शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

जालोर बाल विवाह रोकने के लिए समाज के सभी लोगों को आगे आना होगा-नाहर संभावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न



जालोर बाल विवाह रोकने के लिए समाज के सभी लोगों को आगे आना होगा-नाहर

संभावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न


जालोर 21 अप्रैल - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सेशन न्यायाधीश कमल चन्द नाहर ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है इसलिए इस कुरीति को जड से मिटाने के लिए सभी लोगों को आगे आकर इसे एक सामाजिक आन्दोलन का रूप देकर इस कुरीति से जिले को मुक्त करना होगा तभी बाल विवाह प्रतिषेध अभियान सही अर्थो में सफल हो पायेगा।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं सेशन न्यायाधीश कमल चन्द नाहर शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में विशेष बाल विवाह प्रतिषेध अभियान-2017 के लिए आयोजित बैठक में उपस्थित अधिकारियों एवं सम्बन्धित लोगों को निर्देशित कर रहे थें। उन्होनें कहा कि जिले में अक्षय तृतीया एवम् पीपल पूर्णिमा पर संभावित होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों को आगे आकर अपने आस-पास होने वाले विवाहों पर ध्यान रखते हुए बाल विवाह को रोकने के इस अभियान में अपनी सक्रिय सहभागिता निभानी होगी।

उन्होने कहा कि जिले में संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए समाज के प्रमुख व्यक्तियों, टंेट हाउसों व प्रिन्टिग प्रेसों के मालिकों को तथा विवाह करवाने वाले पंडित, काजी, फोटोग्राफर एवं हलवाई आदि को भी विवाह में शािमल होने के पूर्व वर वधु की उम्र का पत्ता करना चाहिए तथा नाबालिग होने की स्थिति में विवाह में शामिल नही होना चाहिए अन्यथा उनके विरूद्व भी कानूनी कार्यवाही की जायेगी।

बैठक में जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता ने कहा बाल विवाह एक सामाजिक अभिशाप है जिसे मिटान के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा । उन्होंने बाल विवाह के दण्डात्मक प्रावधानों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि शादी के कार्ड पर वर-वधु की जन्मतिथि प्रकाशित नहीं करना नाबालिग की शादी मंे भागीदार बनना माना गया जिस पर दो वर्ष की सजा और एक लाख रूपये का आर्थिक दण्ड वसूला जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों, विकास अधिकारियों तथा महिला एवं बाल विकास विभाग आदि सहित सभी सम्बन्धित क्षेत्रों के पुलिस अधिकारियों एवं राजस्व अधिकारियों आदि को पाबन्द किया जा चुका है तथा अक्षय तृतीया 28 अप्रैल एवं पीपल पूर्णिमा 10 मई को अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूक रहकर संभावित होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम करें।

उन्होने कहा कि जिला मुख्यालय सहित सभी उपखण्ड मुख्यालयों पर बाल विवाह रोकथाम के लिए नियन्त्राण कक्ष स्थापित किये जा चुके हैं वही कोई भी व्यक्ति इन नियन्त्राण कक्षों के अतिरिक्त अपने क्षेत्रा के तहसील कार्यालयों, पुलिस थानों या अपने विश्वस्त किसी अधिकारी या कर्मचारी को भी संभावित बाल विवाह की सूचना दे सकेगे तथा सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा। उन्होनें कहा कि ग्राम स्तर पर नियुक्त सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने क्षेत्रा में निरन्तर भ्रमण करते हुए निगरानी रखे वही सभी राजकीय व गैर राजकीय विधालयों में प्रार्थना सभाओं में बाल विवाह की रोकथाम के लिए स्कूली बालक व बालिकाओं को भी जागरूक करते हुए उन्हें सूचना के स्त्रोत के रूप में सक्रिय रखें।

बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार काला ने कहा कि विवाह कार्यकमों से जुडे प्रेस मालिको, टेन्ट व्यवसायियों, हलवाईयों एवं फोटोग्राफरों आदि को भी आर्डर के पूर्व वर वधु की जन्म तारीख का प्रमाण पत्रा देखकर ही कार्य करना होगा वही सीएलजी से जुडे सदस्यों को भी सक्रिय रहना होगा। बैठक के प्रारभ्भ में अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाशचन्द्र शर्मा ने मुख्य सचिव द्वारा ली गई वीसी में दिये गये निर्देशों की जानकारी दी वही जालोर उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्र सिंह ने उपखण्ड क्षेत्रा के लिए बनाई गई कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कहा कि क्षेत्रा की सभी 33 ग्राम पंचायतों में पदस्थापित कार्मिकों को सक्रिय किया जाकर अक्षय तृतीया के पूर्व सर्वे करवाया जायेगा तथा संभावित बाल विवाहों की प्रभावी तरीके से रोकथाम की जायेगी।

बैठक में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गजेन्द्रसिंह तेनगुरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पी.डी. धानिया, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक श्रीमती सती चैधरी, टेन्ट व्यवसायी मिश्रीमल, प्रेस मालिक कानाराम व मोहन मूलचन्दानी एवं हलवाई उमाकान्त गुप्ता ने भी अपने सुझाव दियें। बैठक मेें एसीजेएम श्रीमती रश्मि आर्य व सत्येन्द्र कुमार चोटिया, जालोर तहसीलदार सुश्री ममता लहुआ सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी, प्रेस मालिक, टेन्ट व्यवसायी एवं हलवाई आदि उपस्थित थें।

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अधिकारी दृढता व विनम्रता से कार्यो को अंजाम दें- कलक्टर

सिविल सेवा दिवस समारोह पूर्वक सम्पन्न

जालोर 21 अप्रैल - 11 वाॅ सिविल सेवा दिवस शुक्रवार को जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में समारोह पूर्वक मनाया गया जहां पर अधिकारियों को आमजन से जुडे कार्यो को बेहत्तर ढंग से करने के लिए आवश्यक जानकारियाॅ दी गई वही नई दिल्ली से प्रधान मंत्राी नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन का भी सीधा प्रसारण किया गया।

जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता ने 11 वें सिविल सेवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सिविल सेवा से जुडे कार्यो को अधिकारी दृढता व विनम्रता के साथ सम्पादित करें साथ ही आज के संचार युग को दृष्टिगत रखते हुए इसके अनुरूप अपने व्यवहार को ढालते हुए कार्यो को बेहत्तर ढंग से अंजाम दें क्योकि यही आज के समय की प्रमुख चुनौती है। उन्होनें सरदार वल्लभ भाई पटेल के कथन का जिक्र करते हुए अधिकारियों को स्टील की भांति कार्य करना होगा। उन्होनें कहा कि आज के समय में जनता जाग्रत हो गई है इसलिए सिविल सेवा से जुडे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी नियमों व निर्देशों की पूर्ण जानकारी रखते हुए किसी भी सीधा ना करने की प्रवृत्ति से बचना होगा।

कार्यक्रम के प्रारभ्भ में अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाशचन्द्र शर्मा ने कहा कि वर्ष 2006 से सिविल सेवा दिवस मनाया जाना प्रारभ्भ हुआ है तथा इस दिन सिविल सेवा से जुडे अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने कार्यो का आत्म मंथन करने के साथ ही इसे इससे भी बेहत्तर ढंग से किये जाने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पी.डी. धानिया ने कहा कि लोगो के प्रति अपने व्यवहार एवं बातचीत के तरीके से ही आधी समस्याओं को समाधान स्वतं हो जाता है इसलिए व्यवहार अपनत्व वाला होने के साथ ही अधिकारियों को आपस में अपनी समस्याओं को भी सांझा करना चाहिए। कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी द्वारा नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित 11 वें सिविल सेवा दिवस में दिये गये उद्बोधन का सीधा प्रसारण अधिकारियों ने एकाग्रचित्त होकर सुना।

इस अवसर पर जालोर उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्रसिंह, जालोर तहसीलदार सुश्री ममता लहुआ,कोषोधिकारी कानाराम प्रजापत सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित थें।

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दिव्यांग, ग्रामीण महिलाओं ने बाल विवाह के विरूद्ध छेडी मुहिम
जालोर 21 अप्रेल - सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्राीय प्रचार निदेशालय की बाड़मेर इकाई द्वारा अक्षय तृतीया पर होने वाले संभावित बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान के तहत चरली, अगवरी व गोदन ग्राम में जागरूकता प्रचार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

अभियान के दौरान चरली ग्राम में राजस्थान ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा संचालित अन्ध विद्यालय के दिव्यांग छात्रों ने ब्रेन लिपि के माध्यम से बाल विवाह के विरूद्ध अनेक नारों व सन्देशों के माध्यम से लोगों को बाल विवाह न करने की अपील की। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष भैराराम चैधरी ने बताया कि जालोर जिले के विभिन्न गांवों से आये दिव्यांगों ने मोबाईल के माध्यम से सन्देश प्रदान कर आखातीज पर अपने-अपने ग्रामों में बाल विवाह न करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। क्षेत्राीय प्रचार कार्यालय द्वारा सभी दिव्यांगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

अभियान के तहत अगवरी ग्राम में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के तहत अगवरी सरपंच शान्तिलाल सुथार ने ग्रामीण माहिलाओं को बताया कि बाल विवाह सामाजिक अभिशाप हैं इसमें सम्मिलित होने वाले सभी लोग कानूनन रूप से दोषी होते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि न तो बाल विवाह करें तथा न ही किसी बाल विवाह में सम्मिलित होवे तथा बाल विवाह करवाने वालों के विरूद्ध शिकायत करें। इस अवसर पर क्षेत्राीय प्रचार कार्यालय द्वारा बाल विवाह जागरूकता व स्वच्छता पर मौखिक प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विजेता तीन प्रतिभागियो को सरपंच के हाथों पुरूस्कृत किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने बाल विवाह के रोकथाम के लिए संकल्प लिया।

अभियान के तहत चरली ग्राम में आयोजित बाल विवाह रोकथाम जागरूकता के तहत विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता कमलसिंह ने कहा कि बाल विवाह एक कानूनन अपराध हैं इसलिए बाल विवाह नहीं करने के साथ ही इसमें सहभागी भी नही होना चाहिए। उन्होंने ग्रामीणो से बच्चों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने की अपील की। उपसरपंच द्वारकादास वैष्णव, सामाजिक कार्यकर्ता खेताराम, वीसाराम ने भी बाल विवाह से होने वाली हानियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में चरली, अगवरी व गोदन ग्राम पंचायतों तथा नेहरू युवा केन्द्र का विशेष सहयोग रहा।

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उर्वरक विक्रेताओं की कार्यशाला सम्पन्न
जालोर 21 अप्रैल - कृषि विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं द्वारा पीओएस मशीनों द्वारा उर्वरकों का विक्रय करने के लिए जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में कार्यशाला सम्पन्न हुई जिसमें जिले के उर्वरक विक्र्रेताओं को पाॅवर पोईन्ट प्रेजेटेशन के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।

जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता ने कार्यशाला में अभियान की जानकारी लेते हुए कहा कि आगामी 1 जून से जिले के सभी उर्वरक विक्रेताओं द्वारा पीओएस मशीनों से कृषि उर्वरकों का विक्रय किया जायेगा इसके पूर्व जिले के सभी पंचायत मुख्यालयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाने के साथ ही इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी करें। उन्होनें कहा कि इस कार्यक्रम से उर्वरकों के विक्रय में पारदर्शिता आयेगी तथा लिकेज भी रूकेगा। उन्होनें डीबीटी इन फर्टिलाईजर कार्यक्रम से क्षेत्रा के जनप्रतिनिधियों एवं कास्तकारों तथा सम्बन्धित लोगों को भी जागरूक किये जाने की आवश्यकता जताई।

कार्यक्रम में चम्बल फर्टिलाईजर्स उदयपुर के हिमांशु भारद्वाज ने पाॅवर पाईन्ट प्रजेटेशन के माध्यम से कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी तथा उपस्थित उर्वरक विक्रेताओं को पीओएस मीशन की कार्यविधि के सम्बन्ध में समझाईश करते हुए उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। कार्यशाला में उप निदेशक कृषि भूरालाल पाटीदार ने बताया कि 25 अप्रैल को जालोर के अटल सेवा केन्द्र में आहोर व जालोर पंचायत स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा वही 2 मई को रानीवाडा में, 3 मई को जसवन्तपुरा में, 5 मई को सायला में, 7-8 मई को भीनमाल में तथा 12-13 मई को चितलवाना एवं सांचैर पंचायत का प्रशिक्षण सांचैर के अटल सेवा केन्द्र में सम्पन्न होगा।

कार्यशाला में कृषि अधिकारी फूलाराम एवं उर्वरक विक्रेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाशचन्द्र शर्मा सहित विभिन्न उर्वरक विक्रेता एवं कृषि अधिकारी उपस्थित थें।

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ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की मासिक समीक्षा बैठक सम्पन्न
जालोर 21 अप्रेल - ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की मासिक समीक्षात्मक बैठक शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में सम्पन्न हुई।

बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीना ने उपस्थित समस्त विकास अधिकारियों को ग्रामीण विकास योजनाओं के कार्यो को गंभीरतापूर्वक करने तथा अपूर्ण कार्यो को समय पर पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों का भुगतान समय पर करें एवं भुगतान में विलम्ब करने वाले कार्मिकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने के साथ ही श्रमिक नियोजन अधिक से अधिक से किये जाये साथ ही महात्मा गांधी नरेगा कार्यस्थल पर पर्याप्त सुविधाऐं-छाया, पानी, दवाईयां व शिकायत बोर्ड की व्यवस्था करने व नरेगा शिकायतों का समय पर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।

बैठक में जिला प्रमुख डाॅ. वन्नेसिंह गोहिल ने ग्रामीण विकास कार्यो में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात करते हुए कार्याे में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। परियाजना अधिकारी ललित कुमार दवे ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के समायोजन कार्य को 27 अप्रेल तक पूर्ण करने तथा सामाजिक अंकेक्षण प्रपत्रों को आॅनलाईन करने के लिए समस्त कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिये। नरेगा के अधिशाषी अभियनता रविशेखर पुरोहित ने मुख्यमंत्राी बजट घोषणा के कार्यो को समय पर पूर्ण करने तथा अधिशाषी अभियन्ता रिनेश सिंघवी ने मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यो को समय पर पूर्ण कर रिपोर्ट भेजने की बात कही। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्राी आवास योजना के लक्ष्यों, अपूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्रों सहित समस्त योजनाओं पर चर्चा कर बकाया उपयोगिता प्रमाण पत्रों सहित कार्यस्थल पर श्रमिकों से मेट द्वारा गु्रपवार कार्य प्राथमिकता के साथ पूर्ण करवाने के निर्देश दिये। जिला परिषद के लेखाधिकारी मगनलाल परिहार ने मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान योजनाओं, नरेगा योजना के कार्यो का पूर्णता प्रमाण पत्रा के साथ समायोजन करने के निर्देश प्रदान किये।

इस अवसर पर डीआरडीए के अधिशाषी अभियन्ता (अभियान्त्रिाकी) गोपालदास बोडा, समस्त विकास अधिकारी, सहायक अभियन्ता, एमआईएस मैनेजर दिनेश चैधरी, आईईसी समन्वयक वोराराम जीनगर लेखा सहायक तरूण सोनगर आदि उपस्थित थे।

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