गुरुवार, 4 मई 2017

गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुले

गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुले


हिंदुओं की आस्था के केंद्र गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर धार्मिक रीति रिवाज के साथ श्रद्धालुओं के लिये खोल दिये गये हैं। शुभ मुहुर्त के अनुसार गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट दोपहर 12.15 बजे खोले गये। इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों ने दोनों धामों में पूजा अर्चना की। अब आगामी 6 माह तक मां गंगा गंगोत्री में एवं मां यमुना की यमुनोत्री में पूजा अर्चना होगी। आगामी 3 मई को केदारनाथ धाम व 6 मई को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेगें। वेद पाठियों, मंदिर समितियों के पदाधिकारियाे की उपस्थिति में गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खोले गये। इस अवसर पर सेना के बैंड की धुन के साथ ही दोनों धामों में मां गंगा एवं मां यमुना के गगनचुम्बी उद्घोष के साथ जयकारें लगते रहे।




कपाट खुलने के साथ ही देश- विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों ने दोनों धामों की मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की। सुबह 8.00 बजे गंगा की भोग मूर्ति भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर से गंगोत्री के लिये रवाना हुई जो लगभग 10.30 बजे गंगोत्री धाम पहुंची। इसके बाद मंदिर के प्रागंण में पूजा की गयी। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने परंपरा के अनुसार धार्मिक रीति रिवाज तथा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए अक्षय तृतीया के शुरू होते ही दोपहर 12.15 बजे गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोल दिये। गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियाे का कहना था कि कपाट खुलने के बाद 6 माह तक मां गंगा की पूजा गंगोत्री धाम में होगी।




श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन गंगोत्री धाम में कर सकेगें। वहीं मां यमुना की डोली उनके मायके व शीतकालीन प्रवास खरसाली से शनिदेव की डोली की अगुवाई में यमुनोत्री के लिये सुबह 9.00 बजे रवाना हुई। दोपहर में मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजा अर्चना के साथ दोपहर 12.15 बजे अक्षय तृतीया पर धर्मिक रीति रिवाज के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिये गये। इस बार बाबा केदानाथ धाम के कपाट खुलने के समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 मई को बाबा केदारनाथ में मौजूद रहेंगे। जबकि 6 मई को श्री बदरीनाथ धम के कपाट खुलने के समय देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी श्री बदरीनाथ धाम में माैजूद रहेंगे।

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