शनिवार, 24 दिसंबर 2016

मोदी बोले- ब्लैकमनी वालों ने सोचा था पैसा बैंक में जमा करने से सफेद हो जाएगा, लेकिन नोट तो सफेद नहीं हुए, उनका मुंह काला हो गया

मोदी बोले- ब्लैकमनी वालों ने सोचा था पैसा बैंक में जमा करने से सफेद हो जाएगा, लेकिन नोट तो सफेद नहीं हुए, उनका मुंह काला हो गया
pune metro

पुणे. नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां मेट्रो रेल की नींव रखी। उन्होंने नोटबंदी पर कहा, "कई लोगों ने सोचा कि नोट बैंक में जमा करने से सफेद हो जाएगा, लेकिन नोट तो सफेद नहीं हुए, उनका मुंह काला हो गया। अभी भी वक्त है, सही रास्ते पर आ जाइए, जिंदगी भर चैन की नींद सोइएगा, लेकिन अगर नहीं आए तो कम से कम मैं सोने वाला नहीं हूं।" इससे पहले कांग्रेस वर्कर्स ने पुणे एयरपोर्ट पर मोदी को काले झंडे दिखाए और जमकर नारेबाजी की। एनसीपी चीफ शरद पवार भी इस मौके पर मौजूद रहे। मोदी के स्पीच की बड़ी बातें...

1# बड़े जिगर से ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई छेड़ी है

- मोदी ने कहा- "अब बचने की संभावना नहीं है। आज भी नियम ऐसे हैं कि आप चैन की नींद सो सकते हैं। मैंने बड़े जिगर से काले धन के खिलाफ लड़ाई को छेड़ा है। अभी भी मौका है, कानून का पालन कीजिए, गरीबों के हक का जो है, लौटा दीजिए। अब बचने की संभावना नहीं है।"

2# सही रास्ते पर आ जाइए, जिंदगी भर चैन की नींद सोइए

- " सही रास्ते पर आ जाइए, जिंदगी भर चैन की नींद सोइए, लेकिन अगर सही रास्ते पर नहीं आए तो कम से कम मैं सोने वाला नहीं हूं। सवा सौ करोड़ देशवासियों का विश्वास देखकर मैं कहता हूं कि अब उन्हीं की आवाज उठेगी और सुनी जाएगी।"

- " मैंने कहा था कि 50 दिन तकलीफ होने वाली है, लेकिन 50 दिन के बाद ईमानदार लोगों की तकलीफ कम होनी शुरू हो जाएगी और बेईमान लोगों की तकलीफ बढ़नी शुरू हो जाएगी।"

3# पुरानी सरकारें काम करतींं तो आज लोगों को परेशानी नहीं होती

- "देश को तबाह करने की जो बातें चल रहीं हैं, उन्हें ठीक करने की जरूरत है। पुरानी सरकारों ने काम किया होता तो मुझे ऐसा कठोर कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ती। लोगों को आज कतार में नहीं लगना पड़ता। जिन्होंने कदम नहीं उठाया, उन्होंने देश को तबाह करने का काम किया। और इसी को ठीक करने के लिए मुझे कठोर कदम उठाना पड़ा।"

4# नोटबंदी से अरबन बॉडीज की 200 से 300 फीसदी इनकम बढ़ी

- " नोटबंदी से हर राज्य की अरबन बॉडीज की 200 से 300 फीसदी इनकम बढ़ी है। पहुंच वाले कानून तोड़ने के अभ्यस्त हैं। लोग ऐसा-ऐसा पाप करके गए हैं कि उसे ठीक करने की जरूरत हैं।"

- "हमने गांवों के लिए योजनाएं बनाई हैं। जो गांव धीरे-धीरे शहर बनते जा रहे हैं। हमने राज्यों से कहा है कि ऐसे गांवों को छांटिए और तभी वहां ररबन (RURBAN) मिशन पर काम होगा।

5# आत्मा गांव की हो, सुविधा शहर की हो

- "डिजिटल इंडिया प्रोग्राम सिर्फ शहरों के लिए नहीं है, पूरे देश के लिए है। जो संभावनाएं शहर में हैं वो गांव में भी हों, तभी हम इनकी दूरी खत्म कर सकेंगे। गांव में रोजगार पैदा करने की जरूरत है।"

- "तभी हम यह कह सकेंगे कि आत्मा गांव की हो, सुविधा शहर की हो। इसके जरिए ही हम गांवों से शहरों की तरफ दौड़ को भी खत्म कर सकते हैं। हमें 25-30 साल बाद की जरूरतों को अभी से खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए।"

- "राजनीतिक लाभ हो या न हो, अगर हम लंबी सोच के साथ शहरों की प्लानिंग करेंगे तभी हम शहरों की दिक्कत दूर कर सकेंगे।"

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