बुधवार, 22 मार्च 2017

जालोर संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश



जालोर  संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश
जालोर 22 मार्च - जिला मजिस्ट्रेट अनिल गुप्ता ने जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, तहसीलदारों एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रा में 28 अप्रेल अक्षय तृतीया पर होनें वाले संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए पुख्ता इन्तजाम करें तथा इसमें किसी भी प्रकार की कौत्ताही नही बरतें।

जिला मजिस्ट्रेट अनिल गुप्ता ने निर्देशित किया कि गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों, वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, पटवारियों, भू-अभिलेख निरीक्षको, ग्राम पंचायत सचिवो, ग्राम सेवको, कृषि पर्यवेक्षको, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता, अध्यापको, नगरपरिषद व नगरपालिका के कर्मचारियों, जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचो व वार्ड पंचो के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 एवं बाल विवाह प्रतिषेध नियम 2007 के अन्तर्गत व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं आम जन को जानकारी कराते हुए जन जागृति उत्पन्न करने एवं बाल विवाह रोके जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जायें। उन्होनें बताया कि बाल विवाह को रोकने के लिए समाज की मानसिकता एवं सोच में सकारात्मक परिवर्तन लाना आवश्यक है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए जन सहभागिता व चेतना जागृत करने के लिए उपखण्ड स्तर पर कार्य योजना बनाई जाकर आवश्यक कार्य किया जाये।

उन्होनें निर्देशित किया कि बाल विवाहों की प्रभावी रोकथाम के लिए जहां आवश्यक हो कानून के द्वारा बाल विवाहों को रोका जाना है इसलिए जिले के सभी उपखण्ड मजिस्ट्रेटों का दायित्व है कि वे बाल विवाहों की रोकथाम के सम्बन्ध में अपने-अपने क्षेत्रों में बाल विवाह रोकने के लिए समुचित कार्यवाही करें एवं बाल विवाह की सूचना प्राप्त हानें पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 एवं बाल विवाह प्रतिषेध नियम 2007 के तहत कानूनी कार्यवाही सम्पादित की जाये। बाल विवाह की रोकथाम के लिए स्थापित कन्ट्रोल रूम चैबीस घंटे क्रियाशील रहें तथा बाल विवाहों के आयोजन किये जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 16 के तहत नियुक्त ‘‘ बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों‘‘ (उपखण्ड मजिस्ट्रेट) की जबावदेही नियत की गई है जिनके क्षेत्रा में बाल विवाह सम्पन्न होनें की घटना होती है, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

संभावित बाल विवाहों की रोकथाम के लिए इस प्रकार किये जा सकेंगे कार्य
जिला मजिस्ट्रेट ने निर्देशित किया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला व ब्लाॅक स्तर पर गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकत्र्ता, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता, साथिन व सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय किया जायें। विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी यथा हलवाई, बैण्ड-बाजा वाले, पण्डित, बाराती, पाण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, ट्रान्सपोर्ट्स इत्यादि को बाल विवाह में सहयोग न करने का आवश्वासन लेना और उन्हें कानून के बारे में जानकारी देना, जहां आवश्यक हो, समूहों व संस्थाओं के माध्यम से जन सहभागिता के कार्यक्रम आयोजित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करना। निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकांे का आयोजन करना तथा ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावो के बारे में चर्चा कर रोकथाम की कार्यवाही करना, किशोरियांे, महिला समूहांे, स्वयं सहायता समूहों व विभिन्न विभागों के कार्यकत्र्ता जैसे स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, कृषि, समाज कल्याण, प्राथमिक शिक्षा विभागो के साथ समन्वय बैठक आयोजित करना।

प्रिन्टिंग प्रेस वाले वर वधु की जन्म तिथि के प्रमाण पत्रा के बाद ही छापें विवाह पत्रिका
विवाह के लिए प्रकाशित होने वाले निमन्त्राण पत्रा छपवाने के लिए वर-वघु की आयु के प्रमाण पत्रा प्रिन्टिंग प्रेस वालो के पास रहे अथवा निमन्त्राण पत्रा पर वर-वधु की जन्म तिथि प्रिन्ट किये जाने के लिए प्रिन्टिग प्रेसों को पाबन्द किया जाये। सार्वजनिक स्थानांे पर सूचना बाॅक्स रखे जायें एवं इसके लिए नियन्त्राण कक्ष भी स्थापित किया जायें। विद्यालयों के स्तर पर बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे सम्बन्धित विधिक प्रावधानांे की जानकारी दिये जाने के लिए सभी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रार. द्वारा उनके स्तर से कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। गांव मौहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, समन्वित रूप से समझाईश करना तथा आवश्यक हो तो कानून द्वारा बाल विवाह को रोका जाये।

ग्राम स्तरीय कार्यकत्ताओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जायें
बाल विवाह रोकथाम के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के ग्राम स्तरीय कार्यकत्ताओ को जोडा जाये वही पटवारियों एवं अध्यापिकाओं इत्यादि को बाल विवाह की संभावना होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबन्द किया जायें। बाल विवाह की रोकथाम के लिए तुरन्त प्रभाव से जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं समस्त उपखण्ड कार्यालयों में नियन्त्राण कक्ष स्थापित किये जाये।

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भुगतान योग्य बिल पारित के लिए 30 मार्च तक भिजवाये
जालोर 22 मार्च -राज्य सरकार के वित्त विभाग के निर्देशानुसार जिले के सभी आहरण एवं वितरण अधिकारियों को भुगतान योग्य बिल 30 मार्च तक कोष व उपकोष कार्यालय में आवश्यक रूप से प्रस्तुत करने होगे ताकि यथा समय पर आॅनलाईन भुगतान को सके।

कोषाधिकारी कानाराम प्रजापत ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्ति पर पारित के लिए प्राप्त समस्त बिलों के ईसीएस भुगतान किये जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं जिसके अनुसरण में भुगतान चैक के माध्यम से नहीं किया जायेगा। उन्होंने जिले के समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों से आग्रह किया हैं कि वे भुगतान योग्य बिल 30 मार्च 2017 तक कोष व उपकोष कार्यालय मंे आवश्यक रूप से प्रस्तुत करना सुनिश्चित करे ताकि 31 मार्च को समय पर आॅनलाईन भुगतान किया जा सकें। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से बजट वर्गीकरण को नवीन मद राज्य निधि/केन्द्रीय सहायता के रूप में वर्गीकृत किया गया हैं इसलिए माह मार्च 2017 के वेतन बिल 1 अप्रेल 2017 के पश्चात् ही आॅनलाईन तैयार कर निर्देशानुसार ही प्रेषित करें।

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आहोर में आधार व मोबाईल नम्बर सीडिंग करने का परामर्श
जालोर 22 मार्च - स्टेट बैंक आॅफ बीकानेर एण्ड जयपुर की आहोर शाखा में ग्राहकों व बचत खाता धारकों को उनके बचत खातों में आधार संख्या एवं मोबाईल नम्बर सीडिंग कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम में आवश्यक मार्गदर्शन व परामर्श दिया गया।

वित्तीय साक्षरता एवं साख परामर्श केन्द्र जालोर के परामर्शदाता बी.सी.शर्मा ने बैंक शाखा परिसर में उपस्थित ग्राहकों को सम्बोधित करते हुए आधार संख्या व मोबाईल नम्बर बचत खातों में जुड़े होने की आवश्यकता एवं होने वाले लाभ की जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्राी सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्राी जीवन ज्योति बीमा योजना व अटल पेंशन योजना के लाभों की जानकारी देते हुए इन योजनाओं से जुड़ने का आह्वान किया।

इस अवसर पर बैंक के वरिष्ठ प्रबन्धकों द्वारा ग्राहकों को एवं एटीएम धारको को कतिपय सावधानियां बरतने तथा अधिकाधिक कैशलेस ट्रांजेक्शन करने का परामर्श दिया गया साथ विभिन्न योजनाओं के साथ कैशलेस ट्रांजेक्शन की विभिन्न विधियों यथा एटीएम, माईक्रो एटीएम, पोस मशीन, मोबाईल बैंकिंग, नेट बैंकिंग एवं आधार लिंकेज व बचत बैंक खातों आदि के बारे में जानकारी दी।

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