सोमवार, 26 सितंबर 2016

जैसलमेर राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष श्री मनन चतुर्वेदी ने मूक बधिर बच्चों के बीच मनाया बघिर दिवस, बच्चों के साथ दिखाई आत्मियता



जैसलमेर राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष श्री मनन चतुर्वेदी ने मूक बधिर बच्चों के बीच मनाया बघिर दिवस, बच्चों के साथ दिखाई आत्मियता

विषेष योग्यजनों के लिए संचालित षिक्षण संस्था,मानसिक विमंदित पुर्नवास केन्द्र में देखी आवासीय सुविधाएं, विमंदित बच्चो के साथ खेली केरम

जैसलमेर, 26 सितम्बर । राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने अपनी जैसलमेर यात्रा के दुसरे दिन बधिर दिवस पर अपने आप को मानसिक विमंदित बच्चों के मध्य जाने से रोक नहीं पाई एवं उन्होंने मानवीय संवेदनाओं के रस को संचारित करनें के लिए यह दिवस जैसलमेर शहर में संचालित मानसिक विमंदित पुर्नवास केन्द्र जहां मानसिक रूप से कमजोर एवं मूक बधिर बच्चें अध्यनरत थे उनकें बीच खुषियों के साथ मनाया। विमंदित बच्चंे भी अध्यक्ष को अपने बीच पाकर चेहरों पर खुषी जाहिर की यहीं नहीं बल्कि अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने इन बच्चों के साथ कैरमबोट खेल कर संवेदन शीलता का अनुठा माहौल संचालित किया।

चेहरों पर मुस्कुराहट, अध्यक्ष ने देखी व्यवस्थाएं

आयोग की अध्यक्ष गांधी काॅलोनी में सवेरा संस्था द्वारा संचालित मानसिक विमंदित पुर्नवास केन्द्र का निरीक्षण किया एवं वहां पर संचालों से मूक बधिर एवं मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को दी जा रही षिक्षण व्यवस्था,आवास एवं अन्य देय सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने वहां अध्यनरत रूक्षसाना,साहिल,चन्दन,ललित, असरम से उनकों दिए जा रहें नाष्ते, दूध, भोजन इत्यादि के बारे में पूछा तो चेहरे पर मुस्कराहट लाते हुए इन विमंदित बच्चों ने बताया कि नाष्ता उपमा मिलता है, दूध पीते है, स्वर व्यक्त किए। आयोग की अध्यक्ष ने संचालकों से कहा कि वे इन बच्चों को घरेलू माहौल एवं मातृत्व का भाव प्रदान करें कि ये बच्चंे हमेषा उनके यहां खुष रहें। यह भाव बच्चों में संचारित किया तो भगवान उन्हें उत्तरोत्तर इस सेवा के फल का विकास देगी।

विमंदित बच्चों के साथ खेली केरम
आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने संचालकों से उनकों आ रहीं समस्याओं एवं राज्य सरकार द्वारा देय सुविधाओं की भी जानकारी ली, फीडबेक पूछा एवं समस्याआंे को लिखित में उन्हें प्रेषित करनें के निर्देष दिए। उन्होंने संचालक को कहा कि वे केरम का खेल बच्चों को नियमित रूप से खेलावें ताकि वे इसमें पारंगत हो एवं साथ ही यह भी बताया कि ऐसे बच्चों के लिए इन्टरस्टेट केरम खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन करवाया जाएगा। इस दौरान उपखंड अधिकारी संजयकुमार वासु, सहायक निदेषक हिम्मतसिंह कविया,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बृजमोहन रामदेव, सदस्य मांगीलाल सोलंकी,भूरसिंह लौद्रवा, चाइल्ड लाईन के जिला समन्वयक आर.के.मीणा भी उपस्थित थे। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देष दिए कि वे ऐसे विमंदित केन्द्रों एवं षिक्षण संस्थाओं का नियमित रूप से निरीक्षण करें एवं जो भी कमी पाई जावें उसका निस्तारण कर इन बच्चों को अच्छी सुविधा सुलभ करानें का पूरा प्रयास करें।

संचालक चेतन पालीवाल ने बताया कि इस केन्द्र में 14 मानसिक विमंदित बच्चें आवासरत है जिन्हें आवास एवं षिक्षण सुविधा का लाभ दिया जा रहा है।

विषेष योग्यजन बच्चों के षिक्षण केन्द्र को देखा


आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने रामनगर में समग्र समाज विकास समिति द्वारा संचालित विषेष योग्यजन उच्च प्राथमिक विद्यालय का भी अवलोकन कर उन बच्चों के साथ अपनी आत्मीय भाव प्रकट की यहां मानसिक रूप से कमजोर बच्चें अध्यनरत पाएं गए लेकिन मूक बधिर बच्चों के लिए दक्ष षिक्षक की व्यवस्था नहीं होने पर उन्हें ऐसे दक्ष षिक्षक रखनें की सलाह दी ताकि ये बच्चें षिक्षित हों।

यहां पर संचालक किषनाराम व श्रीमती सुआ से इस केन्द्र के संचालन की जानकारी ली तो बताया कि उन्हें समय पर सरकार द्वारा देय सहायता जितनी जरूरत है उतनी नहीं मिलती वहीं जन सहयोंग भी नहीं मिल रहा है। अध्यक्ष ने उनके प्रयासों की सराहना की एवं कहा कि वे समस्याओं एवं चुनौती के संबंध मंे लिखित में उन्हें प्रार्थना-पत्र दें ताकि वे उनकी सुविधाओं एवं सहयोग राषि के लिए आवष्यक कार्यवाही कर सकें। उन्होंने बच्चों का लाड-दुलार किया, हाथ हिलाकर अभिवादन संचार किया वहीं उनके साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवायें। उन्होंने केन्द्र पर बच्चों को चाॅकलेट भी दी।

पाक विस्थापित भील परिवार से मिली एंव जताई आत्मीयता

आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने रामनगर में ही विद्यालय के पास निवास कर रहें पाक विस्थापित आछजाली भील एवं उनकें परिवार जनों से भी आत्मीयता के साथ मिली एवं उनके हाल-चाल पूछे। उन्होंने पूछा की वे भारत कब आए है तो बताया कि 4 साल पहले यहां हम आएं व निवास कर रहें है लेकिन भारत की नागरिकता नहीं मिली है। उन्हेांने उनके रोजगार के बारे में भी जानकारी ली एवं जो अन्य समस्याएं आ रहीं है उनकी भी जानकारी लीं। उन्होंने उनके बच्चों के षिक्षा के बारे में पूछा तों बताया कि चाइल्ड लाईन के सहयोग से इन बच्चों को माध्यमिक विद्यालय किषनघाट में अध्ययन के लिए भेजा है। इस पाक विस्थापित भील परिवार के कुल 45 सदस्य एक ही आवास में निवास कर रहें है। आयोग की अध्यक्ष को इस परिवार की वृद्व महिला श्रीमती सुरती एवं अन्य महिलाआंे ने अपने बीच पाकर प्रसन्नता जाहिर की।

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बाल संरक्षण एवं अधिकारों के लिए अधिकारी एवं संस्थाएं मानवीय भाव रखते हुए विषेष प्रयास करें-आयोग अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी

बाल श्रम पर लगाएं रोक, विमंदित बच्चों का आत्मीय भाव से करें संरक्षण,बालिका षिक्षा को दें बढावा,


जैसलमेर, 26 सितम्बर । राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने अधिकारियों को कहा कि वे बाल संरक्षण एवं उनकें अधिकारो के लिए मानवीय भाव रखतें हुए विषेष प्रयास कर उन्हें सुविधाओं का पूरा लाभ प्रदान करें। उन्होंने बाल संरक्षण एवं विमंदित बच्चों के संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं से आहवान् किया कि वे मंद बुद्वि एवं विषेष योग्यजन बच्चों के संरक्षण के क्षेत्र में उस भाव से कार्य करें जैसे वे अपने बच्चों का संरक्षण कर रहें है। उन्होंने कहा कि उनकी सेवा कभी भी निष्फल नहीं जा सकती इसलिए वे इस क्षेत्र में और अच्छे कार्य कर इस मानवीय संवेदना के सहभागी बनें।

आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागर में आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों एवं बाल संरक्षण से जुडी संस्थाआंे की पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। बैठक में जिला कलक्टर मातादीन शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी नारायणसिंह चारण, उपखंड अधिकारी संजयकुमार वासु, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बृजमोहन रामदेव के साथ ही समिति सदस्य, किषोर न्याय बोर्ड के सदस्य एवं बाल संरक्षण ़क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।

तीज त्यौहार का माहौल दें बच्चों को

आयोग की अध्यक्ष श्रीमती चतुर्वेदी ने कहा कि किषोर गृह या अन्य विमंदित संस्थाओं में जो बालक-बालिका है उनकों रक्षाबंधन एवं तीज त्यौहार पर उत्सव के साथ उनकी भाई-बहन से राखी बंधवानें की रष्म करावें एवं उन्हें मिलावें वहीं बालिकाओं को तीज त्यौहार पर उनके हाथों में मेहन्दी लगावें व झूले लगाने की व्यवस्था कर उन्हें एक घरेलू माहौल का अहसास करावें। उन्होंने सम्प्रेषण गृह एवं विमंदित आवासीय विद्यालयों में बच्चों से नियमित रूप से राष्ट्र गान करानें पर भी जोर दिया।

बाल श्रम रोकने के पुख्ता प्रबंध करें
उन्होंने बाल श्रम की चर्चा करते हुए पुलिस, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाईन से इस संबंध में की गई गतिविधियों का फीडबैक लिया एवं निर्देष दिए कि वे यह सुनिष्चित करें की किसी भी सूरत में बाल श्रम नहीं हो एवं जो संचालक बाल श्रम कराते है उनके खिलाफ पुलिस कठोर कार्यवाही करें। इसके साथ ही बाल श्रम से मुक्त कराएं गए बच्चों का फाॅलोअप भी करने पर जोर दिया। उन्होंने बाल श्रम रोकथाम के लिए वातावरण निर्माण करनें एवं इसके संबंध मंे कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी प्रचारित करने पर बल दिया। उन्होंने सम्प्रेषण गृहों में अपचारित बच्चो कों कम से कम रखने एवं उन्हें समय पर न्याय दिलानें के लिए किषोर न्याय बोर्ड को कहा। उन्होंने बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं की समस्याओं का फीडबैक लिया एवं उनसे लिखित में भी जानकारी ली।

संस्था की जांच कर अन्य को भूमि आवंटित करें

अध्यक्ष ने जिला कलक्टर को कहा कि यहां पर पूर्व में एक मूक बधिर संस्था को प्रषासन द्वारा 5 बीघा जमीन आवंटित की है उस पर भवन भी बना हुआ है लेकिन किए गए निरीक्षण एवं प्राप्त जानकारी के अनुसार यह संस्था लम्बे समय से बंद पडी है इसलिए इसकी जांच करके मंद बुद्वि बाल षिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं को इसकों आवंटित करने की सलाह दी। उन्होंने यहां पर बालिका व आश्रय गृह संचालित करने के लिए राज्य सरकार से आवष्यक कार्यवाही कराने का विष्वास दिलाया।

बालिका षिक्षा को दें बढावा

उन्होंने बालिकाओं के बलात्कार के मामलों में पुलिस विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही संवेदन शीलता के साथ करने, बाल विवाह रोकथाम के लिए विषेष कार्य कर यह सुनिष्चित करने पर जोर दिया कि किसी भी सुरत में बाल विवाह न हों इस बात का विषेष ध्यान रखा जावें। उन्होंने बालिकाओं को खुले आसमान में देखने के अधिकार को बनाएं रखने एवं बालिका षिक्षा को और अधिक बढावा देकर उनको और अधिक आत्मनिर्भर एवं मजबूत बनाने की बात कहीं। उन्होंने नषे की प्रवृति एवं अन्य सामाजिक कुरीतियां जैसे- नाता-प्रथा को भी समाप्त करने पर जोर दिया। उन्होंने बालिकाओ के उत्थान के लिए संचालित राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें लाभान्वित करनें के निर्देष दिए।

स्कूलों मंे नैतिक षिक्षा दें बच्चों को

उन्होंने षिक्षा के अधिकार की चर्चा करते हुए सभी बच्चों को षिक्षा से जोडनें पर जोर दिया। अध्यक्ष ने विद्यालयो में नैतिक षिक्षा अर्जित करानें के साथ ही बाल सभाओं का आयोजन करानें, अभिभावको एवं षिक्षकों की बैठक आयोजित करानें पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे बाल संरक्षण एवं उनके अधिकारों के लिए टीम भावना से कार्य कर इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति अर्जित करनें पर जोर दिया।

अधिकारी गम्भीरता संे करें कार्य

जिला कलक्टर मातादीन शर्मा ने अधिकारियों को निर्देष दिया कि वे मानवीय सेवा से जुडे क्षेत्र में गम्भीरता से कार्य करें एवं विमंदित बच्चों के पालन-पोषण एवं उनकों षिक्षा अर्जित करानें में संस्थाओं को सेवा भाव से कार्य करने की नसीहत दी। उन्होंने ऐसे बच्चों को मुख्य धारा से जोड कर परिवार का माहौल देने की सलाह दी। उन्होंने विष्वास दिलाया कि अध्यक्ष महोदय ने जो निर्देष प्रदान किए है उसकी पानला सुनिष्चित कराई जाएगी। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बृजमोहन रामदेव ने समिति की गतिविधियों व बाल श्रम रोकथाम के संबंध में की गई गतिविधियों की जानकारी दी एवं समिति को परिवहन सुविधा मुहैया कराने की मांग की।

जिला पुलिस अधीक्षक यादव ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्यो की जानकारी प्रदान की। सहायक निदेषक हिम्मतसिंह कविया ने बैठक में बिन्दुवार एजेण्डे को रखा। बैठक में बाल संरक्षण ईकाई, किषोर न्यान अधिनियम, किषोरगृह, बाल कल्याण समिति,पुलिस,षिक्षा, चाइल्ड हेल्प लाईन, चिकित्सा, सामाजिक न्याय की बाल संरक्षण की गतिविधियों पर विस्तार से समीक्षा की गई।

--बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने बधिर दिवस पर विमंदित बच्चों के साथ किया भोजन

जैसलमेर, 26 सितम्बर । बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने बधिर दिवस पर संवेदनषीलता का परिचय देते हुए दोपहर का भोजन सवेरा संस्था द्वारा संचालित विमंदित पूर्नवास केन्द्र में आवासीय विमंदित बच्चों के साथ भोजन लिया एवं उन्हें मातृत्व भाव प्रदान किया।

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