शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016

दीपावली पर उदयपुर सहित 11 जिलों में चलेगा एड्स जांच अभियान



उदयपुर. दीपावली पर उदयपुर सहित 11 जिलों में चलेगा एड्स जांच अभियान

दीपावली पर उदयपुर सहित 11 जिलों में चलेगा एड्स जांच अभियान दशहरा के बाद दीपावलीपर ग्रामीण समूहों के घर लौटने की प्रक्रिया को देखते हुए नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने उदयपुर सहित प्रदेश के 11 जिलों में अभियान के माध्यम से अलर्ट लागू कर दिया है। संस्था ने उदयपुर, बाड़मेर, पाली, सिरोही, राजसमंद, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ एवं प्रतापगढ़ को एचआईवी के लिहाज से संवेदनशील बताते हुए रोग जांच एवं इसके बारे में जागरूकता लाने पर जोर दिया है।

इस अवधि में प्रवासियों की अधिकता को देखते हुए यह कार्ययोजना तैयार की गई है। राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देश पर हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड एवं पेसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सहयोग से जिला एड्स बचाव एवं नियंत्रण इकाई उदयपुर की ओर से 17 से 26 अक्टूबर के बीच 10 ब्लॉक के 20 गांवों में शिविर लगाकर अभियान को सार्थकता दी जाएगी। गौरतलब है कि उदयपुर में एचआईवी संक्रमण की दर जिले की मासिक रिपोर्ट के अनुसार 1.38 प्रतिशत है। बीते वर्ष इन्हीं शिविरों के माध्यम से 17 एचआईवी संक्रमित चिह्नित किए गए थे।
 

यहां लगेंगे शिविर

संस्था के सहयोग से ईंटाली, ढूंढिय़ा, अड़ीन्दा, पदमेला, कलिभींत, लकुका लेवा, पहाड़ा, सरेरा, बडग़ांव, सराड़ा, जावद, पीपलबांरा, जामुन, पड़ावली, अदुजी का वास, पई, छोटी उंदरी, लोयरा एवं अम्बेरी में शिविरों का आयोजन होगा। अधिकाधिक लोगों को शिविर से जोडऩे के लिए मीरा संस्थान, मानव सेवा संस्थान एवं कला जत्थाओं के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी होगा। आंगनवाड़ी केन्द्रों और आशा समूहों को भी शिविर के प्रति सजगता निभाने को कहा गया है। सीएमएचओ की ओर से 4 चिकित्सकों की टीम को कार्य विशेष के लिए नियुक्त किया है। नोडल अधिकारी उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राघवेंद्र राय रहेंगे। राज्य नोडल अधिकारी आरके सोनी को नियुक्त किया गया है।


पर्यटक एवं गरीबी जिम्मेदार

संस्था का मानना है कि एचआईवी रोगियों की संख्या अधिक होने की वजह पर्यटकों का दबाव एवं गरीबी हैं। आदिवासी इलाकों में कृषि की पैदावार कम होना, रोजगार के लिए पलायन, शिक्षा का अभाव एचआईवी के स्थानीय स्तर पर बढ़ते ग्राफ की वजह है। जिले को जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और हाई-वे पर रोगियों की संख्या चिंताजनक है।

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