रविवार, 26 मार्च 2017

मन की बात खाने का अपव्यय रोके। मोदी

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नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने रविवार को 30वीं बार मन की बात की। इस बार उन्होंने बांग्लादेश इंडिपेंडेंस डे, शहीद भगत सिंह, डिजिटल पेमेंट, स्वच्छता अभियान, न्यू डिजिटल इंडिया, डिप्रेशन, खाना बर्बाद न करने का जिक्र किया। इसके अलावा हफ्ते में एक दिन लोगों से पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल न करने की अपील की। उन्होंने कहा- "125 करोड़ राह तय करें, न्यू इंडिया का सपना सच हो सकता है। जरूरी नहीं कि हर चीज सरकारी पैसे से होती है। अगर हर नागरिक संकल्प करे कि अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा, एक दिन पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं करूंगा। इन छोटी-छोटी बातों से न्यू इंडिया बनेगा।" पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद मोदी ने पहली बार मन की बात की। यूपी समेत 5 में से 4 राज्यों में बीजेपी ने सरकार बनाई है, लेकिन अपनी स्पीच इसका जिक्र नहीं किया। मन की बात की खास बातें...

- उन्होंने कहा कि "ज्यादातर परिवार बच्चों के एग्जाम में जुटे होंगे। कुछ बच्चों के एग्जाम्स हो गए होंगे तो उनके माता-पिता को कुछ आराम होगा।" "आज 26 मार्च है। मैं बांग्लादेश के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। भारत, बांग्लादेश का करीबी साथी है। हम उनके विकास में योगदान देते रहेंगे। भारत-बांग्लादेश की गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की साझी विरासत है।"

- मोदी ने कहा- "गुरुदेव को उनकी रचना गीतांजलि के लिए 1913 में नोबेल अवॉर्ड मिला था। अंग्रेजों ने उन्हें नाइटहुड की उपाधि दी। 1919 में जलियांवाला कांड के चलते उन्होंने ये उपाधि लौटा दी।"

- "एक 12 साल के बच्चे पर जलियांवाला कांड का बहुत प्रभाव पड़ा। ये बच्चा भगत सिंह थे। 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया। उन्हें 24 मार्च, 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दिन पहले ही चुपके से फांसी दे दी गई। फिर चुपके से दाह संस्कार भी कर दिया। जब भी पंजाब जाएं तो उन शहीदों को नमन करें।"

- "10 अप्रैल, 1917 में गांधीजी ने चंपारण सत्याग्रह किया। आज हम गांधीजी और उनके चंपारण सत्याग्रह का आकलन नहीं कर सकते।"

- "1915 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से आए थे। न देश उन्हें जानता था और न वे देश को। ये सत्याग्रह उनके संगठन कौशल को बताता है। उन्होंने कई बड़े नेताओं को चंपारण भेजा। गांधीजी ने संघर्ष और सृजन को एकसाथ करके दिखाया। गांधीजी ने सत्याग्रह के मायने समझाए।"

एक दिन पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल छोड़ें

- मोदी ने कहा, "लाखों लोग निस्वार्थ भाव से समाज के शोषित, वंचितों के लिए कुछ करते नजर आते हैं।"

- "कई लोग रोज अस्पताल जाकर मरीजों की मदद करते हैं। ब्लड डोनेट करते हैं। जन सेवा ही प्रभु सेवा हमारी रगों में है।"

- "125 करोड़ राह तय करें, न्यू इंडिया का सपना सच हो सकता है। जरूरी नहीं कि हर चीज सरकारी पैसे से होती है। अगर हर नागरिक संकल्प करे कि अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा, एक दिन पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं करूंगा। इन छोटी-छोटी बातों से न्यू इंडिया बनेगा।"

- "भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को याद करें, चंपारण को याद करें। स्वराज से स्वराज तक की यात्रा शुरू करें।"

डिजिटल पेमेंन्ट पर जोर दें

- मोदी ने कहा, "देश के लोग बिना नकद कारोबार की तरफ बढ़ रहे हैं। डीमैट (भीम) अकाउंट को कुछ दिन में ही डेढ़ करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है।"

- "कालेधन के खिलाफ आप वीर सैनिक बन सकते हैं। डिजिटल पेमेंन्ट पर जोर दें।"

- "14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जन्म जयंती पर डिजीधन का समापन होने वाला है। हमें तय करना है कि नोटों का इस्तेमाल कैसे कम हो।"

प्लेट में उतना खाना लें जितना आप खा सकें

- देहरादून से गायत्री नाम की बिटिया ने कहा, "मोदी सर लोगों को समझाना होगा कि नदी को कितना गंदा करते हैं। मैं चाहती हूं कि आपके माध्यम से लोग इसको जानें।"

- मोदी ने कहा, "स्वच्छता आंदोलन से ज्यादा आदत से जुड़ी होती है। गायत्री का संदेश हम सबके लिए संदेश बनना चाहिए।"

- "ज्यादातर लोगों ने फूड वेस्टेज पर चिंता जताई है। प्लेट भर लेते हैं फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें तो कितने लोगों का पेट भर सकता है।"

- "इस विषय पर उदासीनता सामाजिक अपराध है। इस पर जागरूकता बढ़नी चाहिए। मैं कुछ लोगों को जानता हूं जो जूठन रोकने के लिए काम कर रहे हैं। जो लोग शरीर-स्वास्थ्य के लिए जागरूक होते हैं, वे कहते हैं- थोड़ा पेट खाली रखो, थोड़ी प्लेट भी खाली रखो।"

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