शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

बाड़मेर.एससी एसटी की हत्या हुई तो मिलेगी पेंशन



बाड़मेर.एससी एसटी की हत्या हुई तो मिलेगी पेंशनएससी एसटी की हत्या हुई तो मिलेगी पेंशन
अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्तियों की हत्या, बलात्कार या डकैती के मामले में अब पीडि़तों की न केवल सरकार कानूनी और राहत राशि से आर्थिक मदद करेगी बल्कि उसके आश्रितों के लिए पेंशन भी दी जाएगी। यह पेंशन पांच हजार रुपए मासिक होगी और इसके अलावा राज्य सरकार के स्तर पर लागू डीए (महंगाई भत्ते) का परिलाभ भी दिया जाएगा।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन नियम 2016 में इस तरह के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत अब इस वर्ग के किसी व्यक्ति की हत्या, सामूहिक हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, स्थाई अक्षमता और डकैती के पीडि़तों को अतिरिक्त अनुतोष दिया जाएगा। मृतक व्यक्ति की विधवा या अन्य आश्रितों को प्रतिमाह पांच हजार रुपए की मूल पेंशन के साथ अनुज्ञेय महंगाई भत्ते की व्यवस्था की गई है।

बलात्कार, स्थायी अक्षमता और डकैती के मामलों में भी अत्याचार की तारीख के तीन माह के भीतर जिला प्रशासन को यह प्रबंध करने होंगे। जिला कलक्टर की ओर से इसकी स्वीकृति जारी की जा सकेगी। बाड़मेर जिले में एेसे दो मामले विचाराधीन है। इन मामलों में पीडि़त के बालकों की स्नातक स्तर तक शिक्षा की पूरी लागत और उनका भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी सरकार की रहेगी।

...तो आवास बनाकर देगी सरकार

अनुसूचित जाति जनजाति के परिवार का मकान ध्वस्त करने, जलाने या बेदखल करने की स्थिति में सरकार का यह दायित्व रहेगा कि ईंटों या पत्थर का मकान बनाकर दें और इस परिवार के लिए तीन माह के राशन का प्रबंध भी करें।

फसल को नुकसान पहुंचाया तो मिलेगा मुआवजा

एससी एसटी परिवार की फसल को किसी ने नुकसान पहुंचाया और इसका मामला दर्ज हुआ है तो फसल की मुआवजा राशि सरकार की ओर से दी जाएगी। ताकि इस वर्ग के पीडि़त को हुए नुकसान की तुरंत भरपाई हो सके।

नियमों की होगी पालना

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन नियम 2016 के तहत जो भी बदलाव हुए हैं उनकी पालना की जाएगी और सभी परिलाभ दिए जाएंगे। नियमों में हुए परिवर्तन को लागू करने के निर्देश दे रखे हैं।- सुधीर कुमार शर्मा, जिला कलक्टर बाड़मेर

समय पर मिले मदद

अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हंै। इन मामलों में देय कानूनी मदद समय पर मिले तो पीडि़त अन्याय के विरुद्ध भी लड़ सकता है। इससे बड़ी राहत मिलेगी।- उदाराम मेघवाल, संयोजक, दलित अत्याचार निवारण समिति

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