शनिवार, 25 मार्च 2017

राजस्थान दिवस समारोह -2017 संभाग स्तरीय मशाल दौड़ ने पूरे अजमेर शहर को उल्लासित किया



राजस्थान दिवस समारोह -2017

संभाग स्तरीय मशाल दौड़ ने पूरे अजमेर शहर को उल्लासित किया

अजमेर, 25 मार्च। पूरे अजमेर शहर ने शनिवार सांयकाल अपने पलक पावड़े बिछाकर राजस्थान दिवस समारोह की संभागीय मशाल दौड़ को ऐतिहासिक बना दिया। संभाग स्तरीय मशाल दौड़ के दौरान शहर के लोगों में भारी उत्साह देखा गया।

शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान ऐतिहासिक, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। संभाग के सब जिलों ने एक रंग होकर संभागीय मशाल का निर्माण किया है। ठीक ऐसे ही राजस्थान एक रंग है। राजस्थान को विकसित एवं उम्दा राज्य बनाने में समस्त नागरिकों का सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्राी के नेतृत्व में राजस्थान शीघ्र ही अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।

शनिवार सायं संभागीय मशाल दौड़ का जो अजमेर जिले की मैगजीन से भीलवाड़ा जिले की गांधी भवन से, नागौर जिले की चैपाटी से तथा टोंक जिले की मशाल दौड़ पुलिस लाइन चैराहा से शुरू हुई। चारों दिशाओं के सभी रास्तों पर विभिन्न संगठनों स्वयं सेवी संस्थाओं, व्यापारिक एसोसिएशन, नागरिक जनप्रतिनिधियों ने मशाल का अभूतपूर्व स्वागत व अभिनंदन किया तथा पूरी सड़के गुलाब के फूलों से आच्छादित हो गयी। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक श्री अनिल ढोढियाल, नया बाजार व्यापारिक संघ पारस लालवानी, सिटीजन कौंसिल तथा प्राईवेट मोटर आॅनर एसोशियेशन ने इस दौड़ में विशेष सहयोग दिया। मशाल ठीक साढ़े पांच बजे शुरू हुई यह मशाल दौड़ भारत माता की जय व राजस्थान खुशहाल रहे के नारों से गूंज उठी। अजमेर जिले की मशाल राजकीय संग्रहालय से आरंभ हुयी। ओलम्पियन श्री जोरावर सिंह, अनुक्रम जैन, धर्मेन्द्र चैधरी ने मशाल को थामा। मशाल को नगर निगम के महापोर श्री धर्मेन्द्र गहलोत एवं जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने प्रज्ज्वलित किया। नागौर जिले की मशाल को सिटीजन्स काॅसिंल के महासचिव श्री दीनबन्धू चैधरी तथा संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीणा ने रवाना किया। भीलवाड़ा जिले की मशाल को जिला आबकारी अधिकारी श्री एन.एल. राठी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। टौंक जिले की मशाल को हरी झण्डी जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजय माथुर ने दिखायी।

अजमेर के सुप्रसिद्ध बैण्ड जितेन्द्र, प्रसिद्ध राजस्थान, मनोहर, कृष्णा, श्री राजस्थान, राहुल, सम्राट, जय अम्बे, संतोष, श्री राधे, महावीर दरबार, सोनू, काहिनूर तथा किशोर बैण्ड ने अपनी निःशुल्क सेवाओं से पूरे संभाग में अपनी छाप छोड़ दी। पूरे पटेल मैदान के चारों द्वार पर चारों जिलों से आए कलाकारों के जत्थे ने जिस उत्साह और उमंग के साथ अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए व देखते ही बनता था। मशाल में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों , महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रचेताओं तथा सथिनों तथा सिविल डिफेंस के स्वयं सेवकों, हाडी़ रानी बटालियन, राजस्थान पुलिस के जवानों एवं राजस्थान स्पोटर्स कौंसिल अकादमी के एथेलेटिक्स ने बढ़चढ़कर भाग लिया। सीआरपीएफ के दोनों ग्रुपों के बैण्ड ने भी अपनी शानदार प्रस्तुति दी।

सायंकाल 6.15 बजे चारों जिलों की मशाल को लेकर संबंधित जिलों से आयी मशाल ने एक साथ पटेल मैदान में प्रवेश किया तो पूरे माहौल को राजस्थानमयी बना दिया। रंग बिरंगी पोशाक पहने हाथ में डांडिया और अन्य वाद्य यंत्रों के साथ जिस जोश के साथ उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया शहर के उपस्थित नागरिकों ने इसे अभूतपूर्व बताया। इस अवसर पर कच्ची घोड़ी नृत्य लोक कलाकारों द्वारा अद्भुद प्रदर्शन कर लोगों को अभिभूत कर दिया। रंगारंग लोक सांस्कृतिक नृत्य कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया।

प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी तथा संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीना ने कलाकारों, नागरिकों से अटे पड़े पटेल मैदान में चारों जिलों से आयी मशाल को अजमेर संभाग की मशाल का रूप दिया और इसके साथ ही आकाश में आतिशबाजी के रंगीन नजारे दिखाई पड़े। लोगों के चेहरे आकाश की ओर देखने लगे और लगभग 15 मिनट तक पटाखों की गूंज रंग बिरंगी रोशनी के साथ चलती रही।

शिक्षा राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी एवं संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीना ने संभागीय मशाल दौड़ को सफल और ऐतिहासिक बनाने के लिए इसमें सहयोग देने वालों का सम्मान किया। उन्होंने सर्वप्रथम खेल जगत के अर्जुन अवार्ड से सम्मानित श्री धर्मेन्द्र चैधरी, ओलम्पियन श्री जोरावर सिंह, श्री सुरेन्द्र कटारिया, ओमप्रकाश गुर्जर, अतिरिक्त जिला कलक्टर अजमेर श्री किशोर कुमार एवं अबू सुफियान चैहान, मेड़ता के उपखण्ड अधिकारी श्री हीरालाल मीणा, भीलवाड़ा के बिजोलिया उपखण्ड अधिकारी श्री आलोक जैन, टोंक से खेल अधिकारी श्री मुकेश कुमार, उप पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुमार, सीआरपीएफ ग्रुप केन्द्र एक एवं दो के अधिकारी तथा शहर के दस बैण्ड व सीआरपीएफ के मास्टर साहब को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

संभागीय दौड़ के लिये समन्वयक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी ने राजस्थान दिवस 2017 के अवसर पर विभिन्न जिलों से आये इस संभागीय मशाल दौड़ के आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि सम्पूर्ण अजमेर शहर ने जिस लाड और प्यार के साथ इस मशाल दौड़ का अभूतपूर्व स्वागत किया है। वह अपने आप में एक मिसाल है।

संभागीय आयुक्त ने सिटीजन कौंसिल के प्रतिनिधि, आॅटो यूनियन अध्यक्ष श्री करण सिंह, प्राईवेट बस एसोसिएशन के श्री नवीन सोगानी, जीव सेवा समिति के श्री जगदीश बछानी,, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री के.के.शर्मा सहित समस्त सहयोग देने वाले अधिकारियों को तथा विभिन्न कलाकार दलों को प्रतिक चिन्ह देकर सम्मानित किया।




पटेल स्टेडिसम में भिनाय, पीसांगन एवं किशनगढ़ के कला जत्थों ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान अन्तर्राष्ट्रीय उष्ट्र श्रृंगारक श्री अशोक टांक, लोक वाद्य रावण हत्था, लोक नृत्य कालबेलिया एवं कच्छी घोड़ी, सोहन लाल भाट के दल की प्रस्तुति, राजस्थान लोक कला केन्द्र माण्डल भीलवाड़ा का गैर नृत्य, नागौर के कलाकारों का कालबेलिया नृत्य तथा कलाबाज द्वारा की गई फूलों की बारिश का खेल, टोंक के कलाकारों द्वारा अग्नि नृत्य के साथ ओ घूमियों चक्करियों की प्रस्तुति सबके लिए आकर्षण का केन्द्र रही।

संयुक्त राज्य अमेरिका की कैट ने भी राजस्थान दिवस समारोह में बढ़चढ़कर भाग लिया। उन्होंने राजस्थानी संस्कृति के रंग में रंगे हुए पटेल स्टेडियम की विभिन्न भंगिमाओं को कैमरे में कैद किया। इनकों राजस्थान की यादों को संजोए रखने के लिए स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया।




डायबिटीज पर सेमिनार आयोजित
अजमेर, 25 मार्च। जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं रिसर्च सोसायटी फाॅर दा स्टडी आॅफ डायबिटिज इन इण्डिया के राजस्थान चैप्टर की अजमेर शाखा के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को डायबिटिज पर सेमिनार आयोजित हुई।

सेमिनार आयोजन समिति के सचिव डाॅ. अनिल सामरिया ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी थे। प्रो. देवनानी ने अपने संबोधन में कहा कि इस भागमभाग से भरी आधुनिक जीवन शैली के दौर में स्वस्थ जीवन बहुत आवश्यक है। स्वस्थ तन के साथ स्वस्थ मन का वास होता है। भारतीय जीवन पद्धति में आरोग्य को सबसे बडा सुख माना गया है। हमारे यहां कहा भी गया है “पहला सुख निरोगी काया।” यानी पहला सुख कोई है तो वह स्वस्थ शरीर है।

उन्होंने कहा कि मधुमेह आम बिमारी होने लगी है। यह बीमारी जो कभी उम्र के अन्तिम पड़ाव में होती थी। आजकल बच्चों में भी इसका एक प्रकार देखने को मिल जाता है। हर दूसरे व्यक्ति को इस बीमारी से ग्रसित होना चिंता का विषय है। नियमित शारीरिक व्यायाम करने, व्यवस्थित दिनचर्या अपनाकर इससे बचा जा सकता है। मधुमेह के लिये हमारे प्रदेश में गम्भीरता से कार्य करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि योग इसका सबसे बडा उपचार है। स्वस्थ मन और स्वस्थ तन के लिये योग जरूरी है। माननीय प्रधानमंत्राी श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर युनेस्को ने योग को विश्वभर में स्वीकार किया गया है। युनेस्को द्वारा 21 जून को अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाये जाने की शुरूआत की गई है। इसी को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के विद्यालयों में भी योग शिक्षा की पहल की है। डायबिटीज से बचाव का अचूक उपाय योग ही है। इसके अलावा जरूरी यह भी कि हम दिनचर्या को व्यवस्थित रखें।

इस अवसर पर मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. आर.के.गोखरू, संस्था के अध्यक्ष डाॅ. के.के.पारीक सहित मधुमेह के ख्यामित प्राप्त विशेषज्ञ एवं जिला स्तर के चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

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