रविवार, 22 जनवरी 2017

*जैसलमेर में वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावत के मायने।।सबूत पहुंचे महारानी के पास।।*



*जैसलमेर में वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावत के मायने।।सबूत पहुंचे महारानी के पास।।*



जैसलमेर धर्म और जाति के नाम हिन्दू संगठनो का जैसलमेर में दो दिन पूर्व किया बन्द और सभा के सीधे मायने वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावत के स्वर के रूप में राजनीती में देखा जा रहा हैं।जिसमे क्षेत्र के दोनों बीजेपी विधायको ने अपनी सक्रीय भागीदारी निभाई।।मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की नजर पूरी घटनाक्रम पे रही।उनके पास सभा के वीडियो और सभा के मायने के सबूत पहुँच चुके हैं।।हास्यास्पद स्थिति है कि क्षेत्रीय बिधायक सभा में सब कुछ करने के बाद मिडिया में ब्यान देते है मैं मजबूर था।सत्ताधारी पार्टी के विधायक तभी बन्द जैसे आह्वान में शामिल होते है जब वो अपनी ही सरकार से असंतुष्ट हो।वार्ना सभा से पहले सरकार के साथ वार्ता कर बन्द जैसे निर्णय पर पुनर्विचार कराते।।सरकार को भरोसे में लेते ।मामले में सहयोग की बात करते।।सूत्रों की माने तो वसुंधरा राजे सहित प्रदेश संगठन ने इसे बेहद गंभीर माना कि विधायको की उपस्थिति में वक्ताओं ने वदुन्धरा राजे के खिलाफ बगावत के ऐसे सुर बुलन्द किये की बिपक्षी कांग्रेस भी शर्मा जाए।।हिन्दू संगठनो का मुद्दा किसी को समझ नही आता।।वसुंधरा राजे खुद लम्बे समय से सरहद के अल्पसंख्यकों को बीजेपी से जोड़ने के तमाम प्रयत्न करने में लगी हैं।।वदुन्धरा राजे के प्रयासों पर एक झटके में पानी फेर गयी महासभा।।पार्टी की नीतियों में विश्वास नही रखने वाले नेताओं का हश्र कुछ दिन बाद सामने आना ही हैं।।जैसलमेर जैसे सांप्रदायिक सद्भाव वाले स्थान पर इस तरह के आयोजन के मायने आमजन को अब तक समझ नही आये।।जो मुद्दे और प्रकरण उठाये गए वो काफी पुराने थे।।मस्जिदों का बिना स्वीकृति निर्माण कोई नया मामला नही हरण।सरहद पर सेकड़ो निर्माण साथ सालो से चल रहे हैं।।राष्ट्रविरोधी गतिविधियां दशकों से चल रही हैं।जब राष्ट्र विरोधी गतिविधियां चार्म पे थी तब भी कोई नही बोला।।इस बन्द और सभा के पीछे जो भी कारण रहे हो ।।मगर वसुंधरा राजे तक सीधा सन्देश उनके खिलाफ बगावत का गया।।सत्ताधारी पार्टी के विधायकों सहित पदाधिकारियों का बगावत सभा में शिरकत कर मुखिया के खिलाफ शर्मसार करने वाले ब्यान को पचाना सब कुछ साबित करता हैं।।आगामी साल से चुनाव की रणभेरी बज जायेगी ।उससे पहले बगावत के सुर यह साबित कर गए की वसुंधरा राजे के लिए सब कुछ जैसलमेर बाड़मेर में ठीक नही हैं।।फिलहाल वसुंधरा राजे द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं इसीका इंतज़ार।।।पुलिस कोतवल बुद्धाराम विश्नोई के पक्ष में आम जन की राय ने आग में घी का काम किया।।विश्नोई की कार्यशैली पर बाड़मेर में दो बार सिटी कोतवल रहते अंगुली नही उठी।।जैसलमेर में उनके खिलाफ विरोध के स्वर आते है महानिरिक्षक द्वारा उन्हें हटाना जल्दबाज़ी में उठाया कदम ही कहा जायेगा।।।बहरहाल बीजेपी और हिन्दू वादी संगठनो के बीच विधायक के बयान में बाद एक लकीर जरूर खिंच गयी।।

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