रविवार, 30 अक्तूबर 2016

दीपावली :- बदलाव का असर ,वक्त के बदल रही है परंपराएं

दीपावली :- बदलाव का असर ,वक्त के बदल रही है परंपराएं


                                                         

बदलाव के लिए चित्र परिणामदीपावली पर्व को मनाने में दिखावा बढ़ गया है। अब औपचारिकता हावी हा़े गई है। वक्त के साथ बदलाव आना शुरू हो गया ,अब पहले की तरह दीपावली नहीं मनाई जाती। वैज्ञानिक अविष्कार और पाश्चात्यता के असर के कारण हमारे त्योहारों को मनाने के तरीकों में भी बदलाव नजर आने लगा है। नई पीढ़ी में युग और समय के साथ बदलाव आना स्वाभाविक है। पर हमें हमारे जीवन में शामिल पर्वों की परम्परा के पीछे छुपे मर्म और संस्कारों को बदलाव से बचाना चाहिए। दीपावली के मौके पर पहले एक दूसरे के घर जाकर बधाइयां दी जाती थी पर अब एेसा नहीं अब तो हर कोई मैसेज में बंध गया है। परम्परा में बदलाव लाना संस्कृति के लिए सही नहीं है। बदलाव की बयार का असर आम जन में नजर आने लगा है। हमने त्यौहारों को आधुनिक रंग में रंगकर उसे नया रूप दे दिया है जिससे हमारी संस्कृति पर खतरा मंडराने लगा है। हमें त्यौहारों को उनके मूल भावों के साथ ही मनाना चाहिए। समय के साथ बदलाव जरूरी है पर हम ये ध्यान रखे कि हमारी परंपराएं जो हमें सकारात्मक जीवन जीने का संदेश देती है उन्हें भूलना नहीं चाहिए।

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