शनिवार, 10 जून 2017

अजमेर, गत तीन वर्षो के दौरान 38 करोड की सड़कों का निर्माण



अजमेर, गत तीन वर्षो के दौरान 38 करोड की सड़कों का निर्माण

आम जन को शिक्षा, चिकित्सा एवं पेयजल की सुविधाओं पर विशेष ध्यान

विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम तथा नामांकन में हुई बढ़ोतरी


अजमेर, 10 जून। प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे की सोच है कि हर आदमी को उसकी मूलभूत सुविधाएं मुहैया हों, उसी दिशा में काम करते हुए आम जन को शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल एवं बिजली के क्षेत्रा में सुविधाएं प्रदान करने का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गत तीन वर्षो के दौरान ही अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्रा में 38 करोड़ रूपये के सड़क विकास कार्य करवाये गये है।

शिक्षा राज्यमंत्राी शनिवार को अजमेर के माकड़वाली रोड़ स्थित विनायक नगर में नगर निगम कोष से बीस लाख रूपयों से कराये जाने वाले विकास कार्यो का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहर में सड़कों के विकास पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है। जगह जगह मिसिंग लिंग सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है वहीं नगर निगम कोष से सड़कों एवं नाली निर्माण के विकास कार्य करवाये जा रहे है। उन्होंने बताया कि आज प्रारंभ किये जा रहे कार्य में विनायक नगर के साथ ही बलदेव नगर में भी सडक एवं नाली निर्माण के कार्य करवाये जायेंगे।

26 अरब रूपये के विकास कार्य हाथ में लिये -

शिक्षा राज्यमंत्राी ने बताया कि अजमेर के लिए जितनी सौगातें गत तीन वर्षो के दौरान सरकार ने दी है उतनी पहले कभी नहीं दी गयी। विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत कुल 26 अरब रूपये के विकास कार्य हाथ में लिये गये है। अजमेर को स्मार्ट सिटी, हेरीटेज योजना प्रदान कर विकास के कार्य करवाये जा रहे है। आनासागर के चारों ओर आठ किलोमीटर में पाथ वे का निर्माण करवाया जा रहा है ताकि यहां के निवासियों को घूमने का एक अच्छा स्थल उपलब्ध हो। इसके प्रथम चरण में रीजनल काॅलेज के सामने पाथ वे बनाया जा चुका है।

मेडिकल काॅलेज में सीटें बढ़ाई -

शिक्षा राज्यमंत्राी ने बताया कि अजमेर के मेडिकल काॅलेज में सीटें बढ़ाई गयी है अब यहां 250 की सीटों वाला मेडिकल काॅलेज कार्य करेगा इसके लिए सरकार ने 120 करोड़ रूपये अतिरिक्त स्वीकृत किये है। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत भी 30 हजार से 3 लाख रूपये तक का उपचार निःशुल्क किया जा रहा है। वहीं राजश्री लक्ष्मी योजना के तहत बालिका के बड़े होने तक 50 हजार रूपये की राशि उसके खाते में जमा करवायी जाती है। अजमेर में हार्ट के मरीजों के लिए पृथक से वार्डो का निर्माण करवाया गया है तथा उन्हें बेहत्तर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।

घर -घर पहुंचा पानी -

शिक्षा राज्यमंत्राी ने बताया कि लोगों को पेयजल सुलभ कराने के लिए अजमेर उत्तर क्षेत्रा में 22 करोड़ रूपये व्यय किये गये है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर पानी के कनेक्शन प्रदान किये जाकर पानी सुलभ करवाया जा रहा है। जो आजादी के बाद पहली बार हुआ है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में भी पानी की पाईप लाईन बदलने के लिए 50 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा के क्षेत्रा में हुआ बदलाव -

शिक्षा राज्यमंत्राी ने बताया कि गत तीन वर्षो के दौरान शिक्षा के क्षेत्रा भारी बदलाव हुआ है। तीन वर्ष पूर्व दसवीं का परीक्षा परिणाम 58 प्रतिशत के लगभग रहता था जो आज बढ़कर 75 से उपर हो गया है। इसी प्रकार नामांकन में भी लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाठ्यक्रम में भी अकबर महान के स्थान पर प्रताप महान तथा अम्बेडकर, सावरकर, सुभाषचन्द्र एवं महावीर के अध्याय को जोड़ा गया है। ताकि बालक उनकी जीवनी पढ़कर अपने जीवन में उतार सकें। विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम बनाकर प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। शहरों में भी आदर्श विद्यालयों को बनाया गया है, अजमेर शहर में ऐसे दस विद्यालय बनाये गये है।

इस मौके पर क्षेत्राीय पार्षद श्री प्रकाश मेहरा ने वार्ड में कराये जा रहे विकास कार्यो की जानकारी दी तथा बताया कि शीघ्र ही पंचशील में सेटेलाईट अस्पताल खोले जाने का कार्य भी प्रारंभ होगा। जगह जगह सड़कों एवं नालियों के निर्माण के कार्य करवाये जा रहे है।

समारोह में अध्यक्ष श्री अरविन्द यादव, नवनिर्वाचित पार्षद श्री धर्मेन्द्र कुमार, श्री सीताराम, श्री विनोद कंवर जी, महेश जी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।




स्वास्थ्य के प्रति लोग रहेंगे जागरूक

14 से 23 जून तक लगेगा योग शिविर


अजमेर, 10 जून। पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह के तहत लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए आगामी 14 से 23 जून तक पंचशील स्थित झलकारी बाई स्मारक पर योग शिविर का आयोजन किया जायेगा।

शिक्षा राज्यमंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि ये शिविर प्रातः साढ़े पांच बजे से सात बजे तक लगेगा। इसमें भाग लेने वालों का पंजीयन कराया जायेगा जो आज से प्रारंभ हो जायेगा। उन्होंने सभी से इन शिविरों में सहभागी बन योग करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि शिविर में आने वाले प्रतिभागियों की स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी तथा अंकुरित अनाज का नाश्ता भी प्रदान किया जायेगा।




स्वयं के व्यवहार और कर्म से दें विद्यार्थियों को शिक्षा- शिक्षा राज्यमंत्राी

अजमेर, 10 जून। शिक्षकों को स्वयं के व्यवहार और कर्म से विद्यार्थियों को शिक्षा एवं संदेश प्रदान करने चाहिए। इस प्रकार की शिक्षा विद्यार्थी के जीवन में स्थायी सकारात्मक परिवर्तन लाती है। यह बात शिक्षा राज्यमंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने शनिवार को केन्द्रीय बालिका विद्यालय में 6 जिलों के प्रधानाचार्यों के 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कही।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तृतीय चरण में घोषित 6 जिलों के आदर्श विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के लीडरशिप प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को स्कूल के साथ-साथ समाज को नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रधानाचार्य को अच्छे प्रशासक के साथ-साथ ज्ञानवान होना भी आवश्यक है। उसका विद्यालय के प्रति सम्र्पण तथा उसे सर्वश्रेष्ठ बनाने का भाव भी होना चाहिए। विद्यालय के कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता एव सम्र्पण भाव से टीम का नई ऊर्जा एवं प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य को दूसरों से की जाने वाली अपेक्षा का आरम्भ स्वयं से करना चाहिए। इससे टीम को कार्य करने का बेहतर वातावरण मिलता है। प्रधानाचार्य को प्रशासक के स्थान पर परिवार का मुखिया बनकर कार्य करने से विद्यालय के कार्मिक मन लगाकर काम करेंगे। सबको साथ लेकर कार्य करने से कार्य की गति एवं गुणवत्ता में वृद्धि होगी। विद्यालय के कार्मिकों से जुड़ाव पैदा करने के लिए विद्यालय समय के पश्चात मेल मुलाकात की जानी चाहिए। परिवार के स्तर तक सम्पर्क होने से कार्मिक का संस्थान प्रधान के प्रति लगाव बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि विद्यालय के दैनिक कार्यों के सम्पादन के लिए नियमानुसार प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए। निष्पक्षता एवं पारदर्शिता के साथ कार्य करने से कार्मिकों में अनुशासन पैदा होता है। विद्यालय समय से पहले एवं बाद में स्कूल के लिए समय देना चाहिए। इस प्रकार का स्वभाव बन जाने से कार्मिकों एवं अभिभावकों में भी विद्यालय के प्रति सम्र्पण भाव बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य के पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सर पर बर्फ और सीने में आग होने से वह श्रेष्ठ विद्यालय का निर्माण कर सकता है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष राजकीय विद्यालयों का परीक्षा परिणाम बेहतर रहा है। गत तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष लगभग 50 प्रतिशत राजकीय विद्यालयों में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम दिया है। आगामी सत्रा से राज्य के समस्त विद्यालयों में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम के लिए मिशन मोड पर प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्राी जन सहभागिता योजना के अन्तर्गत 40 प्रतिशत राशि जन सहयोग से उपलब्घ हाने पर शेष राशि राज्य सरकार के द्वारा प्रदान की जाएगी। इससे विद्यालयों में संसाधनों में बढ़ोतरी होगी। नागौर जिले के रियांबड़ी में स्थित राजकीय विद्यालय में स्थानीय भामाशाहों के सहयोग से पर्याप्त संसाधन प्राप्त हुए है। यह एक मिशाल है।

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही लगभग 12 हजार व्याख्याताओं का पदस्थापन किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारियों के पद भरने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। शिक्षा के क्षेत्रा में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हुआ है। राजस्थान का शिक्षा माॅडल कई राज्यों के लिए नजीर बना है। शीघ्र ही यह भारत का उत्कष्र्ट राज्य होगा।

शिक्षा राज्य मंत्राी ने शिविर में अध्यापकों के साथ किया भोजन

शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने आवासीय शिविर में प्रधानाचार्यों के साथ भोजन किया। शिविर के प्रतिभागियों के साथ बातचीत में विद्यालय की समस्याओं के बारे में चर्चा की । शिविर में जालोर, टोंक, भीलवाड़ा, सिरोही, नागौर एवं पाली के 53 प्रधानाचार्य भाग ले रहे है। यह शिविर 8 जून से आरम्भ हुआ था और 17 जून तक चलेगा।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक श्री सीताराम गर्ग ने कहा कि शिक्षा विभाग में युग परिर्वतन हुआ है। राजकीय विद्यालयों के प्रति अभिभावकों में विश्वास पुनः बहाल हुआ है। विद्यालयों में समाज में पुनः प्रतिष्ठा प्राप्त की है।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती दर्शना शर्मा, श्री ओमप्रकाश शर्मा, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के एडीपीसी श्री रामनिवास गालव, सर्व शिक्षा अभियान के एडीपीसी श्री दिनेश ओझा, शिविर प्रभारी श्रीमती अंशु बंसल उपस्थित थे।

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