बुधवार, 2 अगस्त 2017

जालोर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशीलता और तत्परता के साथ हो काम - ऊर्जा राज्यमंत्री



जालोर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशीलता और तत्परता के साथ हो काम

- ऊर्जा राज्यमंत्री


जालोर, 2 अगस्त। ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की गति और तेज कर आवश्यक सुविधाएं अतिशीघ्र सुचारू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने के लिए अधिकारी-कर्मचारी पूरी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ अपनी जिम्मेदारियों को अंजाम दें।

श्री राणावत बुधवार को जालोर कलक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में अब तक किए गए राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने आगामी दिनों में किए जाने वाले कार्यों की योजना पर भी विस्तृत चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।

ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने को लेकर बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए है। सभी अधिकारी-कर्मचारी जन सहयोग के साथ युद्धस्तर पर कार्य करते हुए सभी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द सुचारू करने के हरसम्भव प्रयास करें।

श्री राणावत ने जनप्रतिनिधियों एवं प्रत्येक विभाग से पूरा फीडबैक लिया और हर जरूरतमंद तक खाद्य सामग्री पहुंचाने, टूटे रास्ते ठीक कर कनेक्टिविटी बहाल करने, बिजली व्यवस्था सुचारू करने, पीने के पानी की उपलब्धता तथा मेडिकल टीमें भेजकर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां सड़क मार्ग से पहुंचना संभव नहीं है, वहां नाव या हैलीकाॅप्टर से राहत सामग्री पहुंचाएं।

ऊर्जा राज्यमंत्री ने विद्युत विभाग को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनेक्शन प्राथमिकता से सुचारू करने के निर्देश दिए ताकि पेयजल आपूर्ति में परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि पानी भरे हुए स्थानों के जीएसएस को शीघ्र दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाए। श्री राणावत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को टूटी हुई सड़कों को शीघ्र दुरूस्त कर आवागमन चालू करने के निर्देश दिए। साथ ही विशेष ग्राम सभाओं में प्रस्ताव लेकर मनरेगा के तहत रास्ते ठीक कराने के निर्देश दिए। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पानी का बहाव कम होते ही मिट्टी के कट्टे एवं ग्रेवल डालकर रास्तों को तुरंत आवागमन योग्य बनाया जा रहा है।

प्रभारी सचिव कुंजीलाल मीणा ने रसद विभाग के शासन सचिव से फोन पर बात कर जिला रसद अधिकारी को चितलवाना क्षेत्र के लोगों के हिस्से का गेहूं पिसवाकर किट तैयार करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रसद अधिकारी गेहूं पिसवाने एवं अतिरिक्त केरोसिन आवंटन की जरूरत वाले गांवों की सूची विभाग को भिजवा दें ताकि शीघ्र ही स्वीकृति जारी की जा सके।

प्रभारी सचिव ने कहा कि किसानों को फसल खराबे का मुआवजा दिलाने के लिए बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि को बुलाकर सर्वे कार्य शीघ्र चालू किया जाए। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ग्रामवार शिविर लगाकर पशुओं का इलाज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रभावित पशुपालकों को पंचनामा के आधार पर मुआवजा दिलाया जाएगा।

श्री मीणा ने पानी से घिरे गांवों में पेयजल की व्यवस्था सुचारू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग पेयजल टांकों एवं अन्य स्रोतों में क्लोरिनेशन करे ताकि बीमारियां फैलने का खतरा नहीं रहे। उन्होंने चिकित्सा विभाग को सम्पर्क कटे हुए गांवों में नावों से चिकित्सा दल भेजने, एंटी लार्वा का छिड़काव करने एवं फोगिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्राम पंचायतों में फोगिंग मशीनें खरीदकर फोगिंग करवाने को कहा।

जिला कलक्टर श्री एलएन सोनी ने 22 जुलाई से लेकर अब तक किए गए बचाव एवं राहत कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वायुसेना के हेलीकाॅप्टर, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन, पुलिस एवं नागरिकों के सहयोग से अब तक 677 लोगों को रेस्क्यू किया गया। करीब 11 हजार 450 लोगों को पूर्व चेतावनी देकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। तात्कालिक राहत के रूप में विभिन्न भामाशाहों के सहयोग से 47 हजार 520 भोजन के पैकेट्स वितरित किए गए।

श्री सोनी ने बताया कि तहसीलदारों को प्रभावित 260 गांवों में तुरन्त सर्वे करवाकर पात्र व्यक्तियों की सूची बैंक खाता तथा भामाशाह कार्ड संख्या का उल्लेख करते हुए जिला कार्यालय में भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आपदा में मारे लोगों के आश्रितों को एसडीआरएफ से चार लाख रूपए व मुख्यमंत्री राहत कोष से एक लाख रूपए तुरंत दिए जा रहे हैं। साथ ही केन्द्रीय सहायता के रूप में दो लाख रूपए दिए जाएंगे।

बैठक में आहोर विधायक श्री शंकरसिंह राजपुरोहित, जालोर विधायक श्रीमती अमृता मेघवाल, रानीवाड़ा विधायक श्री नारायण सिंह देवल, पशुपालक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री भूपेन्द्र देवासी, जिला प्रमुख श्री वन्ने सिंह गोहिल, डिस्काॅम्स चैयरमेन श्री श्रीमत पाण्डे, जोधपुर डिस्काॅम एमडी आरती डोगरा, पुलिस अधीक्षक श्री विकास शर्मा, पीएचईडी के मुख्य अभियंता श्री सीएम चैहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा अधिकारीगण उपस्थित थे।

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