सोमवार, 24 अप्रैल 2017

बासनी/जोधपुर जोधपुर में बहनों के झगड़े का दिल दहला देने वाला मामला, बड़ी की इस हरकत पर छोटी ने पीया जहर



बासनी/जोधपुर जोधपुर में बहनों के झगड़े का दिल दहला देने वाला मामला, बड़ी की इस हरकत पर छोटी ने पीया जहर
जोधपुर में बहनों के झगड़े का दिल दहला देने वाला मामला, बड़ी की इस हरकत पर छोटी ने पीया जहर

बड़ी बहन ने टीवी का रिमोट नहीं दिया तो छोटी बहन गुस्से में अगले दिन जहर की शीशी बैग में छुपा कर स्कूल ले गई और बाथरूम में जाकर पूरी शीशी गटक ली। शिक्षकों ने उसे तुरंत एमडीएमएच अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे पांच दिन में 350 एंट्रोपिन इंजेक्शन लगाए। 9 दिन तक उपचार के बाद बालिका को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद शर्मा की मानें तो उन्होंने अपने कार्यकाल में अब तक पॉइजनिंग के इतने गम्भीर मामले में किसी मरीज को ठीक होते नहीं देखा।

डॉ. शर्मा ने बताया कि बासनी क्षेत्र निवासी 14 वर्षीय बालिका पिंकी (परिवर्तित नाम) को जब शिक्षक एमडीएमएच इमरजेंसी में लाए तो उसके मुंह से झाग निकल रहा था, शरीर नीला पड़ गया था और आंखों की पुतलियां सिकुड़ गई थीं। शिशु रोग विशेषज्ञों ने उसे शिशु रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया। मरीज की सांस रुकी हुई थी, सिर्फ पल्स चल रही थी। चिकित्सकों की टीम ने वेंटिलेटर से श्वास प्रक्रिया शुरू की और कीटनाशक की एंटीडोट दवाई एट्रोपीन व पैरालिडोक्सिम शुरू की।




आजकल माता-पिता बच्चों को अतिरिक्त सुविधाएं तो देते जाते हैं, लेकिन उनपर नजर नहीं रखा जाता। जो मांगते हैं उनको वही मिलना चाहिए...इस तरह के व्यवहार के वे आदी हो रहे हैं। इस कारण वे ना सहन नहीं कर पा रहे। इसलिए बच्चों व किशोरों में संतुलित व्यवहार विकसित करने के लिए माता-पिता द्वारा आवश्यक पाबंदियां भी जरूरी हैं। - डॉ. जीडी कूलवाल, विभागाध्यक्ष, मानसिक रोग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें