बुधवार, 28 मार्च 2018

बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर नई मुहिम ने जोर पकड़ा, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन




बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर नई मुहिम ने जोर पकड़ा, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन

बाड़मेर , 28 मार्च। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर मान्यता देने की पुरजोर मांग को लेकर बुधवार को वरिष्ठ साहित्यकार देवकिशन पुरोहित के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।




समिति के प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि गक्त दिनों दिल्ली के जंतर मंतर पर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग की और केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षण को लेकर राजस्थान भाषा आंदोलन के प्रमुख देवकिशन पुरोहित ने आमरण अनसन किया।जिस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री और राजस्थानी भाषा के आंदोलन से जुड़े अर्जुन मेघवाल ने पुरोहित को आश्वस्त किया था कि राजस्थानी भाषा को शीघ्र मान्यता दी जाएगी। इसके बाद से पुरोहित राजस्थान के सभी जिलों में राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर जनजागरण अभियान की शुरुआत कर चुके हैं। इसी कड़ी में पुरोहित दो दिन से बाड़मेर प्रवास पर थे। पुरोहित के नेतृत्व में बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर शिव प्रसाद नकाते को ज्ञापन दुपुरद कर राजस्थानी को मान्यता देने की पुर जोर मांग की। जिला कलेक्टर ने समिति की भावना को उच्च स्तर पर पहुंचने का भरोसा दिया। इस अवसर पर पुरोहित ने कहा कि 14 करोड़ राजस्थानी सात दशकों से राजस्थानी भाषा को मान्यता की मांग को लेक्टर आंदोलन रत है। मगर केंद्र सरकार मान्यता के प्रति गंभीर नही है। ऐसे में अब भाषा आंदोलन को जन आंदोलन में बदल वोट की चोट करेंगे। राजनीतिक सरकार वोट की भाषा अच्छे स्व समझती है।उन्होंने कहा कि राजस्थानी को मान्यता न देने से राजस्थान के युवाओ के अधिकारों पर बाहरी प्रान्तों के लोग अधिकार कर रहे है।उन्होंने कहा कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति को जब नेपाल,अमेरिका ने मान्यता दे दी तो भृट् सरकार क्यों टालमटोल कर रही। उन्होंने कहा अब वक्त आ गया मान्यता को लेक्ट आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस दौरान पुरोहित के साथ समिति के नरेंद्र खत्री, नरपतसिंह लंगेरा सहित बड़ी तादाद में युवा थे।

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