बुधवार, 7 जून 2017

बाड़मेर ,सहकारी उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए 25 जून तक आवेदन आमंत्रित



बाड़मेर ,सहकारी उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए 25 जून तक आवेदन आमंत्रित

बाड़मेर ,07 जून। सहकारी उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने 25 जून तक प्रदेश की सहकारी समितियों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। पुरस्कार राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाएंगे।

प्रमुख शासन सचिव सहकारिता अभय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार 21 सितंबर, 2017 को नई दिल्ली में दिए जाएंगे। इसमें प्राथमिक, जिला एवं राज्य स्तर की सहकारी समितियों के वर्गों में तीन पुरस्कार मिलेंगे। जिसमें प्रत्येक वर्ग में 3 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर राज्य की केवल प्राथमिक स्तर की सहकारी समिति को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समिति निर्धारित प्रारूप में समिति के मुख्य कार्यकारी से प्रमाणितगत तीन वर्षों के अंकेक्षित अंतिम लेखा खाते एवं वार्षिक रिपोर्ट को भिजवाना होगा। कुमार ने बताया कि समिति पर एक संक्षिप्त नोट, जिसमें सहकारी अधिनियम, नियम, विनियम एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देशों की अनुपालना, समिति के कार्यक्षेत्र में लाभ, सतत एवं समावेशी विकास से जुडे कार्यों एवं नवाचारों आदि का उल्लेख कर भिजवाना होगा। प्रमुख शासन सचिव सहकारिता ने बताया कि पात्र समितियां निर्धारित आवेदन पत्र में सूचना की सॉफ्ट कॉपी RO-JAIPUR@NCDC-IN पर ईमेल द्वारा या हार्ड कॉपी के साथ डाक द्वारा 25 जून तक क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, क्षेत्रीय निदेशालय, प्रथम तल, केन्द्रीय खण्ड, नेहरू सहकार भवन, भवानी सिंह रोड, जयपुर 302001 पर भिजवाई जा सकती है।




स्वीकृत आवासों को समय अवधि में पूरा करने के निर्देश

-आदेशांे की पालना नहीं करने वाले विकास अधिकारियांे के खिलाफ होगी कार्रवाई


बाड़मेर, 07 जून। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना, इंदिरा आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत आवासों की महात्मा गांधी नरेगा योजना में स्वीकृतियां जारी कर आवास निर्माण कार्यों को नियत अवधि में पूरा कराएं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी ने निर्देश दिए है कि जिन लाभार्थियों के लिए आवास निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है उनका नियोजन योजना अंतर्गत सामुदायिक कार्य पर नहीं किया जाए एवं इनके लिए केवल आवास योजना के निर्माण के लिए मस्टररोल प्राथमिकता से जारी करें। जो कार्यक्रम अधिकारी, मनरेगा एवं विकास अधिकारी इन आदेशों की पालना सुनिश्चित नहीं करें उनके विरुद्ध नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सेठी ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना अधिनियम के प्रावधान के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के तहत स्वीकृत आवास निर्माण में मनरेगा योजना से 90 दिवस की अकुशल मजदूरी देय है।




शहरी क्षेत्र में पेंशन का आवेदन उपखंड अधिकारी को प्रस्तुत करना होगा

- सामाजिक सुरक्षा पेंशन नियमों में किया सरलीकरण


बाड़मेर, 07 जून। सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, विशेष योग्यजन पेंशन नियमों को सरलीकरण किया गया है ताकि पात्र लोगों को समय पर पेंशन मिल सकेगी। ग्रामीण क्षेत्र का आवेदक संबंधित विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में सम्बन्धित क्षेत्र के उपखंड अधिकारी के समक्ष पेंशन के लिए पूर्ण रूप से भरा हुआ सभी आवश्यक प्रमाण पत्रों की स्व-प्रमाणित एवं प्रतिलिपियों के साथ आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकेंगे।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक जैन ने आदेश जारी कर बताया कि आवेदक ऑफलाइन के अलावा किसी भी ई-मित्र केन्द्र या अटल सेवा केन्द्र पर आनलाइन आवेदन भी कर सकेगा। आवेदन के साथ भामाशाह एवं आधार पंजीकरण संख्या उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र पूर्ण भरने के उपरान्त ई-मित्र केन्द्र, अटल सेवा केन्द्र के संचालक द्वारा आवेदक आनलाइन ही जांच अधिकारी को अग्रेषित कर सूचना आवेदक के मोबाईल पर दी जाएगी। जांच अधिकारी आवेदक की पात्रता की जांच के बाद उसके निवास स्थल के बाहर खड़ा या बैठकर मोबाइल से फोटो लेकर आवेदन पत्र की जांच एवं सत्यापन कार्य पूर्ण कर सम्बन्धित उपखंड अधिकारी को आनलाइन प्रस्तुत करेगा। जैन ने बताया कि आवेदन पत्र प्राप्ति के 30 दिन की अवधि में सत्यापन कार्य पूरा किया जाना होगा अन्यथा सम्बन्धित कर्मंचारी व अधिकारी को राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित जुर्माना राशि अदा करने के लिए उत्तरदायी होगा। इसी तरह 15 दिन में पेंशन स्वीकृति का कार्य आवश्यक रूप से पूर्ण किया जाना होगा तथा आनलाइन पेंशन स्वीकृति आदेश को ही पेंशन भुगतान आदेश माना जाएगा। आनलाइन पेंशन स्वीकृति आदेश प्राप्त होने पर कोषाधिकारी एवं उप कोषाधिकारी की ओर से पेंशन का भुगतान किया जायेगा। अगर पेंशन स्वीकृति एवं भुगतान निर्धारित समय अवधि में नहीं किया जाएगा तो संबंधित कर्मचारी व अधिकारी को अधिनियम के तहत निर्धारित जुर्माना राशि अदा करनी पड़ेगी।

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