर्ज नाबालिग को 55 वर्षीय तांत्रिक द्वारा भगा ले जाने के मामले में पुलिस को 46 दिन बाद सफलता मिल ही गई। पुलिस ने नाबालिग और आरोपी तांत्रिक मोहनराम उर्फ मोहन भगत पुत्र नारणाराम निवासी सम्मो की ढाणी सेड़वा को जालोर के चितलवाना से दस्तयाब किया है। हालांकि पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। केवल नाबालिग को दस्तयाब करने की पुष्टि की है।



26 मई को गेहूं निवासी एक व्यक्ति ने मामला दर्ज करवाया था कि उसकी 17 वर्षीया नाबालिग बेटी को पाखंडी तांत्रिक मोहनराम उर्फ मोहन भगत पुत्र नारणाराम भील (55) निवासी सेड़वा भगा ले गया। तांत्रिक का उनके घर आना-जाना था। बेटी की मां बीमार रहती थी, ऐसे में झाड़-फूंक के लिए तांत्रिक घर पर आता था। 24 मई की रात को तांत्रिक नाबालिग बेटी को भगा ले गया। पुलिस ने मामला दर्ज होते ही नाबालिग व तांत्रिक की तलाश शुरू कर दी थी, लेकिन सुराग नहीं लगा। इसके बाद 5 थानों की अलग-अलग टीमें बनाईं, जो तलाश के लिए हरिद्वार, उत्तराखंड, अमृतसर, दिल्ली और गुजरात राज्य में भी गई। बुधवार कोे हैड कांस्टेबल देदाराम मय टीम ने जालोर के चितलवाना से नाबालिग को दस्तयाब किया।




हाईकोर्ट में कल करेंगे पेश
पुलिस की ओर से नाबालिग को गुरुवार को हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। नाबालिग के परिजनों की अोर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट में पुलिस द्वारा चार बार खाली हाथ पेश होने पर सख्त निर्देश दिए गए कि 13 जुलाई को होने वाली सुनवाई में किसी भी सूरत में नाबालिग को हाईकोर्ट में पेश करना होगा। इस पर पुलिस ने तलाश की कार्रवाई में तेजी लाई और दोनों को दस्तयाब कर दिया।




हाईकोर्ट खुद कर रहा मॉनिटर
नाबालिगों के गुम हाेने के मामले में गंभीरता दिखाते हुए हाईकोर्ट में नाबालिग से संबंधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं को क्लब करने और इनका फॉलोअप करने के लिए निर्देश दिए हैं। जस्टिस संगीत लोढ़ा और डॉ. वीरेंद्रकुमार माथुर की खंडपीठ ने गत गुरुवार को इस आशय के मौखिक निर्देश नाबालिग से संबंधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता को दिए। खंडपीठ ने कहा कि नाबालिगों के प्रति अपराध में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है और पुलिस की ओर से प्रत्येक मामले में यही जवाब आता है कि प्रयास किया जा रहा है। इसलिए नाबालिगों के गायब होने के मामलों की मॉनिटरिंग व फॉलोअप कोर्ट करेगा, तभी स्थिति में सुधार आएगा।

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