शनिवार, 24 जून 2017

बाड़मेर पोस्को कैसेज एवं बलात्कार के मामले में मुलजिम पूनाराम को हुई 20 साल की कठोर कारावास की सजा



बाड़मेर पोस्को कैसेज एवं बलात्कार के मामले में मुलजिम पूनाराम को हुई 20 साल की कठोर कारावास की सजा

बाड़मेर 24 जून

विषिष्ठ लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अविप्र) बाड़मेर ने बताया कि विषिष्ठ न्यायालय अनु जाति अनु.जनजाति (अनिप्र) बाड़मेर के न्यायाधीष सुरेन्द्र खरे द्वारा सरकार बनाम पूनाराम वगैरा पत्रावली का निस्तारण करते हुए मुलजिम पूनाराम को दोष सिद्ध किया गया व मुलजिम गुड़ीया को दोषमुक्त किया गया।

उक्त प्रकरण में पीडि़ता के पिता परिवादी ढलाराम द्वारा दिनांक 23.04.2013 को पुलिस थाना समदड़ी में अपनी नाबालिंग पुत्री (पीडि़ता) का अपहरण करने बाबत एक प्रथम सूचना रिपोर्ट पेष की गई, प्रथम सूचना दर्ज कर पुलिस थाना समदड़ी द्वारा बाद अनुसंधान मुलजिम पुनाराम पुत्र अमराराम जाति साहूकार (साटीया) व मुलजिमा श्रीमती गुडीया पत्नी सायरराम मेघवाल के विरूद्ध न्यायालय माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय बालोतरा में प्रस्तुत किया गया जहां पर उक्त मुलजिमानों में से मुलजिम पूनाराम को अन्तर्गत धारा 376 (2) (प्), 376 (डी),363, 366 ए, 120 बी, भादस व 3/4 व 5 (जी) 6 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 व मुलजिमा गुडीया का अन्तर्गत धारा 120 बी भादस व 16/17 पोक्सो एक्ट के तहत आरोप सुनाये गये तथा न्यायालय में अभियोजन पक्ष द्वारा समस्त गवाहानेां के बयान करवाये गये, न्यायालय द्वारा बयान मुलजिम लिये गये, बहस अंतिम सुनी गई। दौराने बहस मुलजिमान पुनाराम व गुड्डी के अधिवक्तागण ने बताया कि मुलजिमान के विरूद्ध कोई आरोप सिद्ध होना नहीं पाया जाता है लिहाजा इन्हें बाईज्जत बरी किया जाये राज्य सरकार की ओर से विषिष्ठ लोक अभियोजक सवाई माहेष्वरी ने दौरान बहस बताया कि अभियोजन पक्ष ने उक्त प्रकरण को पूर्ण रूप से साबित किया है। लिहाजा मुलजिमानों को उक्त प्रकरण में कड़ी से कड़ी सजा दी जायें, न्यायालय द्वारा दोनों पक्षो को सुना गया बाद सुनवाई न्यायालय द्वारा मुलजिमान गुडीया को समस्त आरोपों से मुक्त किया गया तथा मुलजिम पूनाराम पुत्र अमराराम जाति साहूकार (साटीया) निवासी रामपुरा पुलिस थाना समदड़ी को अन्तर्गत धारा 376 (डी) भादस में दोष सिद्ध करते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास व पंाच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मुलजिम को धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत सात वर्ष की साधारण कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मुलजिम को धारा 5 (जी) 6 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के अन्तर्गत दस वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उपरोक्त समस्त सजाएं साथ साथ चलेगी।

सरकार की ओर से विषिष्ठ लेाक अभियोजक सवाई माहेष्वरी अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण प्रकरण/पोक्सो अधिनियम ने पैरवी की तथा मुलजिम पूनाराम की ओर वी.एस. राठौड़ एवं मुलजिम स्वयं द्वारा पैरवी की गई।

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