बुधवार, 12 अक्तूबर 2016

बाड़मेर 1 हक और ईमाम की राह दिखाने वाले इमाम आली मकाम को किया याद


बाड़मेर 1 हक और ईमाम की राह दिखाने वाले इमाम आली मकाम को किया याद

दुनिया को हक और ईमान की राह दिखाने वाले इमाम आली मकाम इमामे हुसैन और इमामे हसन रदियल्लाहो तआला अन्हो को आज मोहर्रम पर याद किया।
मोहर्रम की इस्लामी दस तारीख को शहर के मुख्य मार्गो से ताजिया निकाल ’’या हुसैन या हसन या अली या हुसैन’’ की बुलन्द नारे लगा ताजिया जुलूस में हजारों मुस्लिम समाज के लोग उमड़े। इस दरमियान कई जगहों पर हिन्दू धर्म के भाईयों ने ताजिया पर फूल बरसा स्वागत किया। हजरत इमाम हुसैन व इमामे हसन र.अ. को याद मंे लोगो ने सिरनी की और तबर्रूक के तौर पर लोगों में बांटा। शाम साढे 6 बजे गेहूं रोड़ स्थित कर्बला के मैदान में ताजिया को दफनाया गया। जुलूस में जिला प्रषासन व जिला पुलिस प्रषासन के आला अधिकारी उपस्थित थे। जुलूस में पुलिस का भारी जाब्ता मौजूद था।
बुधवार को सुबह 9 बजे व्यापारियों का मौहल्ला से ताजिया जुलूस लाईसेन्सदार नजीर मोहम्मद नायब लाईसेंसदार नसीर मोहम्मद कुरेषी की अगुवानी में ढोल - तासे की गूंज के साथ कर्बला के लिए रवाना हुआ। जुलूस मीनू स्ट्रीट रोड़, गांधी चैक, बावड़ी सब्जी मण्डी होते हुए पुराना कोटवाल वास पनघट रोड़ तनसिंह सर्किल से सरदारपुरा गेहूं रोड़ स्थित कब्रिस्तान के पास कर्बला मैदान शाम साढे छः बजे पहुंचा। जहां ताजिया को अकीदत से दफनाया गया।
इससे पूर्व दोपहर को बावड़ी सब्जी मण्डी पर अखाड़ा प्रदर्षन हुआ। गुरेज रिफाई हसन भाई अजमेर के आठ सदस्यों द्वारा हैरत अंग्रेज करतब पेष किए। बावड़ी पर हिन्दू मुुस्लिम भाईयों ने षिरकत कर कौमी एकता संदेष दिया। कार्यक्रम में विधायक मेवाराम जैन, नगर परिषद सभापति लूणकरण बोथरा, उपखण्ड अधिकारी हिमथाराम मेहरा, पुलिस उप अधिक्षक ओमप्रकाष उज्जवल, कोतवाली थानाधिकारी बुधाराम विष्नोई, लाईसेंसदार नजीर मोहम्मद नायब लाईसेंसदार नसीर मोहम्मद कुरेषी समेत मुस्लिम गणमान्य उपस्थित थे।
ईमान की राह पर चले
दारूल उलूम फैजे सिद्दीकिया संस्था सूजा शरीफ में जष्ने शहीदे आजम कार्यक्रम में बुधवार को मुख्य वक्ता मौलाना मोहम्मद रिजवान नूरी ने कहा कि इंसानियत का फर्ज निभाते हुए हमेषा ईमान की राह पर चले। उन्होनें कहा कि इमामे आली मकाम इमाम हुसैन रदियल्ला हो तआला इंसानियत की खातिर हक और सच्चाई की जंग लड़ते हुए शहीद हुए उनकी कुर्बानी मजहबे ईस्लाम के मानने वालों के लिए नसीहत है कि हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलने की रब तआला तौफीक दे। हमें अपने वतन से मुहब्बत कर सदैव हिफाजत के लिए तत्पर रहना होगा।
संस्था सरपरस्त धर्मगुरू पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जीलानी ने कहा कि वतन की मोहब्बत ईमान का हिस्सा है। उन्होने दुआ कि हमारे मुलक को बुरी नजरों व आफत से बचाए और मुल्क में अमनो-अमान, भाईचारा आपसी सौहार्द एवं तरक्की व खुषहाली हो।
जष्ने शहीदे आजम में नियाज का आयोजन हुआ। जिसमें करीबी गांवों के हजारों लोगों ने षिरकत की। इस अवसर पर मौलाना नूर मोहम्मद, मौलाना मौहम्मद अलिफ, मौलाना मोहम्मद रहीम ने भी मोहर्रम की एक से दस तारीख की फजीलतें व जिक्र बयान किया।

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